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कर दो इस प्यारी प्यारी भव्यात्माओं कि आज का ज्ञान गंगा महोत्सव की शुरुआत होती है कि उस पर वाला बहुत बरस रहा है अब नीचे वाले का नंबर है कि पूरी सूरत को नहला दिया है उसने गली-गली द्वार-द्वार सब लाइन है इसी लग रहे हैं कि एक गंगा व होती है जो हिमालय से निकलती हैऔर हिमालय से निकलकर गंगा सागर में ज्यादातर के समाहित हो जाया करती है और एक गंगा होती है जो हिमालय से नहीं निकलती है भगवान महावीर रूपी हिमालय से निकला करती है बस दोनों में फ़र्क इतना होता है कि हिमालय से जो गंगा निकलती है उसे पीने में मजा आता है और महावीर की जो गंगा बहती है उसे जीने में मजा आता है व्यक्ति ने वाली गंगा नहीं है जीने वाली गंगा है इसमें जीना है हमें जीवन में सूत्र इनको महावीर के ध्यान रखना ताली बजाने का मन करे तो ठंड से बजाना मरी मरी सी बजाकर मेरी बेज्जती मत करना कि पके हुए नहीं हो नाश्ता पानी कर के आए होंगे जिंदा होने का सबूत देना मुर्दा आदमी कभी खाली नहीं जाता है जहां दो कि ताली बजाने के कई फायदे होते हैं एक तो बाजू में जो सो रहा है वोट जाता है वैसे मेरी सभा में बहुत कम है कोई सोएगा का युग एक बात याद रखना जो मेरी समझ में सो गया वह किसी की सभा में ज्यादा भी नहीं सकता है तो ताली बजाने से बाजू वाला जाग जाता है दूसरी बात ताली बजाने से कोई बीमारी नहीं होती है ध्यान रखना जो ताली बजाता है उसकी बीमारियां डिप्रेशन दूर हो जाता है और तीसरी बात होती है जिस सभा में तालियां बजती हैं वह चोरी नहीं होती है आप समझ गए क्या कुछ लोगों को घर जाकर समझ में आएगा रामलाल जब वह ताली बजायेगा तो मोबाइल कहां से निकाल पाएगा इसलिए आपका मन करे तो आनंद से बैठो कोई सीरियस होने की जरूरत नहीं है आनंद के साथ बैठो या आनंद की गंगा है यह ज्ञान की गंगा है जो आपके जीवन पर बरसने वाली हैं एक बात याद रखना ज्ञान गंगा को गंगा होती है यहां पर का कछुआ नहाए तो हंस बन जाता है ज्ञान गंगा वह गंगा का यहां पर कव्वाल रहता है आपके और हंस डुबकी लगाता है तो परमहंस बन जाएगा करता है ऐसे परमहंस बनकर हमको यहां से लौटना है इतनी भी मत बजाना की ओवरएक्टिंग लगे ध्यान रखना जान जरूरत है वहीं है नहीं तो फिर ज्यादा या आदत ही पड़ गई अभिनेत्रियां आदत पड़ गई मैं चला गया तो भी बजाई रहे हो ध्यान रखना है कि मान्यवर जी का ज्ञान गंगा है इस सप्ताह का बाजार है शब्दों का व्यापार है में एक बात याद रखना कि शब्दों में वो ताकत होती है जो आपने नहीं देख पाती शब्द से दिखा दिया करते हैं जब रखिए कि इस चैनल के माध्यम से मैं तुम्हें बहुत दिखाने का प्रयास करूंगा शब्दों के माध्यम से वे दिखाने का प्रयास करूंगा जो शायद तुम खुली आंखों से न देख पाए गए कि आज मैं चंद्रप्रभु भगवान के चरणों में गया उनके चरणों में मस्तक नवाया में आदिनाथ मंदिर में गया वहां भगवान को प्रणाम किया बस इतनी ही प्रार्थना की मैंने मेरी कोई ज्यादा प्रार्थना ही नहीं होती है 24 ही प्रार्थना में करता हूं अपने जीवन में गुना ज्यादा लंबे 1 घंटे तक में दर्शन करता हूं अपना तो बिल्कुल फास्ट है 2 मिनट में मोबाइल चार्ज हो जाता है ज्यादा की जरूरत नहीं हुआ करती है ज्यादा के कि मुझे वह उन आंसुओं तेरा फिर से अल्फांसो नहीं देना है है कि मैं इन अलफाजों को इन मुनासिब शब्दों को दिमाग में डालकर लोगों के हृदय में तेरे प्रति प्रेम पैदा कर सको तेरे पति यादव पैदा कर सकते थे के प्रति श्रद्धा पैदा कर सको यदि इतना कर लिया तुम्हें राइस जनता के भले भले स्थानों के बीच में बोलना सार्थक और सफल पर मैं अपने से जोड़ना नहीं चाहता हूं मैं नहीं जाऊंगा तो मेरे हिस्से बन जाओ मेरे भक्त बन जाओ मैं पुलक सागर किसी को अपना शिष्य नहीं बनाना चाहता हूं मैं तो इतनी चाहता हूं कि मैं तो ज्ञान निबंध आपके माध्यम से यदि तुम्हें भगवान महावीर और तुम्हारी आत्मा से जुड़ सका तो शायद मेरा बोलना सार्थक और सफल लोग आसन शुरुआत कर रहे हैं यह पहला दिन है मैं कोई बड़ी बड़ी बातें नहीं करूंगा इन 22 दिवसीय प्रवचन माला में है ना यह का यह तुम रॉबर्ट वढेरा तो तुम्हे स्वर्ग मिलेगा तू मेरे से आश्वासन दिया आपको नहीं दूंगा कि पुलक सागर की सेवा करो तो तुम्हें मोक्ष और स्वर्ग मिलेगा कोई जरूरी नहीं है कि मिल जाएं मैं तो स्पष्ट रूप में कह देना चाहता हूं कि मरने के बाद स्वर्ग मिलता है या नहीं मिलता मुझे नहीं मालूम मैं पुलक सागर नहीं जानता कि मरने के बाद क्या होता है लेकिन 2225 साल की साधना में इतना समझ पाए हों अरे जीते जी जो अपने जीवन को स्वर्ग बना लेता है उसे मरने के बाद ईश्वर की प्राप्ति जरूर हुआ करती है जीत को संगठनों एक बात याद रखना जो अपने घर का वातावरण नरक जैसा बना कर रखता है मैं दावे के साथ कहता हूं उसकी मृत्यु मंदिर तो क्या यदि सम्मेतशिखर से भी मृत्यु हो तो भी उस पर स्वर्ग मिलने वाला नहीं है पहले डायरेक्टर कि स्वर्गीय की शुरुआत मंदिरों से नहीं जो सफर की शुरुआत आपके घरों से हुआ करती है और एक बात याद रखना सूरत वालों के यदि तुम्हारे घरों से नरक की सीढ़ियां निकलती है तो आज घर जाकर के खोजना उसी जगह है जहां से नरक की सीढ़ी है वह इसे एक स्वर्ग की सीढ़ी भी लगी हुई है सीढ़ियां दो नहीं होती हैं वहीं सीढ़ी चढ़ जाती है और वही सीढ़ी उतारने का काम किया करती है और बाकी दिवसीय प्रवचन माला में यदि आपने अपने जीवन का सोच और चिंतन बदल लिया तो दूसरी नर्क में उतार रही थी वह इसलिए तुम्हारे लिए स्वर्ग का द्वार बन जाया करती हैं सीरियल हैं इसका रंग तो बिल्कुल खाली हो कर आना पहले ही से भर भर आए हो तुम्हें पुलक सागर उसमें क्या भरून था ध्यान रखना प्याज ली हैं यदि पहले से ही चाय भरी है और चाय डालना मूर्खता होगी वह चाय जमीन पर आएगी बिल्कुल खाली हो करके आना जान रखना यह मीट बनकर आओगे प्रीत लेकर जाओगे कि अब इतना ही निवेदन है कि जब 11 का भविष्य यह मेरी मजबूरी है कि मैंने एक दिन कहां था ना कि एक दिन आने का काम तुम्हारा है और रोज-रोज बुलाने का काम मुल्क सागर का होगा आ मेरा मैं इंतजार रहेगा बहुत कम है भ्रम में नहीं जीऊंगा है कि मैं पुरे सूरत को बदलकर चला जाऊंगा नहीं भगवान महावीर नहीं बदल सके ऋषभ देव नहीं बदल सके राम नहीं बदल सकते हैं उधर ही बदल सके एक ही दुनिया में आए थे पूरी दुनिया को नहीं बदल सके इन्होंने अपने आप को बदल लिया और दुनिया से बेड़ा पार कर गए मैं भी ऐसा झूठा दम नहीं भरता हूं कि मैं सूरज तो बदल के रख दूंगा अभी जब तक तुम बदलने को तैयार नहीं होंगे मैं पुलक सागर क्या कर सकता हूं बदलना तुम्हें ही होगा दर्द दिक्कत इस बात की है मैं तो तुम्हें भी बदल दूं लेकिन समस्या तुम्हारे पास से है जान रखना समस्या यह है है कि तुमने अपने भीतर के दरवाजे बंद कर रखे हैं के दरवाजे यदि बाहर से बंद हो तो मैं ताला तोड़कर भी तुम्हें बाहर निकाल सकता हूं लेकिन अफसोस तो इस बात का है दरवाजे के बाहर से नहीं दरवाजे तुमने भीतर से बंद कर रखे हैं और जब दरवाजा भीतर से बंद होता है ना तो ताला भीतर होता है और चाबी भीतर हुआ करती है चाबी भी तुम्हारे पास है ताला भी तुम्हारे पास है तब मुझे पुलक सागर के पास क्या बचा केवल में दरवाजे के बाहर खड़े हो कि आवाज दे सकता हूं जागते रहो जागते रहो चाबी तुम्हारे पास है ताला तुम्हारे पास कि अ जो मेरी आवाज को सुन लेगा कुछ ताले खोलकर के दुनिया से बाहर आ जाएगा और अपने जीवन के मुक्ताकाश के दर्शन कर प्रबंधन तुम्हारे साथ जुड़ा तुम्हें पर एक आया पर्यावरण एवं बदलने को तैयार वो तो मेरी वाणी तुम्हें जरूर बदलेगी और नहीं हो तैयार तो ऋषभदेव की मारीच को बदल नहीं पाते हैं मेरे भाई जान रखना आपसे निवेदन कि त्योहारों का मौसम है कि जितने त्योहार इस चतुर्मास में आते हैं है उतनी त्योहार आठ महीने नहीं सकते हैं है लेकिन मैं आपसे इतना ही आग्रह करना चाहता हूं हर त्योहार पर भारत की संस्कृति मीठा खाती है मिठाई खाती है पर मारवाड़ियों का तो पूछो ही मत बिना मीठा के तो चलता ही नहीं है आप से मेरा निवेदन है
मुझे मिठाई तो हर साल मिर्ची बनती हैं पर त्योहार बनती है है कि आज मैं यहां चतुर्मास जो कर रहा हूं ना मैं सूरत बालों से अपने यात्रा करता हूं कि मिठाई तो हर बार नीति बनती है आओ इस बार अपने व्यवहार को भी अच्छा बनाने का प्रयास करें अपने जिंदगी को मीठा बनाने एक मीठा बनाने का प्रयास करें कि बात याद रखना मिठाई खाने से शुगर हो सकती है लेकिन मीठा बोलने से शुगर लेवल पर आ सकती है कोई जरूरत नहीं है जब बीमार हो जाओ तो डॉक्टर के पास जाते हो एक तू घर पर सेंड डॉक्टर के पास जाता है डॉक्टर कैसा है मीठा नहीं खाना लेकिन आज तक किसी भी दुनिया के डॉक्टर ने नहीं बोला होगा कि मीठा मत बोले ना ध्यान रखिए एक आपसे कहते हो मीठा खाने का त्याग करो तो कर दो क्लिक नहीं छाप भूलने का त्याग आदमी को नहीं करना चाहिए क्या कि लोग ईमानदार है वह कहते कि मिठाई खिला के लोगों का मुंह मीठा किया जाए और मैं पुलक सागर कहता हूं कि जरूरी नहीं मिठाई खिलाकर लोगों का मुंह मीठा हो मैं तो कहता हूं मीठा बोल कर के लोगों का जीवन मीठा किया जाए जो मीठा नहीं उसकी पूरी जिंदगी नीति की जाए क्योंकि में लोग मुझे मिठाई खिलाते हैं महाराज भोजन से पहले मुंह मीठा कर लीजिए एक बात याद रखना तुम मुझे हार में मीठा खिलाते हो और मैंने ज्ञान गंगा में मीठा खिला लूंगा तुम्हारे पूरे जीवन को ही झाल कर जाएगा ध्यान रखना मीठा बोल कर भी किसी के मुंह मीठा किया जा सकता है जहां को सब कुछ आता है आदमी को कि इस बोलना नहीं आता है तब आता है खाना आता है रहना आता है पढ़ना आता है झगड़ा का नोट बनाना आता है
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आम आदमी को नहीं आता तो केवल बोलना नहीं आता है जानवर बोलना सीखो अरे महाराज हम तो बहुत बोलते हैं अभी तो आप कह रहे थे कि महिलाओं की बड़ी आवाज आती है हम तो इतना बोलते इतना बोलते इतना बोलते हैं मान्यवर यह बोलना बोलना नहीं हुआ करता है हकीकत में दिन यूं तो आप दिनभर चपड़-चपड़ पकड़ पकड़ बोलते रहोगे चार बैठ जाएं वहीं बातें करते रहोगे सुधीर माइक सामने रख दिया जाए ना उस दिन पता चलता है कि बोलना कितना कठिन हुआ करता है बोलना इतना आसान है एक उड़ता है एक तत्व अच्छे से बोलना पड़ता है भीतर तो घबराहट की चलती रहती है एक शब्द संभाला एक बात याद रखना आदमी जब पैदा होता है ना कि इतने साल बाद बोलना सीखता है कुछ बोलो ना कुछ बोलो कि तुम क्यों पचड़े में पड़े इनको बताने दो ना आप कितने साल बाद बोलता है एक साल बाद बोलता है ना पैदा होते तो नहीं बोलता है ना पैदा होते आदमी रोना सीखता है रोने के लिए कोई अभ्यास की जरूरत नहीं हुआ करती है लेकिन अच्छा बोलने के लिए अभ्यास की जरूरत दुआ करती है तेरा आदमी है लेकिन मैं आपसे निवेदन करना चाहता हूं कि पैदा होते याद में एक साल बाद बोलना तो सीख जाता है लेकिन क्या बोलना है जिंदगी भर नहीं सीख पाया करता है परमात्मा के घर से हम जब दुनिया में आए तो परमात्मा ने हमारे अंदर झूठ बोलने का यंत्र लगा करके भेजा है हर आदमी बोलने का यंत्र तो लेकर आता है लेकिन क्या बोलना है यह उससे आता इस सीखना पड़ता है इस समझना पड़ता है वाणी ऐसी बोलिए मन का आपा खोए औरन को शीतल करे आपहुं शीतल एक मीठी वाणी मीठा बुलेट करो कि समाज में इज्जत चाहिए सम्मान चाहिए मीठा मीठा बोलना सीढी जो मीठा नहीं बोले का या उसके घर को बर्बाद होने से कोई नहीं बचा सकता है वीर को एक महाराष्ट्रीयन का फोन लॉक रिस्तों को तहस-नहस किया करता है ध्यान रखिए आदमी की आदमी से बुराई नहीं होती है केवल जुबान गंदे हुआ करती है जानवर अ जुबान सही कर ले यही भक्ति स्वर्ग है तो यहीं घाघरे का यह उस जवान यदि तीखी है तो रखना जीवन के प्रति व्यवस्था बनाई कालीन दो बनाए एक बना दो बनाए जीत एक बनाएं मालूम क्यों बनाया कान तो इसलिए सुनो ज्यादा बुलेट कम रखो ज्यादा आ खोलो और अमन क्या करते हैं सुनते तो अपने बाप की भी नहीं है और बोलते बहुत जाता है ध्यान रखिए चलाएल जा रहल अछि तं देव झा लो जीवन का सूत्र है कितना बोलता है आदमी इतना बोलता है इतना बोलता इतना बोलता इतना बोलता इतना बोलता है दिन में तो छोड़ो एक रात को नींद में भी बढ़ाता है बोलती रहता बोलते रहता है बोलते रहता है चुप्पी नहीं हुआ करता है लेकिन बोलना नहीं जानता है मैंने बार आप सब देश है जो मिलते हैं ना हमें मुफ्त में मिला करते हैं लेकिन एक बात याद रखना सूरत वालों शब्द मुफ्त में मिलते हैं पर हर शब्द की कीमत चुकाना पड़ती है या पेशाब में सही नहीं है कि आदमी को मैं अपनी जुबान पर उसे सबसे ज्यादा कंट्रोल करना चाहिए जब तक आप किसी के सामने मौन बैठे हैं कि कोई नहीं पहचानेगा कि आप कौन हैं कि वह जैसी बोल पढ़ते हो ना आप के संस्कारों का पता चल जाएगा करता है वाहे अंतरंग का दर्पण हुआ करती है वाणी बता देती है आप कैसे हैं हमारा घर के साए हमारा परिवार है कैसा है वाणी को संभालकर के बोलने का एक नियम एक बात मैं आपको बताता हूं आप बोलो तो बहुत अच्छा बोलो कि बहुत से लोगों को में एक बात याद रखना अरे बोलना ना आए है तो जानवर की तरह चुप रहना है कुछ बोलना तो इंसान की तरह बोलना हां यह कि कुछ नहीं बिगड़ने वाला है बोलो तो बहुत अच्छा को जानवर में एक तोता को देखा है क्या खाता है तो तब हां बोलो मिर्ची खाता है ना बोलता कैसा है एक बड़ा मीठा बोलता है खाता है और बोलता एक कोयल को देखा है क्या खाती है कोयल आम खाती है ना खट्टे-खट्टे आम खाती है और मीठा मीठा बोला करती है और आदमी की जिंदगी देखोगे मावा मिश्री का याद करता है वह टिकती का ढोला करता है कि हम उसे अच्छे तो पर इंदौर होते हैं ध्यान रखिए खट्टा खाते हैं और मीठा बोलते हैं तीखा खाते हैं और मीठा बोला करते हैं इंसान बोलने की कला सीख जाएं बोध भिक्षु बोला है भगवान महावीर ने से शरीर की और वाणी की दीक्षा कठिन हुआ करती है वाणी की बिछा लीजिए बाद दिशा भाषा समिति सज्जनगढ़ MP3 कि यह महावीर के मुख्य धर्म हुआ करते हैं मगर कि जो आदमी इट का जवाब पत्थर से देता है है ज्वार Zee गाली का जवाब होली से देता है मेरी नजरों में कभी भगवान नहीं बन सकता जो थप्पड़ का जवाब हाथ जोड़ कर देता है गाली का जवाब ही से करता है वह आदमी परमात्मतत्त्वको उपलब्ध हुआ करता है मैं हाथ जोड़कर विनती को आपके जीवन में परिवर्तन जरूर आएगा मान्यवर कि शब्द बोला चाबी हैं इनका सही इस्तेमाल कर लिया जाए तो ध्यान रखना हजारों के बंधनों को खोला जा सकता है और सबूतों का यानि दुरुपयोग कर दिया जाए तो अपनों को भी पढ़ाया होने में ज्यादा देर नहीं लगा करती है शब्द समा लिखकर बोलिए जीवन को समझिए कि हमारे देश के राष्ट्रपति ए पी जे अब्दुल कलाम अ कि आजादी के बाद इस देश को अब्दुल कलाम ऐसे राष्ट्रपति मिले जिनका कोई मुकाबला दुनिया में नहीं हुआ करता है जहां दो कि मुसलमान और थे जिन्होंने कभी धर्म और संप्रदाय और कट्टरवाद कोई स्थान नहीं दिया एपीजे अब्दुल कलाम का व्यक्तित्व हैं जिन्होंने हमारी जैन समाज के धर्माचार्य आचार्य महाप्रज्ञ जिनके पास अपना जन्मदिन मनाने पहुंचा करते थे यंत्र तेरापंथ समाज के बहुत बड़े आचार्य हुए आचार्य महाप्रज्ञ कि इस देश का राष्ट्रपति देश का वैज्ञानिक कि एक जैन आचार्य के साथ बैठकर अहिंसा पर किताब लिखना करता है बनाएंगे वह व्यक्ति एपीजे अब्दुल कलाम कौन कहता है राजनीति में अच्छे लोग नहीं होते अब्दुल कलाम को देखो इन्हें अच्छे दुनिया में कोई और नहीं होते हैं कि इस व्यवस्थित कि भंवरी घर से तेरे लिए ही भूखे पढ़ाई किया करते थे एक दिन अपने घर में में कि भोजन करने बैठे थे उत्तर प्रदेश भोजन करने लगे साथ में पिताजी बैठे थे पिता की थाली में इजली रोटी आ गई के पिता ने कुछ ना कहा चुपचाप जली रोटी खाते रहे जो मैंने देखा चीनी की थाली में चली हुई रोटी है वहीं खड़ा करके गोली मुझे क्षमा करें गलती से रहती जल गई फिर मैंने तुम्हें परोसती है मैं तुमसे शमा चाहते हैं कैसी वह पत्नी रही होगी कि कैसे वह व्यक्ति तो रहा होगा तब दिल कलाम के पिता मुसकराए है उन्होंने कहा पगली तू नहीं जानती जली रोटी का स्वाद ही अलग हुआ करता है इतना स्वाद आ रहा है इस जली रोटी ने जिस शायद सही रोटी में मुझे इतना स्वागत है नहीं आता बड़े प्यार से congraess रोटी को अब्दुल कलाम ने पूछा था कि अब चैनल मैं सही बता कि जली रोटी बहुत स्वादिष्ट होती है क्या कि इस देश का व्यक्ति क्या बात है लगता है उसने कहा बेटा अब तो तू भी जानता है कि चली रोटी स्वादिष्ट नहीं होती फिर आपने दूसरे व क्यों कहा कि चलिए रोटी मॉल कि मुझे वो बोली बेटा जल्दी रोटी मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकती लेकिन जले हुए सब उसका सीना छलनी कर देते इसलिए मैंने चुपचाप यह जरिए रोटी खा ली कि मैं उसका सीना नहीं चला सकता हूं अब्दुल कलाम की आंखें भर गई एक व्यक्ति घर परिवार में इतना संवेदनशील हो सकता है सूरत बालों में आपसे कहता हूं पशुओं के प्रति संवेदनशील होना बहुत आसान काम है पड़ोसी के प्रति संवेदनशील होना आसान काम है लेकिन परिवार में संवेदनशील होना बहुत कठिन काम हुआ करता है परिवार में सुख शांति की तलाश अपने घर से पैरों उतरिए मंदिरों से स्वर्ग नहीं मिलता है स्वर्गिक भरोसे मिलता है एक बच्चा स्कूल जाता है को पढ़ने में कमजोर है कि बॉलीवुड जाता है ए फियर्स स्कूल से घर लाएं कि तू घर लौटने के बाद उस बच्चे ने अपनी मां के हाथ में पत्थर दिया मैंने पत्र खोला बोले बेटा यह बताओ यह पत्र किसने दिया वो बोले प्रिंसिपल ने यह पत्र दिया है कि जाओ एक पत्र अपनी मां को देते ना माने वस्त्र खोला जैसे पत्र पढ़ा आ क्वेश्चन चला आ गई आंसुओं से बच्चे ने पूछा कि मा ऐसा क्या लिखा है इस पत्र में मुख्यमंत्री डा कल मुझे डांस क्लास ज्योति तेरी आंखें भर आई थीं कुछ नहीं चिंता मत बच्चे ने ताकि मां तू रोएगी तो मेरे लिए जाएंगे इस पत्र में क्या लिखा है मुझे बेटा इस पत्र में लिखा है है कि तेरा बेटा बहुत होशियार है मैं तेरा बेटा बहुत बीमार है तेरे पेटे जैसी बुद्धि किसी के पास में और हमारे स्कूल का इस तरह बहुत नीचा है हम आपके बच्चे को पढ़ा नहीं सकते हैं इसलिए मोहतरमा हम आपसे कहते हैं कि अपने बच्चे को घर में ही बढ़ाओ एक बच्चे ने कहा मां कि यह मेरी प्रिंसिपल लेता है बोली हां अच्छा ठीक है फिर स्कूल कि मैं तुरंत घर पर आओगी हां भाई घर में पढ़ाती है लिख आती है स्कूल जाना बंद कर देती है हैं तो किसी स्कूल में महिलाओं का यह मां तुझे पढ़ा-लिखाकर योग बनाएं कि मालूम है कौन था वह बच्चा है हां मालूम है स्कूल नहीं गया
कि समझ देखो आसमा की कि वह बच्चा स्कूल नहीं गया थॉमस अल्वा एडिसन कि रियाज को नहीं होते ना कि वह जी रोशनी में पंडाल नहीं नहा रहा होता था याद रखिए कि इस बच्चे हैं मानसिकता बदलेगी परिस्थितियां किशन खड़ी घड़ियां करो एक कांच के बल में इसने ग्रोसरी हल्दी को थामस अल्वा एडिसन मान्यवर मैं कोई पुराने उदाहरण नहीं सुना रहा हो उस बच्चे ने वो लगन से काम किया एक दिन बहुत बड़ा वैज्ञानिक बंद करके खड़ा हो जाता है जब वैज्ञानिक बनकर खड़ा हुआ उसकी मां दुनिया से चल बसी हेलो हेलो हिंदी में अपने घर में आया चड़ढा मृगा ने क्वेश्चन कि अगर की सफाई कर रहा था अलमारी में पत्र मिला वहीं तत्व जो कभी प्रिंसिपल ने दिया था उस पत्र को खोलकर जब थामस अल्वा एडिसन ने पढ़ा संयुक्त राज्य अमेरिका 13 हुआ था बच्चा दुनिया का सबसे कमजोर बच्चा है इसके जैसा सबूत इंसान धरती पर नहीं होगा और हम इसे अपने हाथ नहीं पढ़ा सकते हैं आप इसे अपनी घर में पढ़ाने का प्रयास करिए मैं दुनिया का सबसे मूर्ख बच्चा जब लिख नहीं सकता हूं मेरी मां ने मुझे कुछ और कहा था मेरी मां ने तो कहा था तू सबसे ज्यादा इंटेलीजेंस बच्चा है वह उस दिन से उसने पड़ा आंखों से आंसू उच्च जुड़ा आंसू गिरने लगे उस डोरेमोन कि इतना बड़ा ज्ञान एक मां के सिवा दुनिया में कोई नहीं दे सकता है सुषमा अच्छा बहुत अच्छा बदला यदि मां शब्द नहीं बदलती तो उनका बेटा गांव का गंवारी ओपन करके रह जाता है कि स्कूल इसे धो लेना पड़ा पाए लेकिन मैं जो पढ़ाऊंगी और उस माने सब बदल के अपने बेटे को विश्व का सबसे बड़ा वैज्ञानिक बना करके खड़ा कर दिया वृषभ कि मान्यवर हुआ है आज का वीडियो यदि मां भी प्रिंसिपल के शब्दों आपके उस बच्चे को डांटती-फटकारती तो बच्चा कितना महान नहीं बनता कि कोई पुलक सागर अपने प्रवचन सभा में उसका नाम ले रहा होता ध्यान रखिए रिश्तों किल है सबूतों से आप अपनी चपेट में रास्ते पर जा सकता है और आपके शब्दों से आपका बच्चा ऊंचाई कि कर सकता है मां ने केवल शब्द बदल लेते शब्दों की ताकत बता रहा हूं मैं यही शब्द आदमी को आत्महत्या के लिए मजबूर भी कर सकते हैं और यही शब्द स्वर्ग धरती पर उतारने की भी ताकत रखा करते शब्दों पर ध्यान दीजिए कुछ बोलना सीख किए कि मान्यवर जी मैं आपसे निवेदन है
कि हमारा बेटा है इसे बोलने का सलीका नहीं है है लेकिन बच्चे ने कहा कि महाराज जरूर मैं बोल देता हूं है लेकिन बाद में मुझे बहुत है एहसास होता है अब मैं क्या करूं महाराज है कि मुझे कुछ बताओ क्या करूं मैं तुझे चीज बताता हूं बेटा एक काम करना जब भी आवेश में तेरे मुंह से करो पिछला सॉन्ग बजाओ कि मैं पुलक सागर वैसे भी किसी को नियम नहीं दिया करता हूं मैंने बस एक काम करना जब भी तेरे मुंह से आप सब निकले लकड़ी के एक बोर्ड में कील ठोक देना और देखना कि आज दिन भर में कितनी कील ठोंकी है मैंने सुबह से शाम में कितनी कि पपाया भी मैं उसने कहा इससे क्या होगा आ मिल कर कुछ नहीं होगा वस्तु की होकर उसने कहा ठीक है यह काम तो मैं कर दूंगा जबकि जो व्हाट्सएप शब्द निकले पीठ ठोक न कि कैसे हेलो कि दूसरे थिंग उसे लगा कि आज मैंने दिन भर में 50 अपशब्द न बोलें कल कम करोड़ दूसरे दिन 40 आ व बच्चे ने इस रिपोर्ट को देखा तो खेल तो नहीं थी पर निशान लगा कि मैं ने बच्चे से कहा कि बेटा तूने किल तो छोड़ दी कि ठोकना तो बंद कर दी नुकसान और का क्या होगा बोले क्या मतलब मिलकर जब तू अपशब्द बोलता है और उसके बाद माफी मांग लेता है अच्छा मांग लेता है तो किल तो निकाल लेता है पर लोगों के दिलों में निशान नमक छिड़क दिया करता है बस इस निशान को बेटा कि हमारे बच्चे गिर गया
कि फिल्मों सॉरी अब नहीं करेंगे दो तीन छात्र भारत में ध्यान रखना कि निकालने से कुछ नहीं होता निशान बहुत गहरे हुआ करते हैं एक बात याद रखना यह शब्द कील की तरह चुभते हैं लेकिन जब निकलते हैं तो अपना निशान छोड़ के चले जाते हैं कि उत्तर देते पर ध्यान रखिए जब बुलेट क्या होता है हरे परीक्षण के बाद क्षमावाणी मनाते हो चम्मच से का निशान का क्या होगा जो छोड़ दिए हैं चेतना पर ध्यान रखिए मान्यवर बोली कुछ संभालने का प्रयास करिए मैं आपसे निवेदन है है अरे लकड़ी के निशान तो फिर भी मिट जाएंगे किसी कारपेंटर के पास लेकिन चेतना के निशान नहीं मिलता करते हैं मैं आपसे यही कह रहा हूं कि शब्दों को संभालो कि चंद्रमा की शुरुआत है सब तो शुरुआत है और शब्दों पर खत्म होगी मैं आपसे निवेदन है है इंद्रप्रस्थ और खंडहर प्रस्तुत की कहानी मालूम है ना आपको थे पांडवास को अंश प्रस्तुत विषय बदलें मैं समझी नहीं होते नारायण श्री कृष्ण यह पेज प्रिंट करें हुआ था लुटेरे है ही ज्यादा नहीं थोड़ा सा जमीन का टुकड़ा तेज दो कि गत रात हकीकत में कहा जाए तो उसकी बाहर से नहीं फूटी थी भीतर से लिपटी हुई थी
कि राष्ट्रपति सॉन्ग ई वांट टो जॉइन मेरी सहायता हो तो मेरे अनुज के पुत्र ने कहा पिता जी कि सुई की नोक के बराबर भी जगह देने को मैं तैयार नहीं हूं श्री कृष्ण ने कहा इस संधि का प्रस्ताव लाया हूं तो दे दो क्या भी करता है पूरा हस्तिनापुर तुम्हारा आएगा आर्यावर्त तुम्हारा है छोटा सा स्थान की कुटिल दुर्योधन ने जानते हो ऐसा स्थान दिया जहां ना बरसात होती ना पानी बरसता ना बिछड़ेंगे हवा यह पिंपले लहराती उबल खबर करेला पत्र वाला व्यक्ति दे दिया मुद्दे में देना उन पांडवों को दिया ध्यान रखना एक बात याद रखना सूरत बालों को हाथ बीम मैं अपने जीवन में कितना भी बुरे से बुरे स्थान पर पहुंच जाए आदमी की भुजाओं में ताकत होती है ना तो रेगिस्तान को मरुस्थलों मरुस्थल बनाने में मैं इस स्थान को मृत जानवर आने में देर नहीं करती है अ प्रस्तुत दे दिया पांडव वंश भी कार्य कर लिया विद्रोह दो ए पर्सन आपूर्ति का लग रहा है कि रोजगार के खंडहर प्रस्तुत को देखते अ जैसे ही देखते तो कहते वह पांडवों ने इंद्रप्रस्थ संबंध मिला परिदृश्य बना करके रख दिया इतना सुंदर आपको कहानी मालूम है है लेकिन मैं इतना कह रहा हूं इतना खूबसूरत महल बनाया
ये कैसा आर्किटेक्ट रहा होगा वह आज के नहीं है इतने अच्छे बूब्स पर जिनके पास डिग्री नहीं ऐसा स्थान बनाया जहां सूखा होता था वहां पानी होता था और जहां पानी देखता था वहां शुद्ध अलग निकाल चलो भाई की सारी दुनिया जा रही है हम निकल कर देते हैं क्या बनाया है उन लोगों ने चलाओ का प्रयोग धन गया क्या देता है महल देख कर आंखे फटी की फटी रह गई तो ओडिशा बंजर भूमि में ने दी थी स्वर्ग जैसा बना लिया बोर्दिया जिंदगी भर गया दुर्योधन ने का ऐसा क्या किया है माया ने अंदर जाकर कि देखा जहां यह एक मीठा सा धोती पकड़कर चल रहा है दुर्योधन भीमक ना जाऊं कपड़े ना धो लें हो जाएगा को देखा तो पानी खत्म है अ जैसे कि देखा खतरा टल गया तो तीन चढ़ी चलते जारा चलते ज्यादा है असावधानी हुई पैर फिसल गया था की जरूरत के से आवाज आती है अट्ठहास की रोशनी अदरक हरी रे अरे देवा कि गिर गए मैं तुम्हें पानी दिखाई नहीं दिया दुर्योधन अध पिछला गाना दोबारा सुनाओ है तो दुनिया में कोई जुबान काटने वाला भी पैदा हुआ करता है अ वो मीठा-मीठा बोलो में एक बात याद रखना खुदा आपको भी पसंद नहीं सकती जुबानों में है खुदा कोई पसंद नहीं सकती जून है इसलिए नहीं दी उसने अ जुबान में बंद करें अ जुबान पे हल्दी थोड़ी होती है उसे शक्ति पसंद नहीं है मैं आपसे निवेदन करें कि मैं वहां बैठा था है कि 24 लड़के खड़े थे 9th पर चर्चा कर रहे थे को तेज बोल रहा था खाओ हम तो बंदर के वंशज हैं है याद आ रहा है क्यों हम पिछले डंबल प्रेस विभिन्न का भी कौन सा डाउट लग रहा है घ्र घ्र मनुष्य कि दादी डिश अच्छी है कि एक बोला नहीं बंदर नहीं थे कि चिंपांजी है कि हमने अपना कलर देते अपना-अपना वर्णन कर लो हेलो हेलो एक बात याद रखना चिंपांजी हो अपने होता इन दोनों में ज्यादा अंतर नहीं होता कि कोई बहुत बड़ा गैस नहीं है उन दोनों में दो-तीन ऐसे हैं जो मनुष्य में ज्यादा है बंदर ने कम हुआ करते मैं हरिद्वार रहती है जिनके कारण वह बंदर बन गया वह तुम बातें तुम में ऐसी हैं जिनके कारण तुम इंसान बन गए एक चिंपांजी और बंदर में ज्यादा अंतर नहीं केवल केवल नौ गांठ बातें तो एक सी होती है केवल दो बातें कम हैं चिंपांजी भी हमारी तरह खड़ा होकर चल सकता है चिंपांजी लिए हमारी तरह खाता है चिंपांजी और यह हमारी करें उड़ता है चिंपांजी लिए हमारी को रहता है कुछ समझता है वह तो चीजें उसके पास नहीं है ध्यान रखना इसलिए वह बंदर बन गया वह दो चीजें कौन सी चिंपांजी एक तो मनुष्य की तरह सोच नहीं सकता है और दूसरी कमी वह आदमी की तरह बोल नहीं सकता है एक तो सारा जीवन उसका लुट करता हुं सूरत बालों मैं आपसे निवेदन कर रहा हूं है याद मी होकर भी यदि आप आदमी की तरह नहीं बोल पा रहे हैं आप समझ गए क्या ऐसी बातें आपको डाइरैक्ट समझ में आएंगी मैं बोल रही हूं में अच्छा सोच और अच्छा फूल कि मान्यवर कि घर में दो बहु हैं और एक बहु तो बहुत प्यार मिलता है एक नींबू को कम मिलता है कि इसकी वजह दहेज नहीं होती है कि इसकी वजह रही हो रही है वाह वाह कि यह गरीब घर की है यह बजे भी नहीं हुआ करती है जहां तक मैं भूल साबित होता हो कि बहू को बहुत प्यार मिल रहा है कि उसके पास भले वह बहुत बड़ा दहेज लाई हो या नहीं लाई हो उसकी वाणी में मिठास जरूर होगी याद रखना और जिसकी पानी में मिठास होती है ना उसे सारे जगत का प्यार मिला करता है वह एक बात निवेदन करूंगा गरीब घर की लड़की भी हो और जुबान में मिठास है पूरे ससुराल में राज किया करती है और अमीर घर की बेटी आ जाए अजवाइन में मिठास नहीं है तो कोई भी उसके पास आने को तैयार नहीं ऐसा कौन लड़का है जिसकी शादी नहीं हुई बता जरा हुआ है कोई सब विवाहित से क्या है ए कौन है बताओ ना रितिक शर्मा क्यों रहे करा दूंगा मैं तो को टेंशन मत लो जिसकी शादी हुई नहीं हुई है मैं इसको माइक तो जरा कि अ बेटा शादी नहीं हुई हो नहीं रही है कर नहीं रहे तब नहीं रहना कि हो नहीं रही है हां कुछ भी समझ लो एक बात बताओ मायका गया अशोक जी माइक तो दे दो हां हां बोलो नहीं उसकी शादी कराना है बड़ा टेंशन है भाई का नाम क्या बेटा तुम्हारा राहुल राहुल गांधी तुमने नाम ही गलत रख लिया दिक्कत तो यह हो गए थे अब ऐसे नाम रखोगे तो कहां से होगी शादी है है ना बहु मिलेगी ना बहुमत मिलेगा अ आप बहुत खराब है इस नाम की तो बदल सको तो जल्दी हो जाएगी ना अ हां हां समझ गया लोगों को ऐसी बातें डायरेक्ट समझ में आती है राहुल नाम है ऐसा हो गया कि राष्ट्रपति की शपथ ली फोन लगाइए अरे रुक राहुल बेटा पप्पू को का अभिमत जाना है कि राहुल गांधी ने फोन लगाया आपको राष्ट्रपति बनने की बहुत-बहुत शुभकामनाएं एक फोन में तो जवाब आया रामनाथ को लगा मैं राजनाथ बोल रहा हूं यह मामला गड़बड़ा बेटा एक बात बताओ तुमको शादी करना है हां बोलो ना हां ऐसी शर्मा इतनी तो लड़कियां नहीं शर्माती है आज के जमाने में करेंगे ना एक बात मैं आपसे पूछूं सही बताऊंगी एक बहुत सुंदर लड़की है तू मेरी बात करा दूंगा सेटिंग शो में रह बहुत सुंदर लड़की है आप बहुत खूबसूरत रे
कि पैसे वाली है ने करोड़ों रुपए का दही सिलाई की को देखने में आप बहुत ही सुंदर हो कि मिस वर्ल्ड प् ने करोड़ों रुपए कर रहे चलाएगी है लेकिन बोलती बहुत खराब है कि शादी करोगे नहीं आ में करोड़ों का धन चलाएंगे कुछ नहीं बहुत सुंदर है नहीं एक लड़की सांवली है का पैसा बिल्कुल नहीं लाएगी है लेकिन उसका व्यवहार और बोलती बहुत मीठा है शादी करो कि आ में जोरदार तालियां शिवा खरीदना चाहिए एक ही बार हंसी के लिए नहीं लोग दुनिया में बता दिया इस जवान आदमी ने रूप-रंग पैसा कुछ नहीं होता मीठी सब कुछ और सुंदर हो जाएगी तेरी मां की कि नहीं ऐसा नहीं है कि कल से सब शादी कराने मेरे पास आओ ध्यान रखिए ठीक पावना लड़का आप मुझे भूल गए हो गोरी चमड़ी नहीं चाहिए मीठी वाणी वाली लड़की चाहिए किस फिराक में रहती हो गोरी चमड़ी मिल गई अकड़ के चलने लगती हो कोई नहीं पूछता गोरे और काले से कुछ नहीं होता मेरे भाई गोरा तो चूना भी हुआ करता है 2 चम्मच मुंह में डालकर देखना पता चल जाएगा दौरा किया हुआ करता है गोरे रंग पे ना इतना गुमान कर गोरा रंग तो दिन में ढल जाएगा चुनाव होता है में डालो पता पड़ जाएगा के अंदर रखना काला गुलाब जामुन होता है मुंह में डालो आनंद ले जाया करता है ध्यान रखिए कि काले और गोरे से कुछ नहीं होता रुपया MP3 लुट कमाई है व्यवहार और मीठी पानी जीवन की सबसे बड़ी कितने लोग यहां कि मुझे देखने नहीं बैठे हैं मेरा चेहरा देखने नहीं बैठे हैं मेरा चश्मा देखना नहीं रहते हैं लोग यहां पर बैठे हैं ना अरे कितना भी सुंदर पंडाल लगा लो कोई फर्क नहीं पड़ता मुझे तो किसी तखत पर बिठाकर भुला दोगे ना तो वाणी में बहुत दम है कि हजारों लोग राना स्वीकार है कर लिया करते हुए दो
आपके फ्री लाखों रुपए का उपहार किसी को दे पाऊं या ना दे पाऊं मीठी वाणी का उपहार जरूर दिया करो समझदारी बेटियों मत जाओ यह ब्यूटी पार्लर में कुछ नहीं रखा है कि यह महिलाएं थोड़ी सुधर जाओ यहां की महिलाओं की बात नहीं कर रहा हूं पूना वालों की कर रहा हूं तुम्हारी तकलीफ चौमासे में करूंगा अभी मुझे रहना है यार यह की महिलाएं तो बहुत सीधी है जलेबी की तरह नहीं सॉरी मीठी हैं कि जलेबी की तरह मीठी तो वो सकती हो ना फासले रहेगा है ए वीडियो ठाट पर गिलास भरा करते हैं उन्हें होठों को गुलाबी करने की जरूरत पड़ सकती है कि लिपस्टिक की जरूरत क्या है और ठोसे गुलाब जगना चाहिए और अच्छे से फूल डरना चाहिए क्या होगा होठों को लाल नीला करने से कुछ नहीं होता फिर सुंदर महिला हो कितना भी मेकअप करके बैठी है तो उसका सारा करता है 41 सांवली लड़की बोलती है तो सब के दिलों में लता मंगेशकर का बहुत ज्यादा सुंदर है क्या बहुत खूबसूरत तो नहीं है ना उससे खूबसूरत तो आप होंगी लेकिन सुंदर औरत ने किस के दिलों पर राज किया है लता मंगेशकर ने हजारों के दिलों पर राज किया है फ्री मीठी आवाज पीछे संगीत पर इस नुस्खे युक्तिसंगत करके रख दिया है वसुंधरा का रिश्ता एक खूबसूरत औरत थी क्या बहुत सुंदर थी क्या नहीं उसकी सुंदरता को नहीं देखा भारत रत्न का सम्मान किसे दिया जाता है आधुनिक एक व्यापार सारी दुनिया में वाणी की कीमत समझने का प्रयास करिए दहेज कम लाने हो कोई बात नहीं जुबान तो हर करके लाओ मीठी प्रेम से भर के लाओ अब का जीवन धन्य हो जाएगा म है कर्क जो लोग दुकान करते इनकी तो हो गई बाद तुम्हारी भी हो जाए तो इससे की दुकान पर रहते हो दुकान पर हो झाल बाजू बाजू में दुकान है एक ही जगह इतना की शटर खोलने से पहले लोग खड़े रहते हैं व्यक्ति दुकान है से संपन्न पहनी पट्टा नहीं हुआ करता है वह आदमी बैठा बैठा अपने भाग्य को कोसता है वह आदमी बैठा बैठा अपनी मेहनत शीघ्र एक नई नस्लें दुकान नहीं चलेगी मैं पुलक सागर के तहुं भाग्य मेहनत से व्यापार नहीं चला करता है बाजू वाले की इसलिए चल रही है कि उसकी वाणी में मिठास व्यवहार में कुशलता है इसलिए ग्राहक उसके पास आता है वह जिसकी वाणी में मिठास नहीं है एक बात याद रखना उदासी जिन चेहरों का सिंगार करती है रुक जाती जिन चेहरों का सिंगार करती है उन्नति भी उन पर बैठने से इंकार करती है ध्यान रखिए उदास मक्खी भी मना कर देगी कि मैं तुम्हारे चेहरे पर बैठने को तैयार हंसता मुस्कुराता चेहरा होगा ना इससे बड़ा क्या वरदान होगा रोज सुबह उठो गुफरान लो हम लोग पसंद हो जाओ जितने सीरियस और गंभीर होंगे उतनी वाणी खतरनाक होगी ध्यान रखना को हल्के मूड में रहो कुछ लोग नादान होते हैं छोटी-छोटी बातों को बहुत बड़ी बना लिया करते हैं और कुछ लोग महान होते हैं जो बड़ी बातों को भी हल्के मूड में ले लिया करते हैं उनका जीवन का आनंद के पास हुआ करता है आप से निवेदन है कि ऋषि का या जीवन में स्मार्टनेस की 20% कि 80% जीवन महान बोली से हुआ कि मैं लाइन लिपस्टिक लगाती है ना किसी आदमी को लिपस्टिक लगाते देखा है बोलो नहीं देखा ना क्या होता है इसको पोतने से अ है ताकि अच्छी लगती हो कि एक बात बता दें कि आज तक समझ में नहीं आई नंदू जी कहां गए कि आप सबसे बड़ा योग व बुजुर्गों है समाज के वरिष्ठ हैं मुझे आज तक यह समझ में नहीं आया है कि लोग सोचते की लिपस्टिक लगाने से चेहरा बड़ा सुंदर होता है जरा पूछना हां हां तुम तो क्या खुदा का नूर है क्या नूरानी चेहरा है हुआ है एक नई और पुरानी का यही सिलसिला होता है आम वहीं मीठा होता है जो पिलपिला होता है कि यह बड़े क्लिक इतनी खूबसूरत लग रहे हैं जब यह हाल है जवानी में क्या रहा होता है कि लिपस्टिक लगाते पेस्ट कर दे दो मारने की लिपस्टिक आकर्षण बढ़ते हैं लिपस्टिक सौंदर्य बनती मेरा कोई दिक्कत नहीं है तुम लगाओ मेरे पास किया जा रहा है लेकिन इतना कहता हूं लिपिस्टिक लगाने से यदि और सुंदर होते हैं चेहरा सुंदर होता है तो देलियो जरा इतना बता दो जो नहीं लगाते उन पर क्यों मरती है यह प्रश्न वेबसाइट बनाई है आदमी तो नहीं लगाता ना फिर भी अपनी जान छिड़कती हो इन पर ध्यान रखिए मैंने सोचिए कि चेहरा सुंदर नहीं वाणी सुंदर बनाई है ए पिया करब नवरातर है जुड़े हुए उनको तोड़ना नहीं है टूटे हुए को जोड़ने कार्स कॉल तुम्हें दे रहा हूं जोड़ कभी ना टूटे आपका युधिष्ठिर ने एक बात याद रखना हजार नींबू का रस में भर करके रखा है एक सी नहीं आएगी उसके पास कि क्या हजारों लीटर नींबू का रस एक बूंद चाटनी पड़ी है हजारों अच्छी थी उसकी तरफ आकर्षित हो सकती हैं अब तीर एक नींबू जैसा खट्टा नहीं चाशनी जैसा मीठा बनाओ तुम्हारे जीवन का कायाकल्प हो जाएगा धमाल थे मान्य बॉयज की जुबान 25 फीट का में एक बार क्या हुआ जुबान में उदय हाथों में झगड़ा हो गया इतना जरा इधर हुआ था कि जुबान ले रहा है वहां कि तुझा लुटरों ने परेशान मत करो धातुओं ने का क्या कर लेगी तो बोलिए मत कर तो कुछ बोले हम 32 तू अकेली है हम 152 आपके लिए क्या कर लेगी और पुलिस का फायदा मत उठाओ मतलब क्या तुझे परेशानी क्या है जो मैंने का एक बात बताओ कि तुम रोज पहरेदार बनकर मेरे सामने खड़े रहते हो आप थे बुक पूरी कम नहीं है बोलो क्या हुआ वो बोले रबड़ी मलाई तो तू अटक जाती है कि चना-चबेना हम सिस्टम होती है कहते और हमें ढेर कि अमरमणि डा लुट है अब ज्यादा मत कर नहीं तो हम तुझे काट लेंगे संपत्ति से तू अकेली है जो मैंने कहा तुम मुझे काट लोगे वह यहां बोले अकड़ू दांत ज्यादा मत कर तू क्या हमें काटेगा हमको अकेला मत समय मलिक का मतलब भूलें में ऐसे शब्द बोल दूंगी कि 32 के 32 उखाड़ लिए जाएंगे ए ग्रेट नहीं रोक लिया जाएगा ध्यान रखिए मान्यवर जुबान बहुत मीठी होना चाहिए जिस घर में स्वागतम स्वागतम स्वागतम के शब्द सुने जाते हैं जिस महफिल में स्वागत के शब्द होते हैं वह आने वालों की व्याख्या करती है मेरे भाई की है एक गिलास ठंडा पानी पिला पाव या फिर आप आओ कि प्रेम के दो शब्द बोल दिया था है नहीं तो आजकल लफड़ा उल्टा है कि एक सूरत का आदमी कि मैं सामने देख रहा था एक अ कि नाई की दुकान तू मनचला पहुंच गया चलो ना नूई पहुंच गया छोड़ो ना सबको ज्यादा बोला मैं क्यों रे है तूने आज तक किसी गधे की हजामत बनायी है कुछ नहीं अपने ऊपर से नीचे तक देखा कि मुझे आज तक तो बना ही नहीं है बैग कि आज प्रयास करता हूं कि हमारा सेंड किराने की दुकान जा कर के बोल कुत्ते के बिस्किट मिलते हैं क्या अब दुकानदार री मारवाड़ी सूरत का उसने कहा यही खाएगा या घर ले जाएगा और कि मान्यवर मैं आपसे एक निवेदन है कि देवर का अपनी भाभी को रोक छिड़ सकता है तो क्या करें भाभी भी सारी उसकी एक आंख नहीं थी और पानी रेडी हो
कि भाभी ने का सत्यानाश तेरा सारी दुनियां मेरा मोबाइल देख रही है तो उसका बखान क्यों करता है कार्यभार रहेगा ही भूमिका निभाई दौरान टो देवघर था हेलो हेलो भविष्यवाणी है तो पिला दे दूध छाछ पिला अ कि भाभी ने का रोज कानी कानी कहते है ना रुक जा ओ हो गई मटकी में से छाछ देख ही के ऊपर ऊपर का पानी ले आई सांस नीचे छोड़ दिया हो है तू छाछ लाइन या छांछ का पानी उसने का चुपचाप पित्त रोज पानी देने लगी वह आदमी देवर मेरे पास आया मुझे मारा मेरी भाभी रो वॉइस मेल का क्या मतलब तू क्या बोलता है कि मैं बोलता हूं भाभी कहानी लिया छाछ बोली जाती है 6 इंच का मिलन कार्यक्रम कर लिखे अमेरिका के घर जा है किन्नरों भाभी अच्छी लिया छाछ मुझे आज मुझे यहां पुलिस से क्या होगा मेरा जा सका यह जैसे गया भाभी ने सोचा फिर चिलाएगा कहानी तैयार पर पहुंचकर सुनहरी भाभी के कान खड़े हो गए वो बोली हां ले कि भाभी गई कमरे में कई फिर इस खोला और इस खोलने के बाद घड़ी उठाया विलगांय केसर डाली गुलाब जल डाला शक्कर डाली बदला में लाकर के दे दिया देवर को देवर ने भाभी यह क्या है वह एक बात याद रख देवर कहेगा भी कहानी तो पिलाऊंगी छांछ का और कहेगा भी अच्छी पीने को मिलेगी लस्सी ध्यान रखिए जो बोलोगे वही ले कि गुलाम यह कौन बोला मुंह में पानी आ रहा है हां जान रखिए यह सोचना है आपको अपनी बात समाप्त करता हूं 10:00 बज रहे हैं ए टेकर रानी थी कि उसे खाने का बहुत शौक था मैं इतना खाते घृणा थी कि खाने के अलावा से कुछ दिखता ही नहीं है कि उसने एक दिन राजा से पूछा कि महाराज दुनिया में सबसे बड़ा सुख क्या है महाराज ने का मीठी वाणी सबसे बड़ा शुरू होता है वह नहीं महाराज आप नहीं जानते खाना सबसे बड़ा सुख होता है जीवन बारी रख दिया जाए तो पंडाल छोटा पड़ जाता है भोजन रख दिया जाए हजारों लोग जाते हैं यह मेरी किस्मत है अस्तर भोजन नहीं है ना नंदू जी फिर भी लोग आए हैं ध्यान रखना यह भोजन के लिए नहीं संत की मीठी वाणी सुनने के लिए यहां पर चलकर आए थे भेजें जी की पूजन के अधीन कि मैं तो कहता हूं भोजन में वह ताकत नहीं भगवान के भजन में वह ताकत है हजारों लोग अपने आप रुक जाते हैं महाराज ने कहा कि रानी जुबान मीठी होना चाहिए खाने में क्या रखा है ना इन थे भोजन सबसे अच्छा होना चाहिए मंत्री सुन रहा था मंत्री हारे कि इरानी तो समझ ही रही है राजा है मंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र फांसी इजाजत हो तो कल का भोजन रानी का मेरे महल में होना चाहिए महाराज मुख्यमंत्री के घर में रानी खाने जाएगी अब रानी तो भूखमरी कहीं भी मिल जाए वही चंदे को लेकर आ जाती थी कि मैं जाऊंगी कि यह मंत्री खाना व गजब बनाना अरे बोले देवि देखना ऐसा भोजन बनाऊंगा का या गई रानी दूसरे दिन तैयार होकर के मंत्री के महल में भोजन का में वृद्धि कि रानी ने खाया उंगलियां चाटते रह गई ये बाहे मंत्री ईएस कहां फिर रसोइए बुलाए हैं अरे महारानी साहिबा तो भोजन करो काम कर मंत्री रसोई यह सब मेरे महल में भेजते क्या खाना बनाया था अब रानी साहिबा और लो ना अब कितना भी स्वादिष्ट तो खाएगा तो आदमी पेट के बराबर विघ्न आ मैं अभी तो पूरी बिश्नोई पड़ोसी मैंने तुमको धोनी ने कहा मंत्रिमंडल तो बहुत है लेकिन अभी पेट गुंजाइश नहीं है उसकी मंत्री ने का खाओ रानी थांवले बड़ा स्वादिष्ट भोजन बना है मंत्री ने कहा महारानी भोजन कैसा लगा खुले हाथ का सबसे बड़ा सुख तो यह भोजन युवा करता है कितना स्वादिष्ठ लज्जतदार भोजन बनाया है तूने मंत्री ने कहा रानी और ले लो बोली नहीं आप नहीं ले सकती अरे ले लो लिख क्यों बोली बाप जन्म कभी यह सब भोजन खाया है तो अपने बाप यहां बनता है तेरा प्यारे जून अ जुबान काट ली जाएगी तेरी किससे बात कर रहा है इस देश की समृद्धि से बात कर रहा है तमीज नहीं है बोलने का यह मंत्री ने कहा नहीं मैं सही कह रहा हूं इतनी तारीफ कर रही हो इसका मतलब तुम्हारे बाप के घर में भी ऐसा खाना तुमको महारानी ने कहा कल दरबार में पेश होना जैसा इधर कि हम मोटू पतलू कि महाराज ने कहा महारानी बात युद्ध भोजन अच्छा नहीं था क्या है अरे महाराज भोजन तो पूछो मत लेकिन नई जाने पागल कैसे हो गया लास्ट में बोले क्या हुआ बोलिए भोजन तो इतना स्वादिष्ट था लेकिन लास्ट में इसने जो बोला है ना ही मौत की सजा से कम इसे नहीं मिलना चाहिए हुआ था मैं बोला कि तेरे बाप यहां भी ऐसा खाना महाराज ने कहा तुझे फांसी दूं कि रानी का भूत बोले देखो रानी मैंने तुमसे कहा था ना भोजन कितना भी स्वादिष्ट हो जुबान खराब है तो सारे भोजन का मजा मिट जाया करता है साथ ही है कि भोजन नहीं जुबान ही स्वादिष्ट होना चाहिए न कि उस दिन रानी कुशवाहा व कि भोजन कितना भी अच्छा हो जुबान अच्छी नहीं है तो उस भोजन का कोई सुध नहीं हुआ अन्य वर्क कि यदि स्थिति कि कुरुक्षेत्र में खड़े हैं 15 मिनट ले कि अब ना तो बोल नहीं सकते देखो तुम्हारी मजबूरी है हाउ टो मे अधूरा छोड़ नहीं सकता ही मीनिंग मजबूती है और आज तो संडे है यदि शीघ्र कुछ और समय हमने सामने सहायक खड़ी है यदि रस से उतरे बस दो मिनट में जाकर के भीष्म पितामह को प्रणाम किया ए बूढ़ा चेहरे को प्रभावित किया प्रधानाचार्य चुनाव किया है के पीछे दुर्गापुर क्षेत्र में हथियार छोड़कर युधिष्ठिर प्रणाम कर रहा है पीठ ने कहा बिजली हो व्हाट्सएप पर थे फिफ्थ चतरो और द्रोणाचार्य के चरणों को छुआ था कुंडली भाग्य शिव कृपा चार की तरंगों को छुआ था उन्होंने कहा चक्रवर्ती हवा का प्रयोग अंकित व खेला गया उसे डा मैं तुम्हारी तरफ से लगाए हो उनकी अदाओं से दुश्मनों को विजई भव का आशीर्वाद दे रहे हो है तो युद्ध तो मेरी तरफ से कर रहे हो भीष्म पितामह से कहा ऐसा चल मत करो शैतान है कि से विजई भव का आशीर्वाद दे रहे हो भीष्म पितामह ने कहा मैंने कोई गलत आशीर्वाद नहीं दिया है आप लड़कों मेरी तरफ से रहे हो ना देवधर याद रखो कि यह शेखर का अभाव मैं तुम्हें इसका बंद कर देता इसे छोड़ता नहीं लेकिन जब वे हथियार छोड़कर के हृदय में प्यार लेकर मेरे पास आता है तो मुझे विजय भव का आशीर्वाद देना पड़ता है फैब्रिक धर्म यह भीष्म पितामह की बात छोड़ो मैं तुझे कहता हूं कि तू भी रक्त से उतर के अपने बड़े भाई युधिष्ठिर को प्रणाम करने जाता खुद तो इधर भी तुझे विजई भव का आशीर्वाद प्रदान करता आशीर्वाद हथियारों को नहीं मिला करता है आशीर्वाद भीतर के प्यार को मिला करता है चावल रखिए का पानी बौद्ध आपसी इतना ही निवेदन बड़ी विनम्रता के साथ करूंगा है कि रात ही रात में इतिहास बदल जाते हैं अब बात ही बात में विश्वास बदल जाते हैं राधे-राधे में इतिहास बदल जाते हैं वह बाजीराव कि कोई पैदा तो करें अपनी जुबान पर इतनी तहसील नर्मल है जिससे तो पत्थर भी पिघल जाते हैं नर्म लहजे से तो पत्थर भी पिघल जाती अपनी जुबान पर नर मिलाइए जिसकी जुबान तीखी होती है ना खराब होती हैं उसके घर में जो टेढ़े-मेढ़े शब्द बोलता है अब शब्द बोलता है उसके घर में राहु और शनि की दशा हमेशा बनी रहा करती है ज्यादा रखिए जुबान मीठी कर लो जीवन सार्थक सफल होगा वैज्ञानिक जय हो ओम नमः शिवाय देवता हील जय हो ओम नमः शिवाय देवता ही जय हो ओम नमः शिवाय देवता ही हो कि यदि चावला व प्रमुदित मनादर दृढ हो चना दाल शीट सरगी गणेशा मृत भ्रूण सुनिधि है लखन तेल शुद्धता शिव की समाज धर्म की अवधारणा महावीर स्वामी नयनपथ-गामी भवतु मे महावीर स्वामी नयनपथ-गामी भवतु मे महावीर स्वामी नयनपथ-गामी भवतु मे प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव भगवान की भगवान महावीर स्वामी की परम पूज्य गुरुदेव आचार्य श्री पुष्पदंत सागर जी महाराज की अहिंसा परमों धर्म की थी ऑन करो है प्यारी प्यारी है पर आत्माओं आज हमारा देश और बहुभाषी देश से में बहुत सी भाषाएं हमारे देश में बोली जाती हैं कि जितनी भाषा हिंदुस्तान में है दुनिया के किसी देश के पास नहीं होगी कि यह अपनी सभ्यता और संस्कृति हमारी विविध प्रकार की है हैं लेकिन फिर भी हमारा देश के आता है है कि अनेकता में एकता ए हिंद की विशेषता अनेकता में एकता है मराठी कल्चर अलग है गुजराती कल्चर अलग है कि राजस्थानी कल्चर अलग होता है कि उत्तर प्रदेश को अलग है मध्य प्रदेश का लगे खान-पान अलग है रीती रिवाज अलग है भाषाएं अलग है कि एक भाषाएं ऐसी हैं इस विश्व में है जिसे हर कोई समझता है हुआ है कि गांव कभी समझता है शहद कभी समझता है कि राजस्थान के भी समझते हैं गुजरात के नहीं समझते हैं महाराष्ट्र के भी समझते हैं पंजाब के भी समझते हैं कश्मीर के नहीं समझते हैं थे फिफ्थ शायद सी है जिसे अमेरिकन भी समझते हैं कि जापान के लोग यह समझते हैं में चाइना भी समझता है पाकिस्तान नहीं समझा को जन्म है ऐसे बताने वाले हैं है जिसे अंधा आदमी समझता है मैं इसे बहरा भी सुन लेता है कि ऐसी भाषा मैं इसे इंसान तो छोड़ो जानवर भी समझता कि कैसे अ व्हाट अरे थे है जिसे पेड़-पौधे भी समझते हैं कि विश्व के कोने में जहां-जहां प्राणी है हरदोई उस भाषा को समझा करता है बुना मराठी होती ना गुजराती होती ना इंग्लिश दो तीन और तो होती ना हिंदी होती ऐसी कोई भाषा है जिसे सारा विश्व अखिल विश्व समझा करता है वह भाषा कोई है तो प्रेम की भाषा हुआ करती है जिसे सारी दुनिया सं प्रेम की भाषा कौन नहीं समझता हर कोई समझता है एक जानवर को भी प्रेम की भाषा कि है है जिसकी यहां पर नहीं है वह भी प्रेम की भाषा कि हमारी बेटियों ने नृत्य किया आंखों में पट्टियां बांधकर वह आंखों से नहीं देख रही थी कानों से सुन रही थी ध्यान रखना और कानों में उनके क्या गूंज रहा था गुरु प्रेम की भाषा गुजर रहे थे वे नित्य करते गई बिना देखे भी उन्होंने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर मुझे बड़ी खुशी होती है जब मेरी समाज की बहू-बेटियां मेरे समाज के बच्चे इस तरह की प्रतिमा लेकर मंच पर आया करते हैं और दुनिया में एक बात ध्यान रखना बहुत प्रवचन होंगे बहुत प्रवचन सभा में होंगी लेकिन हमारी प्रतिभाओं को निखारने का स्टेज में दिया करता हूं कि मेरे प्रवचन से पहले हमारी प्रतिमाएं मंच पर साथ आना चाहिए हम प्रोफेशनल लोग नहीं बुलाते हैं मैं किसी क्षेत्र वासियों ने बुलाता हूं कि हमारी बच्ची हो में योग्यताएं हैं हमारी बाहों में योग्यताएं हैं हमारे बच्चों में योग्यताएं हैं उससे कहा गया कि संचालक कौन आएगा ज्ञान गंगा का म्यूजिक का कोई नहीं आएगा इनमें से हम संचालक पैदा करेंगे इसको ही लोगों को स्टेज पर लेकर पैसा देकर मजा लिया तो क्या खाक मजा लिया अरे अपनी समाज का प्रतीक है उसे मंच का अवसर यदि पुलक सागर नहीं देगा कि दुनिया में उन्हें कौन देने पर प्रभाव को दो तरह से भारत के भविष्य हैं हमारी समाज की कौन जानता था कि गंगा में मंगलाचरण नहीं होते हमारी बेटियों को यहां पर प्रतिभाओं को निखारने का अवसर प्राप्त कर नहीं हो कितनी सुंदर सुंदर प्रस्तुतियां रोज हो रही हैं मेहनत कर रहे हैं में लगे हुए हैं जो हमें समझ नहीं आता है एक प्रोफेशनल आदमी है कि एक घंटे-दो घंटे के प्रोग्राम के लाखों रुपए लेकर चला जाता है कि मैं तो कहता हूं उनसे भी ज्यादा पुरस्कार इन बेटियों को मिलना चाहिए जो परिश्रम करती हैं आगे बढ़ा करती हैं हमारी समाज के गौरव हैं को दिखा देना पड़ेगा और चलाना पड़ेगा अरे बच्चे संचालन कर रहे हैं छोटे-छोटे और कुछ करेंगे कि मैं यहां प्रवचन कर रहा हूं बोल रहा हूं प्रवचन हैं तो ध्यान रखना तेरी मेरे गुरु आचार्य पुष्पदंत सागर महाराज हमारी प्रतिभाओं को निखरने का मौका नहीं देते तो आज हम आपके बीच में प्रवचन नहीं कर रहे होते ध्यान रखना हमारे गुरुदेव ने हमसे एक ही चीज कहीं की बेटा आ जिंदगी में कुछ करना या नहीं करना तपस्या करना यह तुम्हारी व्यक्तिगत बात है लेकिन इस हाल में को ऊंचाइयों की ओर ले जाना है कुछ तुम्हें आए या ना आए तुम्हें बोलना जरूर आना चाहिए क्यों लेगा उसका धर्म व बोलना की समस्या मॉल करते हैं है लेकिन जो आलोकित करते हैं उसे इस जगत् को देने के लिए समवसरण की रचना की जाती है तीर्थंकर भी समवसरण में बैठकर मुखरित हो जाया करते हैं जब कुछ बोलना है कि सिखाओ इन बच्चों को आगे लाओ कि यह जो शिविर लगने जा रहा है अनुभव संस्कार रहा हुं कि प्रतिभाओं को निखारने का तेल मैंने कल युवाओं की मीटिंग बुलाई उनको मैंने समझाया ई-मेल का ऐसा नहीं करना मैं चाहूं तो 22 हजार 33 हजार लोग बुंदेलखंड से बुलाकर शिविर लगा सकता हूं लेकिन मेरी अक्षर यह सोच रहती है कि बाहर के लोगों को यहां की समाज क्यों खर्चा करें कि हमारी समाज में युवा नहीं है हमारी समाज में बहू-बेटियां नहीं है बाहर से नहीं बुलाना यदि मैं हजार लोग बाहर से बुला दूं तो हमारी कमेटी कोई लाभ नहीं ले पाएगी उनकी ही सेवा में लगी रहेगी उनकी इसमें भक्ति में लगी रहेगी पांव में लगी रहेगी नहीं हजार ना बैठें 500 बैठें लेकिन सूरत के लोग सूरत का अनुभव प्राप्त करें सूरत खेलो शुक्र है कि हमने चतुर्मास कराया है बाहर वाले मैंने कभी नहीं बुलाए हैं जनमत कि यहां के लोग क्या हुआ थोड़े से बैठिए ना आनंद तो बटोरेंगे हजारों लोग आ गए चलो अनिल चलो नो चलो लग जाओ बालो व्यवस्था करो आवाज की भोजन है धत तेरे की इसलिए परीक्षण आता है क्या नहीं परीक्षण तो हमको मनाना है आनंद के साथ निर्विकल्प बहू के शांति के साथ कमेटी और समझदार मेरे समिति हुई बातचीत हुई मैंने का हुए संस्कार महोत्सव होना चाहिए यहां पर कमेटी ने इतना बड़े हृदय का परिचय दिया नहीं तो हर कोई पीछे हटता है बहुत खर्चे होते हैं उन्होंने कहा नहीं महाराज आप लगाइए सारी व्यवस्थाएं निशुल्क किए जाएंगे सबको बैठने का अवसर प्रदान किया जाएगा मान्य चतुर्मास सैलाब लो हर साल यह नहीं होगा कि बिजली जीवन में चढ़ाते हैं में बहुत काम आते हैं है इसलिए मैं चाहता हूं इस सौरभ जैन समाज का एक बहु एक बच्चा मैं आपको छुट्टी दूंगा मैं 24 घंटे वाला सिम नहीं लगाऊंगा कि आपको 24 घंटे यहीं रहना है मेरे भी बाबा इतनी कैपिसिटी नहीं है तुम्हें देने की ध्यान रखना घातक ढूंढ इतने सारे लोग सुबह 7 बजे से शुरू होगा 10:30 आपको छुट्टी दे दी जाएगी भोजन ही पर बनेगा शोध का भोजन पर्युषण के हिसाब से भोजन आप यहीं करें और सीधा यहां से अब दुकान जा सकते हैं महिलाएं अपने घर जा सकती हैं दिनभर आपको यहां रहने की जरूरत नहीं है दोपहर को एक बहुत अच्छी प्रैक्टिकली क्लास होगी कोई मैं ऐसे तत्वार्थ सूत्र नहीं पढ़ाऊंगा वह पढ़ना है तो पंडितजी से मंदिर में पढ़ लेना मैं तत्वार्थ सूत्र कम जीवन के सूत्र ज्यादा तुम्हें प्रधान करूंगा मैं तुम्हें बताऊंगा आपका शायरों को कैसे जीता जाता है मैं बताऊं अपने जीवन कैसे जिया जाता है मैं बताओ कि लोग से हम कैसे कंट्रोल कर सकते हैं प्लस लक्षण पर्व में त्याग तपस्या भावनाओं को महत्व दिया जाएगा यहां पर जो दसलक्षण पर्व आयोजित होगा कैसे हम उस क्लास में जरूरी नहीं है कि सिविल वाले ही बैठें चार वजह से वे क्लास शुरू होगी आप कोई भी आकर के इसमें बैड सकते हैं क्लास में किसी की पाबंदी नहीं है लेकिन पूजन करने में केवल शिविर वाले ही बैठेंगे बाकी लोगों को अनुमति प्रदान नहीं की जाएगी जो फार्म मरेगा वह इस शिविर में बैठेगा ध्यान रखिए थोड़ी सी में व्यवस्था बताता हूं आपको परीक्षण बिल्कुल निकट आ रहा है अभिषेक वही करेंगे जो शिविर में बैठेंगे ध्यान रखिए पूजन वही करेंगे जो शिविर में बैठेंगे और भोजन वही करेंगे जो शिविर में बैठेंगे ध्यान रखना पैसा नहीं है कि वह कट में अपने भोजन खाए पिए चलो नहीं जो सीरियसली विद्यार्थी होगा वहीं भोजन करेगा और लेकिन क्लास में प्रतिक्रमण में सामायिक में अप आधे लागू होगी प्रवचन में भी आ सकते हैं आम लोग पूजा यदि बैठकर देखना है तो वह भी सुबह की पूजा में शामिल हो सकते हैं कुछ विद्यार्थियों के लिए आरक्षित चीजें हैं कुछ आम पब्लिक के लिए वैस्टीज हैं आप उसका विशेष ध्यान रखे हैं हां यहीं पर भरिए युवाओं से भी कहूंगा आपको दुकान जाने मिलेगा आपको घर लौटने मिलेगा बहुओं से कहूंगा बच्चों को टीका लगाने का अवसर मिलेगा स्कूल भेजने का अवसर मिलेगा दोपहर को बच्चे आएंगे कि नहीं खाना खिलाने का अवसर तुम्हें प्रधान करूंगा पाबंदी लगा करके नहीं रखूंगा और अब भी नहीं बैठो तो है तो फिर तो क्या कर सकते है सूजी हम और तुम तो ही बैठ लेंगे हम तुम इस पंडाल में बंद हो कि हिना ध्यान रखें विचार कर रही है आप आप सबको बैठना बहु आपको ज्यादा से ज्यादा मैच आऊंगा युवा लोग बैठे हैं बुजुर्ग के लिए कोई पाबंदी नहीं यह नहीं कभी नाराज हो जाए विचारित अधिक से अधिक बहु में बैठें समझदार सूकून होती है मालूम है कि बेटी मेरी उम्र गुजर गई निराश समय गुज़र गए आप मैंने बहुत धर्म किया जाए इस बार घर का काम मैं देखूंगी तू जाकर शिविर का आनंद ले संस्कार प्राप्त कर के धर्म आगे को बढ़ाना है समझदार वह लोग होंगे ध्यान रखिए क्या हुआ 10 दिन की तो बात है ना हम संभालेंगे हल तू जाकर संस्कार ध्यान रखिए क्योंकि हमारी तो उम्र हो गई अब कितना जीवन बचा है हमारे घरों में धर्म को जीवित यह बहु यह बेटियां और बीते रखने वाले हैं उनको अवसर प्रदान किया हुआ था कि मान्यवर प्रेम की भाषा कि अनुभवी प्रेम की भाषा समझता है बहरा बी प्रेम की भाषा चुन सकता है ए फैमिली भाषा तो वह है मैं इसमें जुबान नहीं चला ना पड़ती नैनों से फ्रेम प्रवाहित हो जाया करता है आंखों से भी प्रेम की भाषा समझी जाती है और आंखों से प्रेम की भाषा ना समझो कोई आता है अपने घर पर अपने मकान तह एक मुस्कुराहट चेहरे पर ले आओ इससे बड़ा स्वागत दुनिया में कोई दूसरा नहीं हुआ करता है मुस्कुरा कर देख लिया मुस्कुरा दिया मैं मुस्कुरा दिया हो गया अभिनंदन मुस्करा दिया प्रेम की भाषा मुखातिब आता है एक बात याद रखना एक व्यक्ति मेरे कमरे में आता महाराज दोस्तों मैं अपना लिख रहा हूं पढ़ रहा हूं मेरा दिन भर में ज्यादा से ज्यादा समय लिखने-पढ़ने में जाता है और चीजें तो मुझे आती नहीं है ध्यान रखना मैं को लेकर आओ दोस्तों अब मैंने मेरे गुरु ने सिखाया है बड़ों पर हाथ नहीं उठाना चाहिए नहीं नहीं ऐसा नहीं कह रहे हैं रखना है कि कितनी जोर अजय मैंने का क्यों घर से झगड़ा होकर आया क्या बोली आपको कैसे पता मैंने कतरी स्टाइल बता रही है कि आज महाभारत हुई यह घर में इतनी जोर से बोल रहा है में बंधना चाहती थी मैं अपना लिख रहा था ऐसा आया कि उसने मेरा हाथ पकड़ा और अपने सिर पर रख लिया दुनिया में ऐसे तो आशीर्वाद दोगे नहीं हमें मालूम है कैसे लेना है दीवान जैसा होगा और क्या है के बाद पकड़ा तिलक लगाना लाकर रख दिया लगा कि हम लखन ये दुनिया को दूध कोई और लगा रहा है वह तो नहीं लगाऊंगा तो महाराष्ट्र लगवा लो की मांग और सोचिए उसे हाथ पकड़ा अपने सिर पर रख लिया मेनका भाई साहब एक या दो कि मुझे आप तो आशीर्वाद देती नहीं हम तो हमने कहा नहीं लेते हैं एक बात याद रखना सूरत बालों आशीर्वाद का मतलब हाथ उठाना नहीं हुआ करता है आप मेरे कक्ष में आए वह मैं पढ़ रहा हूं लिख रहा हूं तुमने प्रणाम किया उसमें नजरें उठाकर देख लिया मिल गया आशीर्वाद क्या है का आशीर्वाद का मतलब हां तो उठाना ही थोड़ी है मैंने तुम्हें देख कर मुस्करा दिया को मिलेगा और संत ने तुम्हें कोई काम बता दिया सूचना इससे बड़ा आशीर्वाद दुनिया में कोई दूसरा नहीं हुआ करता है इस संत ने हमें इसके लायक समझा हमें एक काम तो बताया हमें एक व्यवस्था तो सौंपी हमें एक ड्यूटी तो शॉप ख्याल रखना हर किसी को संत काम नहीं बताया करते हैं ध्यान रखना जिनके जीवन में पुण्य होता है संत की जुबान पर उनका नाम आया करता है ध्यान रखिए हिसाब तरफ को मुस्कुरा दिया हो गया आशीर्वाद देख लिया हो गया आशीर्वाद हां हो गया आर्थिक बात जिंदगी निकाल होती है एक बात याद रखना आशीर्वाद कोई व्यापार नहीं है तुमने मांगा और हमने दे दिया आशीर्वाद व्यापार नहीं होता आशीर्वाद तो प्रेम का एहसास हुआ करता है पर एक बात ध्यान रखिए कि इसे कहते हैं आशीर्वाद या मिश्री घटना है का अनुमान व्यक्त किया है कि बात बताऊं हकीकत में सच्चा आशिक बात क्या होता है मंदिर में जाते हो ना भगवान को प्रणाम करते हो में नमोस्तु करते हो चिल्लाते हो वह हाथ उठाते हैं क्या डिंपल के उठाकर देखते हैं क्या नहीं देते हैं ना आशीर्वाद किसे कहा जाता है आशीर्वाद वह आपस में एक घटना होती है अरे देने वाले में कब दे दिया यह उसे भी नहीं पता और लेने वाले ने कम ले लिया यह उसे भी नहीं करने लगे आइए ना तुम्हें पता है प्रथम मैंने दे दिया यह तुम्हें भी मुझे भी पता मैं आशीर्वाद तो प्रेम होता है मनी पर मैं सोच रहा है आपको कि मैं रोज-रोज मैं अपने जीवन में तुम्हें उत्तर के कुछ ना कुछ चिंतन जरूर करता हूं मैं आपसे निवेदन करूंगा मुर्दों की तरह मत जियो मुर्दों की तरह मत सोचो मुर्दा तो खैर सोचते ही नहीं है सुबह उठकर के रोज चिंतन की चाय पिया करो रोज सुबह उस लड़के प्रिंट करके चा चीज का उपयोग थे इश्यू तो दे रहा हूं रोज सुबह उठकर चिंतन की चाय पियोगे कर्तव्य की कॉपियों और उसकी आस्था का नाश्ता कर लिया करो तुम्हारा दिन सुधर जाएगा तुम्हारा जीवन है आनंद में बदल गया था का नाश्ता करो पोहे जलेबी कब तक खाओगे मेरे भाई प्रभु की आस्था जीवन को सार्थकता कि मैंने एक दिन है कि आपके गुरु कोई पत्रिकाएं तो उनका जवाब नहीं आया आप बहुत अच्छे लग रहे हो का जवाब नहीं आया कि पीर व का जवाब नहीं आया कि एक दिन जब गुरु मुझसे मिले कि तुम मुझे देख करके मुश्किल है थे और उन्होंने कहां कि तुम्हें बड़ा गुस्सा आया होता ना तो मैंने कहा कब गुरुदेव कि पुलिस जब तुमने तीन-तीन पत्र लिखें और मैंने एक का भी जवाब नहीं दिया तो तुम्हें बहुत गुस्सा आया होगा ना कि मैंने गुरु के चरण पड़े मैंने कहा महाराज मुझे गुस्सा क्यों आएगा मुझे तुमने पत्र लिखे और मैंने आंसर नहीं दिया मैंने का गुरुदेव जब भी मैं आपको पत्र लिखता हूं ना उत्तर की अपेक्षा से पत्र ने लिखा करता हूं यह पत्र नहीं भगवान से मेरी प्रार्थना हैं जो मैं तुम तक भेजा करता हूं यह लैटर नहीं है यह खत नहीं है यह कोई पत्र में यह तो प्रार्थना है पर एक बात गुरुदेव हम ऐसी प्रार्थना तो मंदिर में रोचक करते हैं भगवान से लेकिन भगवान का कोई उत्तर नहीं आता है तो उत्तर मैया एक तो इसका मतलब क्या हम प्रार्थना करना बंद कर देते हैं गुरुदेव ने मेरे सिर पर हाथ रखा बोले बस तुमसे इसी उत्तर की उम्मीद थी मुझे नहीं देखना चाह रहा था कि तुमने अपनी साधना में क्या पाया है अपने जीवन में कुछ आरती कि अग्नि परीक्षा ले सकता है मुझे तो लगा कि तुम बुरा मानोगे मिलकर नहीं गुरुदेव मैं तो जिंदगी भर आपको लिखता ही रहूंगा जवाब कि मुझे को यह उम्मीद नहीं हुआ करती है क्या पिछला गाना मंदिर में पूजा करते हो भगवान को उत्तर देता है क्या नहीं देता उत्तर तो इसका मतलब हम उनसे पूजा करना बंद कर देंगे क्या नहीं करेंगे वहीं मैं आपसे कह रहा हूं जब भगवान मेरा उत्तर नहीं देता तो मैं उसे प्रणाम बंद करना बंद नहीं करता खूबसूरत बालों संत का हाथ ना उठे तो ना उठे तुम्हारे नाम का आशीर्वाद तुम्हें जरूर प्राप्त हुआ करता को प्रणाम करो कुछ लोग कहते हैं से संबंधित है ए न्यू फिल्म से पूछा कि तूने मंदिर मैं अपनी डायरी 9th मंदिरों में कोई चमत्कार नहीं बच्चे हैं को चिल्लाते भले चमत्कारी चंद्रप्रभु भगवान की भी तुझे बोल दो मेरे भाई अभी तक छह चंद्रप्रभु भगवान कि जब तक चमत्कारी गुण कि मुनि महाराज बोलते तो है लेकिन चमत्कार कुछ नहीं होता इसलिए हमने मंदिर जाना बंद कर दिया मैंने का पागल है कौन कहता है मंदिरों में चमत्कार नहीं होता चमत्कार पहले भी हुए हैं और आज भी हो रहे हैं चमत्कार कभी खत्म नहीं होते मैंने का पागल मंदिरों में चमत्कार खत्म नहीं हुए हैं तेरे हकीकत में नमस्कार खत्म हो गए हैं बस इस आदमी के पास नमस्कार नहीं है उसके जीवन में चमत्कार मैं तुम्हारे नमस्कार में दम है तो उस चमत्कार पैदा कर दे एक बात याद रखना मूर्तियों में कोई चमत्कार नहीं होता चमत्कार तो हमारे नमस्कार मैं हुआ करता है कितना खु हां कह दिया था समंतभद्र आचार्य ने कहर ए प्रोडक्ट आफ हाउ आर यू कि क्या तुम्हारे इस पत्थर में इतनी ताकत है कि बनारस की घटना है क्या तुम्हारे पत्र रहते है कि मेरा नमस्कार स्वीकार करें का ध्यान रखना कितना बड़ा विश्वास होगा उनके अंदर कितनी बढ़िया आस्था होगी सम्राट यह क्या कुछ बोले नहीं इस पाषाण में इतनी ताकत नहीं कि संबंधित प्रपत्र का नमस्कार स्वीकार कर सकते क्यों इस पत्थर फट जाएगा सम्राट यदि मैंने अपना माथा रख दिया इस के चरणों में तो इस समय कहां ज्यादा बड़ी बातें मत करो एक पेग जरूरी उन्होंने सम्राट ने कहा तुझे दिखाना पड़ेगा एक पत्थर को जंजीरों से बंधा या यह फटने वाला नहीं है मजमुए दे समंदर भद्राचार्य को जब बुलाया जाता है कि 24 तीर्थंकर की जो भविष्यवाणी करते हैं विष्णु की स्तुति की इतना स्तंभ कि सुभाष चुनाव प्रबंधन समिति नाथ की स्थिति की ओर जैसे चंदा प्रभु का मंत्र पढ़ते हैं चंद्रप्रभु चंद्रमणि सिंह और रमेश चंद धीमन जगदीश वेदांतम ध्यान रखना चंदा प्रभु भगवान की स्तुति की पत्थर खटकता है चंदा प्रभु भगवान भजन आयुक्त ए की जंजीर टूट जाया करती हैं कौन कहता है कि चमत्कार नहीं होता भीतर देख हृदय से नमस्कार नहीं होता प्रेयर के स्त्रोत क्या है प्रेम बैक्टीरिया है प्रेम है यह स्तुति क्या ब्लुटूथ जमावड़ा समाज क लगा है क्या है भले मुझसे प्रेम ना हो लेकिन तुम्हें अपने जीवन से तो प्रेम है ना इसीलिए तो व्यापार छोड़कर यहां बैठे हो इसलिए तो घर बार छोड़कर बैठे हो एक बात याद रखना मैंने बुलाया इसलिए तुम नहीं आए इस कमेटी में प्रचार किया इसलिए तुम नहीं आए मेरे बुलाने से दुनिया में कौन आता है उस परमात्मा ने बुलाया है कि पागलों कहां संसार में बैठे हो जाओ सत्संग करो तुम्हारे जीवन के निहारिका समय कि अब इस समय अरिहंताणं हरिकृपा मिलहिं नहिं संता पिता हरि की कृपा है जो उसने तुम्हें विषय भोगों से उठाकर घंटे भर यहां लाकर बिठा दिया है ध्यान रखना मान्य प्रेम और प्रेम से बड़ा दुनिया में कुछ नहीं होता है ए प्रेम मिश्रा है है के कानों में अमृत खोल देता है प्रेम की भाषा हृदय को झंकृत कर दिया करती है तो रमेश अकाउंट रोम-रोम को रोमांचित कर दिया करती है प्रेम जीवन में होने एक मारवाड़ी बोलो गुजराती बोलो हिंदी बोलो कोई फर्क नहीं पड़ता परिभाषा कोई सी भी बोलो मेरा निवेदन है हर भाषा में प्रेम का रंग घोलो जीवन तुम्हारा आनंद में परिवर्तित हो प्रेम और प्रेम से ए प्रेम कुमार झा लहरें को जुआ खेलते गिरफ्तार की वाणी में वीणा की झंकार होना चाहिए लेकिन दुर्भाग्य है कि हमारी वाणी में बांधते हैं यहां से निकलते हैं सामने वाले की सीने को छलनी करते हैं यार की पोथी पढ़ पढ़ जग मुआ पंडित भया न कोय ढाई आखर प्रेम का पढ़े सो पंडित कबीर कह गए कबीर जैसे ज्ञानी संत पुरुष महात्मा कबीर जैसा विद्वान संत कबीर जैसा डांस कि उनके पास पर बहुत अच्छे-अच्छे तारीख से कि गांव की साधारण सी भाषा में दो-दो लाइन के दोहे तो कभी इन्हें जीवन का साल भर दिया पूरे जीवन का अनपढ़ कभी इस प्रेम की भाषा जानते थे इडली या खर प्रेम का पढ़े सो पंडित होय थे मेवाड़ में मीरा कहती है तेरी मैं तो प्रेम दीवानी मेरा दर्द न जाने कोई प्रेम में डूब गई मीरा प्रेम में तो वह ताकत है जो जहर को अमृत बना दिया करता है प्रमुख कि मीरा प्रेम में डूब गई है आ रही लिए कहा ए प्राइमर में मत है तो रे तो फिर ना जुड़े जुड़े तो गांठ अगर पड़ प्रेम कथा बड़ा नाजुक धागा है इसी मत छोड़ना बहुत जल्दी टूटता है प्रेम के धागे जब भी टूटते हैं ना तो एक बात याद रखना संदेश और शक की वजह से प्रेम के धागे टूट जाया करते हैं सत्य सिंधु का प्रेम का धागा मजबूत रखो अपने जीवन में है महावीर ने कहा जीसस ने कहा लव इस गौतम एंड प्रेम ही परमात्मा है तो मेरे महावीर ने भी कहा कि प्रेम ने महावीर ने प्रेम शब्द उपयोग नहीं किया किसी भी शास्त्र में उन्होंने प्रेम को और ज्यादा परिमार्जित कर दिया उन्होंने प्रेम को और पवित्र बना दिया उन्होंने कह दिया कि जिसके जीवन में वात्सल्य हुआ करता है वह जीवन में धर्मात्मा कुछ नहीं बस काले रंग सदा जो धार्मिक ज्योतिशंकर बद्री पार्वती शंकर कौन बनेगा महावीर ने कहा जो वात्सल्य ग्राम पालन करेगा दुनिया में में का मतलब क्या है बच्चन लिया ने प्रेम सत्य है टेक्निकल सब अपने-अपने धर्म ग्रंथों के महावीर ने संयुक्त होने के लिए आ मैं तुम्हारी बात करने नहीं आते रहता हूं प्लीज कि महात्मा बुद्ध हां जी सब तीर्थंकर महावीर ध्यान रखना इन तीनों को तो जिंदगी में आत्मसात कर लेगा न तो मैं कहता हूं उसे पिस किसी और स्वर्ग की तलाश नहीं होगी स्वर्ग उतर करके हमारे घर में चलाए गए अभियान अत इन महापुरुष महात्मा बुद्ध महात्मा बुद्ध लेख मैं अपने कंधों ए प्रेम शब्द का उपयोग ने किया महात्मा बुद्घ प्रार्थना शब्द का प्रयोग करते हैं जिससे प्रभु प्रेम महावीर वात्सल्य ध्यान रखें तीन महापुरुषों के जरिए चिंतन करना हमारी जिंदगी तीन लोगों के बीच से गुजरती है कि घर में बुजुर्ग कैदी होते हैं घर में हम उम्र के लोग भी होते हैं और परिवार में छोटे बच्चे भी हुआ करते हैं मैं आपसे निवेदन करता हूं प्रार्थना मैं जब भी की जाती है ना तो अपने से बड़ों से की जाती है प्रेम जब भी होता है हम उम्र वालों में होता है और वात्सल्य होता है वह अपने से छोटे में होगा करता है अब बताओ जिंदगी को स्वर्ग बनाने के लिए किसी और महापुरुष की जरूरत है क्या अपनी जिंदगी में एक बात याद रखना जबड़ों से बात करो बड़ों से अदब से बात करना बड़ों से प्रार्थना का संबंध रखना अपने घर में जो बड़े बुजुर्ग है उन से निवेदन की भाषा बोलना उनसे आदेश की भाषा मत बोलना उनसे निवेदन करना कि पिता जी आप से निवेदन है मैं रिक्वेस्ट करता हूं ध्यान रखना तब तो वही है पिता जी आप से निवेदन है कि आज मुझे हजार रुपए की जरूरत है और एक होता है वह पिताजी हजार एक बात और ध्यान रखना निवेदन की भाषा मंदिरों में जो बोर्ड लगे होते हैं न मैंने कई जगह परिवर्तन कर आएं हैं लिखा रहता है के नीचे लेते हैं आदेश अनुसार अध्यक्ष आज्ञानुसार अध्यक्ष नहीं यह बात मत लिखो मंदिरों में आदेश और आज्ञा नहीं चलती है मंदिरों में निवेदन चला करता है क्योंकि हम समाज के अध्यक्ष हैं हम समाज के पदों पर बैठे हैं समाज के बीच आदेश की वैधता नहीं आ देश की भाषा नहीं वहां निवेदन की भाषा चला करती है जब हमारे बीच प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति आते हैं ना तो कैसे आते हैं हाथ जोड़कर के आते हैं क्यों आते हाथ जोड़कर के क्योंकि वह जानते हैं जिस कुर्सी पर हम बैठे हैं वह हमारी नहीं जनता की कुर्सी है प्रजाति कुर्सी है प्रजातंत्र है हमें इनके हाथ जोड़ना ए मिनिरल दिखाओ अजय शुक्ला को अभिभाषण कि मैं तो कहता हूं छोटे में भी आदेश की बात मत करो मान्यवर निवेदन की आशा करो तुम्हारे बिगड़े हुए काम बन जाएंगे री ने वेतन की भाषा का उपयोग किया मान्यवार आप से मेरा निवेदन है जाना रखिए आदेश व क्यों किसी को कि मैं यहां बैठकर के अ कि किसी समाज पर आदेश नहीं करता हूं मैं यही कहता हूं कि मेरा आपसे निवेदन है एक निवेदन है कि आप सब तो कोई है बात हुई है निवेदन में प्रेम रंग घुला हुआ है आदेश में हुकूमत खुली हुई है अब राज्यतंत्र खत्म हो गया प्रजातंत्र है मेरे भाई एक बात याद है आपको कभी आपने गौर किया मीडिया में अखबारों में में बांधना कभी भी प्रधानमंत्री राष्ट्रपति हैं इनके आगे नेताओं के आगे स्त्री ने लिखा जाता है मीडिया की भाषा कि नरेंद्र मोदी श्री नहीं लिखा जाता तो कभी गौर किया अखबारों को देखना भोपाल रोज पढ़ते अखबार थे तभी श्री लिखा जाता यह पसंद है एक बार मेरी नरेंद्र मोदी-अमित शाह श्रीमान श्री नहीं लिखा जाता क्यों नहीं लिखते हैं मैं आपसे पूछूं कहीं नहीं लिखा जाता है क्यों एक साधारण व्यक्ति को श्री लिखा जाएगा इनको नहीं लिखा मीडिया कभी नहीं लिखेगा क्यों नहीं लिखते हैं क्योंकि प्रधानमंत्री का पद उनका नहीं हमारा हुआ करता है यहां जनता श्री होती है और प्रधानमंत्री से व्याख्या करता है और सेवकों के आगे कमी श्रीमान लिखा आ सकता है यह व्यवस्था है मान्य सूचना कुर्सी किसकी है जनता कि कि मान्यवर जी कि भाषाएं बदल दो है प्रेम की भाषा जिसके जीवन में आ जाए तो मैं इतना पैसा साल का बुड्ढा MP3 में है जिस घर की भाषा कि नब्बे साल का बूढ़ा मंदिर जाता है हाथ पकड़कर भगवान से कहता है कि भगवान कि थोड़ी सी जिंदगी और देते हैं ध्यान रखना एक बुजुर्ग लोग जिनको घर में प्रेम व सम्मान मिलता है ना वह भगवान से जीवन की भीख मांगना करते हैं और जिन घरों में प्रेम नहीं होता ना वहां या 21 साल का जवान भी आत्महत्या की तैयारियां किया करता है याद रखिए जवान भी मौत की तैयारी करता है जहां प्रेम नहीं होता है हां बाबू तेरी जिंदगी की दुआएं मांगा करते हैं प्रेम होना चाहिए प्रेम से बड़ा कोई नहीं थे बुद्ध ने कहा प्रार्थना कि पति-पत्नी को भाई-बहन के प्रेम का संबंध होना चाहिए भाई-बहन में प्रेम के संबंध होना चाहिए वह आप जिस खड़े मिलेंगे और बच्चों में बात से लेकर संबंध होना चाहिए वह भगवान महावीर खड़े हुए तुम्हें दिखाई देती थी कि प्रार्थमिक प्रेमभाषा मत रखो अपने घरों कि आज स्थिति बहुत बदल गई है का जमाना बदल गया है को आरंभ करवा में परिवार के सदस्यों से हम नहीं जानते हैं दुनिया में तो बहुत प्रेम भरी बातें करते हैं पड़ोसी उसे कैसे बघवा वेंडी डेंग लिली कि घर वाली हो तो है क्या कर रही है तू कि एक बात बताओ युवाओं से पूछता हूं तुम कहीं घूमने जा रहा है सुबह-सुबह है और तुम्हारी जेब से यदि रुमाल नीचे गिर जाए है तो कोई पड़ोसन उठा कर दे दे आप क्या कहोगे मैं हां बोलो जोर से बोलो मुंह में शहद है क्या क्या बोलोगे थैंक यू मैडम आपने मुझे दिया बोलोगे ना कितना अच्छा मैनर्स है कितनी अच्छी व्यवहारिक है कि बात बता दो युवा गांव में यही रुमाल पत्नी उठा कर दे तो फिर क्या बोलूं मैं कि भला नहीं बोला सही बोला यह कहोगे थैंक्यू तूने उठा कर दिया नहीं कहोगे ना उठाकर देवी देव बोले कि मैंने उठा कर दिया तो तुम कहोगे तू चल काय के लिए रहे थे मैं कब गिरा और तूफान उठा कर दो हां बोलो पहले वाला मेन अच्छा है या दूसरे वाला मेहनत सच्चा है मैं आपसे पूछता हूं पड़ोस की पत्नी धन्यवाद की पात्र क्यों हैं तुम्हारी पत्नी धन्यवाद की पात्र क्यों नहीं है जबकि काम तो उसने भी वही किया है काम उसने भी वही किया है मैं पहुं कि यदि आप एक बात बताओ आप बोलोगे ना वो बोले हम को मारा है अरे तुम्हारी घरवाली मुझे लेना देना है तुम्हारी घरवाली तुमसे ज्यादा प्रेम से मुझे खिलाती है ध्यान रखना इतने फ्रेंड से तुम्हें नहीं खिलाती है हम इनकी बदौलत मैं यहां प्रवचन करता हूं हाथों मोटू पतलू तो आपने इसको धन्यवाद नहीं दिया कि पड़ोसी 28पसंद कर दो मुझे कोई मतलब नहीं है लेकिन मैं एक बात आपसे कहता हूं आधे पत्नी को धन्यवाद देने की क्या जरूरत है मैं आपसे पूछता हूं तेरी पत्नी से गलती हो जाए तो उस समय भी सोचना पत्नी को डांटने की क्या जरूरत है संजना है तो सिद्धार्थ ने की ज़रुरत है तो फुल फॉर्म में रहते हो हजार रात सुनाते हो गलत काम हो जाए पिछला वाला है जब गलती पर वह गाली खाने की हकदार है तो अच्छा ही पर धन्यवाद की हकदार क्यों नहीं है मान्य वर्क्स आपको बहराइच चीन रूस क्यों मचाते हो पत्नी के लिए धन्यवाद देने बेटा पानी का गिलास ला रहा है गिरा देगा तो तुम गाली दोगे क्या व्रत दिखता नहीं है तंत्र नहीं ला सकता है तो जब बेटा किसी दिन अच्छे से पानी लें उसकी पीठ थपथपाते हो कि बाहर मेरे बच्चे सुनी अच्छा काम किया है मंगलवार गलतियों पर गालियां देते हो ना तो पत्नी सोचती है मैं कुछ भी करो इनके जुबान पर तो गालियां ही गालियां होती हैं मैं आपसे आपको युवाओं से निवेदन करूंगा कि घर में जाकर पत्नी कोई काम करें तो धन्यवाद बहना आपका व धन्यवाद उसके लिए बहुत बड़ी ताकत बन जाया करता है वह आज अच्छा काम करती है करो वॉइस मेल कि मेरी अच्छाइयों की कद्र किया करते हैं ध्यान रखना आपने बुराइयों को सजा दी है अच्छाइयों का सम्मान नहीं किया अपने जीवन में उम्मीद रखते हैं कि पत्नी प्रेम से उत्तर दे एक बात बताओ कि कितने लोग हाथ उठाना है जो यह चाहते हैं कि हमें किसी भी चीज का उत्तर ओम शांति से मिलना चाहिए प्रेम से मिलना चाहिए कौन सा ऐसा आप जो चाहते की लट्ठमार मिलना चाहिए तो विद्या के पास जात क्यों नहीं निर्मल भी निपटा सकता है फाइल ध्यान रखना को भिजवाया रहे हो फोन उठा लो कुछ बताइए ए प्रेम शांति दे के पीछे वालों को ओम शांति से चाहिए ना मैं बहुत बढ़िया एक बात बताओ कि clash मेरा उत्तर शांति से चाहिए पकवा प्रेम से चाहिए सम्मान चाहिए एक बात बताओ सूरत बालों उत्तर पहले बनता है यह प्रश्न पहले बनता है हूं क्या होता है है उत्तर मिल गया और इस शांति से उत्तर चाहिए तो शांति से प्रश्न करना सीखो उत्तर शांति का लौटकर के डायरेक्टर डा पर नरमी से आए हैं नहीं सकता है ध्यान रखना सामने वाला उत्तर नहीं देता हमारा प्रश्न उत्तर निकल जाता है रखिए और सम्मान के उत्तर चाहिए तो प्रेम और सम्मान होना चाहिए ऐसा कोई नहीं का यह पति प्रेम से बोलें पत्नी उर्मिला के उत्तर नहीं करता है मेरे भाई आज चाहिए कि हम जैसे हुआ था चाहते हैं बेताब बोलना शुरू कर दीजिए सुनना अपने आप है जैसा बोलोगे वैसे तो सुनोगे ना ध्यान रखना तुम सुनो तुम बोलोगे तो लक्षणा उत्तर चाहिए हाथ जोड़कर के कभी नहीं हो सकता स्वयं तीर्थंकर भी यह व्यवस्था नहीं बदल सकते हैं कि हम किस खेत कि यह जैसा सुनना है वैसा बोलना शुरू कर दो घाघरा सुनना चाहते हो आप बोलो जब तुम मुझे महाराज गुरुदेव कहकर बुलाते हो ना तो मैं अभी तो तुम्हें इज्जत से मान्यवर कह के बुलाता हूं ना तब फ्रांस में महाराज सुनाई देता है सब गुरुदेव सुनाई देता है अब मैं भी मैं तो अब तक तू खोल दो कि तुम क्या करोगे मुल्क हमारा आज है ऐसे होना चाहिए महाराज ध्यान रखना तो चना एक आदमी मुझे गाली दे जाए गलत बात है अच्छी बात हां बोलो जोर से बोलो यह मेरा नंबर आया तो आवाज नहीं निकल रही है एक आदमी बचेगा कि मैं उसे आप अच्छा बोलोगे या बुरा बुरा बोल दे रहे गलत है गुरुदेव शुक्रवार को ही तो खड़े हो जाए में निकाल तो आप इसको हमारे ग्रुप में कुछ समझ नहीं आ रहा और बताओ यदि मैंने पलटकर उसे गाली देती यह कैसी बात है वो बोले क्यों अभी तो वह गलत था ना हम्म मैं गलत कैसे हो गया का ज्ञान रखना मैं अभी कौन गलत था जब गाली दे रहा है मैं और मेरा निप्पल कर दो को टर्न रखना वह तो गलत था कि मेरे गाली दे दी मैं उससे भी ज्यादा गलत हो गया ध्यान रखना अब लोग उसे भूल जाएंगे वो कितनी भी गाली दे उसके कितनी गलती हो अब चौराहों पर लुटवाई किसकी होगी फॉलो सागर की होगी उसकी होगी यदि मैं जवाब ना दोस्तों ओबराय उसकी होगी और मैंने गाली दे रही तो आप ही मुझसे कमरे में कहेंगे महाराज है अबे शर्मा कि वे समुद्र में गलती की है उसमें गाली भी गलत है नहीं रहा हूं कि क्या फैन हाथों महाराष्ट्रियन हुआ था तो समझदार पीना आखिरी यानि दैणा आपको जवाब नहीं देना चाहिए मान्य वध यह बातें अकेले पुलक सागर पर मत लगाओ अपने घर मोहल्ले और पड़ोस में भी लगा लो कि सामने वाला अपशब्द बोल रहा है तेरी हम और कहा मुझे ज्यादा हुआ था हो जाएंगे ध्यान रखना जैन साहब सुनना है वैसा बोलना शुरू कर रख अच्छा सुनना है अच्छा बोलो प्रेम के सबक कि हिंसक जानवरों की मौत का नियम है हंसी के बदले दुनिया में हंसी मिलती है और फांसी के बदले दुनिया में फांसी मिला कर सकती है मांग आज हम घर परिवार में प्रेम से नहीं बोलते हैं कि पड़ोस में खाना खाने जाते हैं कि अ सिलेक्शन और कोई पुरानी हो और उसी किताब भाई सब क्या हुआ खाओ ना नहीं अच्छा नहीं बनाकर नहीं बोलते क्या बोलते नहीं तुमको पानी पीने के लिए खराब है तो क्या नहीं नहीं नहीं भाई साहब जरूर लग रहा खाने में बहुत कि कुछ नहीं भरा था कमर है वे से लेकिन क्या करें व अंदर भी नहीं जा रहा है तो क्या करेगा वह ऐसा वर्मा खाना बना है करें में दो बार मेरा चतुर्मास थोड़ा सा 500 लोगों का खाना बना शाम को अध्यक्ष आया यहां का नहीं अशोक जी की कि मैं यहां नहीं आ ये हमको और चाहिए और सुनाओ कि क्या व्रत करते हैं क्या आपके यहां सिल बाद में ताकत है फिर क्यों क्या हुआ पूरे 5 में बनाया एक हजार लोग खादय क्या दुआ है आपके गजब हो गया आप मेकअप 500 में 5000 कैसे खर्च यौन मेरे समझ गया उनका तेरा अक्षरा बनाए इसलिए बचाए रखे हैं तूने भोजन ऐसा बनाया है 5,000 क्या 5 लाख भी काफी चले जाएंगे सबने देखा और चलेगा है कि वह जिंदगी की सूचना मान्य वक्त आप से मेरा निवेदन है ने बड़ी विनम्रता के साथ का सम्मान दीजिए के प्रेम ने मैं प्रेम की बड़ी ताकत दुनिया में कोई दूसरी नहीं हो सकती है कि इस सास-बहू में झगड़ा हो गया और बहू पहुंच गई कि किसी ज्योतिषी पंडित के पास हो गई ब्रॉन हो गई गलत दिशा में चली गई एक पंडित के पास पति मैं पंडित की बीवी उसकी रोज बनाई करती यह समस्या लेकर पहुंचे हैं वह हमने झगड़ा बहुत हो रहा है कुछ कर दो वो बोली ठीक है पंडित ने मालूम क्या किया कि एक शहद किसी डेढ वो बोले इस हल्की सी ले जा मैं जब भी में तेरी सांस गुस्सा हो उसको एक चम्मच घोलकर पिला देना ए रिप्लाई ओं है अब गुस्सा में कौन सी साथ पी रही है है जैसे चम्मच भरी सांस ने वहीं चम्मच उठा कर दो जमाए ₹4000 अरे बापू बड़ा लफड़ा हो गया वो मेरे पास आई मुझे महाराज और कुछ बताओ मिलने का क्या हुआ कि पुले सहित किसी रखी है है लेकिन उसको तो कुछ ऐसा होता ही नहीं मिल कर काम कर उस सहित किसी सिर्फ है मैं जैन हूं मैं शहद का विरोध करता हूं के मुताबिक सिलसिला जाकर शक्कर की चासनी बना बेहतर एल त्यौहार है एक समय था जब मुझे गुस्सा है जब तेरा मन खराब हो कि इस तहत पुलिस माध्यम मत बताओ वह नहीं पीने वाली है मिल्क अपनी पिएगी मालूम है वह तो नीम का काढ़ा पीछे बैठिए ध्यान रखना एक काम करना इस सहित किसी उसके गिलास में उड़ने की जगह अपने हूं मैं ऑयल लेना और मीठी वाणी निकालना देख ना तेरे भवन में चमत्कार घटित हो जाएगा तेरे जीवन में एक तो मैंने कहा पगली चासनी अथवा शहद कोसी में रखो कोई परिवर्तन नहीं आएगा यह मिठास अपनी जुबान में डाल लो जीवन में परिवर्तन अपने यहां पर आ जाया करता है तो ले लो है आजकल घर परिवार में इज्जत से नहीं बोलते धन्यवाद की भाषा सीख लो सॉरी की भाषा सीख को गलती हो जाए सॉरी मनाइए कि हनुमान जयंती के है का अनुवाद पहले पत्नी बहुत अच्छे से काम करें बचाओ कोशिश तो करो नहीं करता है इसलिए करता है मेरे से पैसा नहीं चाहिए बस एक बार महाराज उसकी मेहनत और शपथ ली और क्या चाहिए लोगों को एक मुस्कुराहट जुबान पर जाना को मिल जाता है शरीर वो मुस्कुरा कर जवाब हेलो हो हो जीवन तुम्हारा सही हो जाएगा हां मालूम है को रूखा सूखा भोजन हो चलेगा कि चटनी रोटी खा लेंगे लेकिन भोजन में क्या होना चाहिए प्रेम होना चाहिए महिलाओं से मिले भीतर इनकी हो गई छुट्टी यह तुम्हारा नंबर है है इधर मुंह कर लेता हूं कि महिलाओं पर रंग रोगन है जी हां में एक बात याद रखना का स्वाद दूध मिश्रित मसालों में नहीं होता स्वाद भीतर के प्रेम में होता है मां जब भोजन बनाती है तो बड़ा स्वादिष्ट लगता है हर कोई कहते मां के हाथ के खाने का जवाब नहीं क्यों क्योंकि उसके चार बच्चे यदि है तो चार बच्चों के लिए भीतर का प्रेम रेल करके भोजन बुलाया करती है इसलिए भोजन बड़ा स्वादिष्ट दुआ करता है राणा मां यह बहुत ज्यादा कुछ लोग है ना जो मेरे हार के बाद कि वृक्षों के में भोजन करते हैं प्रसाद लेते हैं उबला बनता है ज्यादा तुम्हारे जैसा मिर्च मसाला नहीं होता लेकिन इतना स्वादिष्ट होता है इतना स्वादिष्ट मुझे नहीं मालूम है तो रूटीन में है तो भी लोग बताते हो महाराज के यहां का भोजन प्रसाद बड़ा स्वादिष्ट लगा करता है क्यों लगता है वह हमारी माताएं बहने 4 4 6 10 तक माताएं बहनें आती हैं भोजन बनाती हैं मिर्च मसाला कम डालते हैं भक्ति का प्रेम ज्यादा डाला करती हैं वह जन्म बड़ा स्वादिष्ट चाहिए बहुत स्वादिष्ठ होता है मालूम है आपको नारायण कृष्णन हस्तिनापुर गए इस संधि का प्रस्ताव लेकर ये दुनिया अगर संधि कर लो कि पांडवों ने 1 कि अश्ल का जगह-जगह स्वागत हुआ नारायण कृष्ण का समय कम है जल्दी समेत जलेश्वर का पुष्प के निकट जा रहे हैं पीतांबर मोर मुकुट धारण किए बंसी कमर में बंधी है सुदर्शन चक्र लिए नारायण तहसील शोभा पा रहे हैं ब्रश में बैठकर के हस्तिनापुर में उनका प्रवेश होता है प्रश्न निकला गांव की हस्तिनापुर की बीच उससे एक झोपड़ी नहीं खरीद इदरीस मैं देखती है कृष्ण को कृष्ण ने मुसकरा दिया उसने सोचा मुझे अभी देखिए घर क्या कभी कृष्ण पाऊंगा बंद कराएंगे कि हमारे घर सम्राट कैसे आएंगे द्वारिकाधीश सम्राट हम गरीब हां क्यों आएंगे लेकिन वह गरीब जैसे ही मुस्कुराहट देखी हमरो मुस्क और कृष्णमय परिवर्तन के महल में तहरीर संदीप अवस्थी कि फाइल भाई की लड़ाई अच्छी नहीं यह परिवर्तन पांडवों से संधि कर और इधर उधर ही वैधानिक और कहां समझ में आता है बचपन से ही लुधि कि बचपन से यदि कुटिल कुछ भी लेकर पैदा हुआ था और कृष्ण के शब्द समझ में ना आए में गहरा घाव कि मुझे तुम्हारा प्रस्ताव स्वीकार है कि चोटी सी जमीन का टुकड़ा तो क्या ने पांडवों को सुई की नोक के बराबर पीछे हटने को तैयार नहीं यह तोहरे पुतरिया हो गए अनुसार के पुतरिया यहां के छल मत करो तो किसने कहा देखो तरीकों धन एक बार और निवेदन है महावीर वैष्णव ने अपने पुत्र को समझाओ सर्वनाश को आमंत्रण मित्रों कैंडी क्रश ने कहा कि शव मैं पुत्र मोह में अंधा कि अयोध्या अनुशासन में कहा कि अवधी नहीं हो सकती है जो तु कजरा लगा के तैयार हो रहे हो कुल शहर मैं तुम्हारे कौरव वंश का नाम-निशान न मिटेगा दुर्योधन ने कहा कि कृष्णा सोच समझ करके बोलिए कि तुम हमारे रिश्तेदार ना होते तो उन्हें बंधक बना दिया जाता कृष्ण ने कहा मुझे बांधने वाला जगत में कोई पैदा खत्म नहीं हुआ है लेकिन यार और सुनाओ का मुद्दा एक मुलाकात अजय देवगन ने कहा है कि शव है कि राजनीति की बातें थी कि चलो महल में मोहन भोग बना है भोजन करिए क्या लोग से पहले के दुश्मन भी आ जाएं तो भोजन कराया करते थे आज के लोग पहले के लोग मालूम है पहले के लोग जब भोजन करते थे ना तो दरवाजे पर आंगन पर खड़े होकर कहते थे कोई या भय तो हम खाएं और आज के आदमी कहते हैं यह जहां पर हैं तो हम खरबे कितना बदल गया पहले दुश्मन को भी प्रेम से खिला करते मनोहर से खिलाया करते हैं कृष्ण नहीं देवगन आज नहीं कि आज मेरा निमंत्रण कहीं और है अजय देवगन ने कहा मैंने आप की बात नहीं मानी तो आप मेरा भोजन स्वीकार नहीं करेंगे कि नहीं प्रयोगस्थल राजनीति अलग चीज हैं मानव एकता अलग चीज हुआ करते हैं मैं तुम्हारे महल के भोजन कभी जरूर करो लेकिन पांचवें रानी मंत्र कहीं और हुआ है लौटते प्रश्न दौड़े-दौड़े गए थे से जुड़ी में दरवाजा खटखटाया था कि कपिल एप तो उसने कहा कौन होगा आ जाओ अभी हमारे स्वामी घर पर नहीं है हम द्वार नहीं खोल सकते हैं किसने कहा था कि बार खोलकर तो देखो कौन आया है कोई कि ब्रेकअप उत्सुक है अभी हम अपने द्वार नहीं खोलें ताकि बहुत भूख लगी भूखा हूं मैं तड़प रहा हूं से बाहर हमारे देश की संस्कृति यदि कोई भूमिका दरवाजे पर आ जाए तो फिर मर्यादाओं का ध्यान नहीं रखते हैं [ __ ] बढ़ाकर के द्वार खोल दिया करते हैं कोई होगा मैं भूखे प्यासे के लिए किसी के द्वार बंद नहीं होना चाहिए कि गई दौड़ी-दौड़ी दरवाजे की कुंडी खोली एक लाख लिए कछुए नारायण मल्लिक आदि भावविह्वल हो रही है नांदल जाती है कि विधायिका देश में खड़े कि शिव मेरे द्वार पर यह तो मैं गरीब कभी सोच भी नहीं सकती सब मौन हो गए यह निकल नहीं रहे एक बात याद रखना जब प्रेम प्रगाढ होता है ना तो भाषा मौन हो जाया करती है शब्द नहीं निकला करते हैं आंखों से जलधारा बह जाती है उसने देखा जो मैंने कभी सोचा नहीं वह मेरे सामने नारायण नारायण मिश्र ने कहा कि जाति अंदर आने का नहीं बोला कैसे भोले सुध-बुध खो गई बावली हो गई इशारा किया पधारो नारायण शब्द नहीं है कंठ रूंध रहा है दुर्रानी का उस लेगा अबे भूख नहीं है मरे अभी खाना दे दोस्तों कि मैं जाती है फिर बाहर फिर भी तर्क क्या करें बावली हो गई दीवानी हो गई उस दिन भोजन में कुछ भी नहीं था हंडी में भोजन पक रहा था उसे एक हफ्ते सॉन्ग हिसार कि नहीं क्योंकि मेरे पास समय नहीं यह बात करें घर में भोजन नहीं यहां द्वारिकाधीश बैठे हुए हैं वाह रे कन्हैया वाह रे चहुं ओरे इसमें काजू पीछे गई दो चित्तौड़ ऑस्ट्रेलियाई बैठ गई जमीन पर के शव बैठे खातिर पर केले छील मिलती है खाना तो है नहीं कि देखा जो श्री नखत तो ऐसे ही होते हैं जब तुम मंदिर से घर जाते हो ना मालूम ने जब तक मंदिर में रहो भूख नहीं लगती है मंदिर से लौट टो सीढ़ी चढ़ना मुश्किल होती है बन गया कि मुझे दुकान लगा है कि की वही स्थिति के लचीले आलू भाव विह्वल इद्राणी प्रेम में डूबी कृष्ण के छिलके छिलके पकड़ आती है अकेले-अकेले हफ्ते जाती है और तैयारी छिलके खाए जा रहेगा अपने पार्टनर के साथ विद्यालय इधर ने देखा कि आज हम गरीब की झोपड़ी में द्वारिकाधीश पता देखने नारायण धन्य हो गई मेरी कुटिया तुम्हारे आने से बंद हो गया मेरा जीवन तो उसने कहा देखो कितना स्वाद आ रहा है दिल ने कहा पहले कि बुक्स ओं नाइन तो बहुत भूख लगी है लव खेले खिला रही हो पागल तो सही क्या देखो पगली खिला रही है कि लेखक रही है बावजूद हो रही है तू उसने देखा बीईए कृष्ण को विदुरजी ने एक केला दिया जैसी अकेला दिया गले में के खिलाफ हत्या शिकायत किसने के लाख लिया विदुर ने कहा नारायण क्या गलती हुई मुझसे बोले बहुत भारी गलती हुई तुमसे विदुरजी तुम ज्ञानी हो यह भक्ति में डूबी है कि दूर महाराज के का का गुर्गा तुम्हारे ज्ञान के किले में वह आनंद नहीं है जो भक्ति के छिलकों में मुझे आनंद प्राप्त कर रहा था ऐसा लग रहा था ऐसा लग रहा था जैसे मैया यशोदा माखन रोटी खिला रही हो विपिन दो के मीडिया प्रमुख में प्रवेश न कर सका एक बात याद रख को कि केले के छिलके ले लिए नारायण कृष्ण में प्रेम के वशीभूत होकर प्रेम के वशीभूत होंगे श्री राम जी ने शबरी के झूठे बेर खाए लिए ध्यान रखना पीली के बेर राम प्रेम के वशीभूत होकर लक्ष्मण ने कहा कि अब इसे बेलने के झूठे पर क्वा कि मैं आज भी लक्ष्मण ने बेर लिए और खेत दिए पीछे ध्यान रखना मालूम है आपको यह रामायण नहीं मालूम होगी जैसे पीछे पैकेज न कृष्ण राम ने कहा किसी का प्रेम मत ठुकराओ लक्ष्मण यह प्रेम है भी नीम का तेल के वशीभूत होकर भी लेने के जूठे बेर खाए और जब एक दिन लक्ष्मण को शक्ति लगती है ना यही बेर संजीवनी बनकर उनकी और सभी भूल जाया करते हैं ध्यान रखें किसी कपड़े मत ठुकराना जीवन में है तो यहीं प्रेम तब बनके पैदा होता है रात्रि लिए झूठे बेर लिए कृष्ण के लिए और हमारे महावीर ने चंदन के प्रेम के वशीभूत होकर बढ़त के छिलकों का हाथ ले लिया करते हैं कौन कहता है भोजन में स्वाद होता है स्वाद भोजन मेरी अधिकतर के पहनने हुआ करता है जब मैं ग्रहण करके चौकी में जाता हूं ना भी माताएं बहनें भाव प्रबल हो जाती हैं मन शुद्धि एवं रसद अधिकारी की सब्जी क्या बोलना और क्या बोले जाती है प्रेम है इनका ध्यान रखना जब यह गलतियां करती हैं तो गुस्सा नहीं आता उस समय मुस्कुराहट का 380 आती है यह भक्ति में डूबी इसे यह नहीं मालूम कि प्रक्षाल पाद प्रक्षालन कॉल करना है के सामने रखना प्रभाव भी वाले हैं भक्ति में प्रेम में कोई रीति-रिवाज और संविधान नहीं चला करता है मनी वक्त महिलाओं से एक अंतिम बात कह रहा हूं आपके घर में मिर्च-मसाले लगे इस दिव्य रखे होंगे चिप लगी होगी धनियां गरम मसाला मिर्ची आठ नमाज जीरा चित्र लगा कर रखते होना एक से जिम्मे आ जाए तो एक डिब्बा और आज यहां से लेकर जाओ ज्ञान गंगा महोत्सव से बुक खाली डिब्बा होना चाहिए उसमें कोई नशा मैं इसमें 25 लगा देना उसमे लिखना अहम वो जब भी भोजन बनाने बैठो मिर्च मसाला डालो एक प्रेम का टिफिन उलट दिया करो ध्यान रखना भोजन तुम्हारा प्रसाद बन जाएगा फ्रोजन तुम्हारा आनंदवन जाएगा और जितना अच्छा भोजन बनता है बीमार क्यों रहते हैं लोग प्रेम का आभाव है ऐसा मत करो कि देवर आया तो पानी पानी पति आया तो मलाई मलाई जा रही है याद रखना भूल मत करना कभी जिंदगी में प्रेम का रस डाल देना जीवन में भोजन में इतनी बरकत होगी थ्री अब जैसे किसी संत के हार का प्रसाद वितरण कर रहे हो प्रेम से बड़ा दुनिया में आपसे अंतिम निवेदन ने कहा कि आपके रिश्तेदार कि अलग-अलग दो-तीन मिनट ज्यादा हो गए हैं मेरा अजय मेरा स्वीकार करो इस सप्ताह में एक दिन थोड़े रिश्तेदार एक साथ बैठकर भोजन किया करो एक मिल सकता है पूरी फैमिली में जितने मेंबर हो एक दिन ऐसा निकालो एक थाली में बैठ करके खाओ जीवन का आनंद होगा मान्यवर न करें कि उनका कि 15 दिन में ना कर सको महीने में एक बात सामूहिक भोजन करना है यदि समाज में प्रेम रखना है तो मंदिर में सामूहिक भजन किया करो घर में प्रेम रखना है सामूहिक भोजन किया करो तुम्हारे जीवन में प्रेम है प्रेम होगा सास-बहू से निवेदन है रेस्टोरेंट में जाते हो जाए खनन एक बॉटल आती है कोका कोला कि हम सबकी इधर से पाइप डाल उधर से पावडर लाख इधर से पति की चिता उधर से पत्नी की स्थिति है एक बोतल घर ले आओ दो पाइप डालो इधर से सात पीछे मुगल से बहुत ये ही अधिक आनंद जाएगा सुखी हो जाएगा तुम्हारा जीवन आप सबने सुना अनुग्रहित हूं है जय मां जय हो
ओम नमः शिवाय दिव्या ही हो कि हो ओम नमः शिवाय देवता ही कि हो ओम नमः शिवाय देवता ही कि यदि संभावना प्रमुदित मणा दर्द युद्ध छिड़ा स्वर्गी गणित समृध्दि लव अमेज़ अधिवक्ता शिव समाज की दाणा महावीर स्वामी नयन पथगामी महावीर स्वामी नयनपथ-गामी भवतु मे महावीर स्वामी नयनपथ-गामी भवतु मे प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव भगवान की भगवान महावीर स्वामी की परम पूज्य गुरुदेव आचार्य श्री पुष्पदंत सागर जी महाराज की अहिंसा परमों धर्म की है और सुनाओ टेरिटरी भव्यात्माओं है जो मनुष्य सामाजिक प्राणी है और समाज के बीच रहता है उठता है बैठता है को अपने जीवन का विकास करता है कि वह एक ऐसी जगह जन्म लेता है और ऐसी जगह जीवन जीता है और ऐसी जगह से विदा होता है जिसका नाम परिवार हो हम तीन भाई मेरे कमरे में आए थे कि उन्होंने मुझसे कहा कि मुनि श्री मुझे आपका थोड़ा समय चाहिए मैं निकाल 4 बजे के बाद में फ्री हो जाता हूं में आ जाना है ये तीनों है यहां करके रोने लगे फूट-फूटकर रोने लगे मैं अकेला था तो मैंने कहा रोते क्यों ये तीनों भाइयों ने हाथ जोड़कर हम से निवेदन किया कि महाराज जी कि हम तीनों भाइयों को एक कल तो हो कि मैं तो समझा आपको इस बिजनेस की उसमें आए होंगे कि व्यापार नहीं चल रहा है मैं समझा आपको यह को तकलीफ होगी इसलिए आए होंगे उन्होंने बड़ी अच्छी सात्विक प्रार्थना की कि हे महाराज तीनों भाइयों ने तो मैंने कहा कि जब तीनों एक साथ आए हो हैं तो एक तो हो ही अलग-अलग कहां हो कि उन्होंने कहा कि महाराज हम आए तो एक साथ हैं आपके पास और हम तीनों भाइयों में अटूट प्रेम है अटूट प्रेम है हम सीधा ही बचपन से साथ रहे हैं कि माता-पिता से पैदा हुए हैं हम बचपन में झगड़ते थे बचपन में भी लड़ते थे हमारे बाद विवाद बचपन में भी होते थे लेकिन महाराज थोड़ी देर बाद हम फिर एक हो जाया करते थे सुबह लड़ लेते थे दोपहर कसाईखाना साथ में खाया करते थे तू-तू मैं-मैं हो जाती थी शाम को फिर एक हो जाया करते थे कभी बड़ा भाई कुछ कहना था तो छोटा चुप हो जाता था कि छोटा कुछ कहता था तो बीच वाला भाई चिपक जाता था कभी-कभी ऐसा भी होता था कि तीनों कहते थे और मम्मी पापा हमें एक कर दिया करते थे ऐसा जीवन हमने दिया है ऐसी हमारी जिंदगी रही है आज हम बहुत है लेकिन मजबूर हैं महाराज कि हम लोग साथ नहीं रह पा रहे हैं तो मैंने कहा क्या हो गया तुमको के ही एक भाई जज उन देखी शरीर एक जिस्म के रूप में रहने वाले तीन भाई एक ही मां-बाप से पैदा होने वाले एक ही घर में जीने वाले कि एक दूसरे की भावनाओं की कद्र करने वाले आज एक संत के सामने हाथ जोड़कर के रहे हैं कि हमको एक क्या हो जाता है साथ अमीर कि मुझे समझ नहीं आता आ कि है खून आपस में इतना क्यों बढ़ जाता है कि ऐसा क्या चीन में पड़ जाता है हां भाई भाई के साथ रहना उसे दुश्वार हो जाएगा करता है हे भाई दूसरे भाई के साथ नहीं रह सकता है अपने बच्चों को खिलाता है दूसरों के बच्चों के लिए तरसता है ऐसा क्या जीवन में घट जाता है इस शक्तियां हो जाता है बड़े होकर छोटे में तो एक ही रहते हैं बड़े होकर क्या हो जाता है है कि एक दूसरे के साथ रहना दोनों का दृश्य वार हो जाता है कि मैंने बहुत सोचा है कि आखिर इनकी जिंदगी में ऐसा क्या घट गया जो एक खून अलग-अलग धाराओं में बंट गया अरे कुछ तो बोल बाला है और क्या हो सकता है और बताइए छोटे में लड़ते हो झगड़ते हो मारपीट होती है तू-तू मैं-मैं करते हो उसके बाद भी रहते तो चार दीवारों एक छत के नीचे होता बड़े होने के बाद ऐसा क्या हो जाता है कि एक दूसरे से बोलने को तैयार नहीं होते हो फिर दूसरे एक हथौड़े अनुसार दीवार के नीचे रह नहीं पाते झालावाड़ कब होता है कोई पुष्प मुझे बता दे है तो मैं सोचूंगा कि मुझे प्रवचन की जरूरत नहीं है कि ऐसा क्यों हो जाता है कब होता है फाल क्या कोई बता सकता है आपकी तो बीत रही है ना अ ऐसा क्या हो जाता है ऐसा बोलो घबराओ नहीं मडर कि मैं हूं ना आ जाऊंगा क्या हो जाता है कोई बता दे बोलो कि बिना माइक के बोलने का तैयार है ए नाइस दो भाई उसको देखो बोल रहा हूं ऐसा जीवन में कौन सा मोड आता है कौन सी गली आ जाती है एक समय ऐसा जाता है जान तो भाई आपस में साथ नहीं रह सकते हैं ओम गुरुदेव के चरणों में नमोस्तु गुरुदेव पहले एक ही राशन कार्ड में पूरे परिवार का नाम होता है बड़ा होकर शादी हो जाती है घरवाले उनका अलग-अलग राशन कार्ड बना देते हैं पीढ़ी-दर-पीढ़ी वहीं चलता है पहले परिवार में मां-बेटे वह बच्चन मत कर दो कि बच्चे वाइफ में नहीं जो सही बात है वह तू बता नहीं रहा है बैठे हैं कि कोई बताइए भाई भाई अलग क्यों हो जाते हैं कि ऐसा रही है कि उनका साथ कहासुनी नहीं होती थी पहले ऐसा नहीं है कि एक दूसरे की बातें नहीं काटते सब कुछ करते थे फिर भी एक छत के नीचे रहते थे ऐसा कौन सा मोड जिंदगी में आता है मैं दो भाई अलग हो जाते हैं में एक शेर ने दिलेरी की है कि बाकी पर शमी आ रहे हैं कि घर जाकर फिर क्लास लगेगी कि यह तो जिंदा शेर खड़ा हुआ ध्यान रखना कोई बात नहीं मेरी सभा में शेर बन जाओ नहीं तो हालात तो ऐसे यह आदमी को मैंने देखा क्यों रे तू ऑफिस में बड़ा शेर बना घूमता है दुकान में बड़ा शेर बना घूमता है घर में जाकर तुझे क्या हो जाता है बोले महाराज पेड़ तो मैं घर में भी रहता हूं लेकिन घर में जाता हूं तो दुर्गा जी ऊपर बैठ जाती है इसलिए मैं भीगी बिल्ली हो जाया करता हूं एक तेल में मान्यवर और आनंद तो इस बात का है कि जिसके लिए बोल रहा है वहीं तालियां बजाती है तो क्या हुआ से ज्यादा रखो के द्वार खुले रहते हैं खून एक ही घर में पैदा होने वाले एक साथ रहा करते हैं मान्यवर ना जाए जिंदगी में ऐसा कौन सा खून आ जाता है जो एक खून को दूर करने का प्रयास करता है ज्यादा रखिए खून आ जाता है दूसरे घर का ध्यान रखना जो आपके घर के खून को बात किया करते थे मुझे क्षमा करें बात सच गलत नहीं है लेकिन सच है ये कैसा क्या चीन में घट गया तुम्हारे कल कल तो यह हाल चाल भाई यह वाली नदी खा लेते थे पर इस बार आपने इस घर को चार बेटियों को पाल-पोसकर के विवाह करके विदा कर दिया उस समय वह घर छोटा नहीं लगा एक बहू की जाती है वह कैसी है कि मकान छोटा है और चार बेटियां चार बेटे पर हैं उनके लिए मकान छोटा नहीं लगा एक क्या शहजादा ही आ जाती है उसी मकान छोटा लगता है ध्यान रखिए मान्यवर कि एक परिवार की चर्चा कर रहा हूं कि हे गूंज ऐसा कहा जाता है हमारे घर में हमारे खून को है हां भाई भाई के खून तो एक ही हुआ करते हैं पराया खून आता है यह बात का दुख तो तब होता है कि जिस खून को बड़े बाजे-गाजे के साथ विवाह करके लाते हैं एक बात याद रखना वह खून जो शादी करके घर में आता है मैं कहता हूं वह खून ऐसा प्राय खून कभी इस घर को अपना घर नहीं समझ पाता है तभी इन मां-बाप को अपना मां-बाप नहीं समझ पाता है कभी देवर को भाई नहीं समझ पाती है कि अभिनंद तो बहन नहीं समझ पाती है वह हमेशा दूरियां बनाकर के रहा करती है एक बात याद रखना जरूरी स्थल को अपना ख्याल मान लिया होता तो आज यह दशा घरों की होने वाली नहीं थी एक बात इस मिश्रण में रखना जरूरी यह घर तुमने अपना घर माना होता तो कभी तुम अपने पति से यह नहीं कह रही होती आज शाम को जब वह थका-हारा लौटकर के जाता है तो जो निकलता है कमरे में जाता है वहां पर शिकायतों की लिस्ट तैयार रहा करती है तुम्हारी मां ने मुझे ऐसा कहा तुम्हारे पिताजी ने मुझे ऐसा कहा तुम्हारे भाई ने मुझे ऐसा कहा क्या करे वह बेचारा लड़का या पत्नी का हो पाता घृत हो पाता है तो कहा था कि ससुराल में होती है चार लोगों को बता देती हैं लेकिन यह रे छोरे जब शादी हो जाते हैं ना मां का पक्ष लेते हैं तो पत्नी दिखाती है और प्रतिनिधि का पक्ष लेते हैं तो वह आंख की स्थिति गंभीर है लेकिन नियंत्रण में मौजूद थे तब तक नियंत्रण में स्थिति आपके घरों की ओर कि जब बेटा समझाता है कि माधुरी है बुजुर्ग है कोई बात नहीं कह दिया तो कह दिया क्या होता है इसमें क्या पूरा मानना सुनो मां तुम्हारी तुम सुनो हम सुनने वाले नहीं महाभारत प्रस्तुतकर्ता गोदरेज की कि मैं इसे महाभारत शुरू हो जाए रात कि है हम तीनो भाई मेरे पास आए आतंकियों ने कहा महाराज हमें एक कर दीजिए मेघा तुम तो यह खोज बोले हम दिल से तो यह है कि हम एक साथ रह नहीं सकते हैं इनका बजे क्या है वो बोले हमारी पत्नियों की आपस में बनती नहीं है देवरानी की जिठानी से नहीं बनती जिठानी की देवरानी से नहीं बनती है एक दूसरे के साथ बैठना पसंद नहीं करते हैं बात करना पसंद नहीं करते हैं और उसका दुष्परिणाम हम भाइयों के जीवन में दिखा करता है हमने ऐसे भी लोग देखे हैं सूरत वालों कि चाहिए बड़े पिताजी अपने भतीजे को यदि ₹100 भी देते हैं ना तो पत्नी से छुप-छुप कर दिया करते हैं पत्नी को पता नहीं चलना चाहिए एक पति जहाज अपने ताऊ के पास जाता है यदि उसे कुछ लेना है ना तो छिप करके मैंने ऐसे भी घर देखे हैं इस त्योहार पर भी बहू बेटियां जब आती हैं सावन मनाने व बेटी आती है ना तो एक माता-पिता छुप-छुप कर बच्चों से अपनी बेटियों को उपहार दिया करते हैं उन्हें मिठाई दिया करते हैं उन यह सारी क्रिया करते हैं बड़ा भाई कैसा है तेरी भाभी को पता ना चल जाए और चुपचाप इसे रख लें बहते भी माहौल बन गए हमारे घरों में हम छुप-छुप कर व्यवहार निभाना पड़ते हैं छुप-छुप कर मिलना पड़ता है उन तीनों भाइयों ने कहा कि आज हम आपके चरणों में आए हैं महाराज हम छिप-छिपकर 39 आए हैं हमारी पत्नी यानि चाहती है कि हम एक साथ बैठे हैं हम पत्नी आ रही चाहती हैं यह भाई हो मैं प्रेम होना चाहिए पहले तो वह समय था कि बड़ा भाई कुछ बोल दे तो छोटा भाई चुप हो जाता था और आज महाराज मिर्च पोता हूं ना तो मेरी पत्नी मुझसे कहती है कि अब नहीं बोलोगे बुद्धूराम तो कब बोलोगे जिंदगी ऐसे ही उतार दोगे है अपने बारे में कुछ नहीं सोचना है सब भाइयों का करते रहोगे जितने उलाहे मिलते हैं तब हुए हैं कि एक निवेदन स्वीकार करो एक बात बताना इमानदारी से जब जब सावन आता है ना किसकी याद आती है एक बार ईमानदार नमस्ते भाई की आराधना सावन हां भाई की याद आती है भाई से मिलने का मन करता है ना कि जा करके उसे राखी बांधो रक्षाबंधन पर हर साल छह महीने में चार महीने छह महीने में मन करता है कि भाई से बात कर लूं चाहत से महीने तो बहुत अब तो मोबाइल है ना तो रोज रोज बात होती है सुबह इस आम बात हो जाया करती है भैया से बात कर लो भाभी से बात कर लो कितना मन करता है अपने भाई से मिलने का देवी जरा इतना बता दो जब दूर पीहर में तुम्हारा भाई रहता है हर त्योहार में मिलने का मन करता है भाई से बात करने का मन करता है उसे उपहार देने का मन करता है यह बात कितनी तो बता दो इनका भी तो भाई है कोई दुश्मन नहीं है इनका भी तो मन करता होगा अपने भाई से मिलने का है न कभी तो दिल करता होगा अपने भाई से मिलने का हर जैसे तुम्हारा भाई है वैसे ही निकाह भी हुआ करता है यदि किसी घर को स्वर्ग बनाना है मंदिर बनाना है 17 रखना जो घरों का बंटवारा करती है वह बहु होती है और जो घरों को यह करती है वह बहु रानी हुआ करती है कुछ एक है लक्ष्मी कह करके बुलाया आइस जाता है कि इल्जाम तुम्हारे सिर पर आ रहा है कि पत्नियों ने आप दो भाइयों को कर दिया है और कभी अपने मकान की दीवारों पर कान लगाकर सुनना कि उन दीवारों से आवाज आती है वह दीवारें आपस में बात करती हैं हम चार दीवारों में एक सतवंत रखा है हम चार दीवारों ने एक घर को जोड़कर रखा है हम खड़े रहते हैं बनाने वाला बिखर जाता है कि का विकेट से जब होंठ जुड़ती है ना है तो मजबूत दीवार खड़ी होती है पेट को इट से जोड़ना पड़ता है तब मजबूत मकान बना करता है दिल को दिल से जोड़ों तो घर का निर्माण हो जाया करता है घर बन जाया करता है परिवार--1 जाया करता है इट से इट जोड़ों तो मकान बनता है और दिल से दिल जोड़ों तो रिश्ते देते बना करते हैं ध्यान रखना मकान कहता है हम तो वहीं खड़े हैं यह गए हैं कि मान्यवर है इससे भी पिछड़ने से इस मकान में मजबूती आती है और मन से मन जोड़ने से परिवार में मजबूती आती है जानू को आप सीखना निवेदितम् मैं इतनी पढ़ी लिखी हो गई यह दुनिया ने इतनी तरक्की कर ली शिक्षा ने कि लोग मंगल ग्रह में जाने को तैयार है कि सारी दुनिया मंगल ग्रह को ढूंढ रही है वहां मकान ढूंढ रही है वहां जीवन ढूंढ रही है चांद पर जीवन ढूंढ रहे हैं लोग मंगलमय जीवन मढा जीवन में मंगल ले आओ तुम्हारा दीना पाठक हो जाएगा तुम्हारा जीना घने हो जाएगा जीवन मंगल ही मंगल में जाने की जरूरत क्या है हमारे यहां तो हम मंगल को अपने दिलों में अवतार करके रखा कर सदन में मंगल लाने का प्रयास करें ल हां भाई बहुत दुखी थे को मिल नहीं पाते कि उन्होंने कहा कि आपकी याद करो महाराज जी एक बात याद रखना है इस मकान की वजह से अलग हो जाओ कोई बात नहीं कि मकान छोटे हैं परिवार बढ़ रहा है अलग होना पड़ता है इस मकान की दूरी अचल जाएंगी लेकिन तिलों की और मन की दूरियां नहीं चलना चाहिए मकान की वजह से दो भाई अलग रहे तो चलता है लेकिन उनकी वजह से दो भाई अलग हो जाए दोस्त नहीं होता ध्यान रखना मकान का बंटवारा फिर भी कोई बड़ी बात नहीं है दुख तो इस बात का है कि मकान के बहाने हम संपत्ति का बंटवारा नहीं करते हैं अपनी संवेदना और का बंटवारा कर देते हैं अपनी भावनाओं का बंटवारा कर देते हैं तीनों भाई बहुत दुखी थे कि रहेंगे जब तक प्रवचन पूरा नहीं अभी तो बैठे हैं लिए हमें एक कर दो हर्ज है कि हम सब के बच्चे हैं की स्थिति तो यह आ गई है कि जुटाने का बच्चे देवरानी के घर में खेलने चला जाएगा मैं तुझे ठान रोक देती है वह मत जाओ चाची अच्छी नहीं है वह मत जाओ भाभी अच्छी नहीं है वह मत जाओ बड़ी मम्मी अच्छी है का रेशा बीज बोते बोलते बोलते बोलते 13 रक्षक बनकर खड़ा हो जाएगा धमाल कि दादी अच्छी नहीं चाहती अच्छी नहीं उनके पास मत जाओ यह हमारा घर यह उनका घर बचपन में तो कहते थे भाई जो तेरा है वो मेरा है मेरा है हो तेरा अब कहते हैं यह तेरा घर यह मेरा घर है मैं तेरे मेरे के बीज मत बोइए है वो बहुत दुखी हुए वह तीनों बारे में कि आप अच्छा प्रयास कर सकते हैं लिए क्या प्रयास करेंगे का प्रयास तो तुम्हें करना होगा तुम भी क्या करोगे एक दिन हो दो दिन हो तीन दिन हो तो आदमी एडजेस्टमेंट करता है रोज-रोज शीघ्र मान्य कि घरों पर मत जाइए जब से एकल परिवार हुए हैं ना तब से डिप्रेशन बढ़ गया है तब से तनाव बढ़ गया है तब से बीमारियां बढ़ गई है और जब सामूहिक परिवार हुआ करते थे संयुक्त परिवार हुआ करते थे गुस्सा तो उस समय दिया था यह तो आता था दूसरा सामान लिया करता था दूसरे को आता तीसरा गले लगा लिया करता था पापा ने मारा तो चाचा छाती से लगा लिया करते थे संवेदनाएं थी या खराब है आज घर में चार सदस्य भी नहीं है अब झगड़ा होता है तो कोई किसी को संभालने वाला नहीं है बचाने वाला नहीं है इतना अकेला हो गया आदमी इतना ढीला हो गया कि मोबाइल तो महंगा महंगा रखता है लेकिन इतना ढीला हो गया आपको इस फोटो खींचने वाला नहीं मिलता तो हम ही सेल्फी अपने हाथ से खींचा करता है कोई तुम्हारी तस्वीर लेने वाला दिखाई नहीं दिया करता था उड़े उड़े जा रहे हो हीरो छात्र था बट ढल टूट गए परिवार हैं मानवाध को बहुत पीड़ा है बहुत दर्द है जितनी एक तुम यहां बैठे होना जब पंडाल एक होता है तो मुझे खुशी मिलती है तो जब घर एक होता है तो परमात्मा को किसी मिला करती है एक परिवार एक होता ए दिल से दिल जुड़ते हैं में दो सगे भाई अलग-अलग हो जाया करते हैं कि इससे बड़ा नर्क क्या किस नरक की बात कर रहे हो मैं तुम्हारा बेटा उसके घर छोटे भाई के घर नहीं जा सकता बड़े का बेटा छोटे के डर नहीं जा सकता है इससे बड़ा नहीं किया होगा इस धरती पर ध्यान रखना मंदिरों में पूजा-पाठ करने से स्वर्ग नहीं बनता जीवन में तो आपसे इतना ही निवेदन करना चाहता हूं कि मंदिर की एक पूजा कम कर लेना लेकिन भाई-भाई में प्रेम को जिंदा रखना इससे बड़ी परमात्मा की पूजा कोई दूसरी नहीं हुआ करती है सूचना है आप ओ मां के नीचे जो कहा छोटे बच्चे मान लेते हैं उसके घर नहीं जाना मैं आपसे निवेदन करता हूं मैं भउजी ली है मां हुआ है मां का सम्मान करो फोन रखो आखिर मां भी स्त्री इतना और नारी जगत स्वभाव तो उसमें होता ही है थोड़ी-सी समझदारी आप और हम रख लेना ऐसा नहीं है की मां जो कह रही है वह में नहीं मानना चाहिए मानना चाहिए लेकिन मां क्या कर रही है यह भी हमें अपने जीवन में सोचना चाहिए अब बात नहीं या फिर यह भी हमें जीवन में सोचना चाहिए मां भी यात्री एक नारी हुआ करती है ही रजिस्ट्री हुआ करती है आप समय पूछना कि भरत जी महाराज री मां कई की बात मान लेते तो क्या होता है उस घर में है ध्यान रखिए भरत जी अधिक कैसे की बात मानते ना तो जसरथ कि उस बंद समय रामायण का जन्म नहीं महाभारत का जन्म हो जाता ध्यान रखिए पर जी ने माता सम्मानित किया माता जय माता सत्कार किया लेकिन कि भारत से अलग करते मां तुम कितनी जल्दी का कहना मानते एक बात याद रखना कि इतिहास में दो युद्ध हुए हैं कि यह हुआ है रामायण का झाल है पिंपल है कितनी ताकत है इनमें याद भी रामायण को सुनने के लिए देखने के लिए हजारों लोग तैयार है दुआ करते हैं एक महाभारत हुई दोनों ही लड़ाइयां हां भाई भाई के लिए हो कि महाभारत दृढ भाइयों की लड़ाई थी और रामायण भी भाइयों की लड़ाई थी और कुछ नहीं यहां कुछ वकील बैठे होंगे कि यदि दोनों पक्षों से निवेदन करता हूं कि जाकर अदालतों में देखना आज हिंदू मुस्लिम के लिए अलग अलग धर्मों के इतने झगड़े वाले केस जो अदालत में नहीं होंगे जितने भाई भाई के प्रधान तो में पड़े हुए हैं जिसने परिवार के सदस्यों में पड़े हुए हैं भाई ऑन करना थे मान्य यह सोचना है आपको अरे भाइयों कुछ रहे भाग्य मैं विवाहित हूं कि अ भाइयों की लड़ाई है वहां भारत भी भाइयों की लड़ाई है ना कि जब दो भाई कुर्सी पर बैठने के लिए लड़ते हैं ना तो महाभारत की रचना होती है तो जब दो भाई कुर्सी छोड़ने के लिए लड़ते हैं तो रामायण की रचना हो जाए हक रखती है क्या आदतें श्री रामायण इस देश का आदर्श है महाभारत आधी कि महाभारत फल प्रपंच से भला हुआ है महाभारत में एक श्री रामायण कदम-कदम पर बलिदान है गरम गरम कर प्यार है कदम-कदम पर आदर्श है मैं आपसे निवेदन करता हूं रामायण जैसा ग्रंथ है जिसे हिंदू तो क्या चैन होने भी जैन रामायण कहकर के शिकार किया है एक तो आठ प्रकार की रामायणों शक्तिपत दुनिया में राम का चरित्र ऐसा है जिसे हर धर्म व्यक्ति के रहता है और हमारे हैं राम हमारे हैं राम हमारे हैं राम जैसा आदर्श ग्राम जैसा व्यक्तित्व राम जैसा जीवन दुनिया में कोई नहीं छिपाया मेरे भाई यह परिवार था जो अपने लिए नहीं जीता दूसरों के लिए दिया करता था अब हकीकत में कहा जाए तो महावीर भगवान का स्पेस तुर्री अधिकारी फलित होता दिखाई देता है तो रामायण में महावीर स्वामी का सूत्र होता है जियो और जीने दो महाभारत के मरने रखना श्री रामायण कहती है जियो और जीने एक बात याद रखना हर किसी के घर में में महारत है महाभारत के लिए कोई गणित पढ़ने की जरूरत नहीं है महाभारत के लिए कई बड़े-बड़े उपदेश सुनने की जरूरत नहीं है हर घर में महाभारत से घर-घर में महारत है अगर घर की भारत को यदि मिटाना है तो मैं पुलक सागर कैसा हूं तुम्हारे घर में रामायण जरूर होना चाहिए एक रामायण घर-घर की महाभारत को मिटा कि के प्रसिद्ध एक राम राम का चरित्र राम का जीवन अपने लिए नहीं दूसरों के लिए करता है कि मान्यवर कि अगर किसी कहते हैं कि रूपए पैसे से मक्खन बनता है ये दौलत पर बता दूं बनता है 2 सकते घर नहीं बनता है एक बात याद रखना मकान बनाया जाता है घर बसाया जाता है घर मकान बनाने के लिए पैसों की जरूरत पड़ती है और बताने के लिए प्यार की जरूरत पड़ती है सूरत की जिस गली में निकल जाओ पहले यहां रहते थे ना चले गए यह बड़ा मक्खन मक्खन ऊंचा आदमी कितने बड़े-बड़े मकान आलीशान मकान बड़े-बड़े करोड़ों रुपए के ब्लैक उसमें जिंदगी रही हैं आप अ है उससे अच्छी तोपों जिंदगी थी मीणा हरिद्वार है वह थी और पानी टपकता था परिवार से जुड़ी थी उस पानी तथा साथ-साथ रहने का सुकून तो इस सूरत में सूरत सूरत तो बिल्कुल अकेला है यह सब अपना अपना घर छोड़कर यहां पर आकर बस गए रहने लगे व्यापार बिजनेस करने लगे कोई बात नहीं हर आदमी करता है लेकिन एक बात याद रखना शहरों में किराए का मकान ढूंढ रहे हैं शहरों में किराए का मकान ढूंढ रहे हैं गांव के घर छोड़कर आने की सजा कि है जो कुढ़कर छोड़ करके आए हैं यूज की सजा है मकानों को तरस रहा है आदमी कि यहां कोई किसी को नहीं पहचानता कि मैं मुंबई गया हुं किसी को नहीं पहचानता नंबर लिखे हुए हैं नंबर से आदमी की पहचान होती है और तो और एक जगह में गया पूजा करके मैंने पूछा क्यों शर्मा जी यही रहते हैं क्या उस आदमी ने कहा शर्मा जी अरे वह भला चंद्र वह दीपक कुमार शर्मा यहीं रहता है क्या हम नहीं जानते हैं शर्मा यहां रहता है थोड़ी देर बाद मैंने एक आदमी मेरे साथ चल रहा था वह ऐसे दीपक शर्मा बहुत रहते हैं मुंबई में उनकी पहचान बताओ बाजू में चलने वाले ने कहा वह जिनके घर में बड़े-बड़े कुत्ते हैं वह शर्मा जी यहां रहते हैं तो हम देखते हैं वाह रे आदमी की पहचान कुत्तों से हो गई तेरी पहचान हो गई उसकी पहचान नहीं रखना पहले घरों में जाते थे लिखा रहता था स्वागतम लिखा रहता था अतिथि देवोभव जाऊं रे कुत्ते तेरे सावधान आप यहां तक कि के कुत्तों से सावधान त्रि घर में तो लिखा था सावधान यह कुत्ते रहते हैं मैंने माफ किया है इस कुत्ते रहते हैं वह यहां जानवर मायने बदल में बदल गई है इस स्थिति जमाना बहुत बदल गया है जिस घर में सुख है जिस घर में शांति है जिस घर में प्रेम है मैं कहता हूं उस घर के लोगों को किसी भी तीर्थ यात्रा की जरूरत नहीं हुआ करती है तीन श्याम चल करके उसके घर में आ जाया करता था प्रेम रखो कि चीन बंद करें यह जरूरी नहीं कि हर वक्त जुबां पर ख़ुदा का नाम आए जरूरी नहीं है है कि हर वक्त यह जरूरी नहीं कि हर बात जुबां पर ख़ुदा का नाम आए प्रेम से रहो ना और क्या भाई भाई इससे प्रेम करे है तो यह खुदा की इबादत नहीं होती है मैं अभी तो उसकी इबादत है ना अ कि चंद सांसे मिली है कि इस चाहत है अपनों के साथ रहने की वरना यह तो सब जानते हैं यह ऊपर अकेले ही जाना है इस चाहत है बस कि अपनों के साथ रहे थे मान्य वर्ष की महिलाओं से निवेदन है थे पर्यूषण आ रहे हैं को दस्त सुपास करोगी करोगी कुछ तो करेंगे अष्टमी चौदस का तो करोगी ऑन कर लेती हो ना कुछ तो ऐसी है जो एक महीने के 16वें कारण के उपवास कर लिया करती है 10 दिन भूख सहन करोगी प्याज सेंड करोगी आप से भी निवेदन है में रुकावट के लिखित है कि ब्लैक था की मुफ्त सैर कर लेते हो प्यास पहन कर लेती हो में उपवास करके मुख जाना चाहती हूं कि मैं महिलाओं से निवेदन करता हूं को भूख-प्यास सहन करने का नाम उपवास नहीं है है कि तो लोगों के दिखावे का उपवास करते हो अच्छी बात में अनुमोदना करता हूं भूख-प्यास पहले करने वाली हमारी बहु अत्यंत करने वाली हमारी बेटी एक बात बता दो 24 24 घंटे भूख-प्यास सहन कर लेते हो मैं किसी की तो बात सहन नहीं कर पाती हो ध्यान रखना भूखे रहने वाला उपवास नहीं होता है किसी की दो बात सहन कर लो इससे बड़ा उत्पात दुनिया में कोई दूसरा नहीं हुआ करता है अरे दोबारा चित्तौड़गढ़ तो नहीं होता है किसी ने होता है भूगोल गिरना बर्दाश्त हम किसी की सुनना बर्दाश्त समाज में रहते हो तो भूख सहन करना बड़ी बात नहीं किसी की बातें करना बहुत बड़ी बात करती है तो आपसे निवेदन करता हूं रोटी छोड़ने का नाम नहीं मन के विचार छोड़ने का नाम पास हुआ करता है कि नहीं करता है प्यार करने का नाम Shiva करता है मैं किसी की बात कर लो उससे दुनिया में कोई दूसरा नहीं करता है तुम्हारा करने से बजा दो ए सिंपल है बड़ा भाई कैसा है मैं तेरी नहीं सुनूंगा बाप कैसा है मैं तेरी नहीं सुनूंगा पत्नी कहती हूं मैं क्या करूं तुम लोग नहीं सुनते ना तो लास्ट में सुनने वाला बचता है पुलक सागर की पिचों आता है मुझे कमरे में सुनाकर चला जाता है ध्यान रखिए कि जब तुम नहीं सुनते हो की यात्रा थे सुनने की कला सीख के दो शब्द बोल दिए क्या बिगड़ गया ध्यान रखें कुछ नहीं होता है सहन रावण की मृत्यु हो रही है अंतिम समय रावण ओम श्री राम की रावण से कोई दुश्मनी नहीं थी श्री राम बहुत चाहते थे एक नारी का सम्मान बचाए रावण तू कहे तो लंका का राष्ट्र छोड़ो तुझे मैं अयोध्या का राज्य भी दे सकता हूं वह राम का जीवन कि अंतिम समय रावण का अंतिम सांसे गिन रहा है रावण तीर लगा है ना भी श्री राम ने लक्ष्मण से कहा कि भैया लक्ष्मण कि रावण के पास समय बहुत कम बचा है आ जाओ कुछ ज्ञान प्राप्त करो लक्ष्मण ने कहा कि भैया वह हमारा दुश्मन है जिसे हमने बड़े पर आप उसे परास्त किया है श्री राम ने कहा कि लक्ष्मण कि रावण बहुत बड़ा प्रकांड विद्वान है कि एक भूल के कारण पूरा व्यक्तित्व खंडित नहीं हुआ करता है भैया हमारा दुश्मन है राम ने इतना ध्यान रखो लक्ष्मण दुश्मन राम का ही होता है जो राम के लिए तलवार लेकर खड़ा होता है आज ना इसके पास तलवार है ना हथियार है और निहत्थे से राम दुश्मनी नहीं किया करते हैं इन छतरियों का कुल है यह शक्तियों का वंश है हम निहत्ते को दुश्मन नहीं मानते यार कि रावण से कुछ शिक्षा प्राप्त करो लक्ष्मण गए कहानी आपको मालूम है क्या करके ने रावण को देखा कि है लग गए जिसके सॉरी का सारी दुनिया लोहा मानती थी नगर है जिसके घर में पानी भरा करते थे कहते हैं रावण जब चलता था हल्थी कांप जाया करती थी सोने की लंका है जिसकी आगे देवता भी भयभीत रहा करते थे ऐसे ही अच्छा है इस सेना का अधिपति 3 घंटे का सम्राट फैलावट है लगे तेरी विद्यात्री ज्ञान का पारावार न था कि आज मिठाई क्यों पड़ा है इस धरती पर वो कहते हैं रावण ने की आंखों से से 12 कर्म अकर्म आंसू लड़के ने कि उन्होंने कहा कि लक्ष्मण कि अंतिम समय तुम यहां कैसे आए हैं मुझे भैया राम ने भेजा है क्यों भेजा है आप मेरे जीवन का अंतिम समय है और लक्ष्मण है तुम मेरे पास आए हो राय किस लिए भेजा है राम जी है कि चाटते चाटते मुझे ज्ञान देकर के चाहिए कि रावण की आंखो से आंसू गिरने से कि पूछो लक्ष्मण क्या पूछना है मेरे पास समय बहुत कम है कि पुलिस है लंकेस इतना बताओ राम के पास कुछ नहीं था और तुम्हारे पास सब कुछ था तुम्हारे पास इतना अदम्य साहस अदम मिर्च और यह है अदम्य शक्ति देवता भी जिससे भयभीत होते हैं रावण तुम्हारी पराजय का कारण क्या है कि रावण ने कहा कि लक्ष्मण ने है मेरी हार का कारण पूछते हो और यह मत सोचना कि राम बहुत बड़े योद्धा है जाकर कि राम से कहना कि रावण हर सर्विस जीता है तो तुम जीत कर भी हार हो कि लंकेश अभी भी अहम की भाषा नहीं जा रही है क्यों नहीं लक्ष्मण कि मैंने अपनी जीते जी श्री राम को लंका में प्रवेश नहीं करने दिया सो जाओ आराम से कहना मैं तुम्हारी चीज तुम्हारे बैकुंठ में जा रहा हूं है और आप मुझे नहीं रोक पाएंगे और शहर खत्म नई दिल्ली पहुंचे का कोई कारण नहीं मुझे मैं शक्ति नहीं थी इसलिए मैं नहीं आ रहा हूं या अलार्म बहुत शक्तिशाली है इसलिए राम नहीं जीते हैं उसे एक ही गलती मुझसे हो गई क्या बोले राम अपने दम पर नहीं चीज से और मैं अपने दम पर नहीं आ रहा हूं तो हुआ क्या है और यह हुआ यह है कि मेरी पराजय का कारण कि तुम हो लक्ष्मण हूं मैं हां है और रामजीत का कारण तुम हो नाम के पास लक्ष्मण जैसा भाई था और मेरी हार का कारण मेरा भाई है और राम अरे भाइयों की लड़ाई थी मेरे पास अभी तुम्हारे जैसा भाई होता तो आज यह रावण परास्त नहीं होता और राम के पास रिद्धि जड़ जैसा भाई होता तो धाम के फागुन में कभी जीत नहीं पाई के कारण में हरा हो जान रखना मैं अपने कारण रहा हूं ठीक है भाई ने मुझे हराया है पर एक भाई कि लक्ष्मण ने कहा कि रावण को भी संघ ने तो धर्म का साथ दिया है विवरण ने तो अन्याय को छोड़ा है उन्होंने भाई तो नहीं छोड़ा है मालूम रावण ने इतनी बड़ी बात बोल दी कि मैं जानता हूं कि परीक्षण धर्मात्मा है मैं जानता हूं कि संघ ने सत्य का साथ दिया है मेरा साथ छोड़ा है लेकिन मैं यह भी जानता विसेंट कितना भी राम के साथ खड़ा हो जाए कितने भी सत्य के मार्ग पर लग जाए लेकिन एक बात याद रखना धर्म प्रेम होना अलग बात है और दांत दो होना अलग बात हुआ करती है और जब भी कलयुग में दुनिया याद करेगी तो विभिषण को धर्मात्मा नहीं बल्कि फिर भी लंका ढाए एक-एक करके याद करेगी बीवी के नाम से जाना जाएगा खोलें की बात दोहराई के नाम से जाना जाएगा रेल बात याद रखना कितना भी विशेष धर्मात्मा हो जाए कलयुग में कितने भी पापा बन जाएं हर व्यक्ति कोई भी माता-पिता अपने बच्चे का नाम विभिषण रखने को तैयार नहीं होगा फिफ्थ इस बीच अनेक कुल कलंक है ध्यान रखना जब भी कुल कलंक क्यों की बात आती है तो सबसे पहले विभिषण का नाम याद किया जाता है ध्यान रखना अरे भाई दूसरे भाई इसे नफरत करता है तो यह नहीं कहता कि तू भरत है तू लक्ष्मण है वह कि बिल तू तो बीच सड़क की तरह मेरे घर में कितना भी धर्म कर लो कितना भी पूजा पाठ कर लो भाई की भाई से दुश्मनी होगी वो धर्मात्मा का दर्जा कभी प्राप्त नहीं एक बात बताऊं मैं आपको कभी भी अपनी जिंदगी मैं सब को नाराज करना दे दियो सबसे झगड़ा करवा देना इसी मत करो ना भाई पूजा है ताकत दे सकती है कौन है हां मालूम है ना तुम्हें हां भाई को भाई से नाराज मत करता रावण ने विभीषण को नाराज किया रिजल्ट क्या आया हां बोलो लंका तबाही हुई बर्बाद हो गई 1लाख राजपूत सभा अलखनाथ इस तरह रावण भर दिया ना को नाराज किया सोचने वाली ने सुग्रीव को नाराज किया क्या परिणाम होगा को मार दिया गया भी मौत छल से जानवर आज माननीय भ्रमण पर पारसनाथ अभी-अभी भाई भाई से 10 वह पहले पारसनाथ अपने कमेंट को नाराज किया 10 फॉर तक भाई ने उसे सताया ध्यान रखिए टॉप से मेरा निवेदन है भरत जी ने बाहुबली को नाराज किया चक्रवर्ती का मान भंग हो गया और बताऊं प्रमोद महाजन ने प्रवीण महाजन को नाराज किया रिजल्ट क्या आया वह आप जानते हैं आपके सामने है भाई को कभी भाई नाराज ना करें कौरवों ने पांडवों को नाराज किया पूरा हर तरफ बर्बाद हो गया आप से मेरा निवेदन है मुकेश अंबानी ने अनिल अंबानी लुट नाराज किया रिजल्ट आपके सामने ध्यान रखिए हर किसी से दुश्मनी हो जाए तो हो जाए लेकिन भाई से भाई की दुश्मनी कभी नहीं होना चाहिए भाई भाई तो कभी नाराज मत करना एक बात याद रखना कि राम लक्ष्मण भरत शत्रुघ्न देना कौन से सगे भाइयों सौतेले भाई इनकी माताएं अलग-अलग चीन विचार हत्या श्री कृष्ण और बलराम इस सफेद इस सौतेले भाई पांचो पांडव सगे भाई देते हुए थे इन लोगों ने जो दुनिया में अपनी इज्जत कमाई है भाई भाई का नाम लो तो सगे भाइयों का नाम नहीं आता सौतेले भाइयों को लोग आदर्श मानकर के जिया करते हैं सौतेले भाइयों का सम्मान कितना महान है इस तरह भाइयों ने सगे भाई से भी बड़े आदत विकसित तुम्हारे घर में सगे भाई हैं कि मान्यवर ध्यान रखना हां मालूम है कहानी मुझे याद आ रही है घटना राम को बनवास कब हुआ श्री राम को वनवास कब हुआ शादी के पहले और शादी के बाद है यह सब लकड़ी तभी से शुरू होता है क्या करें हम ध्यान रावणा शादी के बाद जब बाहुबली में लड़ाई शादी के बाद जब ध्यान रखिए और और कोई नहीं है शादी के पहले झगड़े हो तो कब लड़े हैं सब तुम्हारे घर में बंटवारा कम होता है बोलो कि वह आ जाती है नाइट कि लड़की एक लड़की किसे कहते हैं है जो लड़ाई की कि हुआ है इस लड़की को का नाम बहुत अच्छा है है जो साथ रहते हैं लड़के और लड़की की कुछ समझ में भाई लड़ते लड़ते हैं फिर भी वह लड़के मौजूद लड़ाई की सॉरी तुम्हारे बारे में नहीं बोलना है पुणे वालों की बात कर रहा हूं मैं तुम्हारी तो अगली चौमासे में आना अ हां जान राज्य पिछड़ बढने रामायण जितने भी युद्ध हुए हैं की महिलाओं से दूर श्री रामायण है ना उस अपना था आती ना पड़े होते दुनिया में कि हमने ऐसा तो सुना है हुआ है है कि महिलाओं के चक्कर में आदमियों के गले कटे हैं जो आज तक किसी महिला ने है आधुनिक शैली सपना चला नहीं कटा या की सूचना है कि यो यो हनी प्रशासन श्री राम को वनवास व कि लक्ष्मण को पता चला कि भैया राम को वनवास है मैं दौड़ी दौड़ी माता सुमित्रा के पास पर मां की मां उदास से पूरी महल में वीरानी छा रही है पूरी अयोध्या गमगीन है मां कुछ बोलो ना वॉइस मेल में जो सन्नाटा है उदास है वॉइस मेल सुनाओ भैया राम बनवास सारे 14 वर्ष के लिए हैं जी हां यह बुरी नजर हमारी महत्व को लगाइए मां को एक बार दान तू भी मुझे देना बरदाना पागल है क्या यह बोलता मांग रहेगा समय है मैं तेरे भैया राम बनवास जा रहा है तू बोल शुक्र चाहिए अभी चाहिए इसी वक्त चाहिए मत मांगना का वरदान कि बर्तनों का दुष्परिणाम अयोध्या भुगत रही है आपसे निवेदन करता हूं किसी को कुछ देने का मन हो तो तुरंत दे दे ना उदार वाला लफड़ा मत रखना दशरथ तुरंत दे रहे थे तो यह दशा नहीं होती उन्होंने कहा तेरे वरदान उद्धार हैं उद्धार अंधेरा कायम रखना उधारी में तो मार डाला पूरा व्यापार कुमार आज हम रखें किसी को देने का मन तुरंत तुरंत लेबेदेव बात अलग करो ज्यादा कर्ज मत रखो किसी का कल जब फर्ज और मरीज को हल्का मत समझो कभी अपने जीवन में कल जब भी बहुत भारी होता है फल भी बहुत भारी होता है और मर्ज बीमारी को कभी हल्का मत मशीन की कीमत समझनी दशरथ ने मां बच्चन दे कि लक्ष्मण बच्चन किस बात का माध्यम से प्यार करती हैं बेटा बहुत प्यार करते हो या नहीं करते हैं मुझे वरदान दे मां चावल पहले चंद दुबे आदि थे और क्या चाहिए बोल रघुकुल रीत सदा चली आई प्राण जाए कि मैं देती हूं तो केवल दांत आज एक क्षत्राणी चले वरदान देती है मांग लक्ष्मण क्या मांगता है लक्ष्मण ने सुमित्रा के पैर पकड़े इस प्रकार की मां कि मुझे राम के साथ जाने का आदेश प्रधान करते हैं मैं चौदह वर्ष अपने भैया के साथ बिताऊंगा मैं महलों में नहीं रह सकता हूं कि मैं भैया अबे भाई के साथ 14 उसके लिए वनवास जाऊंगा मुझे टेस्ट बच्चन मुझे आशीर्वाद प्रदान कल सुमित्रा ने देखा कि मेरी कोख से जन्मा बच्चा गहरा भैया राम को बनवास जाऊंगा तो है और मां होती तो क्या करती थी मालूम है तुम्हें देवरानी का बच्चा पढ़ता है ना तो दिखानी दरवाजे बंद कर लेती है क्या जरूरत है तुम्हें जाने की जाता है पति तो कहती तुम घर में वैभव तुम्हें क्या मतलब है जाने से बात बता दो दियो देवरानी के बच्चे को बचाने को तुम्हारा पति जाए तो तुम रोती हो पिहर में तुम्हारा भाई पिछला होना तो पति जितना भी रोग के तुम बैठकर के पीहर जाने को तैयार हो जाया करती है और जो कितना ब्रेड है सुमित्रा ने देखा कि भी वनवास की आज्ञा मांगी में सुमित्रा ने उठाया लक्ष्मण को आलिंगन बद्ध किया अपनी बाहों में अ जानवरों में भर लिया हूं फिर उन्हें हुआ था 14 वर्ष में भैया के साथ वन में रहूंगा मुझे बदमाश दे दे पिता से मां व पिता नहीं देंगे यह तो फिर हफ्ते मां तू मुझे बनवास दे कहते हैं सुमित्रा ने गले से लगाया छाती से लगाया और लक्ष्मण के सिर पर हाथ रखा की मेज़ हाथ तूने मेरे दूध की लाज रख ली है और तूने एक मां की भावनाओं की कथा तूने मुझे कहा दिखा दिया मैं कहां थी और तूने मुझे जगत के लिए आदत बना करके रख दिया जा मेरे बेटे जंगल में जहां राम इस साथ उनकी परछाईं बनकर के रहना और एक बात याद रखना मेरे बच्चे प्रणाम जब वृक्ष के नीचे अत्यंत करें इतने पैर दबाना कि जब तक उनको नींद ना आवे तू निद्रा नहीं लेना निद्रा का त्याग कर देना झाल और धाबी में तुम माता सुमित्रा के दर्शन करना है को टर्न होती हैं वह नारियां जो अपने बच्चों को इस तरह का ज्ञान प्रदान किया करती है याद रखिए परिवार को जोड़ने के सूत्र दिया करती है धन्य होती है वह देवियां बने होते हैं वह देवी कुंड विद्यालक्ष्मी उन हुआ है इस भर की तरहा सुमित्रा ने पूछा कि लक्ष्मण मैं तुझे मिला को ले जाएगा क्या है क्यों नहीं मां क्यों नहीं ले जाएं भावनाओं को देखिए घटना कुछ भी हो लक्षण से पूछा उर्मिला रोती है वो कहते हैं कि जब दीदी सीता जा रही है तो मैं क्यों नहीं जा सकती हूं उर्मिला ने कहा लक्ष्मण से की शादी डो तुम्हारे साथ चूड़ावत वनवास चलूंगी फिर एक बात याद रखना सारी दुनिया ने सीता के वनवास को याद रखा उर्मिला का वनवास किसी को याद नहीं है ध्यान रखना सीता तो राम इस शातिर उर्मिला ने तो 14 वक्त दीप जला चढ़ाकर के इंतजार में जीवन गुजारा है रिबन में रह करके बनवासी होना कोई बड़ी बात नहीं है महलों में रह करके वनवासियों का जीवन गुजारना दुर्मिल आपके बस की बात है उर्मिला ने कहा कि मैं यंग तुम्हारे साथ मैं क्यों नहीं रह सकते हो तुम इससे काफी माता मुझे रिझाने का देश तो में सुमित्रा ने कहा कि लक्ष्मण ले जाओ उर्मिला को साथ नहीं मैंने ले जाओ क्यों उर्मिला ने कहा कारण तो बताओ एक बूंद देख बड़ी मां है ना कौशल्य उसका एक उत्तर है दूसरी मां कहिए उसका एक पुत्र है मेरी मां सुमित्रा इसके दो उपग्रह एक बात याद रखो अगर मिले भाभी जा रही है भैया के साथ ओ मेरी मां के पास दो वह में रहेंगी बड़ी मां तो बिना भूखी हो जाएंगे इसलिए बात याद रख मिले मुझे बच्चन करें किंतु जब मैं वन वास चला जाऊं तो मेरी शत्रुघ्न की पत्नी सुमित्रा की सेवा करेगी और लक्ष्मण की पत्नी कौशल्या किसे अखरेगी मेरी बड़ी मां को बहू का आधुनिक खटकना चाहिए मेरी बड़ी मां को ऐसा ना लगे कि महल में मैं अकेली हूं जिसका वे की संभावना है वहीं एक दूसरे के प्रति उर्मिला ने कहा यदि ऐसी बात है तो माता कौशल्या की सेवा मैं करोगे उनको भाभी देवी सीता की कमी महसूस नहीं होने दूंगी कि हर रामायण है हजारों धर्म ग्रंथ तराजू के एक पलड़े पर रख दो जो और रामायण के पर्वत पर रख दो धर्म रक्षा रामायण से भारी गंध जगत में कोई दूसरा नहीं हुआ करता है कोई अपने लिए ही जिया सब दूसरों के लिए जीते रहे हैं आप सबने एक दूसरे का ख्याल रखा प्रभार सौंपा गया राम तो पिता के साथ लक्षण अजय भाई को लेकर चले श्रीराम एक बात याद रखना एक चुटकुला एक बार सुनो हंसी आएगी दो बार सुनो अच्छा लगेगा तीसरी बार बुरा लगेगा एक गाना चार बार सुनो बुरा लगने लगता है लेकिन राम की रामायण ऐसी है हजारों बेसन तो अच्छी लगती रहती है को चुनौती है मन को चिन्हित किया करती है राम ने एक मनुष्य का जीवन जिया है राम ने एक मानवता का जीवन जिया है ध्यान रखना धाम का शब्द है राम श्री राम कहो आराम मिलेगा श्री राम शब्द कोई अलग नहीं है कि कौन कहता है कि चैनलों के दाम नहीं है कौन कहता है हिंदुओं के महावीर नहीं है सब है यदि नहीं है तो आप इस पंडाल में सब एक साथ क्यों बैठे हैं मेरे भाई थे कि सूरज का इतिहास है सूरत का गौरव है कि मेरे पुलक सागर लोग मुझे ज्ञानी कहते हैं मैं सब तुम्हें लेकिन सूरत में आपके मैं अज्ञानी हो गया हूं मुझे कुछ नहीं आता है मेरा 11 चुने हो गया है कोई खड़ा होकर मुझसे सभा में पूछ ले कि महाराज बड़े विद्वान हो जरा यह बताओ इस सभा में जैन कौन है अर्जेंट कौन है तो शायद में पुलक सागर में ही बता पाऊंगा कि जज और होराइजन कौन है और यही भारत विदेशी की आवश्यकता हिंदुस्तान का है जिस दिन मेरा भारत ऐसा हो जाएगा उस दिन यह भारत सारी दुनियां पर हुकूमत करने की ताकत रखेगा हिंदुस्तान सब पर ताकत रखेगा हाई-फाई अलग नहीं होना चाहिए अ मैं तुम्हें मालूम है ना को पाकिस्तान न कि भारत से कितनी दूर है और बताओ जरा सा कि पाकिस्तान भारत की सीमा से कितना दूर है हां बोलो लगा दो कि रूस भारत से कितना पास है मैं बहुत दूर है ना एक बात याद रखना है कि पाकिस्तान कि भारत के 500 कर भारत से बहुत दूर है रूसी दूर हो कर दी भारत के बाद बाहर स्वयं रखिए रूस हमारा मित्र देश है पाकिस्तान दुश्मन देश है ध्यान रखिए एक बात याद रखना मकानों की दूरियां और मकानों की निकटता से कोई निपटने हुआ करता है मन की दूरियों से आदमी दूर होता है और मन की निकटता से हाथ युद्ध थोड़ा करता है रूस हमारा मित्र है कि पाकिस्तान बहुत दूर है बाजू में रहकर भी हमारे पास नहीं है वह कि माकपा यह सोचना है आप कि ऐसी बहुत बानो बहुओं बेटियों तुम्हें बुरा नहीं लगना चाहिए बहु वड़ों ऐसी बहू लोग पिछले हुए परिवार को जोड़ने का काम करो जानवर अश्लील फूलों की माला को सजाने का काम करिए सारी जगत में तुम्हें सम्मान मिलेगा इस यह मिलेगा प्यार मिलेगा ऐसी बहू बन करके दिखा बदल सुबह बंद करके दिखाओ भगवान के क्या होगा बेला ससुराल में रखा हम आई एम सैफ रिक्शे पर एक तुम अलग और हम अलग कहानी यूपी में घटेगी तब तुम्हें आंसू बहाना पढेंगे कि तुम्हारी मां के घर में आने वाली है लखन कि मान्यवर मैं जानता हूं तो देवरानी-जेठानी को इतना प्रेम था उनके भीतर इतना प्रेम है कि सगी बहन जी क्या प्रेम करेंगे इतने प्रेम से रहती थी कभी कभी भाइयों मैं तो नोकझोंक हो जाती थी लेकिन देवरानी-जेठानी में नोकझोंक हुई एक दूसरे के साथ पे MP3 देवरानी बड़ी दुखी थे की सुविधार्थ पिया आंखों में आंसू थे उसका मन हलवा बना था दिखाने एक दिन देखा कुछ न बोली दो दिन देखा कुछ न बोली महिलाएं बार हो गए जेठानी ने कहा इधर आ कि एक महीने से तेरा मन नहीं लग रहा है मैं देख रही हूं तेरे चेहरे पर उदासी है बता तुझे क्या तकलीफ है फोन पर पूछ लिया करो घर में कोई उदास हो तो ऐसा नहीं कि अपना काम बनता और भाड़ में जाए जनता ने पूछ लिया करो कभी सांस उदास हो तो पूछा करो कभी देवरानी उदास हो तो बात कर लिया कर आप पूछेगे तुम किसी की समस्या का हल नहीं कर पाओगी कि उसका मन तो हल्का कर दोगे ना उसने पूछा बहन इधर आ तुझे क्या तकलीफ है वो बोली भाभी में क्या बताओ कि पुलिस नहीं तो यह बताना पड़ेगा यह उदासी बढ़िया बर्दाश्त नहीं होती है तू तो खिलाती थी हंसती थी मीणा सीपियों इतना प्रेम था दोनों में है कि स्थानीय अमीर परिवार से थी और देवरानी गरीब परिवार से थी त्योहार पर खर्च उठाने के घर से महंगे में के कपड़े जाते थे पियस एक्टिव रानी के दर्शन नहीं अतिथि गरीब की बेटी थी MP3 उठाने में कभी अपने पीहर की बड़ाई नहीं कि जो बहू ससुराल में पियर की पढ़ाई करती है उसके ससुराल को उजड़ने में ज्यादा समय नहीं लगा करता है ध्यान रखिए है जहां रहती हो वही तुम्हारा जीवन है है जबकि नई साड़ी आती थी उसके पीहर से जानते हो यह छोटी-छोटी बातें घरों को कैसे जोड़ती है वह सारी लेटी थी बैठक रूम में बैठती थी उसी पुरानी से कहती थी बेटा कि 15 दिन यह साड़ी तू पहनना तेरी चुनरी साड़ी 15 दिन बाद में पहन लूंगी अरे चिल देवरानी-जेठानी में इतना प्रेम है मैं तो कहता हूं उस घर में शनि भी आएगा तो आकर के दरवाजे से वापस घर लौट जाएगा किसी की कुदृष्टि नहीं लगती है दरवाजे के सामने काली मटकी लड़कियों को लटकाने से ऐसा नहीं कोई बुरी निगाह है तुम पर ना पड़े मैं तो कहता हूं देवदानी जिठानी सास-बहू इतने प्रेम से रहो बुरी निगाह है खुद रिलैक्स होकर के वापिस चली जाए और तुम्हारा घर मंदिर जैसा स्वर्ग बन जाए पहले उसे पहनती थी उसने पूछा था का समय हो रहा है चार-पांच मिनट में खत्म करता हूं के विषय में है मैं क्यों उदास है तो उसने कहा भाभी एक तुम्हारे देवर है ना हैं इनकी दुकान में बहुत घाटा लगता है मौत के मुंह से कुछ नहीं बोलते हैं को चेक जमा पूंजी थी वो भी खत्म हो गई तो इसमें चिंता क्यों करती है और भाभी मैं जानती हूं तुम मेरा बहुत ध्यान रखती हो चिंता तो होगी ना कि उनका व्यापार चौपट हो गया रुख कर लिया है कि स्टालिन ने कहा तो कोई बात नहीं था
कि इन्होंने कल रात को मुझे कि आत्महत्या करने तक की बात बोलती है वह भैया से कुछ नहीं कह पाते आपसे कुछ नहीं कह पाते भाभी ने कहा तू चिंता मत कर गई अपने कमरे में पति के पास की हालत कितनी संपन्न नहीं थी वह ससुराल कि उस कितनी जोड़ी में 10 लाख रुपए पड़े थे ना कि उसे जाकर अपने पति से कहा कि वह जो फैसला कि उस छोटे को दे दो पति ने का तू पागल है क्या कैसे दे दो जो भी करता है चौपट करता है बर्बाद कर देता है कितना तो मैंने उसे हेल्प किया है कितनी मैंने उसे सहायता की है क्रॉस करता है कहां तक मैं उसकी हेल्प करें भाभी ने कहा रुक जाओ एक बात करता हूं तुम बड़े भाई हो ना कि तुम एक बार व्यापार कराया उसने चौपट कर दिया दूसरी बार कराया तो उसे चौपट कर दिया पुलिस आप नहीं देख सकता मैं उसे पैसा उसने कहा था अपने पति चुप हुआ
अपने पति ने कहा तो पागल मत बना है कि जो 10 लाख रुपए रखे हैं ना बेटे का डॉक्टरी में एडमिशन कराना है मेडिकल में मुझे वहां देना पड़ेगा उसका भविष्य बनाना है मालूम उस भाभी ने क्या कहा सुनो को इतला उसे भेज दो छोटे भाई को भ्रमित करने का यह मेरे बेटे का भविष्य अपना 19 साल बाद मेडिकल कुछ नहीं बिगड़ेगा उसे नहीं ना तो तुम्हारा जिंदगी से हाथ धो बैठेगा और किसी की जिंदगी से बड़ी कोई डॉक्टर की डिग्री नहीं करती है इसी से बढ़ा दो पिंप भाई हाथ से चला गया मेरा निवेदन है कि उस भाई ने कहा कि अभी तक मैं तुझे अपनी पत्नी समझता था लेकिन आज लगा कि तू पत्नी नहीं तो साक्षात देवी मेरे घर में आई है मेरे घर को बचाने वाली है तो उसने कहा कि तूने बच्ची के बारे में क्यों नहीं सोचा उसके बारे में क्यों सोचा है इतनी समझदार बड़ी बहुत थी उसने कहा तुम जानते हो वह बच्चा तुम्हारी जिंदगी में बाद में आया है भाई तुम्हारी जिंदगी में पहले आया है तो घर की डवलप का सबसे पहला का भाई पर हुआ करता है मान्यवर इतने आदर्श में स्थापित कर सकते हो अपने जीवन में है थे मान्य वह बहुत कठिन काम है लेकिन ऐसा करते हैं ना उन लोगों का स्मरण मित्रा की एंट्री अपने उद्देश्य में किया करते हैं इसलिए कुछ बातें बहुत हैं इस समय कम है सो गया 10:00 बज गए हैं 10 के बाद तो बस लेकिन है और बातें होंगी आपसे कल के विषय में कुछ नहीं होंगे कि मैं इस पूरा सप्ताह है परिवार के हित में लगाऊंगा कि मैं नहीं चाहूंगा कि तुम मेरे साथ संत वन करके आ जाओ को बहुत टेंशन हो जाएगा मुझे इतने सारे संत बन गए तो आहार कुंठा लफड़ा हो जाएगा बनना भी मत लेकिन मैं चाहता हूं एक सच्चे अगस्त बंद करके Jio क्योंकि पंचम काल में भगवान महावीर ने कहा है जो स्वर्ग संतों को मिलता है वहीं स्वर्ग दोस्तों को भी प्राप्त हुआ करता है लेकिन ग्रस्त यदि अपना जीवन सही तरीके से चाहिए तो जीवन में आनंद हुआ करता है आपसे देते इतना ही मैं आग्रह करना चाहता हूं बड़ी विनम्रता से कि आज किसी के घर में किसी के भाई से बुराई हो लड़ाई हो झगड़ा हो आज मुलाकात में आदेश देता है बड़ा भाई से नाराज हो तो छोटा भाई जो आपके पैर छुए बड़ा भाई उसे गले से लगा ले बरसों की दूरियां सांप पल भर में मिटा दो ज्ञान गंगा में आना सार्थक और सफल हो जाएगा आप सबने सुना अनुग्रहित हूं जय झाल जय हो झाल नमः शिव्या ही जय हो ओम नमः शिवाय लिए यहां यो यो कि हो ओम नमः शिवाय देवता ही हो 2006 आवे ना प्रमुदित मणा दर्द दूर हो चना दाल शिव सरगी गणेश वृद्ध सुनिधि कि लगते सदा भत्ता शिव के समान स्वयं की मुलाकात महावीर स्वामी नयन पथगामी मधुमेह महावीर स्वामी नयनपथ-गामी भवतु मे महावीर स्वामी नयनपथ-गामी भवतु मे प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव भगवान की भगवान महावीर स्वामी की परम पूज्य गुरुदेव आचार्य श्री पुष्पदंत सागर जी महाराज की अहिंसा परमों धर्म की है इस प्यारी परी हमने आत्माओ एक व्यक्ति समस्याओं में घिरा हुआ है कि ऐसा संसार में कोई भी का जीवन नहीं होगा जिसके साथ समस्याएं नाम में एक बात याद रखना जीवन है तो समस्याऐं और समस्या है तो जीवन जीवन समस्यारहित किसका होता है महापुरुषों का भी नहीं होता है आपका हमारा जीवन समस्याओं से रहित कैसे हो जाएगा जी हां समस्या रहित जीवन मुर्दों का होता है मुर्दों को कोई समस्या नहीं जला दो तो वहीं पूछेंगे क्यों जला रहे हो दफना दो तो उन्हें मतलब नहीं कि क्यों दफन आ रहे हो नदी में वहां दोस्तों भी मुर्गा कुछ कहने वाला नहीं है की समस्या तो जिंदा कोई हो है और एक बात याद रखना जिंदगी जिंदादिली का नाम है मुर्दा दिल क्या खाक जिया करते हैं कि एक बात बताओ अली तुम्हारे जीवन में कोई समस्या ही ना रहे है तो क्या बोल जीवन जीने लायक बच्चे का या की समस्या है तो जिंदगी है कि आपका हर काम शांति से हो जाए आपका जीवन बिल्कुल शांति से व्यतीत करें आपको कुछ भी नहीं सोचना कुछ भी विचार नहीं करना जो सोचो व हो जाए कि जी के करोगे क्या जीने का मजा ही खत्म हो जाए की समस्याएं तो होना ही चाहिए और जिंदगी का का आनंद लेना है तो दो-चार समस्याएं पाल के रखो आप उसी में उलझे रहोगे इस समस्याएं नहीं है इस जिंदगी को जीने का एक बहाना हुआ करते हैं जिसके कारण हम साल की जिंदगी गुजार दिया करते पता ही नहीं चलेगा यह कोई समस्या जीवन में ना हो कि बहुत सारी शॉर्ट चाय आदमी के जीवन में है
कि खाना भी एक समस्या है पीना भी एक समस्या है चलना भी एक समस्या है बोलना भी एक समस्या है सोना भी समस्या है जागना भी समस्या है और कहूं तो कहो जीना भी एक समस्या है और मरना अभी एक सब हर जगह समस्याएं खड़ी प्रॉब्लम यह प्रॉब्लम लाइफ में यह सब कोई नहीं जिसके जीवन में कोई न कोई प्रॉब्लम और एक बात याद रखना अब हकीकत में यदि सोचोगे इस चिंतन करोगे कि हमारी व्यक्तिगत समस्याएं इतनी नहीं होती हैं जितनी हम दूसरों की समस्याओं को अपनी समस्या बना लिया करते हमारी समस्या इतनी नहीं है एक आदमी के जीवन में कितनी प्रॉब्लम होगी वह दूसरों की प्रॉब्लम को अपनी प्रॉब्लम बनाता है मेरी साड़ी उसकी सारी मेरी सारी से सफेद कैसे सुपर इन का कमाल है कि को विचार करना है आपको दूसरों की समस्याओं को अपनी बनाते हैं कि एक बात बताऊं सूरत वालों को अपनी समस्याएं हो तो हम समाधान कर भी सकते हैं कि दूसरों की समस्या का क्या समाधान करोगे ये दुनिया है यहां तो समस्याएं होंगी यहां तो कुछ ना कुछ लोग बोलेंगे कुछ तो लोग कहेंगे लोगों का काम है खैर कुछ भी कर लो तो बोले बिना मानेगी नहीं अच्छा करो तो लोग भून लेंगे पूरा करो तो लोग बोलेंगे सही ढंग से चलो तो भी लोग बोलेंगे गठन से चलो तो भी लोग लोगों का काम वह एक राजा रानी से चले जा रहे थे रास्ते से उनके पास एक घोड़ा था बहुत सुन्नत कि रानी ने राजा को कहां है कि यात्रा लंबी है मैं आवाज नहीं करी लिव व्यवस्थापक ऐसा न हो कि व्यवस्थापक की अव्यवस्था फैला दें हुआ है कि राजस्थानी गोरखधंधे के रानी बड़ी दयालु की बड़ी संवेदनशील चीज सेंसिटिव सीईओ उसने काम आ रहा है जबकि हमें चल सकते हैं थोड़ा सा घोड़े में बैठने की जरूरत क्या है चलने तो घोड़े को साथ फस जाएंगे तो फिर हम घोड़े पर बैठे हुए आगे बढ़े चौराहा पड़ा कि चौराहे के लोगों ने कहा वाह कि अरे राजधानी के कान में शब्द पड़े बली हम तो सम्राट शबरी एक हिस्सा राजा है फिर रानी रुकें कि घोड़ा होने के बाद भी पैदल चल रहे हैं इनको अक्ल नहीं है दिमाग नहीं है जब पैदल ही चलना था का घोड़ा रखा कि अरे रानी को लगा रहा जाने का देख क्या बोल रहे हैं लोग तो राजा ने कहा ऐसा करो रानी ने कहा चलो ठीक है मां राख तुम बैठ जाओ मैं पैदल चलती हूं जैसे ही आगे बढ़े लोगों ने कहा वाह मेरी रानी लुटेरा को दिखाएं कि चला राजा विकास बड़ी आम बात हो गई यहां तो और दिक्कत हो गई अभी तो लोग यह कहते थे कि दोनों पैदल चल रहे हैं अब तो मेरी पर गालियां पड़ने लगी कुमार होकर ऊपर बैठा है नारी को नीचे चला रहा है राजधानी कहां थी बोलो महारानी क्या करें तो रानी ने ऐसा करो तुम उतर जाओ मैं बेइज्जती हो जैसी बैठे आगे गए हुए वाह रे कलयुग के साथ कलयुग है या फटी चलना फेडरर और पत्नी चल रही है घोड़े पर फिर आफत हो गई पत्नी गोमेज पति पैदल चल कि क्या जमाना आ गया घोर कलयुग आ गया रानी ने कहा अब क्या किया जाए एक बैठो तो आफत है नहीं रहते हो तो आफत है फिर आ जाओ बैठो तो लोग प्रश्न करते हैं रानी रहते खोलो ऑफिस जाने का एक आम का मौलिक या फिर दयावंती एक तरफ महक एक काम कर तू भी बैठ जाओ मैं भी बैक दोनों ही बैठ गए आगे बढ़े तो लोगों ने कहा कि ऐसा क्रूर और निर्दई राजा है इसके पास कौन सी दौलत की कमी है घोड़ा एक और बैठे दो इनको शर्म नहीं आया करती है और झाल अरे एक बड़ा राजा ने कहां करें क्या चारों एक्शन ले रही है पन्ने बैक नहीं बैठो तो दुनिया बोलती है एक बैठो तो दुनिया बोलती है जो बैठो तो दुनिया बोलती है पहले हम क्या करें उनका काम कि मुझे क्या तो बिल्कुल ही कोठारी ओपन लूप घोड़े को लेकर के चलते हैं तब दुनियां शायद अपने को अच्छा बोले कूड़ा उठाया दोनों ने लेकर चरित्र लोगों ने कहा वाह रे पागल राजा यह है यह पर लोगों ने कहा यार अब करें क्या राजा के पास कोई ऑप्शन नहीं बचा रानी ने का एक काम करो बोले क्या बोले जो अपने को करना है करो दुनिया वाले तो बोलते तरह दुनिया पर ध्यान दोगे अगर तुम हंसोगे तो भी कहेगी दुनिया पर अगर तुम रहोगे टो हीरो कहेगी दुनिया दुनिया में जाति ने जीवन में आगे बढ़ना है लोगों की परवाह है नहीं किया करते में बढ़ते जाइए बढ़ते जाइए मंजिलें मिला करती है कि मान्यवर जी कि आज का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन है
मैं इसमें ज्यादा मत जाइए लोग तो कहते रहते हैं फोटो भेजो अच्छी-अच्छी साड़ियां तुम पहन के आई हो ना तुम अपने लिए थोड़ी पहनी हो क्या कहेंगे घर तरीके उसमें पति की हालत खराब हो गई बचा लेगी कम आपके मरा जा रहा साड़ियां भरी जा रही है और चॉप है मैं कि लोग मान्य एक बात तुम शर्ट भी जो पहने हो एक बात बताओ तुम अपनी पसंद का पहने या इनकी पसंद करे या कभी अलमारी में शिक्षक उठाकर पहनना को यदि उसने के लिए क्या बुद्धू जैसा पहले कोई जम रहा है कि अच्छा लग रहा है क्या नीला कलर पहनता है खरीद पिंक कलर पहन इतना जमता है इतना जमता है इतना बोल दिया उसे सर 2 साल के चेंजर साबित भी अपनी पसंद की नहीं पहन सकते हो तुम खाना भी अपने पसंदीदा नहीं खा जाते हो सारी दुनिया दूसरों में लगी क्या आप कहेंगे लो बहुत बड़ी बीमारी है इस बीमारी से बाज आइए अब क्या कहें सारा जीवन हमारा दुखी इसी में होता है क्या कहेंगे लोग और दूसरा समस्या लुट कि पड़ोसी के घर में उपाय को मिलना चाहिए की सुविधा है हम कि वाह कि पिक्चरों में सलमान खान ने जो हेयर स्टाइल कर ली अब हमारी भी होना चाहिए भले ना पकड़ ऐसी हो मुख चौड़ी सा हो हेयरस्टाइल वहीं चलेगी धन रखते हैं कि जापान में भाग लिया है MP3 में निकाल दिया वहीं डा का प्रचार तुम पर सूट करें या कि ऐसे पागल हो गए लोग ध्यान रखें की जिंदगी को समझ गए इस सारी समस्याएं दूसरों की समझते हैं अपनी समस्याएं तो कुछ होते नहीं एक बात बताओ को तकलीफ कहां नहीं है आप क्या सोचते हो भी हमारा बन गई तो हम को कोई तकलीफ नहीं है को तकलीफ तो भगवान को भी है की समस्याओं से तकलीफों से रहे जीवन कभी नहीं होता है मैं आपसे पूछना चाहता हूं क्या तकलीफ है आपको प्रॉब्लम क्या है अब जी रहे हैं माइक प्रॉब्लम कर रहा है क्या करें प्रॉब्लम है का विचार है क्यों क्या प्रॉब्लम है आपको देते हैं कि मैं आपसे पूछ लो को ज्यादा समस्याएं नहीं आदमी के जीवन में यही है ना कि हमारा अपना घर नहीं है यह ना कि हमारा बड़ा हर रही है छोटा कि इस समस्या है मकान की समस्या होगी कि राघवा मैं तुम्हारा जिंदगी भर नहीं होने वाला ध्यान रखना दुनिया रैन बसेरा है कहां रहेगा कल मकान खाली करा लिया जाए लेकिन आदमी सोचता है मेरा मकान कब बड़ा बनेगा मेरा मकान कब होगा यह मकान मेरा कैसे हो जाएगा आज से मेरा निवेदन है क्या तकलीफ मकान में है उनको देखो जरा मुंबई में निकलना सड़कों पर सुबह-सुबह कि फुटपाथ पर लोग रात बिताते हैं न चारदीवार है और न एक छत है तुम्हारे पास एक मकान है ना किराए का समस्या किस बात किए की सूचना है मैं आपको समझ जाएंगे हम स्मार्ट नहीं है हम खूबसूरत नहीं देखते हैं कि क्या समस्या है है कि मैं सुंदर नहीं हूं कि साउथ अफ्रीका में पैदा हो जाते हैं तो फिर क्या करते हैं बोलो एक गुलाब जैसे और होते क्या पतले-पतले जैसे होते हैं मोटे मोटे होते ना नीग्रो बन जाते हैं फिर क्या होते बाली उम्र वाले होते वह Bigg Boss चौपट होता ध्यान रखिए विचार कर यह सोचना है आपको कहां से आप सुंदर नहीं है अभी ड्रेसिंग टेबल के सामने खड़े हो कर के देखना दुनिया को देखना ऐसे ऐसे लोग हैं विचार करिए रही हैं आप करती है कहीं आप कि मेरे पास सब है ना इस बात की समस्या है आधुनिक फोकट की समस्याओं से पढ़ो करके जिया करता है आपसे मैं कोई समस्या है इधर ही इफेक्टिव है नागपुर में जाना एक दो फीट की बच्ची है 40 साल की उम्र है हाइट कितनी है कि आपकी तो अच्छी है ना किस बात की समस्या है विचार करना है आपको और कुछ बात की इस ब्लॉग को अच्छे से मिल नहीं सकता है अरे मेरे भाई उनका क्या होगा जिनकी संतान ही नहीं है मैं आपका बेटा तो है ना किस बात का दुख है आपको किस बात की समस्या कि इस बात का प्रॉब्लम है हर घोड़ा है हुआ है वो लोग भी ऐड दुनिया में इनके औलाद नहीं है कि मान्यवर मैं आपको यह समस्या है ना कि बड़ी-बड़ी होटलों में नहीं रुक सकते हैं कि हम लाखों रुपए खर्च नहीं कर सकते हैं मान्यवर जी थे तभी अधिकारी के बारे में सोचा है होटल की बात तो छोड़ो को चोटे से फुटपाथ पर भी जाता है तो दो वक्त की रोटी में हजारों गालियां खाता है पुकारा जाता है ताने मिलते हैं तब उसकी भूख मिटा करती हैं यह सोचना है आपको कि आप यहीं सोच शांति है ना एक मुलाकात ओम शांति नहीं है वर्क तैयार हो सकती है की समस्या कहां है महिलाओं को समझ गया है कि हमारे हाथ में कंगन नही है कला ही है न को टर्न रखना कलाई नहीं होगी तो कंगन क्या करेगा ध्यान रखिए और यदि चलाई है और अंदर नहीं है तो मी जिंदगी सकते हो और यह में तो ऐसे भी लोग हैं जिनके पास कंजर भी नहीं है उस कंगन को पहनने वाली कि कि उनके पास चेन्नई और आपके पास हाथ में ना क्या नहीं है आपके पास प्रभु ने तुमको सब कुछ दिया है सकल पदारथ यह जगमाल ही करमहीन नर चाणक शक्ल पदार्थ देकर परमात्मा ने इस जमीन पर आपको भेजा है मैं आपसे निवेदन करना चाहता हूं कि देख कॉपी पैन उठाओ घर में एकांत में बैठना मैं अभी आपको कह दो कि तस्वीर में आपको दे रहा हूं आप लिखी आपके जीवन की समस्या कितनी है कुछ लिखो सोच दिमाग की कॉपी में लिखो क्या प्रॉब्लम आप बोलो तो में चल रहा है कुछ भी खाली यह ऊपर से चल रहा है ना क्या प्रॉब्लम आप यदि आपके सीरियसली का पोर्शन हो कि बताओ है तो शायद आप 24 समस्या ही लिख पाएंगे इससे ज्यादा नहीं लिखेंगे 10 लिखना भी मत कठिन हो जाएगा किसी की दो समस्या होगी किसी की तीन समस्या होगी किसी की चार समस्या होगी हरी ज्यादा से ज्यादा जोड़ लगा व्यवसाय होंगी इससे ज्यादा जीवन में कोई कुछ नहीं हुआ करती है लेकिन पांच समस्याओं को हम इतना फॉर मैं अपने जीवन में है कि पूरा जीवन हमारा बर्बाद हो की समस्याएं हैं हमारे पास इससे ज्यादा कोई समस्या हमारे पास नहीं एक पेज भी नहीं भर पाएंगे आप प्रॉब्लम यदि लिखेंगे बच सकते हैं क्या बोलो है और मैं यदि आपसे कहूं कि कॉपी के दूसरे पेज पर लिखो मेरे पास क्या किया है तो शायद कह सकता हूं 20 पेज भी कम पड़ जाएंगे इतना तुम्हारे पास है यदि आप लिखने बैठ जाओ और जो नहीं है वह बहुत कम है और जो है वह बहुत ज्यादा है तो इसलिए आपके अश्लील है आप एक मनुष्य 12 हाथ है वहां पर हैं दो कि माता-पिता हैं आपके पास घर है क्यों नहीं है वह बहुत कम है और जो है वह बहुत ज्यादा है लेकिन अदाणी या आदमी कम के लिए आंसू आता है और जो है हो कि उन्हें लिया करता था और चला है मान्यवर समस्या बाहर नहीं हुआ करती है जितनी भी दुनियां में समस्याएं हैं वह हमारी सोच की समस्या है और इससे बड़ी कोई समस्या दुनिया में हमारी सोच में प्रॉब्लम है हमे Settings में प्रॉब्लम है हमारी फ्लैट में प्रॉब्लम है विचार करिए समस्या पूछने की है बहुत सोच रहेगी सोच लो तो तुमसे अमीर सम्राट दुनिया में कोई दूसरा नहीं हुआ सकता है उतनी सोच गलत हो जाए तो कितना भी बड़े धन की दौलत पर बैठ जाओ हमसे बटन दाल दुनिया में कोई दूसरा नहीं हुआ करता है क्या नहीं है आपके पास सब कुछ है जी हां थे पैर हैं नाक हैं कान है दिमाग है कि सब कुछ देता भगवान और दिमाग नहीं देता ना तो किसी पागलखाने में पड़े होते उस जिंदगी वहां पर गुजार रहे होते हैं महर्षि व्यास झाल बच्चा है ना सुनना रोग जैन कुल में पैदा हुए हो अच्छे वंश में पैदा हुए हो अच्छे गुरु मिले हैं सच्चे भगवान मिले हैं माता-पिता मिले हैं थे पस्त नहीं हुए ना पैदा फुटपाथ पर किसी सड़कों में जा करके सब कुछ तुम्हारे पास जान रखना आदमी की जिंदगी मालूम क्या है कि यदि उसके जेल में ₹90 पड़े हैं वह पड़ोसी की जेल में 10 का नोट है और यदि ट्रांसपेरेंट के लिए उसका जेब है तो आदमी सोचता है वह 10 कानोड़ किसी भी तरह तो किसी भी तरह क्या हो जाएं उसके जेब से निकल के इसमें आ जाए मेरे जेब हुए दें ताकि पूरे कितने हो जाएं सौंफ जाएं थे कितने जेल में नब्बे रुपए किसके लफड़े में पड़ गए ₹10 के चक्कर में गुरदास का नोट मेरी जेब में आ जाना चाहिए मान्यवर अभ्यास पुस्तक के नोट को लेने के फिराक में डूब गए आप इसका नोट लेने के लिए तैयार हो गए हैं कैसे भी 10 का नोट ऐसा आ जाए मैं आपसे निवेदन करता हूं परमात्मा ने हर आदमी को ₹90 करके भेजा है लेकिन फॉर ताल वह ₹10 में बर्बाद करता है ₹10 इसी से भर झाले यह बकायन मरीजों तो भी पूरे नहीं होते रहते हैं ने मरते समय तक चिता में धू-धू करके भी जल जाओगे तो भी स्वप्न कभी पूरा होने वाला नहीं है सब कुछ तुम्हारे पास है मैं आपसे निवेदन है संघ के दृष्टि रखो एक हफ्ते दृष्टि मतलब रखो और सद्भाव पर दृष्टि रखोगे जीवन में आशा जगी का स्वभाव के अनुसार कि सदर लोगे जीवन जीने के लायक हो जाएगा पुराणों में दोस्ती रखोगे पापा होगी निराशा होगी डिप्रेशन कि जीवन जीने के लायक नहीं आप भगवान से प्रार्थना करोगे ऐसी जिंदगी से तो भगवान मुझे उठा लेता ज्यादा ख्याल सोच सोच बदल लीजिए जीवन में सुख इस मैं आपसे निवेदन करता जितने लोग बैठे हैं इन सबको कोई ना कोई समस्या होगी ना नहीं बोलो ना समस्याओ है ना सबको समस्या है ना है और आप भगवान से जाकर प्रार्थना करो मेरी समस्या हल हो जाए मैं आपसे निवेदन करता हूं कि आप कैसा जीवन चाहते हैं है जैसा आप सोचते हैं वैसा है यह दुनिया में जैसा होता है वैसा की सोच का जीवन अलग होता है उर्दू जिंदगी का जीवन अलग हुआ करता है अष्टमी जो सोचता है कि यह हो जाए यह हो जाए यह हो जाए अगर ऐसा हो पूरी बाजार पूरी हो जाए उसकी शॉप चाहिए ऐसा दी कि चलो मैं आपसे कहता हूं आज सूरत में निकल जाना सुबह से शाम हो ना पूरे सूरत में एक जिंदगी ऐसी देखिए आना मेरी बात लाखों की पापुलेशन तो होगी ना नहीं होंगे सूरत में चित्र लाख होंगे 172 ब्लैक समझ में आ रहा हर के पास जाना अरे छोड़ो ना मना क्यों कर रहा होगा उसने कह दिया होगा नहीं होगा तो हो जाएगा 24 साल में कमी है कि अपने देश में आए दिन पैदा होते हैं हम लखन माननीय संजय सचदेव का सट्टा मैं आज सुबह से कि हर किसी की जिंदगी देखना मैं तो लाखों करोड़ों की जिंदगी देखता हूं 25 साल हो गए मुझे अपनी जिंदगी में जहां जाता हूं नए-नए लोग मिला करते हैं नया शहर मिलता है हमें इन्हें लोगों से परिचय होता है मैं आपसे पूछना चाहता हूं सुबह से शाम तक निकल जाना बड़ी महत्वपूर्ण जानकारी देवताओं की सुबह से शाम तक घूमना कि एक जिंदगी तलाश एक जिंदगी एक जिंदगी को देख कर आना जो पर्फेक्ट है कि भगवान से कहना मुझे इसके जैसा बनाते हैं ध्यान रखना ढूंढ सकते हो कि एक जिंदगी 70 लाख लोगों में एक जिंदगी भी तुम्हें ऐसी नहीं मिली जिसके जैसा तुम जीत सको है क्या मोदी जैसा जीना चाहते हो की रातों की नींद हराम है भाई चेन्नई है वह हां बोलो राम नाथ के साथ जीना चाहते हो हां बोलो हालत खराब है की महबूबा मुफ्ती जैसा जीना चाहते हो कि ने पप्पू बनना चाहते हो हां बोलो क्या बनना क्या बनना तुमको किसके जैसा जीवन चाहिए तुमको अमिताभ बच्चन में निबंध में कार्य कि पेटी 153 मंदिर में कि मुझे उसके जैसा बना देता हूं हुआ है कोई उदाहरण जिसके पास समस्याएं ना हो ढूंढ कर लाए थे यह पुनीत भावना हां तुम तो हजारों से मिलते हो कि एक जिंदगी उदाहरण बन सकती है कि भगवान पुलक सागर जैसा बनना चाहते हो मेरे भी हजार समस्या है भाई ध्यान रखना समस्याओं से रह तो कोई है ही नहीं है यह बाल उखाड़ और पैदल चलो और कांटे चुभे और एक टाइम बहुत ज्यादा मिला तो मिला नहीं मिला तो ध्यान रखना मेरी बातों को तो लोग पसंद करते हैं लेकिन मेरी जिंदगी को पसंद नहीं किया करते हैं पहली पसंद करने तो यहां भीड़ नीचे कम होती ऊपर ज्यादा हो गई होती है सोच किसके जैसा जीवन से एक उदाहरण बता दो कि आप भगवान से मंदिर में प्रार्थना कर रहे हैं और भग आधे जिंदगी रसीला कि मुझे उसके जैसा बन प्रणाम जैसा बनना है क्या हां बोलो घर से निकला हूं तुम्हारे बाप से हां बोलो बोलो चाहिए क्या कैसा है यह वेलवेट रॉव जंगल से विड्रॉल किसके लिए सचिव बुद्धि जैसा जीवन चाहिए किस-किस पारसनाथ बनना है आप अपने कमर की व्यवस्था करूं फिर मैं बनना है क्या कैसी जिंदगी चाहते मैं पूछना कभी अपने आप को लेकर जाऊंगा लेकर आइए जो पिछले 181 चाहिए हमको टाटा बिरला के Reliance बंधु उनकी भी लड़ाई अखबारों पर आ गई है क्या समस्याएं तो वहां भी खड़ी है कि निर्मल जी ये कैसा जीवन चाहिए के दीवानय फाल कि अ क्यों नहीं चाहिए ना इसकी जैसा जीवन चाय है और कभी अपने आप से पूछा था कि हर कोई चक्रनुमा अलार्म को लेकर आओ कि भगवान मुझे इसके जैसा फाल बना दो मैं कोई तो नहीं है ना कि एक कौवा बैठा था पेड़ की शाख तो दो आंसू गिरे टप टप उसके नीचे साधु बैठक था कि इसके माथे पर तवे के आंसू गिरे कि उसने ऊपर देखा कि उसे यह ठेका ब्रांच कि क्या समस्या है तुमको आप क्यों रो रहे हो कि कहीं नहीं कहा कि संत भी आप बहुत पहुंचे हुए हैं एक संत ने कहा हर क्षण तक पहुंचा हुआ है मटका हुआ तो संसार हुआ करता है हम तो पहुंचे हुए हैं एक आदमी से एक आदमी ने पूछा एक तंत्र ने पूछा क्यों भैया एक्शन से किसी ने पूछा है कि शंकरी कहती थी सेट करो में वृद्धि कैसी कट रही है बड़े मजे से कट रही है कि जैसाराम चलाते हैं देश में चला जाता हूं मेरी जिंदगी कटती स्मिथ राम के भरोसे जीरा और जेताराम कहते हैं कि हमारी जिंदगी कट जाती संत ने उससे पूछा तो भैया तेरे को अधिकतम कि मुझे हम क्या बताएं संत जी व्यक्तियों बोले आप तो जैसा राम कहते हैं ऐसी जिंदगी चलती है हमारे यहां तो जैसा सीता कहती है वैसे जिंदगी चलते हैं अरे क्या हम जनमत कि मान्यवर जी कि कबीर संत से कहा कि संत जी की कि आप जो मेरे दुख दूर कर सकते हो एक संत ने कहा कि वे तुझे किस बात का कि मुझे दुख इस बात का है है कि तो मेरा काला सर यह मैं कोई मुझे पसंद नहीं करता है जिस घर में कांव कांव कांव कांव करो कल सुबह वाली है वैसे कंकड़ है वह टेंपर्ड ग्लास है एग्जाम यह केवल 10 दिन होती है श्राद्ध पक्ष में दुनिया भर का खिलाते ले भैया गंवारा दिखाओ एक आयत हिंदुओं में होती है श्राद्ध होती इसमें कछुए को कर डाली जाती है 10 दिन की बात मुझे कोई पूछता नहीं मेरे को नहीं आता है एक बंद कमरे में बैठ यहां पे संत जी ऐसा कि कि मेरा यह साइलेंसर हटा दो और अधिक इस संधि का क्या बनना चाहता है तू उठाओ है तो बोले मुझे हंस बना तो संत ने का अंसबंध है वह यहां पर एक काम कर तू चल मेरे साथ हंस से मिल गया आते हैं ठीक है चलो कुआं चल गया आप संधि के साथ उड़ते हुए चला गया अब जैसे पहुंचा हंस बैठा हुआ था सरोवर में जा करके कहां के अंधेरे का ठीक है हो कवने कहां अंत जी तुम्हारी तो बड़ी मस्ती होगी बड़ा आनंद होगा भले करो कितने आराम से तालाबों में पैडल मारते हो तैरते रहते हो आप कि कितना तुम्हारा मस्ती का जीवन होगा पहले तो देखो तुम से आकर्षित ले जाया करता है हंसने का यह कौन बुला रहे हैं कि मैं सुंदर हूं मुझे क्या मतलब कि मुझे किसी ने बोला कि मैं सुखी हूं कि अरे मैं हंस कर पूछा हंस ने कहा में निकाल सूखे हूं कि कौन बोलता है मैं सुंदर हो एक संत ने एक व्यक्ति की तरफ देखा था को देख पागल तू कह रहा था मैं काला हूं यह दौरा भी रो रहा है यह कह रहा कि मैं सुंदर नहीं हो अरे तो बेइज्जती वो बोली मैं काऊ आंवला बोले पागल कभी तोता देखा है बिल्लियों कितना सुधर सकता है हरे हरे पंख होते हैं लाल ज्योतिष होती है कितना मीठा बोलता है मैं गोरा हुआ तो क्या हुआ आदमी जैसा थोड़ी बोल सकता हूं तो आदमी जैसा बोलता है तो तय ए बुलेट बाइक वाले राहुल जैन हंस ने कहा तोता बहुत सुखी है तंत्र एक काम करो दोनों मेरे साथ पोते के पास चलो मेरे दोनों चलेंगे दौरान हंस अपनी चाल में चल रहा है एक पेड़ पर तोता बैठा और लिया कि अरे बड़ा खुश हो गया तोता क्या बात है तवा भी गुजारा अनसुनी मुलाकात अंत नही आए और वृक्षों क्या चल रहा है उससे तो टेस्ट करके जवाब दे दिया पूरे आ रहा है अरे बोले देखो क्या जिंदगी है मिट्ठू तुम्हारी एसडीओपी नरेंद्र रखने तो अपने हाथ से सहलाते हैं बुलाते हैं तुम्हें बादाम खिलाते है किशमिश खिलाते हैं दूध रोटी खिलाते हैं बड़े प्यार से अनीता बोलते हो तुम इसको आदमी की आवाज बोल देते हो तुम्हारे जैसा पुण्यात्मा तुम्हारे जैसा चुके इस संसार में कोई दूसरा नहीं हो सकता है मिथुन का कौन बोला रे कि मैं सुखी हूं अरे कवि ने का यहां भी कोई लफड़ा है क्या बोले कोई मुझे दूध में लाए हरा रंग बोली क्या मतलब है का जिक्र कर रहे एक अलग कि मैं तो पेड़ की हरियाली में छिप जाता हूं लोग अगर आपके देखते हैं तब मुझे पहचान पाते ही रिचा जिंदगी है कोई रंग मिला मुझे को इस एक कवि ने कहा कि मिट्ठू राम तुम तो बहुत सुंदर दिखते हो अरे हो काली काली कंट्री लगी हुई है गले में सुंदर सी यह सोच देखो लोग कहते तो जैसे इन्ना सोना चाहिए कि लुटेरा जैसी ना होना चाहिए वह ले क्यों में कोई सुंदर नहीं हूं संत जी मुझे सुंदर बना सकते हो तो विनेगर का तेरा नंबर कहां से आ गया अभी तो मेरी बात हुआ था संत ने कहा कि तुम इतनी सुंदर आज तक तोते ने का यह सब बकवास पर इससे कोई सुख नहीं मिला करता है वह ले क्यों पुलिस सुंदर तो जगत में मोर हुआ करता है मोर से ज्यादा सुंदर जगत में कौन होगा संधि शो मोर में जब बादल देखता है घटाएं देखता है बदल गरजता है पंख फैलाकर समक्ष उतना ज्यादा पड़ता है तो मधुमक्खी नाचा करता है कि आप सुंदर लाल कि प्रकृति का सौंदर्य नजर आ जाया करता है जिसे देखने के लिए हजारों निगाहे ग्राफ पर रखते हैं कि मोर कब नाचेगा गुर्जर तुम मोर नाचते होना तरह से लगते हुए से लगते हो लोगों के हृदय को झंकृत कर दिया करते हो कितना सुंदर वातावरण के साथ सुखी है रे मोर तू संत ने कहा जन्मों के पास चल चल धार चलते हैं जैसे ही मूर्ति के पास पहुंचे मोर मयूर की कांति के बाहर कि तुम तो बहुत सुंदर रहते हो कितने रंग भरे प्रकृति ने तुम्हारे शरीर में ताकत और रंग भर दिए तुम्हारे शरीर उड्डयन लग रहे हो तो हमारे सिर पर ताज उपलब्धियां परमात्मा ने इतनी खूबसूरत पंख तुम्हारे कितने सुखी हो तुम मोर बोला कौन बोला रे कि मैं सुखी हो भर यहां भी लफड़ा है जो भी समस्या है क्या प्लेन मोड बोला कि सुंदर की बात करता है थे इमेज सुंदर सुंदर पंख है ना पंखी मेरे दुश्मन है बोले क्या मतलब पुलिस परमात्मा ने तरफ सुंदर कि भैरू कुछ लोग कि लुटेरे हैं मेरे पंख कि मैं भी मौत मारा जाता हूं कि इसके अंदर यह वापिस ले कि इसके अंदर ही मेरा सबसे बड़ा शत्रु है सन्नद्ध हों वे भाई कि तू कितना अच्छा है मोर ने कहा तो कितना अच्छा है कुआं हाउ टो उस बजे मारता तो नहीं है कि कोई तेरा शिकार तो नहीं करता ना कोई तरह पल मैं तो बहुत अच्छा है क्या हुआ था मुझे तेरी जैसी जिंदगी एक संत ने कहा भूल तवा कि किसके जैसा बनना इस तवा तो चुप झाल तो उसने कहा मैं क्या करूं कि मैं इसी अच्छा बोलता हूं उसकी फांसी समस्या है कि मान्यवर प्लेन मोड़ ने कहा जाता है कि तुम जैसा है वैसा ही रहे हो जो जैसा है वैसा स्वीकार कर लेता है धरती उसके लिए स्वर्ग हो जाया करती है आनंद हो जाया करती है जीवन उसके लिए आनंददाई हो जाता है जीवन परमानंद हो जाता है कि इतने बड़ा यह संसार मेरे भगवान आ रहा है तू से जैसा सुंदर तुम्हारे जैसा अच्छा व्यवहार तुम्हारे शुक्र है ऐसा बनाया भगवान ने कि तुम्हारे अंगूठे के निशान दूसरे से नहीं हिला करते तुम पैदा हुए धरती पर तुम्हारे जैसा दुनिया में कोई दूसरा नहीं हुआ करता है लेकिन हमने अपनी जिंदगी में अपनी किस्मत को क्वेश्चन है अपने बुरे दिनों को कोई सारफ की कमियों देखा है अपने आप की पूर्णता पर ध्यान नही रखा है हमारे जैसा कौन होगा इस स्थिति में थे लेकिन हम इसी में जलते हैं वह हमसे अच्छा बोलता है वह बड़ा संत हुआ करता है उसके पास ज्यादा दूर है वह बड़ा संत हुआ करता है जिसके जाए ओपन करो कि मैं पुलक सागर कहता हुं जिसके जीवन में जितना आनंद वह इतना बड़ा संतोष हुआ करता है जितना संतोष उतना बड़ा संधुआ करता है इतनी खुशीयां भूत नवरत्न दुआ करता है ध्यान रखिए खुशियों से बड़ा कोई संकट तो है खुशियों से बड़ा कोई संसार है आनंद से बड़ा कोई जीवन में सुख और सकता है क्या नहीं हो सकता है ढेर में हीरे-मोति मगर यह याद रखना कफन में जेब नहीं होती क्या मिलता सुख शांति सुकून मिलेगा यह सूख कर मेरे लिए शांति कर दो कि जब हम अपनी पूर्णता पर विश्वास रखेंगे सारी दुनियां पर विश्वास रखने वाला इंसान अपने हफ्ते विश्वास नहीं रखता है उसको माता-पिता विश्वास है उसको पत्थर की मूर्तियों पर विश्वास है उसको वॉल्यूम मैं तुझे विश्वास नहीं है तो अपने आप पर विश्वास नहीं अपने आपका विश्वास जगह कि मुझसे ज्यादा अच्छा और मुझसे ज्यादा सुंदर इस पर इंकार मत करना है नहीं तो हम पर इंकार जल्दी करते लेकिन परिपूर्णता में परिपूर्ण हूं मैं मनुष्य हो मेरे पास सोचने-समझने का दिमाग है मुझसे ज्यादा अच्छा कुछ ने मोड़ने कहां है कि तुम जैसा है वैसा रहना तू हंस बनने की कोशिश कर बिना तो क्यों टो तप करने की कोशिश करना पूर्व बनने की कोशिश इस संसार और किसी के पास पूर्ण ताण नहीं हुआ हर कोई अपूर्ण है और किसी के पास बोलना अच्छा आता है तो लिखना अच्छा लिए अब किसी को लिखना अच्छा जो भी व्यक्ति का विचार करिए किसी को देख रहना अच्छा आता है व्यवहार अच्छा नहीं होता है तो किसी का व्यवहार अच्छा होता है सूरत एक ना एक कमी संसार में सब कोई पूर्णता किसके पास सागर के पास जा करके देखना समुंदर के पास बड़े कि रत्न अपने में समाहित करके रखता है बहुत विशाल अथाह जलराशि अथाह रत्नों की राशि लेकिन उस सागर भी एक कमी को लेकर जीता है कि मैं मीठा नहीं रखना भी खराब हुआ करता है आपका आपके पास चार्ट्स रहे तारे हैं सब कुछ तो है उसके पास लेकिन आकाश तक पहुंचने की सीढ़ियां नहीं है बहुत तरसता है यह आदमी च मेरे पास आ सकता है एक कमी उसके पास भी है हिमालय के पास है और सदियों है हिमालय में यह कमी तो उसके पास हुआ करती है मान्यवर दुनिया में ऐसा कोई नहीं है जिसके जीवन में परिपूर्ण किसके जैसा बनोगी बताई आंसर मैं आपसे पूछना चाहता हु घर जाकर सोचना आपको सुखी हो शीला है शांति से जीना है माला का आनंद में जीना है जीना कि जिस दिन यह बात मन में आ गई ना किसके जैसा फाल कि कुछ नहीं मिलेगा मैं अपने मन से पूछो तो किसकी जैसा बनना चाहता है उस मन को समझा और पागल किसी के जैसा मत बन तो अपने जैसा बनजा जीवन में आनंद ही आनंद से घर में किसी के जैसा क्यों ना मैं नहीं सोचता में विद्यासागर जी बन जाऊं क्यों बन जाऊं मैं नहीं बन सकता नहीं सोच रहा पिंपल या हो मेरे साथ कि मैं आचार्य पुष्पदंत बन जाऊं कि मैं लाख कोशिश कर लूं तो भी नहीं बन सकता हूं वह लोग भी कोशिश कर लें पुलक सागर बन जाएं तो वह भी नहीं बन सकते हैं ध्यान रखना जो जैसा है वैसा है दूसरे जैसा बनने में जीवन को अशांत मत बनाओ दूसरे के जैसा बनने में दिवस में पीड़ा यह हल्दी मत करो जीवन को प्लान घबराओ हर व्यक्ति की अपनी अपनी उपयोगिता है एक नाटक में जितने पात्र होते हैं सभी पात्र एक सा रोल अदा थोड़ी करते हैं और सभी पात्र एक सा रोल अदा करें तो फिर वह नाटक नाटक नहीं रह जाता है ध्यान रखना आपसे निवेदन है जो पार्ट पर जैसा है अपना रोल अदा करता है और दुनिया से विदा हुआ था तो ज्यादातर सबसे अलग विलेन का रोल अपना हुआ करता है हीरो का रोल अपना हुआ करता है आपके जो नाटक में मां उपाय है धन्यवाद कल देखा ना अपने 15 अगस्त को का हीरो कौन था जो मर गया रो क्यों रही थी मां नाटक तो हीरो के लिए था हाईलाइट कौन हो गई ए मां बहुत अच्छा कोई गजब किसी का रोना भी तुम्हें अच्छा लगता है ध्यान रखना मैं तो चला है आपको विचार करो में मत बनिए ओम नारायण कृष्ण से है मैं कल नहीं एक दिन पूछा मैं कल नहीं बहुत बड़े योद्धा झुक दानवीर महाभारत में में है करण ने पूछा कि नारायण एक बार अकेले बैठे थे दोनों ओम नारायण जरा यह बताओ कि मेरे ऐसा क्या किया है अपने जीवन में है कि मैं पैदा हो रही बीमार करो शुक्रिया में कुंती ने को पेटी में बंद करके नवजात शिशु को ठंडा में छोड़ दिया था क्यों मैंने ऐसा क्या किया ना रहें मुझे अवैध बच्चे का हक का मुद्दा रहेगा है इस वीडियो में के कारण मैं जब मैं बड़ा हुआ कि रुद्राणां चारों ने मुझे अपने आश्रम में नहीं रखा उन्होंने कहा कि इस उत्तर है इसको में शिक्षा नहीं देता हूं मेरी क्या गलती है नारायण कृष्ण मुझे ऐसा जीवन क्यों मिला दें अवधि रे स्वयंवर ने मीरा कुमार ने की कुछ देर रात भर आवै कर रही है बिल्कुल अपने हैं उस भरी सभा में मुझे तिरुपति ने अपमानित किया महाराज नारायण कि ऐसा जीवन क्यों मिला मुझे तो इसमें मेरी क्या गलती है इस गलती को माता-पिता ने की थी भोग मेरा ओम नारायण मैं आज संतप्त हूं आज दुखी हूं मुझे बताओ ऐसा जीवन को देखकर उर्मिला नारायण मिश्र ने कहा मुझसे पूछते हुआ मधुसूदन हां केशव बताओ मैं नदी हूं मैं योगा हूं कि बसु यह मेरा अपना नेता खुलकर पर क्लिक किया गया मेरी योग्यता पर किसी ने ध्यान नहीं दिया मेरी प्रतिभा को किसी ने नहीं देखा था की परीक्षा है और विद्वानों की सभा में सुत्र कहकर के मुझे गलत किया जाता रहा मिस दर्द को कैसे भूल सकता हूं नारायण कि कृष्ण ने कहा कि करण कि मुझे देख लो कि मेरा जन्म जेल में हुआ है मैं तेरा तो फिर भी महल में हुआ था मुझे देख मैं जेल में पैदा हुआ कि मुझे खो खो कि रीको यह श्रवण यह देखो कारण मेरी जिंदगी देखो मेरे जन्म लेने से पहले ही मृत्यु की व्यवस्था कर दी जाती है अभी मैं पैदा नहीं हुआ मारने की तैयारियां शुरू हो जाया करती है यूनिट अजय को कि मोटे अमिताभ पड़ा मां-बाप से दूर होना पड़ा पूछे मेरा जीवन में तो देखो कर बचपन में कैमरे मारने के षड़यंत्र रचे हैं की जय जय जवान कि मुझे देखो कि गाय तराई में कहते तो नारायण है अवतार लुट जंगलों में गई यह शराब तथा गोबर उठा यह मैंने देखो कंठ मुझ पर प्राण घातक कि नहीं मैं तुम्हें तो फिर भी गुरु मिले मुझे तो गुरु ही नहीं मिले कन्हैया कौन सी स्कूल में पढ़ने गए थे उनके गुरुकुल में अध्ययन किया था कॉल 13 अक्टूबर गाय चराते रहा तो हम पहरा हुआ था को पढ़ाने स्कूल की नहीं मिला मुझे तो तुम्हें तो फिर भी आश्रम मिला तुम्हें तो परशुराम जैसे गुरु मिल गए मुझे तो गुरुजी नहीं मिला कि मुझे 16 हजार रानियों से विवाह करना पड़ा रविवार को इस क्वेश्चन का सुख नहीं था वह एक राजनीतिक समझौता था कि जिस राज्य को अपने में शामिल करना है दूसरे राज्यों को अपने अधीन करना है कुंडली करते यहां से विवाह करना पड़ता था और इतने बना लिए जाते थे मुझे यह कनेक्ट मुझे तारीख मुझे गोल कि भावना प्रस्तावित पुल से ज़रा थम देखिए तक को सैफ कि मैं कहां सॉरी खुद के महल में रहता था कि मुझे जाकर एक यमुना का किनारा छोड़ना पड़ा और गुजरात में समुद्र के किनारे द्वारिका बचाव करते हुए अपनी जिंदगी गुजारना पड़ कि मेरा जीवन कि महिलाओं तथा युधिष्ठिर हुआ था बजे मेरी मृत्यु हो गई ना करें ना महल होंगे जेल होगा जंगल में मारा जाता है की समस्या तुम्हारी बड़ी है यह समस्या मेरी बड़ी है लेकिन उसके बाद भी तो किसने कहा मैं कभी रोता नहीं हूं कि मेरे चेहरे पर शिकायत नहीं हुआ करती है के पास अभाव ही अभाव है पद पर जिसके अमोल पीछा कर रही हो की जिंदगी इसी का नाम है करना दुखी मत हो कल लोहे दानवीर की पूजा है लेकिन जिंदगी भर सूट कुत्ते का तुम्हें बोला ना दिया जाएगा जियो जिंदगी इसी का नाम है पीसफुल जिंदगी किसकी होती है बताइए अच्छे-अच्छे में ऋषभदेव की शांति में जिंदगी ठीक है कि शंकर थे प्रथम दिन है जिसके दरवाजे पर तीव्र हाथ जोड़े खड़े हैं देवताओं के देवताओं की जिंदगी के जन्मदिन की सेवा में खड़े हैं कहा जाता है रिसाव को पूरा स्वर्ग धरती पर उतर आता है उनकी सेवा करने के लिए निकली सब्जियों के जीवन में रेजिमेंट हुआ था कि देख छह महीने हार नहीं मिल ए पीसफुल लाइफ ठीक है उनकी हैं मानवाध छह महीने तो संकल्प लिया छह महीने हार नहीं मिला एक बस तक जिन्होंने भोजन नहीं किया दल घर पर जाते गुरुद्वार जाते गांव-गांव जाते हैं सुबह निकल गए शंभू खिल उठे करके वापिस आते भोजन नहीं मिलता ना कि क्या तीर्थंकरों का जीवन से परिपूर्ण रहा है 9th मठ ने पारसनाथ को कितना परेशान हूं अ Baahubali अजहर एक बार कि टाइम के जीवन में समस्याएं नहीं में मदद राम के जीवन में समस्या नहीं है ए कौन है जिसके जीवन में समस्याओं ने जानते हो एक कहानी मुझे बहुत अच्छी लगती है कि एक बाज होता है एकदम और सुना है कि उसकी आयु 70 वर्षा होती हैं ध्यान रखें और कि वह अपनी जिंदगी को क्या अंजाम दिया करते हैं कि इतना सब कुछ होने के बाद भी दुखी पीड़ा और चिंता में जिया करते हैं सब कुछ तो तेरे पास थे बॉयज में 40 साल की उम्र का जन्म होता है लिए बहुत महत्वपूर्ण बात में 40 साल की उम्र में आते-आते कुछ कि जितनी भी समस्याएं ज्यादा से ज्यादा खड़ी होती हैं 40 साल के बाद आदमी नकरात्मक खो जाता है 40 के बाहर आदमी खराब हो जाता है कि डिप्रेशन में थी लेकर बचपना तो अलग होता है के बाच को मालूम है क्या घटना घटी उसके जीवन में 13 घटना इंच है उसके जाए जब एक बार 40 कि उसकी चौंच मुड़ जाते हैं कि उसके पंजे धो लें हो जाते हैं उसके पंख भारी हो जाते हैं कि विपक्षी कि जीवन में तीन चीज ही महत्वपूर्ण होती है के पंजे चौंच उस पक 34 चीज तो इसको चाहिए तीनो चीज़ की डैमेज हो जाती हैं के प्रति रोष भड़क जाते हैं कि चौधरी इलेक्शन खड़ी हो गई मंदिर लचीले हो गए अब उनसे उस शिकार नहीं पकड़ सकता चौंच मुड़ गई कि तुम्हें कुछ खास नहीं सकता क्योंकि चौमू तक मुड़ जाती है पंख भारी हो गए तो वह बढ़ने से अब क्या करे वह बाज है में 40 साल की उम्र में उसकी हर बात के साथ ऐसा होता है हां मालूम है कि अब्बास के साथ कोई रास्ता जो अलार्म ऑफ कर शो मोर हुआ था में मरे हुए पशुओं का भोजन करें किसी का छोड़ा हुआ कर्व का छोड़ा हुआ तीर लगा चौड़ा हुआ जूठा भोजन करें बाद जूठा भोजन नहीं करता है ध्यान रखना कि दोस्तों कर लेती है गिद्धों का छोड़ा हुआ भोजन बाजू करें हैं या फिर मैं अपनी जिंदगी में कुछ बदलाव लेकर आया उसे क्या चुनना चाहिए मौत झूठा अपमानित वजन कि यह जिंदगी में परिवर्तन की सूचना है आपके सामने भी तीन समस्या खड़ी होंगी क्या कभी आंसू क्या करुं कि नहीं झाल बाज के तारों ने तीन रास्ते हैं मैं पीड़ा क्षमता है दर्द चलता है की मृत्यु नहीं चलता कि तुम दर्द ज्यादा हो जाए तो तुम कह सकते हो मृत्यु बात नहीं के बाद स्पीड राजपूत मैं इश्क काला-सफेद दर्द का रास्ता है के बाद अमिताभ का रास्ता चुना और एक बात याद रखना जिन-जिन ने दर्द का रास्ता चुना वह संसार में आदर्श पंचायत करते हैं वह संसार में पूजा हो जाया करते हैं दुनिया उन्हें भगवान कहकर गए पुकारा करती है कि मैं उल्टा सीधा के सभी पढ़ लो मैं दर्द दूं दर्द ही दर्द सब उल्टा पड़ तो दर्द सीधा पढ़ो उल्टा-सीधा मुझे कैसा भी पढ़ लो मैं दर दूं दर्द किया थे मान्य सुच 25 दर्द होता है प्रभातिया शीघ्र उस शहर से मुड़ करके इसी दौड़ जंगल में किसी पेड़ पर जाकर फैक्ट और मजे में क्या करता है वह आज में जाकर कि किसी चट्टान से गहरा अपनी चॉइस तोड़ता है है जो मुड़ गई थी उसे पत्थर में चोट कर कर के साथ दिन में उसकी चोंच टूटती है खून से लहूलुहान होता है वह बाज ध्यान रखना लेकिन उन नहीं चलता है कि वह तारीख चुका है गुजरात आ चुका है तो यहां सुनें मैं जोधपुर एक बात याद रखना मान्य वध कि जब बच्च तोड़ देता है कि कई दिनों के बाद नहीं चाहती है तो फिर बाय चट्टानों से टकराकर अपने पंजे टूटता है कि ऐसी मुसीबत तुम्हारे जीवन में आती है क्या कि पनीर वेब पन्नों कि कर देता है धीरे-धीरे नए पंजे आते हैं पंजे आधार नए चौंच नादान नहीं व्यवहार व पंखों का नंबर आता है वह अपने पंख करते रहता है जिससे भारीपन खो गए उखाड़कर बाद पैक देता है फिर मैं पंख खाते हैं मालूम है इस प्रक्रिया में कितने दिन लगते हैं डेढ़ सौ दिन लगते हैं मैं एक-दो दिन में एक कलम और गुलाब की कलम नहीं है कि आज काटे कल नहीं आ पूजा आ गया इस सब्जी भाजी नहीं है हाई स्कूल थोड़ा कल नया खेल गया अब लुटेरे रिक्त अपने लिए पेड़ शॉपिंग दफन हो जाते हैं जो बाद जिंदगी से हार रहा था आकाश की ऊंचाइयों में उड जाया करता है इतनी ऊंचाई में पड़ता है इतना 9th मई अपने नए पंख हैं नया जीवन है छोड़ो कल की बातें कल की बात पुरानी नए नियमों में लिखेंगे हम मिलकर नई आंच कहानी नया प्रारंभ हो गया यार एक बात याद रखना सूरत बोलो कि बिना दर्द के तो हमारा जन्म भी नहीं होता मेरे भाई हर सुख का जन्म दर्द की कोख से हुआ करता है जब तक जीवन में दर्द नहीं जब दर्द हां जी दर्द तो होना ही बिना दर्द के तुम्हारा जन्म नहीं हुआ है इसका जन्म होता है बिना पीड़ा के पीड़ाओं से मनुष्य का जन्म हुआ करता है फिर आप उसे मन ए मॉकरी पीड़ा है जन्मदिन पीड़ा है बीच का जीवन बादल ने नहीं जिंदगी झंड आप किस बात से दुखी होते हो कि इस समस्या से दुखी हो तुम छोटी-मोटी समस्याएं इनसे जीवन को दुखी 10:00 बज रहे हैं यह बात तो बहुत सारी है है लेकिन जहां तक मैं कह सकता हूं के जीवन को लंबा मत बनाओ मैं एक आदमी हूं साक्षी महाराज मेरा जीवन सं तो मैंने कहा तुम्हें इतना जीवन पापी क्या कर लिया 50 साल पहले भी बैठे होंगे के साथ जुबली भी बैठे 70 वाली भी बैठे होंगे क्या किया तुमने सीख लो थोड़ा सा और लेकर भी तुम कौन से झंडे का रंग दोगे आप सोचो मरे मरे पैदा हुए मरे मरे जी रहे हैं मरे मरे नहीं आते हैं चलिए जानते हैं मीका यह को बिल्कुल एक बुजुर्ग 180 का हो रात दिन भाइयों मिलकर तुमसे इसी साल क्या कि अपनी जिंदगी में ध्यान रखना विचार कर रहा है आपको मैं किसी की एक दिन की जिंदगी सा काम करती है और किसी की सौ बरस की जिंदगी से कुछ नहीं सकता मैं तो कहता हूं कि साइड इफेक्ट का रक्त इस साल जीने से अच्छा तेइस साल का भगत सिंह होता है जो देश के लिए फांसी के फंदे पर चढ़ जाया करता है कि नियुक्ति अच्छा कि अ 18 साल 10 साल की बात याद रखना जो सौ साल की जिंदगी में अपनी जिंदगी नहीं जी पाते तो इस साल की उम्र में भगतसिंह सदियों का जीवन जी करके चला जाता है कि सदियों का जीवन परिचय 9th मई को लंबा मत बढ़ाओ चेहरा हो कि जीवन बहुत गहरा व रोल नंबर सुनाओ जीवन में लंबाई का कोई महत्व नहीं हुआ करता है जीवन में गहराई का बहुत महत्व करता है बालों को लंबा मत करो s365 दिन ही मिलेंगे इस 24 घंटे मिलेंगे इससे ज्यादा नहीं मिलेंगे बाजू को भी 24 घंटे मिले थे कृष्ण को भी 24 घंटे मिले थे रामपॉगे 24 घंटे मेज़ ऋषभदेव के समय दिन कितने समय का होता था रात-दिन 2436 घंटा लिखा है किसी पुस्तक में नहीं महावीर को 24 घंटे के रात-दिन मिलते थे कश्मीर को भी 24 घंटे के रात-दिन मिले हैं MP4 करिए मोदी को भी थे 70 साल वालों ने क्या कर लिया वह लिए जिंदगी को लंबा बनाया हुआ था और कोई 5 साल में जिंदगी को गहरा बना लिया करता है देश का कायाकल्प कर दिया करता है घृत बिल्कुल ऐसा दिन लगे तो गहरा का पानी बार 50 साल की आयु में जो सौ साल की आयु में नहीं कर सकते तरूण सागर ने 50 साल की आयु में जैन धर्म को पहचान मिलाकर दुनिया से विदा दोनों मर कर भी अमर हो गए थे आख्यां कुंदकुंदाचार्य छोटी सी यू 211 कि चोटी सी उम्र में सदियों का जीवन से करके चले गए स्वामी विवेकानंद कितनी कम आयु में दुनिया से विदा हो गए मान्यवर हजारों वर्ष बिजी हो तो जिंदगी में कोई फर्क नहीं पड़ता है मैं आपसे निवेदन है बड़ी विनम्रता के साथ कि जीवन को लंबा नहीं जीवन में लंबाई का नहीं जीवन में गहराई कम बात करता है अपने जीवन को बहरा बना दुख पीड़ा और दर्द को लेकर जिंदगी को ओशो परमात्मा से मत कहो कि परमात्मा खुद दर्द की जिंदगी दुनिया से विदा हुआ है जिस सब्सक्राइब लटके है याद रखिए पारसनाथ क मटका उपसर्ग सहते हैं Baahubali बिल में लिप्त जाया करती हैं जितने भी में नाम ले रहा हूं ना ए पीसफुल लाइफ बालों के नहीं ले रहा हूं उन्हीं के लिए रहा हूं जिनकी जिंदगी बड़ी असांत थे बड़ी पीड़ा में थी संत वालों का कौन नाम लेता कि आप सबने सुना अनुग्रहित हूं अजय को कि आप जो ओम नमः शिवाय देवता ही जय हो ओम नमः शिवाय देवता ही ओम नमः शिवाय देवता ही कि यदि श्याम ही न प्रमुदित मणा दर्द विहल छैना दशरथ स्वर्ग घी निकलने समृद्धं सुनिधि धनतेरस अंधभक्त आणविक झमाझम की मात्रा महावीर स्वामी नयनपथ-गामी भवतु मे महावीर स्वामी नयनपथ-गामी भवतु मे महावीर स्वामी नयनपथ-गामी भवतु मे प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव भगवान की भगवान महावीर स्वामी की परम पूज्य गुरुदेव आचार्य श्री पुष्पदंत सागर जी महाराज की अहिंसा परमों धर्म की अजय को कर दो इस प्यारी परी भव्यात्माओं है है जो बच्चों को जन्म देती हैं वह जल्दी कहलाती है कि वह जनक कहलाते हैं कि बच्चों को जन्म देना कोई बहुत बड़ी बात नहीं है जानवर भी देता है है लेकिन मैं आपसे कहना चाहता हूं कि जो बच्चों को जन्म देती है वह जननी जनक कहलाते हैं वह बच्चों को संस्कार देते हैं वह माता-पिता कहलाया करते हैं जननी जनक जानवर के पास होते हैं माता-पिता केवल मनुष्यों के पास हुआ करते हैं मनुष्य के पास माता-पिता होते हैं में जलन एक बार फिर जन्म के बच्चे को छोड़ देना मनुष्य के साथ ऐसा नहीं है जो मनुष्य कि उन्हें चलने ही नहीं देता उन्हें जीवन भी प्रदान करता है संस्कार देता है संस्कारों से आरोपित करता है कि जानवर जब पैदा होता है तो पूरा पैदा होता है के देवता जल्दी पैदा होते हैं तो पूरे पैदा होते हैं है न कि जब भी पैदा होता है तो पूरा पैदा होता है मनुष्य दुनिया में ऐसा है जो अधूरा पैदा होता है वह अभी पूरा पैदा नहीं होता है क्या कभी सोचना विचार कि एक देवता के देवता के रूप में पैदा होगा देवता के रूप में कीजिएगा और देवता के रूप में दुनिया से विदा हो जाए एक नारी की नारी के रूप में पैदा होता है ना कि के रूप में ही जीता है ना कि के रूप में मर जाता है इस पशुओं को पशु के रूप में पैदा होगा पशु के रूप में जिए कायर पशु के रूप में दुनिया से विदा होगा एक जानवर लाख कोशिश कर लें और कितना भी मेहनत कर ले कितना भी पुरुष मिक्स कर ले गधा करी घोड़ा नहीं बन सकता घोड़ा कभी शेर नहीं बन सकता है गाय गाय ही रहेगी बकरी बकरी ही रहेगी जीवन भर पुरुषार्थ कर लें एक भी परिवर्तित नहीं हो सकते हैं देवता जीवन भर देवता ही रहते हैं ना कि जीवन भर न ही रहता है इसलिए मैंने कहा कि लोग पूर्ण पैदा होते हैं लेकिन मनुष्य पूर्ण पैदा होता है वह पदार्थों मनुष्य के रूप में होता है वह पैदा तो इंसान के रूप में होता है सही पुरुषार्थ करने तो इंसान से भगवान अध्ययन करके दुनिया से विदा हो सके भगवान बन सकता है आदमी आधार शिविरों में पैदा हुआ यह इंसान महात्मा बन सकता है परमात्मा के रूप में जी रहा है इंसान एक दिन परमात्मा के रूप में ख्यात मनुष्य में संभावनाएं है ध्यान रखना जो मनुष्य बहुत कुछ बन सकता है जो मनुष्य भी अच्छे संस्कार मिल रहे हैं है तो यह भगवान भी बन सकता है और मनुष्य को यदि गर्भ संस्कार मिल गए तो भगवान तो इंसान तो छोड़ो इंसान से हैवान एवरीवन करके खड़ा हो सकता है संस्कारों की बात है संस्कारों का शंखनाद है आप से निवेदन है मनुष्य बहुत खुश बन सकता है अनिष्ट संभवता पुण्य होता है यह इंसान हैं हां मालूम है मनुष्य के पैर नर्क की तरफ है उस सिर स्वर्ग की तरफ बुआ करता है ध्यान रखना खड़े होते हैं पेड़ कहां रहते नीचे या ऊपर रामदेव के सिरसा नहीं करा रहा हूं कर दो यह पैर नीचे होते हैं फिर स्वर्ग की तरह होता है कहां जाता है मनुष्य यदि अच्छे काम करता है उस पर उठाकर जीता है तो सर्विस की यात्रा करता है गलत काम करके सिर झुकाता है तो वह नरक की यात्राएं कर लिया करता है मनुष्य के ऊपर निर्भर है उसे क्या करना है कि चारों जरिए कई रास्ते हैं मनुष्य में देवी बन सकते हो नारकी भी बन सकते हो पशु भी बन सकते हो इंसान बन सकते हो और यदि संतों की वाणी सुन ली उपचारों गति को छोड़कर निर्माण को भी प्राप्त कर सकते तुम्हारे अंदर योग्यताएं हैं अ इंसान भीतर की शक्ति को देखने का प्रयास कर सुनाओ और अच्छे संस्कार है कि संस्कार ये नहीं जानते हो क्या होता है है व्हाट इस संस्कार का युद्ध कि क्या पेशंस का है
क्यों नहीं मानी इस संस्कार का मतलब इस संस्कार का मतलब होता है हमारी आदत है ध्यान रखना सुबह सितम हम जो करते हैं उसी संस्कार कहा जाता है संस्कार चैनल की बात नहीं कर रहा हूं इस संसार का मतलब है हमारी आदत हैं हमारी हरकत हैं हमारी दुनिया भर के क्रियाकलाप इन संस्कार कहा जाता है यह संस्कार मिल जाए अच्छी आदत से हो जाए तो मनुष्य महान मतदाता एक कुमार था मिट्टी से चिलम बना रहा है एक चिलम जानते हैं यहां क्यों नहीं जाता यह तो चेतन नहीं जानोगे चिलम तो जानोगे वायरल चिलम पे गुहार फिल्म बना रहा था उसमें कुछ भर कर भी पीते हैं ना जब वजह मालूम है तुम्हें क्यों नहीं मालूम तुम कौन से दूध के धुले हो ध्यान रखना विचार करें कुमार कर दो कि चिलम बनाते बना अपने बना आपके मन में क्या आया कि उसने चिलम तोड़ दे आप जैसी फिल्म टूटी कि उसकी मेहनत बेकार हो है जबकि लंबी चौड़ी है है कि थोड़ी देर बाद इस मिट्टी को फिर से मिल जाता है और मिट्टी से सुराही बना देता कि मिट्टी ने पूछा वह कुमार भाई तू मुझे कुछ बना रहा था वब कुछ बना दिया बोले कुछ नहीं महल मिट्टी मेरा मन बदल गया वह लिख क्यों कि पुलिस जल्द फिल्म बना रहा था पुलिस क्राईम ब्रांच अजय कुमार ने कहा मेरा मन बदल गया मालूम है मिट्टी ने क्या कहा वह कुमार तेरा मन बदल गया मेरी जिंदगी बदल गई मैं तेरे मन बदलने से मेरा जीवन बदल गया मेरी जिंदगी बदल गई यदि तू मुझे चिलम बना था लोग उसमें तंबाकू भर से आग लगाते धुआं पीते अध्यक्ष व अंदर लेते हैं और अपनी जिंदगी को धुआं बना देते अरे मैं भी जलती और सामने वाले को भी जलाते अच्छा किया कुमार तेरा मन बदल गया तूने मुझे इस पूरा ही बना दिया अब मैं अभी ठंडी रहूंगी लोगों के स्टंट व्वे खन्ना मिट्टी वही है मतलब एक बदलाव अ इंसान वही है थोड़ा संबंध बदल जाए तो जिंदगी को बदलने मैं फिर ज्यादा देर नहीं लगा करके इस मंत्र को बदलना है तुम्हारे का मन बदला मिट्टी की इज्जत बढ़ गई थी ना की सूचना सूचना है आपको अपनी जिंदगी को नशे की चिलम बनाना है या अंचला मृत की सुराही बनाकर की जिंदगी का आनंद बट इस संस्कारों के ऊपर निर्भर होता है आज मेरा प्रवचन बच्चों के लिए नहीं मां-बाप के लिए माता-पिता दोनों है नहीं तो तुम सोचो आज ही निकाल नंबर इनका आज संयुक्त मोर्चा है है एक मारवाड़ी राजस्थानी सुपरहिट कर्तव्य है कि माता-पिता बुखार है लुट कि क्या बनाना चाहते हैं आप उसे मन में कि आज मैं देखता हूं की सीमा से पूछा कि तुम दुबे कि महाराज मैंने करके हो सीरियल में नहीं आ रही मैं तुम्हारा इन पट्टियों बच्चों को पढ़ाना है कि हमारे भी मावा मेहम कब पड़ गए हमारे मामा आपको पता ही नहीं था एसिडिटी नहीं देते थे वह के एग्जाम बच्चे के मैं बिजी मां-बाप वह कहीं नहीं जा सकते हो कहीं नहीं आ सकते हैं बच्चा पड़ा इसे बनाना हमारे पास टाइम नहीं है हमारे पास मंदिर जाने का टाइम नहीं है एग्जाम का समय है अरे बच्चा तो पड़ रहा है तुम क्या कर रही हो नहीं मारा साथ में रहना पड़ता है नहीं तो बच्चा पड़े को पूरा समय हम इधर आज यही हो रहा है ना घरों में टाइम नहीं है वह क्यों बच्चे के एग्जाम है बच्चे की पढ़ाई है क्या बना रहे हैं आप बच्चे को का प्रयास हो रहा है कि हमारा बच्चा नाइनटी परसेंट ले करके आए थे एक अच्छे फ्रेंड जाना चाहिए कि आप 24 घंटे इसके पीछे लगे हैं फोन नंबर कम आ जाए तो आप इस स्कूल में चले जाते हैं मास्टर जी टीचर पध बच्चे का थोड़ा ध्यान रखो इसकी नंबर कमा रहे हैं करते हो या नहीं करते हो तो कितना समय देते हो अच्छे नंबर लाने के लिए आप से निवेदन है और 5 घंटे तो बच्चा स्कूल में रहता है टीचर के साथ पांच घंटे 6 घंटे साथ घंटे वहां से आता है पिता के फिर विचार होमवर्क करता है 24 तो पढ़ते होंगे बच्चे पइयां पीटने के लिए करते हैं करेंगे 22 तड़ातड़ चल परिचय परिचय पर घूम नहीं 2 घंटे बेचारे ने होमवर्क किया आठ घंटे हो गए वह घंटे-दो-घंटे कोचिंग कि एक बात बताओ सूरत बा कि एक बच्चे को अच्छे नंबर लाने के लिए तो मुझे 10 घंटे दिया करते हो और मैं आपसे निवेदन कर रहा हूं एक बच्चे को अच्छा इंसान बनाने के लिए आपके पास कितना समय हुआ करता है एक बच्चे को संस्कार देने के लिए आपके पास कितना वक्त होता है जरा यह बार सोचना अच्छे नंबर के लिए मेहनत करते हो मेरा बेटा अच्छा इंसान बने इसके लिए कड़ी मेहनत नहीं किया करता है घंटे में कि बच्चे के लिए दार्शनिक निकाल की तीव्र इच्छा जिंदगी कैसी जीना है रची नंबर के लिए तुम मेहनत करते हो अच्छे संस्कारों के लिए पुलक सागर मेहनत करता है क्या करें हमारी कोचिंग में पाठशालाओं में बस लेकिन क्या करें हमारे पास वह आते हैं जिनके संस्कार हो चुके हैं बच्चे तो दिखते नहीं है ध्यान रखना सूचना है आप विचार कितना समय देते हैं बच्चे के लिए अच्छी बातें खातिर अच्छा बोलना सिखाते हो एक अच्छा बैलेंस सिखाते हो बोलते हो बच्चे को कैसे बोल रहा है आंखें मेरे कमरे में बच्चे लेकर आते ना इतनी शैतानी इतनी शैतानी कि बच्चे को यह नहीं मालूम कि संत का दरबार है जो यह मां-बाप ने सिखाया नहीं है ध्यान रखना मैं बच्चों को गलत नहीं मानता गलत तो माता-पिता हुआ करते हैं आपका बच्चा आपको जवाब देता है आप आंख दिखाओ तो वहां तो उठाता है अभी छोटा सा है ना तो अच्छा लगता है बड़े में इस संस्कार तुम्हारे लिए बड़े आत्मघाती संस्कार बनकर खड़े हो जाएंगे अरे अच्छे नंबरों से जिंदगी अच्छी नहीं होती है अच्छे संस्कारों से जीवन अच्छा शुक्रिया लुटाना चाहिए मैं कि अंग्रेजी में थे सेकंड आया फर्स्ट या गई कि मां-बाप कि यह पिक्चर रहती है मान्य वध मैं जानता हूं अमेरिका के राष्ट्रपति कि अब्राहिम लिंकन कि जब उन्होंने अपने बच्चे का दाम बीमा कराया है इस पोजीशन में जवानों दाखिला कराया ए साइलेंट होकर भी काम हो सकता है संस्कारों की बात चल रही है क्या करें हाउसफुल जा रहा तो मैं क्या करूं मैं जहां जिसको यह ऊपर बैठ जाओ बीजेपी में हुआ है है अजवाइन नहीं कर ले जो अपने बच्चे का दाखिला स्कूलों में करवाया है कि उन्होंने क्लास टीचर को एक बहुत प्यारा पत्र लिखा कि उन्होंने कहा कि शिक्षक में हो गए हैं हां मेरा बच्चा आरती स्कूल आ रहा है कि मैं आपसे निवेदन करूंगा है कि मेरे बच्चे को यह सोचकर मत बनाना कि बच्चा किसी राष्ट्रपति की औलाद है इस सोच कि मेरे बच्चे को पढ़ाई मत करना मेरा आपसे निवेदन है कि मेरे बच्चे को साधारण बच्चों की तरह प्रणाम है और मैं आपसे निवेदन करता कि यह रवैया भी कि पढ़ाई के साथ-साथ कि बड़ों से कैसे बोलना चाहिए छोटू से किसी व्यवहार रखना चाहिए मैं अध्यापक महोदय से निवेदन करूंगा कि मेरे बच्चे को यह बताओ कि जिंदगी राजमार्ग नहीं हुआ करती है जिंदगी है जिसमें उतार-चढ़ाव भी हुआ करते हैं मेरे बच्चे को यह सिखाना कि जिंदगी में ऐसे लोग मिलते हैं जिंदगी एक सांप सीढ़ी का खेल हुआ करता है यहां नसैनी से सीढ़ी से ऊपर चढ़ने वाले लोग भी मिलते हैं और इस जिंदगी में स्थापित जैसे हंसने वाले भी लोग बच्चे को कि अध्यापक महोदय तेरी रानी वेतन है कि सारी यान भले उतना ना दें पाव लेकिन राष्ट्रपति कैसा है मेरे बच्चे को जिंदगी के अनुभव का 11 जरूर प्रदान कराना खुशी बताना की जिंदगी उतार-चढ़ाव है उसे कहना है यदि जिंदगी सीढ़ी से चढ़कर ऊपर पहुंच गई तो मेरे बच्चे को यह समझाना कि बेटा ऊंचाइयों पर जाकर फूलना नहीं चाहिए करना नहीं चाहिए बल्कि जिंदगी में नीचाई मिली तोहरा अखिया उदाहरणार्थ नहीं यह सिखाओ मेरे बच्चे को मेरे बच्चे को सिखाना कि जीवन में अच्छे भी दिन आएंगे और बुरे भी दिन इस शिक्षा मेरे बच्चे को प्रदान करना यह इतने लोग बैठे हैं इन सब के बच्चे स्कूल गए होंगे ना आप कि किसी ने टीचर से निवेदन किया कि मेरा बच्चा इंजीनियर डॉक्टर सी-15 ना बन पाए मेरा बच्चा अच्छा इंसान बन जाए ऐसा निवेदन किसी ने किया है कि शिक्षक महोदय मेरे बच्चे को अच्छा इंसान बनाते हैं ना हर मां-बाप सोचते हैं मेरा बच्चा इंजीनियर बन जाए मेरा बच्चा डॉ कि कोई नहीं सोचता मेरा अच्छा इंसान बन जाए मैं पुलक सागर कहता हूं एक सच्चा और अच्छा इंसान हजार-हजार डॉक्टरों से बढ़कर के हुआ करता है हजार इंजीनियरों से बढ़कर हुआ करता है इन सारी में मतलब एक बच्चा मां कि क्या इसलिए यह डिग्रियां बटोरी जाती हैं मनी बार हम भी पढ़ते थे मेहतर मालूम है हमारी मां को सब जानते होंगे इंटरेस्ट जीवन की आप दिखा देती थी ना तो वह इस सर झुकाकर खड़े हो जाया करते थे हिम्मत नहीं पड़ती थी मेहमानों के सामने कुछ बोल सके ऐड तेरी मां ने आप दिखा दी इस कदम भी वहां से पढ़ नहीं सकते थे और आज उनकी आपकी बदल न कि हम संत वन करके हम बैठे हुए हैं मैं जब राधे राधे ने किया डा कि मेरी मां ने मेरे बचपन में मेरे पिता का देहांत हो गया था मेरी मां ने मुझे मां बनने की नहीं अपितु उनके भी पालन पोषण किया है ध्यान रखिए सूचना को जिंदगी को समारोह में आज केक खाना कैसे पीना कैसे बोल अपने देता हूं मन नंबर तो अच्छे आते हैं कि बोलना-चालना तो आती नहीं है की सूचना याद की जिंदगी को बदल लो तुम नहीं बदल सको तो पुलक सागर की पाठशाला में भेजो ध्यान रखना स्कूल में आ से अनार पढ़ाते होंगे मेरी पाठशाला अलग है मैं आ से अनार नहीं पढ़ा सकता अनार पढ़ाने की भी कोई चीज है वह तो खाने की चीज है मेरे भाई मेरी पाठशालाओं में आओगे और कोई जरूरी नहीं कि बच्चे आए संत के सामने तो सभी बच्चे हुआ करते हैं गुरुओं के सामने तो सभी बच्चे हुआ करते हैं मेरी पाठशाला अलग है जहां से अलार्म नहीं पढ़ाया जाएगा से अधिक सिखाया जाएगा बाद एक बकरी नहीं पड़ता मैं वासिफ बद्री पढ़ाने का प्रयास करता हूं उदास से दबा बात नहीं ग़ासिद दोस्ती बताने का मैं प्रयास करता हूं एक बात आपसे निवेदन करुंगा कि वर्ग दीजिए बड़ा सैयद अब सिखाओ दोस्ती सिखाओ बार दिशाओं सौभाग्य सिखाओ उन सिखाता ही सब बच्चों को बदलने का प्रयास अब देखिए आपके बच्चे की आंखें किसी के दुख में गीली होती है या नहीं होती हैं कौन देखेगा स्कूल नहीं देखेगा स्कूल में तो वेतन भोगी बैठे हैं तो अपनी सैलरी से मतलब है उन्हें किसी की जिंदगी से कोई मतलब नहीं हुआ करता था यह अभिनेत कि मां-बाप अपने बच्चों को इंसान बनाने का प्रयास यह सोचना अ कि उसका दिल धड़कता है कि किसी को दुख मेरे दादाजी का सिर दुख रहा हो यह तुम्हारा कुत्ता जाकर उनका सिर में हाथ रखता है दादी से पूछता है कि दादी मां कैसी तबीयत है सोचिए कैसा बना अजय कुमार बच्चे से कई दवाई लेकर आ तो बैठक पर चुपचाप सो जाओ बीवी पढ़ाई कर रहे हो कि मैं नहीं जा सकता हूं व्याख्या उत्तर मिलेंगे आपको घरों में बड़ी पीड़ा है जो अलार्म्स दिखाइए संस्कार दीजिए कि क्या सिखाते हैं उत्तर प्रदेश आगरा आज मैं आपको देता का एक बेटा नौ परसेंट लग रहा है लेकिन बड़ी बदतमीजी से बोलता है पसंद करोगे नंबर पसंद करोगे चाहोगे आपका बेटा आपको जवाब दें और चारों तरफ मांग करें परसेंटेज भरे अच्छे हो ध्यान रखना जिंदगी नंबरों से नहीं चलती जिंदगी संस्कारों से चला करती है मेरे भाई उन्हें संस्कार देने का प्रयास पढ़ाई-लिखाई 10 15 साल बाद जीरो हो जाना है उसके बाद तो जिंदगी जो तुमने सिखाया है उस पर चला करती है यह 2011 एक पत्नी ने अपने पति से कहा था है कि बाजार जा रहे हो है कि लेकर आना एक दर्जन अपने पति ने बच्चे को साथ लिया और चला गया जय एक बढ़िया अ कि Bigg Boss पर खेले गए सही विधि एक बच्चे ने कहा कि फसल कि आज अपन स्किन लेत कि पापा नहीं चल पागल है क्या अच्छी जगह लेंगे बड़ी दुकानों में बच्चे ने का नहीं पापा इससे लेते हैं गए पूछा बुढ़िया से पूजा किस चीज खेले कितने रुपए दर्जन दी है बुढ़िया ने कहा ₹15 दर्जन है में मनहूस आदमी ने क्या कहा एक ₹10 में 18 के लिए नहीं टिकती है एक बुढ़िया ने कहा बाबूजी मैं भी गरीब हूं दो पैसे कमा लूंगी घर चल आऊंगी है मेरे पास इतना पैसा नहीं है को पंद्रह रुपए से ज्यादा कम में नहीं दे पाऊंगी तो उसने कहा चलो ठीक है छोड़ो दूसरी दुकान चलते हैं गया दूसरी दुकान पर मॉल में गया ज्यादा दूसरे लुट लो एक बड़ी दुकान पर 28 उसे दर्जन छोटे फुटपाथ पर ₹15 दर्जन आम आदमी तो आदमी था अच्छा चलो बढ़िया से लेते हैं लौटते गया पुलिस मां खेलेंगे झाला एक बुढ़िया ने कहा देखो बाबूजी ₹15 से कम न दूंगी मॉल में गया था तो 28 उसे दर्जन केले थे है इसलिए याद 5 साल से आ रहे हैं कुछ सस्ता कि उस निकाल लिखा नहीं है एकदाम यहां मोलभाव नहीं होता है एक दामले यह पूछने का पंद्रह रुपए से ज्यादा नहीं दूंगी कि पुलिस ठीक है दर्शन के लिए आते वह ऐसा-50 MP3 हरियाणवी कि मेरे पास छुट्टे पैसे नहीं है हां मालूम है उस आदमी ने कहा अम्मा 150 रुपए का ग्लैम से बीस रुपए में क्या बिगड़ जाएगा मेरा एक बुढ़िया की आंख में आंसू आए उसने कहा पाबूजी है मेरे पास भी एक दिन बहुत बड़ी दुकान थी आज मेरे पास एक हाथ खेली थी कि हम जूस बेचा करते थे में बड़ी-बड़ी लोग आगे यह जूस पिया करते थे लेकिन जब से नहीं पति की मृत्यु में वृद्धि गई मेरी मशीन भी दी गई आज दो रुपया कमा के अपनी जिंदगी गुजार देती हूं पूरा जीवन लगाती हूं बाबूजी एक बात तो बताओ बड़ी-बड़ी दुकानों पर आप मोलभाव नहीं करते हैं हम गरीब की दुकानों में क्यों मोलभाव करते हैं ₹2 ज्यादा दे दिए तो क्या फर्क पड़ जाएगा आप जैसे अमीरों की जिंदगी में कोई फर्क नहीं पड़ेगा लेकिन ₹2 से हमारे घर में रोटियां जाएंगी हमारा बच्चा रितिका करके अच्छा दीदार देगा इस तरह हमारी विचारधारा है की जड़ी-बूटी ने लेकर गई है कि हम उसे ज्यादा पैसा देने को तैयार कुछ निकाल देखना ही ₹50 तू रख ले बच्चे ने कहा पापा मैं इसको ₹500 दे दो ना भुलें क्यों अपनी बेचारी दुकान चलाएगी एक बाप अपने बच्चे की तरफ देखा बच्चे ने का पापा गुस्सा नहीं हो मेरे जन्मदिन पर मत देना इस सम्मान को ₹500 देता
मान्यवर यह बातें स्कूल की किताबों में मिलती हैं क्या ये बातें है गृहों में मिलती है क्या बात है कोर्ट में होती है कि आप भी स्कूल में पढ़ाया जाता है काया आज मेरे जन्मदिन पर कि इस अम्मा को दे दो जैसे ₹500 दिए उसने अब मैंने अपने हाथ रखकर बच्चे को दुआ दी कि जब मेज़ जब-जब भारत में तेरे जैसे खर्चे पैदा होंगे हिंदुस्तान उंचाइयों को पहुंचेगा हिंदुस्तान कि जब हरियाणा झारखंड कि आज तक हमने ही बड़ी आपको ₹500 देती है मां संस्कारित थी उसने कहा बेटा क्या हुआ बोले उसके पास एक फैली थी न उठे लिपिक गई उसके वह कैसे जीवन गुजरेगी मैंने पापा से कहते ₹500 दिलाएं मम्मी एक काम करो बोल बेटा क्या बोलें मेरे जन्मदिन पर कुछ गिफ्ट दोगी ना भूलें यहां दूंगी जरूरी कि मुझे मम्मी मान्यवर एक घटना कि पुलक मंच परिवार की है हमारा एक मंच चलता है दिल्ली में उस बच्चे ने कहां यार तुम पुलक मंच की मेंबर हो ना वह यहां तो मेरा एक निवेदन स्वीकार करो पूरे मंच की तरफ से उस बुढ़िया को एक हथेली लाकर के दे दो वो अपना जिंदगी जिए की चीज बन प्रचार करते हुए एक मां अपने बच्चे को गले से लगा लिया है मेरे बच्चे पर हजार-हजार डिग्री लेकर भी याद में की अंदर इंसानियत नहीं आती दिखे छोटा सा बच्चा धर्म के संस्कार लेकर के जी रहा है और उसमें कुछ बढ़िया कि पड़ा मैं अपना गुजारा भत्ता मांग सकती हो मेरे भाई संस्कार ने कहा जाता है संस्कार रुपए की चमक को नहीं कहां जाता है चमचमाती कार खड़ी होने से कोई इंसान नहीं बनता है अरे चमचमाती कार भले ना हो अपने बच्चों को आकार देता हो या ना दे पाओ के ढोलक सागर के राय संस्कार जरूर प्रदान करना उनका जीवन में हार्दिक बहुत अच्छे संस्कार दो बच्चों को किसी के धर्म पर उसके अंदर पीड़ा होती है या नहीं होती है यदि नहीं होती है तो माता-पिता ने अच्छे संस्कार नहीं दिए हैं कोई बच्चा आता है में मधुरता मेल णमोकार मंत्र बोलो कि बच्चे की गलती नहीं है गलती किसकी है मां-बाप के स्कूल के कोर्स पढ़ाते हो ट्यूशन पढ़ाती हो तेरी हो 15 मिनट महापुरुषों का चरित्र सुनाते यह पांचवीं क्लास के पास वक्त है पाठशाला भैरव मंदिर लुटते बच्चे के पास टाइम नहीं है मैं तो मुल्क की बातें मान लो घर में पाठशाला लीजिए अथवा अच्छी बात नहीं सिखा सकते हैं जो अजीब बात हुई थी लुटेरे महापुरुषों का चरित्र कि हमारे शरीर व स्वाभिमान को बदल रहे हैं लोग इतिहास की किताबों में Baahubali 2 चम्मच दल देते हैं का निषेध धत तेरे की मिस वर्ल्ड मिस यूनिवर्स पर यह सिखा रहे हो विश्व सुंदरी बने मेरी बच्ची आपसे निवेदन है विश्व सुंदरी मत बनाओ तिरंगा प्रदर्शन यह फूहड़ता और अश्लीलता लें इससे देश का मैं आपसे निवेदन करता हूं कि यदि आप विश्व सुंदरी आ जाए कि इस्राएल और यह संस्कार है तुम्हारे तुम मुझे देखकर छोड़कर उसे देखोगे ध्यान रखें बुड्ढे उदयवीर तैयार हो जाएंगे देखने को कौन कह सकता है बुढ़ापे में इश्क नहीं होता है बूढ़े मैं इश्क नहीं करते इश्क तो वह भी करते हैं मगर उन पर लोग शक नहीं करते थे अभी आ जाए सुई ए ने सबसे पहले देखेंगे मुंह में दांत नहीं पेट में आपने कि एक बात ध्यान रखना संस्कार है यह हमारे जीवन की लेते हैं लेकिन उन्हें लगता अगर आपको चेहरा हो अपनी बेटियों को विश्व सुंदरी बनाने के संस्कार मत देना देना है तुम्हें ना सुंदरी बनाने के संस्कार अपनी फिगर को प्रदान करेंगे ग्रामीण सुंदरी बनाओ विश्व सुंदरी बना कर क्या करोगे कितनी विश्व सुंदरियां है देश में दुनिया में मैं आपसे निवेदन करूंगा आ एक विश्व सुंदरी का कोई पुराण नहीं लिखा है किसी ग्रंथों में है विशुद्ध आइए विरोध प्रदर्शन किए हैं के कारण अश्लील बातें करेंगे एक बात ध्यान रखना कि देश विश्व सुंदरी की प्रशंसा करता है लेकिन इस देश सीता सोम मोर मैना सुंदरी की पूजा किया करता है ध्यान रखना उन्हें राष्ट्रपति देश में विराजमान करता है पुणे पूजा का स्थान सीता को देखकर माथा झुकाया किसी विश्व सुंदरी को देखकर मां था झड़ने वाला नहीं है जहां एक होती है प्रशंसा और एक होती है प्रतिस्था 8 तो सही लुटै घृत इस बीमारी है लोगों के हृदय में विराजमान मत दिखाइए संस्कार अपने बच्चों को अपना वेतन करूंगा शुक्रवार आसान है लेकिन यह विद्यार्थी को इंसान बनाना बहुत कठिन टाइम हुआ करता है लेकिन इंसान बनाओ कि सिखाओ है कि क्या पढ़ रहे हैं आपके बच्चे क्या देख रहे हैं मोबाइल पर इंटरनेट पर आधे रहो ए प्रेयर है कि पहले गर्म है पीली होती थी पूरा परिवार एक साथ TV देखता था तो वहीं देखा जाता था जो देखने योग्य जैसा हो अब तो बच्चे के कमरे का टीवी ऐनक तुम्हारा टीवी अलग मम्मी-पापा का टीवी अलग बच्चे दरवाजा बंद करके वह देखते हैं जो इस उम्र में नहीं देखना चाहिए ध्यान रखिए अब तो TV गया एक मैं तो मोबाइल में ही सब कुछ ऐसा आया है उसी में YouTube में इंटरनेट में गूगल मेहसाणा चादर तान के सो जाते हैं अंदर ही अंदर मोबाइल चलता रहता है रिचार्ज करना है सोचना है आपको कहां जाइए फ्री मान्यवार मेरा आपसे निवेदन है कि इतने महंगे महंगे उपकरण तुम बच्चों को लाकर के देते हो एक बात ध्यान रखना कि बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है ऐसे में हैं एक जगह तो मैंने देखा बाप-बेटे मिलकर टीवी देख रहे थे पिक्चर देख रहे थे उसमें कोई ऐसा 10 से आ गया आपत्तिजनक बच्चा सोचने वाला नहीं है आप उठ कर चला गया विचार आ गया पानी पीने के बहाने उठ गया बच्चा आवाज लेता थोड़ी देर बाद पापा आ जाओ वहां से निकल गए हैं मैं जानता यह जमाना आ गया हमारा नार्मल माना गया हमारे जिंदगी मां-बाप के अंदर खत्म हो गई संस्कार खत्म कि अश्लील साइट कि अश्लील शै हमारी जीवन को बर्बाद करके जाती है मरने पर मैं सोचा है आपको मैं इतना बुरा यदि 24 घंटे में आधे घंटे टीवी के सामने बैठे हैं को मंदिर जाने का समय नहीं है नहीं तुम्हारी बात नहीं कर रहा हूं कि मुझे अपने बालों की बात कर रहा हूं का जन्म रखना को पिघला हां मेरे भाई जिंदगी को सही बनाना है तो सीरियल मत देखो रियल देखो जिंदगी तुम्हारी सार्थक हो जाएगी सीरियल में लगे फुर्सत नहीं है टीवी पर बैठी रही महिलाएं विचार करिए 3636 एपिसोड होते एक कितने होते हैं इतने तो होते होंगे ना करगिल में इतने शहीद हुए उन कोई नहीं रोया कि करगिल में शहीद हुए इस वीडियो को यूं तुलसी का पति निर्मला सारा हिंदुस्तान प्रयास है वाह रे तुम्हारे जीवन के संस्कार यह कौन है यह तुलसी मैंने तो सुनो रखा है मुझे पता नहीं है क्या है सही बोला कि गलत जी हां बहुत अच्छा को पूरा लुट गए लुट करगिल के शहीदों के लिए किसी ने सुनील भाई यह टीवी का चमत्कार हमारे जीवन में कि संजय जबकि सो रहे हैं हम क्या उसने एपिसोड में क्या होता क्या होता है फल सरपंच इर्ष्या इसके अलावा कुछ नहीं होता है एक प्रेमिका या किसी का घर उजाड़ देती है इसीलिए परिवार रही है किसी की फैमिली दौड़ भैया गलती है कि चल समय जब आप इन्हें एपिसोड में कुछ भी हो रहा है लास्ट वाले में कुछ सार होता होगा शायद वो भी शायद लगा रहा हूं अपनी मालूम है उन सीरियल का निचोड़ जो होता है वह आखिरी सीरियल में वह आखिरी एपिसोड में होता है लेकिन मेरे भाई 37 वें एपिसोड के लिए 36 एपिसोड तुम्हारी जिंदगी कितनी खराब करते हैं तुम्हारा जीवन कितना वक्त अध्यात्म कि यदि आप ज़िंदगी में आ मैं 10 साल 20 साल TV देखता है ना कि तुम मालूम है आपको क्या होता है अ बैक कि अ वॉल्यूम अमेज़न आता है को 50 हजार वक्त वह बच्चा बलात्कार देखता है टीवी पिक्चरों में इसके इलावा क्या होता पिछले बाजार है हुआ था घाव कि मैं मारकाट देखता है उसे मारा उसे लूटा उसे घर 3 लाख बार दादागिरी देखता है अब बताइए जो बच्चा ना सिर्फ उम्र में 50,000 बलात्कार देखे का यह जो बचाव नजरों में देखना की हत्याएं देखिएगा 3 लाख बार जो बच्चाे दादागिरी देखेगा बताओ उसके कोमल मन पर कौन से संस्कार पढेंगे वह बच्चा राम कृष्ण महावीर बनकर खड़ा होगा या लादेन वन करके इस धरती पर खड़ा होगा ध्यान रखिए कि इस पर एक बार कि इस चैनल के मालिक मेरे पास आए को बड़ा आश्चर्य हुआ बोले हैं है पिंपल हो जाते हैं मैं तुमसे पूछा है कि आपके घर में कौन सा चैनल चलता है बोली महाराज केवल दिल्ली दुर्दशा है कि अमेरिका दुनिया के घरों में क्या चलाते हो में पुलिस पब्लिक डिमांड हम अपने घर में कभी अपने एपिसोड नहीं देखा करते हैं ध्यान रखिए विचार करिए सोचना है आप अपनी जिंदगी में जो सीरियल बनाते हैं ना वह भी अच्छे लोग अपने बच्चों को इससे वंचित रखा करते हैं कि नहीं देखना है यह सब है इस वीडियो में डुबाना है हुआ था को सबसे ज्यादा यूनिक बर्बाद करने में किसी का हाथ है तो इंटरनेट कंप्यूटर बैठी कहां स्पीड मलिक को सबसे ज्यादा बढ़ा दो मैं मन ही मन सोच मैं मैथ्स मुंबई में सूरज बड़जात्या के घर गया राष्ट्रीय पिक्चर्स अच्छे भक्त हैं तीन चार दिन मेरा प्रयास रहा उनके यहां हां मालूम है सूरज बड़जात्या थे जिनकी एक बेटी हैं कि जब मैंने गया देखा कि तो फिल्मी बालों का घर है अपने प्यार को तरह गल जाते हैं बड़े-बड़े यार तो सब यही बातें होंगी लेकिन सकता हूं तुम्हारे घरों में जितनी पिक्चरों की चर्चा होती है सूरज के घर में फिल्मों की कोई चर्चा नहीं हुई कि आज तक उन्होंने कभी अश्लील पिक्चरें नहीं बनाएं पारिवारिक पिक्चरों के रूप में जाने जाते हैं ऐसा सिंपल सादा जीवन उस व्यक्ति का उनकी एक बेटी जो रूल जाने एक बहुत बड़ा नाम है बड़जात्या प्रोडक्शन का शिवरात्रि पिक्चर्स का को टर्न रखिए जैन है खंडेलवाल है में जमा पहुंचा में मैं क्या करूं है उनके घर में बड़े हीरो हीरोइन आते हैं मालूम है उस परिवार में एक नियम है कोई भी एक तपस्विनी थी घर में नहीं आता जिनको भी मिलना है ऑफिस में जा करके मिला करते हैं वह हम हीरो हीरोइनों को घरों में नहीं बुलाया करते हैं तो चाहिए क्या जीवन का उनकी बेटी जब स्कूल जाती थी ना की पुकार छोड़ने नहीं जाते थे तो वह आपस में भेजा करते थे मिंट क बस में क्यों भेजते हो नहीं महाराज बच्ची है में भर का ड्राइवर छोड़ने नहीं जाएगा तो बस Quikr स्कूल था बच्ची को आधा किलोमीटर पैदल जाना पड़ता था मालूम मैं सबसे बड़ी बात सूरज बड़जात्या ने मुझसे क्या बोली हमने कभी अपने बच्चों को हमारे बच्चे पहली गए लेकिन स्कूल में कभी भी हमने राजश्री पिक्चर का परिचय नहीं दिया किसी को नहीं बताया कि हम उस घर के बच्चे हैं और हमारी बच्ची पर करके निकल गई लेकिन स्कूल में पता नहीं चला कि किसकी हो जाता है ध्यान रखिए बोले हम नहीं चाहते हैं हमने अपने बच्चों से कहा है अपनी पहचान खुद बना और हमारी पहचान-पर्ची ने की कोई जरूरत नहीं हुआ करती है हुआ था जीवन दुनिया हमारी पहचान तुम्हारी पहचान बदल जाते थे बच्चे आज भी इतनी शांति इस सादगी व निवारण जिनके घरों में पिक्चर बनती हो उनकी बहू बेटी देखो कितनी सादगी से रहा करती हैं कि अमरीका तेरा करती है कितनी हंसने शिप्रा के नौकर भी इशारों पर काम किया करते हैं जो मैंने देखा कि इतना ही एक राज हमारे घरों को देख लो इतनी सब बेटियां है उस घर की यह ऐसे कपड़े पहनती है कि उनका अंग नहीं दिखता है ध्यान रखिए कि इस घर की है वह जहां पर पिक्चर है बना करती है मैं क्या संस्कार दिए हुए अपनी बेटी हम आ जा रहा है गांव बड़ा गांव है थोड़ा जूमिंग कीजिए मैं सूरज बड़जात्या की परिवार के जितने मेंबर है सबका रसोई घर एक है अलग-अलग कि चेन्नई है उनके अलग अलग मकान नहीं है हैं भिवानी स्थानीय बहु साथ नहीं हु कि उनके यहां बंटवारा नहीं होता है मुझे जब तक हम बुजुर्ग जिंदा है इस घर में कभी भी बंटवारा होने वाला कैसे हिलमिल कर रहा करते हैं वह लोग सोचिए हम कहते दुनिया आधुनिक हो गई उनका जीवन देखो वह आज भी संस्कारों को जिया करते हैं जहां कि मान्यवर आप से निवेदन है हां हां देखो मैं टीवी का विरोध नहीं करता है कि हैं इंटरनेट अच्छी तय कंप्यूटर पर अच्छी तरह है यहां से निवेदन करूंगा कितने भी बड़े हो रहे धारावाहिक बन जाएं धरती पर कितने बड़े-बड़े सीरियल बन जाएं किसी भी अच्छी पिक्चर आ जाए लोग कहते हैं कि माधुरी हो रहे हैं मेरा भारत आधुनिक नहीं हो सकता है इस ओर कि आज आपसे निवेदन करता हूं कितने भी सीरियल आ रहे हो कहानी घर-घर की सातवीं कभी कितने भी देख लेना महिलाओं मैं पुलक सागर दावे से कहता हूं हिंदुस्तान में दी घर घर में टीवी किसी ने पहुंचाई है और घर में तीसरी गांव में पीली तेरी पहुंचाई है रामानंद सागर कृष्ण 15 रामायण सीरियल एक समय जब रामायण तिथि कर्फ्यू लग जाता था शहरों में ध्यान रखना परिवार आदि थे में कर्फ्यू लगा हुआ था लगाएं सर्विस तुम ही हो जाया करती थी मालूम है जब रामायण सीरियल आया मैं उस समय घर में था कि यह देश में रेल के छूटने के टाइम चेंज हो गई बसों के टाइम चेंज हो गए इसमें रामायण सीरियल में विचार डेढ हजार क्वाइट कर रख दीजिए लकड़ी रामायण जिस पन्ने पलट दीजिए मुझे मालूम है जब मैं घर में था है और हमारे पहले घर गर्भवती नहीं होती थी यह रेमिडी है तो पूरा मोहल्ला देखने जाता था ब्लैक एंड व्हाइट आती थी टीबी टैक्सला करो उन्हें टीवी चलती बिखराव सटे वाली हमारे गांव में भी आईसीटी भी हम भी देखने जाते थे घर में नहीं मालूम था में ले जाते थे सलमान मेरे बचपन का दोस्त था उसका नाम था उसके जाते थे मान्यवर को देखकर कैसा लगता था बाहरी राम की रामायण मुसलमान के घर में भी रामायण चला करती थी कि अ श्री रामायण से अच्छा कोई सीरियल बना है आंच को श्री रामायण किसको नहीं माना एक चुटकुला कितनी बार सुन सकते हो है कि बांध दो बार तीसरी बार तो बोर हो जाओगे एक शायरी कितनी बार सुनोगे एक बात 21 फिल्मी गाना कितनी बार गाओगे एक बार दो बार तीन बार महीने बाद सेटिंग को बंद करो ना यार बोर हो गई इससे मालूम है की पिक्चर कितनी बार देखोगे एक बार दो बार तीन बार फिर तो वह हो जाओगे ना क्या बात है हिंदुस्तानियों की पिक्चर बार-बार देखने का मन नहीं करता गाने मारवाड़ सुनने का मन नहीं करता चिट्कुला बार-बार सुनने का मन नहीं करता शायरी बार-बार सुनने का मन नहीं करता है क्या बात है 5,000 वर्ष से भी पहले हुए राम जिनका चरित्र बार-बार देखने को मन करता है बार-बार सुनने को मिल स्थित लीला राम लीला देती है इसको हुआ था थिस हुआ था फिर भी राम के चरित्र में वे ताकत है जितनी बार देखो आनंद उतना ही वरदान ऐसी चीजें देखो जिंदगी को शिक्षाएं मिलेगी और कि महाभारत क्या जरूरत है तो घर घर में हो रही है हर घर में महारत है लेकिन उसमें भी अच्छाइयां है मेरे भाई इस सीरियलों में जिंदगी बर्बाद मत करो मेरी मां ने मुझे बचपन में सबसे पहली पिक्चर दिखाइए सबसे पहली बहुत शौकीन थी मैंने जाता तो गोली चली कि हाईड्राइड की सबसे पहली पिक्चर दिखाइए मुझे आज भी याद है और कहां दिखाई चौराहे पर लगती थी पहले बड़ी-बड़ी कि आप इसको होती नहीं थी गांव में मुझे पता चले गए क्या लुट है पिंपल पिक्चर तो जरूर दिखाउंगी मान्य भेज सकते हो मेरे जीवन की सबसे पहली पिक्चर जब मैं बहुत छोटा था खाओ ब्लैक एंड व्हाइट उपकार पिक्चर मेरे जीवन की सबसे पहली पिक्चर थी पहली फिल्म देखिए मेरी मां ने यह फिल्म जरूर दिखाओ दिखाओ बच्चों को तारे जमीन पर पिक्चर को ब्लैक रहते हैं कि मैंने नहीं देखी मैंने तो मनोज कुमार की कि जिस के गाने मुझे तू सुना तहत देशभक्त की उस दिन चेहरे के अंदर इस पिक्चर को देखने के बाद लगा चौटाला है कि मैं भी अपनी समाज अपने देश का नाम रोशन करने का प्रयास करूंगा आपने इस इलाके में सोचना है कि कितनी ख्वाब देखते हो और रात के लिए कि अमेरिका में पड़ रही थी बच्चे का अपने पिता के लिए पत्र आया कुछ मात्रा में रोज सबेरे बड़ी जीत कि हमारे चैनल को गालियां पड़ती है कि बुढ़ापे ने मां-बाप कि उस बच्चे ने बड़ा प्यारा पत्र लिखा उसे लिखा कि पूज्य पिता को मिलेगा कि जल्दी है कि मेरे डैड शुक्रिया है
अब मेरा भी मन होता है है कि मैं अपनी स्वर्ग जैसी मातृभूिम तहुं मेरा मन हो रहा है मैं और भारत में वापिस आ जाऊं लेकिन बच्चे पढ़ रहे हैं मेरे पास आज आपके आशीर्वाद से सब कुछ पापा लेकिन मेरे पास एक चीज की कमी है मेरे पास वक्त नहीं पिताजी मुझे माफ कर लिया थे विने कि मैं तुम्हारे पास आपके बैक नहीं सकता पित्त आदि आदि है कि बेड़ा मैं यहां पर है जिसके लिए हम सब कुछ बेचते हैं जिसके लिए अपने अरमानों का गला घोंटते हैं जिससे लिए अपनी जरूरतों में कटौती करते हैं वहीं बेटा बड़ा होकर विवाह करके बच्चे पैदा करके मां-बाप को भूल जाया करता है पापा मैं गुनहगार हूं सच में तुम्हें भूल गया हूं सच में अपनी मम्मी को बोल रहा हूं थिंपू में अपराधी विघ्न पूछना है कि जय हो हरिहर हुआ था इस पत्र से लेना चाहिए उस बच्चे ने बहुत अच्छा लिखा है कि मुझे इंजीनियर बनाया ना आपने तब सोचा आपने जब मैं जानता भी नहीं था कि इंजीनियर क्या होता है मुझे नहीं है
कि मीडिया वाला आपने मेरे पीछे ट्यूशन लगाई है वहीं 90 पिस सबसे अच्छे नंबर लाना पापा कितनी मेहनत की आपने मेरे लिए ऐसा कुछ किया है यह इंजीनियर बनने का सपना मैंने नहीं देखा था कि आपने देखा था मेरे लिए मेरा बेटा इंजीनियर बनेगा और मेरी मां कि जब बचपन में मुझे गोद में खिलाते आप तो कहती थी खूब पढ़ना बेटा पढ़-लिख कर बहुत पैसा कमाना मेज़ विदेश में जाते पढ़ना कि विदेश का सपना मैंने नहीं देखा था कि आपने देखा तथा मेरी मां ने देखा तथा विदेश भेजने के लिए कर दिया अपने लिया था मैंने लिया था पा मैं तो जानता भी नहीं था कि देश क्या उस समय क्या एक बात कहूंगा पापा बड़ी बुरी लगेगी जब सत्संग में ले जाने की उम्र थी ना तब तुम मुझे कोचिंग में भेजा करते थे तब मुझे ट्यूशन में भेजा करते थे वह उंगली पकड़कर मंदिर ले जाते की उम्र थी आपने यहां पर ना पढ़ाई करो शर्म तो बाद में कर लेना जब संतों के चातुर्मास तुम्हें न आपने यह बेटा अपने है महाराज के प्रवचनों में कुछ नहीं रखा है लोग पिताजी आप एक बात मैंने मानी अब राज्य अमेरिका में आकर बैठा हूं अब आप बताइए मुझे ऐसा बनाने में मैं जिम्मेदार हूं या आप जिम्मेदार मैं आपसे पूछता हूं मुझे यहां तक पहुंचाने आप जिम्मेदार हैं और आप कहते हैं कि बच्चे मुंह मोड़ लेते हैं जब इंसान बनाने की उम्र थी तब बनाया नहीं और जब कुछ समय तो केवल नंबर अंग नौकरी विदेश नहीं दिखता था अब बोलो पापा पीछे अमेरिका छोड़कर आऊं मेरा मन भी होता है कि तुम्हारे साथ रहूं लेकिन आपने मुझे वहां पहुंचा दिया जहां से लौटना मुमकिन नहीं है मैं मां-बाप से पूछता हूं कौन-कौन पहुंच जाता है विदेश बच्चों को आप पहचानते हैं ना ना मैं अपने इंसानियत नहीं पा चाहिए और फिर बच्चों पर आरोप लगता है कि मेरा बच्चा गलत निर्णय मान्यवर इसके जिम्मेदार कहीं ना कहीं वह लोग हैं कि हमारा बच्चा हिंदुस्तान के सरकारी स्कूल में पढ़ कर मेरिट में नहीं आ सकता क्या आ सकता है हमारे यहां पर महान लोग नहीं बनते क्या बन सकते हैं पढ़ाई जरूरत मैं आपसे निवेदन करूंगा बड़ी विनम्रता के साथ कि इस आदमी को बींध का वीडियो कि गलत और सही डिग्रियों से जाना जाता है यह बिना डिग्री वाला भी जानता है क्या गलत और क्या सही मान्यवर आप से मेरा निवेदन है
उड़े हैं 10 ग्राम सोना उस 100 ग्राम सोना बोलो कि दोनों सोना है या नहीं है मैं आपसे पूछता हूं 10 ग्राम सोना भी सोना है 100 ग्राम सोना भी सोना ही है ना मान्यवर मीरा ने बड़ी विनम्रता से निवेदन है है कि देश में ओर इशारा है 10 साल का बच्चा पुर 18 साल का बच्चा दोनों में इंसान कौन है और बताइए 10 साल का बच्चा 18 साल का बच्चा इंसान कौन है दोनों में दोनों ही इंसान है ना फर्क गाय का है उम्र का फर्क गाय का है सोना तो एक ग्राम विश करना है 100 ग्राम भी सोना है भरत मात्रा का हुआ करता है मेरे भाई आदमी पड़ा हो या अनपढ़ हो संस्कार हैं तो वह इंसान हुआ करता है बिना पढ़ा लिखा आदमी इंसान है और पर लिखा आदमी भी इंसान है एक उन्हें डिग्रियां बटोरने से जिंदगी निहाल नहीं होती है मेरे भाई से मेरा निवेदन है में कर्तव्यबोध सिखाओ बच्चों को एक पाठ पढ़ाओ कर्तव्य का आपसे यही निवेदन करूंगा कि चाहिए मिठाई का टैलेंट को लुटवाने की पढ़ाई की कि किसी के जख्मों पर मरहम लगाने के लिए पढ़ना जरूरी है क्या किसी जरूरतमंद की इच्छा एंटर करने के लिए पढ़ना क्यों नहीं है मेरे भाई मां-बाप की इज्जत करने के लिए डिग्रियों की जरूरत पड़ती है क्या है कि इस पठानियां ने विरोधी नहीं हूं पढ़ाई है लेकिन संस्कारों को नष्ट कर रहे इतने आधुनिक क्यों बनते हो कि एक महिला किटी पार्टी में जब है सच समग्र यहां कि नहीं मैं तुम्हारी वाली तो अगले चौमासे में जाएगी जाएगी जरूर कीजिए के संभ्रांत वर्ग की महिलाएं पढ़ी-लिखी बारे पढ़ी-लिखी महिलाएं बात बहुत हल्की बोल रहा हूं बहुत हल्की मेरे नेचर में नहीं हल्की बात बोलना लेकिन कभी-कभी बोलना पड़ता है और कि बच्चों को गई बच्चन साधु ने बोला हां बच्चा तो बच्चा है वह क्या जाने उसने कहा आप समझ गए मुझे जाना है मां घसीट के लेकर दो तमाचे लगाए तुझे शर्म नहीं आती है कि इतने बड़े घर की महिलाओं चौधरी माधु कितने बढ़िया संस्कार दे रही अब मत बोलना बोली मम्मी आ रही है तो मैं किस करूं मुझे पागल ऐसा बोलते हैं है तो क्या मुझे मम्मी भूख तो रोकी जा सकती है भूखे से रोकी जाएगी तो पहले क्या करूं बोल एक बात याद रख आज के बाद मेरे साथ आना रहेगी और आए तो याद रखना जब भी आईना देना मम्मी मुझे गाना गाता है है मैं समझता हूं कि बोला मम्मी अब समझ में आया तुमको भी आ गया समझ में है ऐसी बातें डायरेक्ट समझ में आती है ना का वीडियो कि एक तमाचा मारो सिखा दिया उसमें बच्चा रात को एक दिन पापा के साथ सो गया था
हां सो गए तो सो गया 12:00 रात को पापा मुझे गाना गाना है आपने का पागल है बेवकूफ 12:00 रात को गाना गाएगा की सजा बच्चा तो बच्चा था चुपचाप थोड़ी देर वापस एन कैसे करें पापा पापा का प्राण जाएंगे छूट हुआ था है बड़ी मम्मी भी क्या-क्या सिखाते लाई है पापा हां मुझे जोर से गाना गाना है अच्छा अरे पापा ने का पागल पड़ोसी उठ जायेंगे जोर से मत कायल आधे कप क्या करें बच्चे की जिद है पापा ने का बेटा देख जोर से मत भूलें तो क्या करो बहुत जोर से गाना होली नहीं है आवाज मत कर तो क्या करूं पुलिस चुपचाप मेरे कान में गाना आप समझ गए क्या हुआ था बच्चे ने जिप खोली आगे क्या हुआ तुम जानो तुम्हारा काम जाने आत्मघाती संस्कार शुक्रवार को बस स्टैंड फॉर में आती भारतीय संस्कार तिगडा लुट की बैठक शीघ्र अथवा मित्र राशि आएगा तो खोपड़ी खाएगा माता खेड़ा उसने बच्चे से का बेटा था बोली क्या उल्लु अंकल जी आ रहा है ना वह हार है बोली अभी माता खाएगा एक घंटा स्कूटर का दे आगे बढ़ा सकता है इसको धो लें क्या करो फुल में अंदर जाता हो पूछेगा मैं कहना बाजार गए गहने का पत्ता कह दूंगा जैसे इस आंवले में कि मेरे पापा तो बज की मजार गए उसने भी देख लिया पट्ठा तो यही अभी-अभी मुख्य बाजार गए बोबी बड़ा होशियार सूरत कराओ कि उसका बेटा एक बात बताओ पापा कब घर लौट आएंगे बाजार से बोली अंकल जी 2 मिनट रुको पापा से पूछ कर बताता हूं मेरे विचार-3 सॉरी यार अछूत बोलना कौन से खा रहा कि आज अच्छा लग रहा है चलिए बच्चे की झूठ के संस्कार पड़ जाएंगे चांद रखना आज मोबाइल में जितना जो मोबाइल ने जितना झूठ बोलना सिखाया ना मेरे कमरे में लोग बैठे हैं लुट लुट फ्री निकल गए इतनी जल्दी याद दिलाओ की पत्नी विशेषकर की रही होगी कि मुझे कबीर वाणी में बोले हां कि पूरे बिहार में बचाकर दिखा अ कि अब पट्ठे को मुंसिफ़ों करना पड़ा और कितना झूठ बोलना सिखाए इस मोबाइल में विचार करिए पर बवाल हैंड्स फ्री खड़ा है इस झूठ ध्यान रखना एक काम के बच्चों के सामने कर रहे हो ना कि बाहर जाकर बच्चे तुम्हारे सामने भी ऐसी काम करेंगे जब तुम्हारा फोन जाएगा ना तो वह सही उत्तर देने वाले नहीं है मेरे भाई ध्यान रखना यहां से बच्ची जाती है क्या लुट गए बीच बाजार में सबसे ज्यादा झूठ बोलना मोबाइल ने सिखाया जाता मेरे सामने झूठ बोलते हैं विचार करना है यह सोचना है कि आप भारतीय संस्कार है कि जीवन को बरबाद कर के देखते हैं इस निवेदन है बातें बहुत थी लिए बहुत कुछ करना थी तो कि एक बात करके समाप्त करना बच्चों को कैसे सुधारा जाता है कुंभ राशि 15 मिनट मेरा बच्चा है है मेरा आज के दिन क्या हुआ कि उसे अपनी दुकान पर बैठा था पुलिस आते हैं यह सीट ने कहा मेरे दरवाजे पर पुलिस हैं मैंने पूरी जिंदगी गुजारी कभी पुलिस की जरूरत नहीं पड़ी कि पुलिस आगे बढ़ जाते हैं झाला इस सपने का क्या हुआ कि वह उसका बारे में लिखना है मेरे सेट किए तो पैरों तले जमीन खिसक गई जिंदगी भर जो इज्जत मैंने कमाई उस सेट को मालूम था लड़का अंदर है ने क्या किया उसने सेठ जी की कि हम मजबूर हैं आप इज्जत है आपका नाम है कि हम आप का सम्मान कि है आज हम उसे अरेस्ट करके ले जाना पड़ेगा और क्या किया बच्चे ने मैं कॉलेज में एक लड़की के साथ छेड़छाड़ की उसने अश्लील हरकत की थी एक बाप ने जैसे ही सुना सीना छलनी हो गया उसका अ जो आपने कहा है हवलदार साहब अंदर जाओ को बचाना होगा आपने कहते हैं अंदर है चावल कि वह कहां छुपा है तुम आ रही हो रघु दीक्षित के लाना उस हो गए पकड़ा बाहर लाए कि जब जाने लगे ना उसको ले जाते हैं आप तो बात नहीं है पुलिस वाले को बुलाया था हूं कि उसके हाथ में 50 हजार रुपए रखे ध्यान रखना है को 50 हजार रुपये पुलिस वाला बोला सेठ आप जैसे लोग रिश्वत दे रहे हैं है आपका तो बड़ा नाम है आदर्श से सम्मानित कि आप इसलिए दे रहे हैं ना कि मैं उसकी जमानत करा दूं मैं इसे छोड़ दूं यदि आप ऐसा काम कर रहे हैं मैं अमित व आपकी बहुत इज्जत सी हमारे जीवन में कि आज उसकी रफ्तार से बढ़ा मुझे सुहागरात लग रहा है कि तुम मेरे हाथ में 50 हजार रुपये रख रहे हो है बालों में सा आदमी ने किया था कि पुलिस वाले से कहा कि भाई साहब आप क्या सोच है है कि मैं 50 हजार रुपए इसलिए दे रहा हूं मैं क्यों से तुम छोड़ देना नहीं मैं जैन हूं जैन मुनि से संस्कार ली है मैंने इस 50 हजार रुपए इसलिए दे रहा हूं किसी इतनी मार लगाना इतनी मार लगाना उलटना टार्चर करना उसे थाने में ले जाकर और इसलिए आ ज्यांगे लुट टार्जन व्यवसाई व्यक्ति है कि द्वारा किसी लड़की की तरफ देखें तो उसकी दुकान जाना चाहिए उसकी अंदर एक जगह जाना चाहिए मैं 50 हजार रुपए तुम्हें इसलिए दे रहा हूं मेरी नाम इज्जत की वजह से उसके साथ कोई भी मरण व्रत रखने की जरूरत नहीं है उसे इतनी सजा तय हुआ था कि वह बाजू वाली पड़ोसन की बेटी भी दे करके उसकी रुख चाय मान्यवर पुलिस वाले की आंख में आंसू आ गए क्या भैया कि जो चढ़ाने के लिए नहीं सजा देने के लिए पैसा दिया करते हैं तुम मेरा करो कि मेरे बच्चे ने तो किसी की बेटी को छेड़ने का मजाक क्या हुआ करता है मान्यवर आप करते हैं ऐसा आपका बच्चा कराए ना तो लाख रुपये आप बचाने के देते हो अपराध छुपाने के देते हो नहीं मेरे भाई इस दुनिया को इस युवा पेश आने वाली नस्लों को यदि सही मार्ग पर लाना है बाप का दिल नहीं एक अच्छे इंसान का दिल तुम्हारे अंदर होना चाहिए तब जा करके कोई सही इंसान रास्ते पर आप बचाते हैं अपने अपराधिक दूसरों का हो तो बर्बाद कर दो अपने घर का हो तो बचाइए मार्च सजा दिलाने का प्रयास करिए माल्यवान में इतना ही आपसे निवेदन करुंगा कि बचपन में स्कूल गया था एक पेंसिल उठा लाया था क्यों न अपनी मां को दिखाया मेरी मां ने गाल में जोर से चाटा मारा था कि जहां से लाया वहीं ले जाकर रखना गरीबी के दिन देखना लेकिन चोरी नहीं करना अपनी जिंदगी में कभी भी कि बच्चा मुझे आज भी याद है उसके बाद कभी मेरी हिम्मत नहीं हुई मैं सकता हम अपनी जिंदगी में संस्कारों की विरासत यह संस्कारों की पूंजी पर कोई स्कूल नहीं का यह आपको अपने शुरू करना पड़ेगा आने वाले दिनों में कि ऐसा ही अंतिम संस्कार महोत्सव यहां पर आयोजित किया जा रहा है है देखिए बच्चों को मिठाई हैं अमेरिका रूस जापान के सपने मत देखो अच्छा इंसान बनाओ आने वाली जिंदगी तुम्हारी ओर उसकी घोषाल हो जाएंगे अब सबने सुना अनुग्रहित हों जय हो जय हो
ओम नमः शिवाय देवता ही हो जय हो ओम नमः शिवाय देवता ही हो कि हो ओम नमः शिवाय देवता ही
है इधर चाहा भी ना प्रतिक्रमण आदर दूर हो चना दाल अच्छी तरह गणित समृध्दि और लवण 23 अंधभक्त आणविक झमाझम कि दाणा महावीर स्वामी नयनपथ-गामी भवतु मे महावीर स्वामी नयन पथगामी भवतु मे महावीर स्वामी नयनपथ-गामी भवतु मे प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव भगवान की भगवान महावीर स्वामी की परम पूज्य गुरुदेव आचार्य श्री पुष्पदंत सागर जी महाराज की अहिंसा परमों धर्म की थी मैं सही कर रही हैं हुआ है बिग बॉस का संदेश आया है है कि महाराज व जो आपने कल बहुत कुछ बोला है कि थोड़ी हमारी भी विनती सुनो तो आपने बोला कि जलाई झगड़े की जड़ कोई है तो वह है घृत है तो मेरी क्या समझती है क्या है कि पुलिस समस्या यह है कि है पुलिस समस्या यह है कि है हुआ है हुआ है है कि हमारी इज्जत सू है ना और वो मेरे बारे में अलग सोच रखती हैं और बहू के बारे में गलत सोच रखती है और बेटी के बारे में गलत सोच रखती है समस्या खड़ी हो जाया करती है वह बहू के लिए कुछ और पीजीटी है बेटी के लिए किसी और विचारधारा हुए दिया करती है समझो थोड़ा सा अम्मा ओं सुधर जाओ गंगा नहावन ज्ञान की गंगा बह रही है कि मैं बड़े-बड़े ग्रंथों पर भी प्रवचन कर सकता हूं तो निश्चित तौर पर बोल सकता हूं मैं गीता कि मैं महापुराण पर खोल सकता हूं मैं कुरान तो बोल सकता हूं लेकिन मुझे यह लगती है सबसे बड़ी मजबूरी यादव की बड़ी-बड़ी बातें करने से पहले आदमी के जीवन में नैतिकता और व्यावहारिकता आना चाहिए आदमी नैतिक और व्यावहारिक नहीं हुआ आदमी ने यदि अपने जीवन को बदलने का प्रयास नहीं किया तो बड़े-बड़े ग्रंथों से कोई क्रांति खड़ी होने वाली नहीं पहले अपने घर को मंदिर बनाओ एक बात बताओ मंदिर में महिलाएं जाती हैं आदमी भी जाते हैं सूरत में तो बहुत ज्यादा जाते हैं एक बात बताओ मंदिर जाते हो कितनी दूर रहते हो मंदिर में है र्इमानदारी सी ए बुलेट और जोर से बोलो ना जेल की थोड़ी पूछ रहा हूं और 10 मिनट तक है को जाते हुए जाए मत करो आधा घंटा इस उम्र में तो एक घंटा रहना चाहिए की व्याख्या आप मंदिर जाते हैं आदमी 10 मिनट रुकता है 15 मिनट करता है बीच-बीच में रुकता है कि ज्यादा से ज्यादा है घंटा और जो लगा दो कि डेढ़ घंटा 2 घंटे अम्मा जी हुई तो ध्यान रखना जिस मंदिर में तुम जानते हो एक घंटा उस मंदिर में रखते हो और उस मंदिर को बहुत पवित्र बना करके रखा करते हो मंदिर में शांति का वातावरण निर्मित करते हो मंदिर का वातावरण बना पवित्र और पूजनीय बना दिया करते हो सूरत बालों में आपसे कह रहा हूं जिस मंदिर में एक घंटे रुकना है उसे पवित्र बनाते हो वह जिस घर में तेज घंटे रहना है उसे पवित्र क्यों नहीं बनाते हो उसे मंदिर जैसा पागल क्यों नहीं मनाते हुए थे घंटे वाले मंदिर की पवित्रता हैं 23 घंटे वाले धड़ को अशांत क्यों मनाते हुए घंटे जो आप मंदिर में सीट हो उसे तेज घंटे जीवन में जीने का प्रयास करिए तुम्हारा मंदिर जाना सार्थक और सफल हो जाएगा 23 घंटे Jio मंदिर पाठशाला है थर प्रयोगशाला हुआ करती है ध्यान रखिए 1 घंटे मेरे प्रवचन सुनकर ये मत सोचना कि हमारा कल्याण उद्धार हो जाएगा जो 1 घंटे में ने दिया है उसे तेज घंटे जीने का प्रयास करिए जीवन आपका धन्य हो जाए तेज घंटे Jio किसी का डॉक्टर बनना है इंजीनियर बनना है अकेली थ्योरी से काम नहीं चलता है एवरी के साथ-साथ उस आदमी को प्रेक्टिकल भी करना पड़ता है तो यह घंटे जो यहां ज्ञान एवं दामाद महोत्सव के माध्यम से दिया जा रहा है वह मैं तुम्हें केवल शहरी देने का प्रयास कर रहा हूं और जीवन में दफ्तर की इंजीनियर की उपाधि तो लेना आसान है एक सच्चे और अच्छे इंसान की उपाधि लेना बहुत कठिन काम हुआ करता है आधे घंटे की इस पाठशाला को घर में जाते घंटे जीने का प्रयास करो यौन अवसर है मेरा इश्क यह मेरा उल्टा को किया घायल कि मेरे चाहता हूं कि धर्मांतरण हो मेरे चाहता हूं आप अपने या स्थानीय छोड़ दे जो जिस स्थान में जीता है जिए जिस परमात्मा को मानता है मां ने ने पुलक सागर दादी महावीर की वाणी ले करके आई हों भगवान महावीर के सिद्धांत ले करके आए हो मैं कोई अलग बात नहीं बोल रहा हूं सिद्धांत भगवान महावीर के हैं और भाषा केवल मेरी है और दृष्टांत महावीर के हैं बिस्तर मेरा हुआ करता है हां से इतना ही नहीं कि महावीर की ही बातें हैं यह आपसे मैं इतना कहना चाहता फोन नंबर होल्डर शोले कहां है सुबह बोलो मुझे आपसे कुछ कहना है एक व्यक्ति मेरे कमरे में आए पहले खोलो कि उनका मुझे कुछ नहीं कहना है लेकिन कि रिश्वत बालों मुझे याद में कुछ कहना है तो कह दो मुझे इतना ही कहना है क्यों ना मैं तुम्हें हिंदू बनाना चाहता हूं मैं तुम्हें चैन बना कि भारत झाला चाहता हूं मैं पुलक सागर 21 भारत के लिए सपना देखना चाहता हो कि मेरी सभाओं में आ करके कोई भी जैन मत बनना कोई जरूरत नहीं है जैन बंद है कि मैं इतना निवेदन करूंगा मैं तुम्हें चैन बनाना तो नहीं चाहता हूं लेकिन मैं तुम्हें अच्छा मैंने बनाना चाहता हूं बजे सामने मन जाता है वह दुनियां में उज्जैन हुआ चैन कौन जब बच्चा मेन है और जो अच्छा मैं नहीं है को उज्जैन होकर भी चैन नहीं हो सकता है ध्यान रखिए मैं जैन नहीं मैन मनाने आया हूं जाकर अपने जीवन को बदलने का प्रयास करो क्रांतियां हो रही है देश में मान्यवर पूरा देश शामिल है तब कहते हैं इस साल मुद्दा नहीं हुआ था मोदी जी ने बैठक के दिखा दिया था के दिलों पर राज किया भर साल की वृद्धि सुलभता क्या किया गया है मान्यवर में किसी पार्टी का प्रचार मतप्रचारक नहीं हो ध्यान रखना ना मुझे कोई बीजेपी से कुछ लेना-देना है ना मुझे कांग्रेस से कुछ लेना-देना है ना मुझे सपा की साइकिल चाहिए ना बसपा का हाथी चाहिए मैं पुलक सागर हो मैं किसी पार्टी का समर्थक और विरोधी नहीं हूं लेकिन मेरा आशिक बाद और मेरी शुभकामनाएं किसी के साथ है जो राष्ट्र हित का चिंतन करेगा वही देश पर राज करेगा उसी के लिए देते हैं धन्यवाद हमारा तो हम किसी पार्टी के नहीं है नंदू जी की कोई पार्टी अपने पास तो कोई आ जाए जब कोई चरणों में शीश झुकाता है प्रणाम करता है मैं आशीर्वाद देता हूं जब पंजा उठता है तो मैं कांग्रेसी हो जाया करता हो और जब यह सावत भक्तिभाव से कमल के आसन पर कहते हैं भगवान को साधु को गुरु को तपन बीजेपी पर जाकर बैठ जाते हैं वह जब शोभायात्रा में आगे-आगे हाथी चलता है कि बसपा की मायावती आ जाया करती है वह पानी ज्यादा भर जाए तो लालू कि मुलायम की साइकिल चलाया करती है लाइट ना हो तो लालू की लालटेन है
अपने प्रवचन में कितने लेट हो गए शरद पवार की गाइड तो अपन किसी पार्टी के नहीं है ध्यान रखें है लेकिन कल याद से हुआ है क़त्ल साल की आजादी के बाद जब में मदद करता हूं बड़े दावे के साथ कि असली तिरंगा तो इस बार 15 अगस्त में फहराया जाएगा लाल किला मुखरित तो होगा ना कि कोई कहार के नीचे कन्याकुमारी तक भारत एक है एक होकर भी कश्मीर हमसे पराया बना हुआ था बुरी निगाह है उस पर ढलती थी हरकत विकास हैं कश्मीर कश्मीर व कश्मीर हमें पड़ोसी चिल्ड्रन पागल हो गया है बौखला गया होगा वह मुझे दे दो कश्मीर मुद्दे तो एक बात बताओ कश्मीर बच्चों का खेल तुमको दे दो फिर से कोई दिया जा सकता है कश्मीर भारत की हाथ की लकीर है ध्यान रखना कश्मीर भारत की तकदीर है कोई अपनी तकदीर किसी को कैसे दे सकता है ध्यान रखिए फ्री कश्मीर पर जो किया है ये सच्चा सपूत निभाई नरेंद्र मोदी आज खोलकर कि उनका नाम लेने में हम एक गर्व महसूस हो रहा है फर्क महसूस हो रहा है कि ऐसा पिंपल भारत मां की मां उजड़ी हुई थी मीणा हाथ व्यक्ति में अमित शाह जैसे लोगों ने अमित शाह जानते लोग तक गुजराती भाई ठंड रखो मान्यवर ध्यान रखिए कि इस राजनीति के कोई चाणक्य के गुरु है तो अमित शाह है जनता करना है में चार अज्ञात किया था सुमित शक्तियों को सिंहासन पर उतर चंद्र प्रकाश बत्रा कर दिया परिजन रखिए चंद्रगुप्त अंत समय जैन धर्म स्वीकार करके संबोधित करते हैं और अमित शाह जी जैन वंश में पैदा करके उपाधि राजनीतिक दल से ऊपर उठा दिया करते हैं आज तक कि मेरी भारत मां की मांग रहे परसों से कोई नहीं कर पाया उसकी मांग में अरे अपनी मां की मांग में लाल सिंदूर तो सब करते हैं लेकिन आज केसरिया सिंदूर भर दिया भारत माता की मांग में सरासर आपको से सौभाग्यशाली बना दिया है 70 साल से जो लोग बौखला रहे हैं कई लोग पगला रही है क्या हमें पता ही नहीं हमारे साथ झगड़ा हुआ कि देश की भाषा है जो कश्मीर को एक करने में उसका विरोध करते हैं मैं कह सकता हूं कि देश भक्त तो कभी नहीं हो सकते हैं वे भारत माता के सपूत नहीं हो सकते हैं किस तरह से घटनाएं घटी क्या मोड़ दिया ध्यान रखना मैं कह सकता हूं मोदी जी ने जो काम किया है आने वाला योग हुए उन्हें युगपुरुष कहकर के बुलाएगा एक लोहे दृश्य करके हुए याद एक बड़े कमेंट हुए अच्छे अधीन अगर है अच्छे दिन आ गए कुछ चिला है इन क्षेत्रों से तो पूरे ही दिन अच्छे मेह 5 साल इतना समय पांच साल मोदी जी ने क्या किया अरे मेरे भाई 70 साल में जो गंदगी तुमने फैलाई है इसे भदौड़ में साल तो लगेंगे एक आदमी को सबसे साफ करने में इस साल लगेंगे और उन्होंने करके दिखा दिया आज हमारे देश का जो 15 अगस्त आएगा ना इस बार तिरंगा कश्मीर में फैलाया जाएगा बड़े स्तान के साथ धर्म के साथ कंधे कि हमारे ही देश में रहकर हमारी ही जड़ें काटने वाले लोग हज बॉक्स आ रहे हैं जानवर कि मैं मोदी जी को अपनी वाणी से देते विशेष आशीर्वाद प्रदान करना चाहिए के दूसरे दिन युधिष्ठिर है हैं ना आगे कोई ना पीछे कोई एक बात याद रखना अ कि इस देश का कल्याण वही कर सकते जिनकी बीवी नहीं है
अब समझ में आ रहा नहीं-नहीं एक आज को छोड़ दो अब समझ में आ रहा है ना उन्हें बहू मिली ना बहुमत मिला उनको छोड़ उनके कोई मतलब नहीं है एक बार राहुल गांधी ने अपनी मम्मी से पूछा हमें इस शादी क्यों नहीं हो रही मुझे बाबू क्या नहीं मिलती है मालूम है दिग्विजय सिंह ने कहा तेरी मम्मी की वजह से बोली क्यों बोली जहां जाती बड़ी-बड़ी संभव में बोलती है मुझे बहु मत दो अब समझ में आया क्या मुझे बहु आप हमारी दोस्त रहोगे कुमार झा थे मान्य वर्क्स हुआ है में गर्व से मस्तक ऊंचा उठा है कि कश्मीर इस पर चर्चा में 15 अगस्त को करूंगा आज विषय मेरा दूसरा है लेकिन इतना बड़ा काम होर संत अपनी दुआएं ना दें तो धर्म संगत नहीं हुआ करता है कि एक बहुत बड़ा फैसला लिया है है हरियाणा उद्धार किया तीन तलाक का बिल पेश किया है और जो ना थी भोग की वस्तु बनी थी उसे उन्हें आदर्श बना करके खड़ा कर दिया मोदी जी मैं अभी देखना आगे आगे और क्या हो है ना कि मैं आपसे यही निवेदन करना चाहता हूं कि का जमाना बदल गया है युग बदल गया है सोच बदल दिए जीवन को बदल दीजिए हम बदलेंगे युग बदलेगा ड्रम हमें ही पतले कपड़े बदलने की बात है कि यह बदलने का उपक्रम को समझ नहीं होगा राज्य से नहीं होगा कि हमसे होगा एक व्यक्ति हुआ करता है और एक व्यक्ति यदि सुधरेगा व्यक्ति से समाज बनता है व्यक्ति से परिवार बनता है परिवार से समाज बनती है समाज से राष्ट्र बनता है दृष्टि से विश्व का निर्माण हुआ करता है परिवर्तन अपने घरों से आना चाहिए है कि चांद रखना है है जहां जगह मिली आ जाओ हाउसफुल हो गए हम इस साइट में जहां भी मिले इस साइड आ जाओ बैठने की थोड़ी वॉलिंटियर व्यवस्था करें अशोक जी पंडाल फटेहाल आ जाऊंगा कि विद्यालय मैं तुम्हें तेरा भाई घर से व्यवस्थाएं सुधारिए है घर से जीवन-सुधा में 1 घंटे की पूजा पाठ से जीवन में मंगल होने वाला नहीं है एक बात याद रखना पूरी जिंदगी को पवित्र बनाना पड़ेगा और बहू ने कहा है कि महाराज जी तो हम मरी अपने घर में कुछ कल मिलने आ मैं तुम्हारी सासू हमारे तस्वीरें कहते हैं लिमिट क्रॉस हो रही है कि हमसे कहा जाता है फ्रीडम ज्यादा मिल गया है स्वतंत्रता ज्यादा मिल गई है कि यह बातें बोली जाती हैं महाराज कि मुझे यही बातें हमारी नन जब ससुराल से पीहर आती है तो यही मां उसे समझाती है कि बेटा आ ससुराल में कैसे रहना तो ससुराल की हकूमत कैसे करें से ज्यादा सार्थक बदलाव नहीं झुकना कि जिस बातों का विरोध करती है मेरी वही बातें जो मेरी ननंद उस खाती है बहुत पीड़ा होती है महाराज बहुत दर्द होता है महाराज कि देर रात दिन क्यों है हमारी माताओं के बीच में मैं जानता हूं कि सास को वह मेरे दर्शन करने को आई है मेरे हम आदि सुखी में प्रसिद्ध है अमेरिका क्या दुख है डुबा हुआ है ना तो मिलकर क्या हो गया उसको अरे बोले कोई तमीज नहीं मां-बाप ने कुछ नहीं सिखाया उसको तो मैंने कहा तू सिखाते हैं प्रभार देख रहे थे शादी की बड़ी खुश लग रही थी है को पूरा घर उठ जाता है उस होती रहती कि बड़ों को बड़ा नहीं समझती छोटे को चटाई समझते हैं बड़ी बेरुखी से बात किया करती है बहुत ही हो क्या हुआ है मेरे जीवन में नर्क हो गया उनका और मम्मा जी बेटियां कैसी है अरे बेटियां अरे क्या बताऊं महाराज क्या किस्मत लेकर आई हूं मैं क्या पुण्य कमाए पर किस जन्म है मेनका क्यों क्या हुआ धो लें इससे कमर साहब मिले हैं ऐसे कंवर साहब मिले हैं मैंने कैसे मिले हैं अरे हीरा है हीरा मिनट तक ऐसा हीरा व्यक्ति को उठने तक नहीं देता चाय बना कर दे देता है अ जो होती कहती है वही करता है कौन से जन्म में मैंने ऐसे पुण्य यह अरे बहु को कहती है कि इस शो के समय पर नियुक्ति वर्तमान से कहती कमांड ही रहा है बेटी की जुबान पर बात नहीं आती और कमल साथ थोड़ा कर दिया करते हैं विद्या दिखाना ले जाते हैं खुद पिंपल यहां पर गई महाराज बेटियों की तरफ से तो मैं जिम रखना तू उत्तर नहीं गई तू मर गई ध्यान रखना यह विचार एग स्थिति हमारे घरों की बहू के लिए किसी चीज पर पाबंदी है बेटे के लिए उसी चीज यूं शिक्षा अधूरी नहीं चलेंगे ध्यान रखिए एक निवेदन है मेरा मेरे ससुर से और सदस्यों से निवेदन करना कि दोहरे मापदंड मत रखिए एक जानते हो कि एक महिला मंदिर आई अम्मा जी रस्ते में मिली नमोस्तु महाराज जी प्रणाम कि उनका मजाक बड़ी खुश दिख रही है कि पुलिस बहुत खुश महाराज मेनका क्यों मीटर कितने बच्चे हैं तुम्हारे में चार बेटियां सूखे हैं सूखी तो क्यों नहीं रहेंगे जब मैंने उनकी शादी की थी ना और तुम्हारा क्या बताऊं तुम्हें मेरा भी दी मां कैसा चला मैंने अपनी लड़कियों की शादी वहां करूंगी जिस घर में सांस नहीं है के साथ है कहूं मैं तो आपने हाइब्रिड इंग्लिश मिलकर चारों मिल गए श्वेत हमारे चारों मिल गए राम लक्ष्मण भरत शत्रुघ्न कर साथ नहीं घ्र इतना राज प्रति हमारी बेटियां जो कहो वही होता है तो निकम्मा जी और कोई कमी जिंदगी में एक कमी है क्या तो प्लीज मत लड़का है ना उन कहां पुलिस 35 साल का हो गया आप समझ गए क्या ऐसी बातें आपको डाइरैक्ट समझ में आती है ए बुलेट इस साल का हो गया हमारा को मिलेगा मैं अभी तक कुंवारा बैठा है कि शादी नहीं हो रही है उसके बस एक तकलीफ है मैंने कामकाजी लड़की देखने वाले नहीं आते क्या मुझे बहुत आते हैं रिश्ते तो इतने सारे लाइन लगी है जो आता है लड़के को देता है घर जाता है कैसा जवाब देंगे अब तक जवाब ही लौट के नहीं आता है हम इंतजार ही करते हैं कुंडली में मिल जाती है कि शादी नहीं हो रही है मिलता मर्जी नहीं होगी व्यक्तियों को इस शनि की दशा लगी है क्या मिलकर दशा नहीं लगी तथा व्यक्ति है वह मतलब क्या है मिलकर तूने तीनों व्यक्तियों के लिए संकल्प लिया था ना कि जिस घर में साथ ना हो वह दूंगी और बेटी वाले भी तो हैं उनका जब तक तू रहेगी लड़का कुंवारा रहेगा ध्यान रखना खजूर दुनिया से चली जा कि लग जाएंगे दोहरी नीतियां मत चलो मेरे भाई जान रखना दोहरे मापदंड मतलब की बेटी के लिए अलग व्यवहार और पुरुषों के लिए अलग-अलग और बेबी डॉल धरती हैप्पी आईपीएल क्रिकेट मिलता है 24 घंटे रहती है क्या बात है क्रिकेट इस प्रकार की हो गई बहु शादी हुए उन आज भी उसे बखूबी समझती है कि आज तक उसे ड्यूटी नहीं समझ पाई झाली दर्स कि आज क्विक है मान्यवर आपके घर में नहीं है मैं आशीर्वाद प्रदान करता हूं अच्छा घर हो लेकिन कहानी उन घरों की है यह हुए प्रताड़ित की जाती हैं झंकर हैं कोई जरूरी नहीं है जो कि बहुत ही सांस को प्रताड़ित करती हो शास्त्री कुछ कम नहीं है मेरे भाई जान रखना यह भी बहुओं को बहुत उलाहने दिया करती है मांग बहु है ताली तो बजा दो है आज तुम्हारी पक्ष में बोल रहा हूं कि जनवरी 1 यह कौन बोला किसने सद्बुद्धि दे दी मैं बहुत बढ़िया जय हो पंचमकाल अ का निशान है है और ओडिशा और होती है है कि अ बहु कीर्तन वाघमारे ने कहा कि कुंभ के खंभों पर रघु दीक्षित हमने हमें आज तक अपनाया नहीं क्या होता चप क्या फर्क पड़ता है एक बात बताओ सांसो से मैं पूछता हूं की बेटी कब आती है तुम्हारे घर में गर्मी की छुट्टियों में यहां रोज नाश्ता कौन बनाता है बेटी आपके बनाती है बहुत बड़ा है बहुत बनाती है ना रसोई कौन बनाती है बहु बनाती है चल नौकरानी होगी को निर्दिष्ट बहुत देती है ना देखती है ना बीमार हो जाओ तो बहु आकर पूछती है बीमार हो जाए तो दही भल्ले झुंझला कर दे गुस्से से दे देगी बहु ही पड़ोसन देने वाली नहीं है ध्यान रखना कुछ भी करेंगी तकलीफ मोदी को संकट जो बहुत ही साथ में आती है बेमन से आए या मन से आए साथ तो बहुत ही देती है ना वैसे होती है तुम्हारी व्यवस्था करती हैं नाश्ता बनाती हैं खाना बनाती है एक बांध तो आप इमानदारी से बताना एक संत की सभा में बैठे हैं बहुत ज्यादा काम करती है अब एक ही ज्यादा काम कर इमानदारी से बताना बहुत ज्यादा काम करती है ना हैं तो उसके बाद भी बेटी प्यारी क्यों लगती है बहुत प्यारी क्यों नहीं लगती है वह इससे ज्यादा काम करती है ठीक है बेटी बचाव दल को आती है बहु जीवन भर साथ रहा करती है एक बात याद रखना भारतीय संस्कृति में किसी भी बेटी को लक्ष्मी नहीं कहा जाता है बल्कि बहू को लक्ष्मी कह करके बुलाया जाता है क्या न करें-किसी बेटी को किसी ने लक्ष्मी कहा कल मैं आंवले कह दिया जा अपनी कार चंद्रपाल बेटे की जरूरत पड़ती है लेकिन दीपावली जब आती है तो बेटी नहीं आते में भी रहे बहु शोभा इस ब्यान करती है दीपावली तो बहू के हुआ करती है दीप जलाती है रक्षाबंधन पर राखी बांधकर कि कुछ पैसे भी ले जाएगी अ जरनल कमर साहब आएंगे खाएंगे मजे लेंगे राजा ने बोल देंगे मजा नहीं तो लक्ष्मी ना थे पार्टियों की बेटी की याद है लेकिन बहुत जब घर में आती है तो सास को दीप लेकर उसकी आरती उतारना पड़ती है वह अलग है वह इससे बेहतर उपलब्धि और सुनाओ लूपर जमाई बाबू मैं तुम्हारे चाणक्य नीति है और उन्हें संस्कारित करती है तो यही बहुत सरस्वती का रूप हो जाया करती है ध्यान रखिए और यही बहु लक्ष्मी का रूप हो जाते बहुओं को लात मारना यानि लक्ष्मी को दांत मां के समान पाप हुआ करता है चंद्र रखिए बहु यह तो घर की शोभा होती है प्राण होती हैं अ बहु मेल्ट हो मैं तो तुम्हें कोई दादी कहने वाला नहीं मिलेगा तरस जाओगी ध्यान रखना नानी में तो ना लिखा है दादी में मुद्दे लिखा हुआ है मन में हैं जिन्हें रिश्ते हैं कि आज थोड़ा छोटा बड़ा अच्छा कि अष्टम ससुर जी कहला रहे हो तो बहू की वजह से और हां तुम सासू मां खिला रही हो रिश्ते तुमने नहीं उस पहने आकर तुम्हें रिश्ते दिए हैं उस तुम्हारे वंश के अंश को यदि बढ़ाया है तो बहू ने बढ़ाया है किसी पेट पीने तुम्हारे बंद को आगे नहीं बहु ध्यान रखें
नई दिल्ली में पूजा करने का यह एक घंटा पूजा करना कि भगवान महावीर ने कहा है शरीर और आत्मा में स्थित करोगी तो सम्मुख ठीक हो जाओगी बहू और बेटी में भूत करोगी तो मिथ्यादृष्टि हो जाओगे ध्यान रखना बहू-बेटियां में वेद की रेखा मत कीजिए कितना भी प्रवचन सुन लो कितनी भी समाज सेवा कर लो कितना भी धर्म-कर्म थे रीडर बहुत से नफरत करती हो तो आपके पूजा-पाठ श्रमिक पाखंड है एक ढाल है कुछ नहीं होने वाला इससे कोई कायाकल्प होने वाला नहीं है पूजा में प्रवेश वर्ग नहीं भेज टेलर बताती हैं कि जब कर लेना समाज में बड़ी-बड़ी माला पहनने से कोई नुकसान नहीं हुआ करता है हर एक बात याद रखना इस समाज की माला है कोई हकीकत कि नहीं हुआ करती है 80% तो धोखे बाजी हुआ करती है आपसे मैं निवेदन करना चाहता हूं समाज के सम्मान में कोई व्यक्ति महान नहीं होता है अपने घर में जो सम्मान पाता है वह दुनिया में महान है दुआ करता अपनी बहू की नजरों में उठी हो क्या है अपने परिवार की नजरों में अच्छे बने हैं क्या नहीं बनते हैं दुनिया की नजरों में महान बन जाओ कोई कीमत नहीं हुआ करती है अपनी घर की नजरों में ऊपर उठने का प्रयास करिए मान्यवर को तकलीफ क्या हो जाती है आज बहुत लेट कम ज्यादा हो शादी नहीं होती तो दूसरे हाथ पैर जोड़ती हो कुंडली मिलान रही हो मेरे लड़के की शादी करा कि एक काम करना युवाओं से मैं कहूं ना शादी जल्दी करो ना की कुंडली मंडली का निकाला गिरफ्तार इस चक्कर में कई कुमार घूम रहे हैं कि मैं आपसे यही निवेदन करूंगा कि अब की बार कुंडली में लाओ अपनी मत मिलाना है कि बिना किसी भी पंडित को दिखाना तो कहना जो लड़की मेरे घर आ रही देख उससे मेरी मां की कुंडली मिल तेरे पास से कितना रहना है इससे ज्यादा पशुओं के साथ घर तो है क्योंकि यह बहु आएगी अधिक से अधिक समय बीत परिवार में गुजराती तुम्हारे साथ कि तनुजा रहेगी सुबह जाओगे थके-हारे दुकान या होंगे इस आम को लौटोगे दुकान से रात घंटे-दो घंटे बाद करोगे हिंदी लग जाएगी फिर चले जाओगे गड़बड़ तो महाभारत शुरू होती है और स्वाद मेरे मामा कि क्या तकलीफ हो जाती है बहू के आने पर कि एक बात बताओ मैं दूसरी वाली प्लेट है आज केक मां आप अपने बच्चे को अपने बेटे को अपने अनुसार पालती है अपने अनुभव से पाती है अपने जीवन केंद्र कर दो उतरती है हां बच्चा की मां के अनुसार पलता है को स्कूल से आता है मम्मी मेरा बैग कहां है हमने मेरे जूते कहां है मम्मी मेरे कपड़े कहां है मम्मी मेरा खाना कहां है कि जब तक शादी नहीं होती गंगा मम्मी को तो टूट मम्मी-वम्मी हर चीज में मम्मी बाजार चलने मम्मी शॉपिंग करना मम्मी ध्यान रखना हर जगह मां के साथ घूमता है बच्चा एक बात याद रखना है कि हर जगह वह मां को तलाक शेखर को तकलीफ नहीं होती वहां का दुख है तो मां हो चुका है तो हां या कहीं जाना है तो मा इसके अलावा कुछ नहीं होता है लेकिन यह तकलीफ थोड़ी सी हो जाती है यह शादी न कर के कोई आता है है तो थोड़ा समय उसे पत्नी को भी रहना पड़ता है याद रखिए और जब यह समय हमारे समय में से कटने लगता है ना तुम आपको तकलीफ होने लगती है जब इन्हें अश्लील बातें हैं प्रत्येक हैं पहले आरएस कि अ बहुत से काम ऐसे हैं जो पत्नी के हवाले हो जाया करते कि उस जब कोई काम जब वह आवाज अपनी पत्नी को देता है उम्र आपको नहीं देता कि थोड़ी सी तकलीफ हो जाती है कि शादी के बाद जितनी मुश्किल सासू होती है ना उससे ज्यादा मुश्किल लड़के को भी हुआ करती है यह मत सोचो कि केवल बहू को एडजेस्ट करने में वक्त लगता है परेशान होती है लड़कों को भी बहुत दिक्कत जब तक सादी सुदा लड़कों से पूछो हमेशा कहते हैं इससे तो मैं नहीं तुम क्यों बोल रही हूं तो बोलने तो ध्यान रखिए की क्या स्थिति बनती है उस लड़के की क्या पढ़े और उसकी जिम्मेदारी हो रही है वह पत्नी के प्रति वह लड़की हमारे घर में आती है वह लड़की कब कौन है उस घर में एक बात बताइए जो बहू आई है तुम्हारी घर में तुम्हारी तो बेटी भी है तुम्हारे तो छोटा बेटा भी है तुम्हारा तो बड़ा बेटा भी है तुम्हारा तो पति री ऐसा दो कि घर में भारत पहली बार आई है ना वह तो नहीं जानती थी पर किसी को नहीं समझती हैं तुम अपने बच्चे का नीचे समझती हो तुम अपनी लड़की का नेचर समझती हो और बहू की ट्यूनिंग तो किसी से नहीं मिलती है अब एक बात बताइए है यदि वह बहु अपने इमोशनल को अपनी भावनाओं को अपने पति से शेयर नहीं करेंगे पर फिर किससे करेगी इससे अपनी बातें बताएगी कि दिल की बातें बताऊंगी घर पर आ कि उसे भी तो ट्यूनिंग मिलाने में वक्त लगता है 5 साल लगता है 10 साल लगता है कि आप अपने बच्चे से पत्ती इस साल में चीनी मिल पाती हो हमसे कहती दो दिन में घर में इंट्रस्ट हो जाएं वक्त लगता है समय लगता है वह किस से बोले अपने अच्छी बातें बुरी बातें ले देकर उससे पति से ही बोलना पड़ेगा उनके सपोर्ट और है रिमाइंड करो किसी को यह किसके भरोसे आई है एक पति के भरोसे आई है ना तो यह की बहू के अधिपति से समय मांगती है एक बहु अपनी भावनाओं है यदि पति से शेयर करती है शास्त्रों को दुख नहीं होना चाहिए मेरे भाई क्योंकि वह पूरी जिंदगी पति के भरोसे ही जीने के लिए वहां पर आई है आपसे इतना ही निवेदन करूंगा लेकिन अगर वह लड़की जॉब पड़े घर से हमारे घर आई है कि उसके हर एक रंग का वेलवेट किया जाता है वह क्या कर रही है कैसे बोल रही है कैसे चल रही है दादा हथेली यह तो आदत है नहीं हंसती है तो आवाज घटाओ आज सुबह सुबह जल्दी उठ जाए काम करें तो साधु कहती डिस्टर्ब मत कि मैं लेट हो जाए अभी तक सो रही है ध्यान रखना कितनी निगरानी रखते बहु पल मान्यवर कि थोड़ी सी जीवन को बदल यह कि हर बार राष्ट्रपति से यही कहेगी उसका हक है को समझने को तैयार नहीं होते हो है कि जिंदगी का मजिस्ट्रेट कौन है उसके जिंदगी का जज्बा अपने पति के लिए ही वे शादी करके आती है कि मान्यवर की मां की पीड़ा यह होने लगती है कि हम यहां पे पर बहू का कब्जा होने लगा है कि दाउद केवल इतना है है कि बेटा हाथ से तय हुआ था बेटा क्या करें विचार आया कि शादी के बाद भी तुम्हारे साथ शॉपिंग करने जाए क्या शादी के बाद तुम्हारे साथ अ चल रही है अभी तो उसको अपनी पर्सनल लाइफ जी ने तो ध्यान रखिए कि मान्यवर लोग कहते हैं कि बहू है परेशान है जहां तक मेरा अनुभव है डिटेल बहुत परेशान हैं यदि अपनी पत्नी की बात वह मां से शेयर करता है की पत्नी का पक्ष थोड़ा सा मां के सामने लेता है तो वह कहती अच्छा दो-चार दिन कि आई जो रुकवा विचारा करें क्या संसार है पिंपल या पांच ले लिया था जो अनुसार एक पतली लहसुन ढूंढती है अभी तक में उड़द से तुम्हें बंधे स्थिति बन जाती है इसके पहले कल मैं अच्छा होता था हारता है निकम्मों बना है चलिए के सचिव बना दिया कैसा नर्क में जीवन बना दिया एक मां को यदि कोई भय है तो केवल असुरक्षा का भय होता है वह सुरक्षा के घर में दो अपनी सकती है अपने बच्चे पर और अपने भविष्य की सुरक्षा के लिए भरोसे अध्ययन प्रारंभ उसके भाई घाघरे आप क्यों सोचते हैं कि हमारा बेटा पढ़ाई का या तो नहीं मेरे भाई और यदि तुम्हारा बेटा पर आया हुआ है तो इसकी जिम्मेदार भी तुम ही हो बहू नहीं है ध्यान रखना 25 साल में 20 साल में तुम मुझसे इतना प्यार नहीं दे पाए 20 साल में तुमने क्या संस्कार दिए हैं कि 20 साल जिसने मां से प्यार किया और 1 साल में पत्नी से प्यार करने लगा ध्यान रहे की कमी तो में होगी जान रखना कि थोड़ा अपने दिल को बढ़ाकर ये क्या करें माताएं भी पड़ोस में एक से एक ट्रेनर बैठे हुए हैं एक टेक्स रेड कलर आने वाले हर सुनाओ वॉइस मेल पढ़ लूंगा एक तरफ मत चढ़ा मर सकते हैं क्रॉस का बहु अतिरिक्त में क्या हो रहा है ज्यादा सिर पर जांच के लिए होता मंदिरों में पदम पुराण नहीं पड़ती है बढ़िया पुराण जाता पड़ती है कोई नहीं पड़ता मंदिर में महापुराण पर राहु सांखला साथ रहता है बाकी कोई और चलती रहती है और यहां त्रिफला है वह धो बैठते हैं अब हालत तो बहुत खराब है मंदिरों के में देखता उस लोग कहते महाराज आप मंदिर में ज्यादा क्यों नहीं खेलते हैं इनका आशीर्वाद धर्म के और सब कुछ मंदिर में मिला करता है इसलिए मेरा मन ज्यादा देखी थी मैंने जाकर दर्शन कर रहा था दो हमारी बेटी आपस में बात करें इस तुझे पड़ा है मंगलाचरण किया है आगे का एक अच्छा नहीं पड़ा है साहित्य खुला है उसने का त्यों तेरी शादी हो गई के लड़के की बूढ़े होते ही सारे गोले तूने मुझे बुलाया नहीं पुराण एक बड़ा प्याज आ रहा है दुनिया लुट जाना रखिए पुलिस तूने मुझे अरे सम्मानित किया करो नहीं तो भेजा नहीं हुआ अरे हमने बंद कर दिए तो मोबाइल नहीं मैं पागल हो गई मोबाइल रामचरित्र रावण जा रहा है कि युद्ध इतनी इतनी तारीफ करें एक बात बता कितना मिला है जले जले अब तुझे क्या मतलब कितना मिला है कितना मिला है क्वालिटी नहीं मैंने क्या नुस्खा बहुत समय है पुलक सागर के प्रवचन सुन लिए थे फिर मैंने कह दिया था आज के बाद मैसेज नहीं लोगे तेरी मति मारी गई है तुम्हें महाराजाओं की बातों में लग गई ढूंढ कोई ना हां बाबा जी की बात में लग गई क्योंकि उन्हें कुछ नहीं मिला वहीं नहीं बोली धत्त तेरे की थी रास्ता लड़का सब देखो अनुप्रास अलंकार जीरा का लड़का यात्रियों के हुए देश में जनता ही रास्ता था तो तूने अपनी बेटी क्यों नहीं थे ध्यान रखें मधुबाला की शिकायत मेरा टैबलेट ट्रेनिंग मिलती है चाहिए मंदिर जाने को सबसे कम है यह भी कोई दूध के धुले नहीं हैं अब हम इन्हें यदि कुछ लोगों की बेटी से कौन कौन से भगवान है तो नाम ही मालूम होगा कि मुझे इलेक्ट्रिक इस भगवान का कौन सा चिन्ह है तो तुम्हें नहीं मालूम हमने के लिए मालूम है कौन की बहू आ रही है फोन की बहू नहीं आ रही है कल नहीं आई आज नहीं आई क्या क्या देखने जाते हो मंदिर में मंदिरों को अपवित्र मत करिए मेरे बारे कि किसी भी सांस के कानों में ऐसी गंदगी मत डालो कि मेरी सभा में बैठे तो एक महिला एक संकल्प करें कि कोई यदि हमारे घर की बुला यह बहुत ही बुराई करेगी तो कहना मेरा कंडक्टर भी नहीं है एक अलग ही डालना है तो कहीं और जा करके सा है मेरे हंसते-खिलखिलाते घर पर बुरी नजर मत लगा दो यार मैं तुझे क्या लेना-देना दहेज मिला कि नहीं मिला कौन सा तेरे घर में आ रहा है लेकिन आग लगाना उनका आ काम है यह मंत्रा ना होती तो राम को वनवास नहीं होता मेरे भाई को कि कौन कहता है कि मंशा नहीं है मोहल्ले में 24 तो होती हैं ध्यान रखें हैं जिनका काम घरों में आग लगाना हुआ करता है वाले हो तो मेरे कहने का मतलब और कभी-कभी ज्यादा स्वतंत्रता का भी नाजायज फायदा उठाया जाता है लेकिन किसी एक को देखकर के सबूतों को गलत कहना यह हमारी नासमझी हुआ करती है ध्यान दें हैं मानवाध में सांस को बड़ी तकलीफ होती है एक व्यक्ति द्वारा कर पूछ ले उससे सुना पूछे तो लगता है मेरा राज-पाठ चला गया यह केवल एक ही है साथ भय बोले हैं भगवान महावीर ने जो सम्यग्दृष्टि होते हैं वह सब त भय से मुक्त हुआ करते हैं और आज हमारे बुजुर्गों कि नभन का भय है ना यह लोग सब बहन आप लोग कब है इनको यदि है तो बुढ़ापे का है रखिए असुरक्षा का भय है कि मानवेंद्र कि आज भी बहु हो कि उस घर को अपनाने समझ पाती है के बाहर वाली समझाते हैं हुआ है दो-चार दिन को की बेटी आ जाती है देखो छोटी-छोटी बातें बता रहा हूं जो बहुत बड़ी गलती हैं जो इतनी खामियां पैदा करती है कि गर्मी के दिन थे मेरे ससुर जी रहेगा झाला कि पिछले वाला साधु के बेटे जमीन अक्षर आई है वह भी दी है की बेटी ने कहा पापाजी बनाती हूं और अम्मा कहती बेटी तू क्यों बनाएगी पुलिस क्यों है और भाभी है ना तो दो-चार दिन को आई आराम कर ले तो भी को कत्ल से आइए थोड़ा आराम कर ले चैन तरह को अभिशप्त छी तहुं में पड़ गए ध्यान रखना एक प्याला चाय बनाने में बेटी कमजोर नहीं हो जाती हैं उसका बीपी नहीं बन जाता खुद महसूस नहीं हो जाती ध्यान रखना है प्यारा त्यौहार कोई बहुत बड़ी लगाता नहीं था लेकिन सबको इस तरह से यह शब्द बोलती है ना कि द्वारा की संरचना एक प्याला चाय ने तुम्हारी दिलों की दूरियां बढ़ा दी जाएंगी को चलनी हो जाता है उसका बहू का सीना तो क्या फर्क पड़ता है दीप बेटी बना लेती है और मैं तो इन बेटियों से भी हाथ जोड़कर निवेदन करता हूं चार दिन को आई होप ईयर में आग लगा कर मत जाओ चंदा आधी-आधी तो यह लोग भी लगाती हैं आदमी के रक्षाबंधन पर मिठाई खाओगे राहुल के जाओगे ना कि इतने हैं मैं सुनील शेट्टी हमें याद करके अपने मां-बाप के लिए पूरी बिक जाती मेरी मम्मी मेरे पापा आप मेरी मम्मी मेरे पापा सारी तुम्हें नहीं करती है राष्ट्रीय सम्मान नहीं करती थ्रू इज्जत नहीं करते हैं इतना प्रेम था जब ऐसा लगता है कि तुम्हारी मम्मी की शुभचिंतक केवल तुम ही हो बेटा तो दुश्मन पैदा हुआ है कि टेंट में है तुम्हारी मां सब्सक्राइब है इतना भाई को बैंक करोगी शादी के बाद भाभी को बंद करोगी शादी के बाहर तो मम्मी का ख्याल नहीं रखता हूं अपने इतनी बातें कर रही हो ससुराल को नरक बना रखा है जन गण चहिए इतने ईमानदार होती तो तुम्हारी ससुराल ईश्वर जैसी बन गई होती जितना समर्पण मां-बाप को दिखाती होना 4 दिन में उतना सास-ससुर को दिखाओ पलकों पर बैठो की ससुराल में जाकर के ध्यान रखिए की सूचना है
घृत सुधारने की बातें करती है तो प्लीज मैं अपने पीहर में आग मत लगाइए और कि अधिकतर झगड़े तभी होते हैं जब नंदा समय आती है नल गले का कौन बोला फन है ध्यान रखना पानी मत अरे आपको तो धन्यवाद देना चाहिए अपनी भाभी को है कि मुझे मेरे बाबा अपने पास आकर बड़ा करके विदा कर दिया पढ़ाई घर में मैं अपनी मां का उत्तर ध्यान नहीं रख पाती सारी टूटल है कि हिसाब से मेरी मां का ध्यान रखती है यह तुम्हारी समझदारी होती है इस भाभी को सीने से लगाओ उस भाभी को धन्यवाद दो घुस भाभी को चोदता हम दो जूस भाभी का मान बढ़ाओ हो तुमको शादी करके चली गई बुढ़ापे में साथ वही देने वाली है द ध्यान रखिए लेकिन तुम आपके मम्मी के कान में कुछ डालती हो भाभी के कान में कुछ और महाभारत खड़ी कर दी एज शहर में बेटियां प्रवाह इंटरफीयर होता है ना उस घर में सुख कभी नहीं आ सकता है ज्यादा रखिए इतना ज्यादा आप किसी की पर्सनल लाइफ पर कि डिस्टर्ब करने का प्रयास मत करिए और मैं आपसे निवेदन है आप समझदार हो रही है अरे बेटा हुआ है एक बूढा प्रभाव पत्नी को दे दिया इसका मतलब थोड़ी है कि मां-बाप से प्यार नहीं करता है बेटे ने थोड़ा समय पत्नी को ज्यादा दे दिया है तो होटल को इग्नोर क्वाइट हटाइए समय भले भी देता हो तो बेटा था
मैं आपसे निवेदन है बड़ी विनम्रता के साथ मैं अभी-अभी एक बाहर अपनी बहू को बाहर फैलाकर खड़े से लगाने का प्रयास किया करो कभी खोला करो कि मेरी बेटी जो साथ देखी नहीं देती वह तू मेरा साथ दे रही है तू मेरा ख्याल रखती है 24 घंटे मेरे साथ रहती है तभी तो सीने से लगाया करो बेटी को सीने से लगाते हो लेकिन बहू को सीने से लगाते हो मान्यवर हां मैं जानता हूं कि सास को कि वर्षी तप कि उसने है 98100 वर्ष के थे ए ड्रॉप ऑइल दो वो बोले महाराज कि मेरी सासू आपके दर्शन करना चाहती है श्वेतांबर समाज के थे कि मैं निकाल 45 बजे ले आना दर्शन दे दूंगा कि 80 साल की अवस्था नशा और बहू लेकर किया यस-यस तो उसने कहा महाराज जी मैं इन्हें अश्लील बाद तो वर्षी तप कर रहे हैं1 इस साल से उपवास करते हुए हैं जो मैंने देखा कि 80 साल की उम्र में कि इतने बड़ी तपस्या कर रही है तो मैंने कहा मां मैं तुम्हारा जीवन धन्य है कि मैं तुम्हारी अनुमोदना करता हूं इस उम्र में भी तुम इतने उपवास कर रही हो आप जानते हैं उस साथ में क्या कहा महाराष्ट्र साधुवाद धन्यवाद मुझे नहीं मेरी बेटी को पीछे मेरी बहू को दीजिए कि उनका उपवास तुम कर रही हो धन्यवाद उससे कि मुझे महाराज मैं इतना प्यार और इतनी सेवा तो मेरी बेटी मेरी औलाद नहीं करती जो सेवा मेरी बहू किया करती है धन्यवाद इससे तो वह राज्य में उपवास करके व्यक्तियों ख्याल यह सकती है मैंने कहा कि महाराज के दर्शन करना की बेटी से कहती हूं तो जवाब दे देती है बहुत नहीं बहु ने नजरें झुकाए महाराज के अम्मा जी यह तो बोलती है यह मेरी मां से भी बढ़कर मुझे प्यार किया करती हैं के साथ ने कहा कि नहीं महाराज आप इसे आशीर्वाद को है और मैं तो यह कहते हैं मेरी तपस्या का पुण्य भी मेरी बहू को लगना चाहिए मैंने का इतना प्रभावित क्यों कहूं उससे मुझे महाराज ए पप्पु नहीं है देवी है इस घर की एक साथ के मुंह से ऐसे शब्द निकले ऐड सोचो बहू का जीवन धन्य हो जाएगा करता है उसके जीवन में सुख-शांति का भंडार हो जाया करता है साथ शुक्र मेरे संकल्प लिया कि बढ़ती तपता हुआ ऐड करूंगी वह सबसे मैंने एक साल से कि यह बहु अपीयर नहीं कहिए मैं नहीं जानती वह पियर से खबर आती है भाई लेने आता है अभी पानी लेने आते हैं में कैंडी को लेकर चली जाती है हर माह बाद से मिलने को कहते हैं मम्मी आज आपका उपवास है कैसे कर सकते हो अब दूसरे दिन पानी ऐड करती हो ना तो कहती है जहां मेरी मां पर विचार कर रही है उसे चढ़कर के सीरियल कैसे चली जाओ उर्जा दूर नहीं है का प्रतिफल मिल गई है केवल से लिए बस तब करती हूं महाराष्ट्र पसली अब मेरा नहीं असली अब तो इस बहुत का हुआ करता है ध्यान रख और मैं आप से पूछना चाहता हूं कि तुम्हारी बाहों में अपने ताल भर में 2 साल में जब से घर आई है एक पिता मच्छर किया होगा ना कुछ तो अच्छा करती होगी ना कि कुछ अच्छा नहीं करती है है इसलिए जिम्मेदारी ली है जब बच्चा जवार हो जाता है तो उसकी जिम्मेदारी तो बहु उठाती है ना उससे तो तुम्हें बचाती है ना समय से उसे जो नाश्ता देती है खाना दे आ जाती है उसके कपड़ों का क्या लगती है इतना बोझ तो तुम्हारा हल्का किया है ना उसने एक गर्ल की कर दे हजार बातें सुनती थे तभी अच्छा करे तो पीठ थपथपाए मत करो सांसों तुम्हारी धड़कन स्वर्ग बनने में ज्यादा टाइम है नहीं लगे है बोलो है तो कितना ख्याल रखती है इस घर का मान्यवर हमारी जुबान कितनी लड़खड़ाती है बहू की प्रशंसा करने में वृद्धि कल मैं इसको थोड़ा सा सांत्वना दो प्रोत्साहन दो बहू को आगे बढ़ाओ खजुरी कोई बहु एक गलती करे तो 10 गालियां पड़ती है उसको कभी अच्छा काम करे तो धन्यवाद नहीं देती हो कभी पानी मंगाया के बेटा एक गिलास पानी लेकर आ और बहू रे लागे कुछ तो बोला करो बेटा धन्यवाद जानवरों के तूने मुझे पानी पिला में पानी भर में बहुत बदल गई है दुनिया और बहू को मेरे लड़के माताएं अपने बेटों पर शक करने लगती है कि हमारा बेटा हमारे हाथ में नहीं प्लीज इस शपथ ब्लेंड कर का मत बनाइए और एक हफ्ते की निवेदन करूंगा आ लड़कों धर्म करूंगा का या तो घर में चार लोग होंगे कहा सुनी होगी आज तुम्हारी बहुत बड़ी तपस्या है घर को स्वर्ग बनाने तुम्हें माफ की बातें भी सुननी है और पत्नी की बातें भी सुनना है मैं एक आदमी को मैं जानता हूं तो फिर ले करके अस्पताल जा रहा है के रास्ते में दोस्त मिला है इस प्रकार कहां जा रहा है हां मालूम है दोस्तों ने कहा क्यों क्या हुआ बोलो मेरी पत्नी सीरियस अस्पताल में एडमिट है रोज खाना लेकर मुझे जाना पड़ता है प्लीज याद तू क्यों जाता है खाना लेकर क्यों कि जब वह स्वस्थ थी तो रोज मुझे खाना देती थी आ जा सकता है तो मेरा भी फर्ज है कि उसे ले जाकर के खाना देना चाहिए कि कल तक बीमार है बोले उसकी याददाश्त चली गई है कि उस दोस्त ने कहा पागल है क्या तू कि जब तुझे पहचानती रही है मैं जरूर तैयार खड़ी कर ली गई है और दूसरी लड़कियों आधे किराए का टिफिन भेज दिया तब आप कौन श्रवण ऐसे दोस्त मिले आधे घरों को तोड़ने वाले जानते हैं उस लड़की ने क्या कहा तो सही कह रहा है है कि उसकी याददाश्त नहीं है सिगरेट बात होता है से ज्यादा शेयर खुले तो उसने उसकी मजबूरी है लेकिन मेरे कि मेरी मेमोरी को लफ्ज़ नहीं हुई है ना बोले क्या मतलब मुझे मेरी मेमोरी नहीं जा सकती है क्योंकि जब मैं एक दिन ऑफिस में बैठा था कि पंजाब सरकार झाल किधर है बच्चे की तबीयत खराब है उस यह आपके घर आता है तो एक विशेष को नहीं उठाई और मेरे लिए भोजन लेकर के भागी लेकिन रास्ते में दुर्घटना घट गई उसका एक्सीडेंट अब है ना वही तो मेरे लिए थी ना टिप्स लेकर तो मेरे लिए आई थी ना कैश विड्रॉल कि खरीद जब पत्नी मेरे लिए किसी ले करके रख सकती है एक कभी-कभी फल है कि उसके लिए भोजन ले करके जाएगा कि वह मेरी वजह से हुई है उसकी याददाश्त में उसने मुझे भुला दिया हो लेकिन मैं मरते दम तक अपनी बीवी के इस काम को नहीं भुला सकता हूं कि अ तो फर्ज है आपका दिन भर पिटती है ब्वॉय बैरी घर के काम मिलती है वहीं इस तनाव टेंशन क्यों बहुत बड़ी कोई कहानी लड़की तो आती नहीं 15 साल भी इस साल 25 आदत इस साल की बेटी उसके लिए अपने ख्वाइश है उसके भी अपने अरमान है उसके लिए अपना पर जीवन है उसके लिए अपनी आकांक्षाएं हैं सुबह से उठती है सारे काम करती है नारी तेरा जीवन क्या है ऐसी जिंदगी हो जाती इस नारी की याद दिला तेरी यही कहानी आंचल में है दूध और आंखों में पानी अब तेरी क्या करे वह मां की नहीं सुने सांस की तो वो चिल्लाती है फटी हुई एड़ियों के ससुर कस्टमर बना देता है वह चिल्लाता है हुं कि बच्चों का टिफिन ना लगाएं तो बच्चे चिल्लाते हैं ध्यान रखिए कि जॉब दर्द है तो आप इसमें लेट हो जाए तो वह चिल्लाता है ध्यान रखना सीखना झिड़कियों के उसे मिलता क्या है देखिए सूचना या जिसका काम नहीं करें वह नाराज हो है जिसको पूछना भूल जाए लुट लिया चलता है कि है इधर को व्यवस्थित करने में ही पूरी जिंदगी खपा दिया करती है लेकिन उसके बाद भी उसे उतना सम्मान नहीं मिलता जितना कि वह अवतार हुआ करती है यह देखिए कितना ख्याल रखें उस सबका और तो और बिचारी महाराजा जाएं तो उनकी व्यवस्था में लग जाती है फिर बनाती है रखती है घर को एक जजमेंट करती हैं महाराज आ जाती है चाणक्य कहते हैं एक पति अपनी पत्नी से कहा तू कल भी क्या है दिलबर घर में पत्नी ने कहा मैं कुछ नहीं करती वह क्या करते हैं कमात आवेल हूं पैसा मेल आता हूं तू क्या करती है दिनभर ठीक है सूरत की रही होगी कल बताऊंगी मैं क्या करती हूं ऑफिस से लौटता पति बिस्तर मे पड़े हैं को खाने के बर्तन वैसे ही पड़े हैं झाड़ू हुए तक बढ़ी है कचरा वैसे ही पड़ा है कपड़े भूल ही गई अपने पति आया 51 कि इस अवसर कि उसने कहा आपने कहा था ना मैं क्या करती हूं है अब पता पड़ा कि मैं क्या करती हूं ध्यान रखना सूचना है आपको जिस दिन पत्नी पीहर चली जाए का या कल ठेकाने लग जाएगी तुम्हारी श्याम कि आज बजे सो कर उठोगे दूधवाला घंटी बज जाएगा मूड खराब हो जाएगा दूध गरम करने के इसमें रखोगे भ्रष्ट करने जाओगे दूध बन जाएगा ओके बनाने बैठोगे चंदा मामा बनाओगे भारत का नक्शा बन जाएगा ध्यान रखना कच्ची-पक्की खाओगे पता पड़ेगा की पत्नी की कीमत क्या हुआ करती है ध्यान रखना पिसती है तुम्हारे लिए उतरे तो वह नारी है जो अपने लिए खाना भी नहीं बनाती है जिस दिन पति बाहर चला जाए नितिन बच्चे बाहर चला जाए और उससे पूछिए कि बहन क्या बना रही है रिलैक्स क्या बनाना पति यहां है नहीं बच्चे बाहर गए हैं घर में कोई नहीं है बचाव रोटी खाती है उस दिन गुजार दिया तोड़ती है बनाती है सब कुछ तुम्हारे लिए करती है कुछ नहीं मेरे भाई नारी का सम्मान होना चाहिए इज्जत होना चाहिए कि उसके कि गांव से और मैं आपसे निवेदन करता हूं कि कि यह मामलों में सबसे बड़ी गंदी आदत क्या होती है में चलाओ बहुत है कुछ हो गया हजार है बैठी है हो गया कि अब उसका बखान पूरे मोहल्ले से कर देते तो मेरी बहू ऐसे ही मेरी बहू वैसी उसने ऐसा किया फिर फोन लगा देंगे अपनी बहन को फिर भाई को फोन लगा दूंगी मैं इसी बहु मिलियन नहीं करती हो नहीं करती आप से मेरा निवेदन है दुनिया भर में अपनी से हो क्या कोई हल नहीं होने वाला गड़बड़ी हो गई है कि माताओं से निवेदन है कि के बहू-बेटे परिवार में बैठकर जो भी कहना है अपने घर की चारदीवारी के अंदर कहीं ये यदि बहू से कहोगी तो समस्या का हल हो सकता है पड़ोसी कोई हल नहीं करेंगे ध्यान रखना वह तो तैयार ही बैठे हैं कि इस घर में कब आग लगे और कि हम इसमें पेट्रोल झाले की पूरा घर में इसी से कहने से मतलब क्या है यहां है मतलब बजे अपनी बहू से कहो गुस्सा हो गई झील आएगी कि उसकी परवाह मत करो कुछ बात बोलोगी कुछ तो उसकी समझ में आएगी पड़ोसी तो मिर्च-मसाला लगाकर के बताएंगे वह तो तैयार है कि इस घर में इस मकान में इस आंगन में एक दीवार और खड़ी अचानक ही पड़ोसी केवल मजाक बनाते दिन कि आखिर तुम आंसू बहाती हो उस दिन के आगे तुम रोती हो मेरा निवेदन है रोने का मन करे ना चंदा प्रभु के सामने अकेले में जाकर लेना मेरे भाई और वह भी ना मिला है तो दीवार की तरफ मुंह करके रो लेना लेकिन दुनिया वालों के सामने आंसू मत बहाना यह तुम्हारे आंसुओं का मजाक बनाते हैं ध्यान रखिए यह पहल से तो तुम्हें संवेदना दिखाते हैं भीतर-भीतर तो तालियां बजाते हैं या गया मजाक पर हो गया इनका घर को बर्बाद मत करो कि घर में चार लोग बैठकर फैसला कर सकते हैं आप मैंने भारत अजय को जय हो ओम नमः शिवाय देवता ही जय हो ओम नमः शिवाय यहां यू कि हो ओम नमः शिवाय देवता ही हो कि यह दर्शा संभावना प्रमुदित मणाई दृढ हो कि चणावदा शित सरगेई गण गण समृध्ध सुनिधि ए लवर नुस्खे यदि शुद्धता शिव के समान स्वयं की मुक्ता दाणा महावीर स्वामी नयनपथ-गामी भवतु मी महावीर स्वामी नयनपथ-गामी भवतु मे महावीर स्वामी नयनपथ-गामी भवतु मे प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव भगवान की भगवान महावीर स्वामी की परम पूज्य गुरुदेव आचार्य श्री पुष्पदंत सागर जी महाराज की अहिंसा परमों धर्म की है और पोस्ट इस प्यारी प्यारी भव्यात्माओं है
एक कदम रुक गए कि जब हम पहुंचे रिश्तो के बाजार एक कदम रुक गए जब हम पहुंचे रिश्तो के बाजार में कि सभी रिश्ते बिक रहे हैं ने पूछा है रिश्तो का भाव क्या है एक दुकानदार ने कहा कि कौन सा रिश्ता खरीदोगे ये कौन सा रिश्ता खरीदोगे वो बोले बेटे का रिश्ता खरीदना है में मां-बेटे का रिश्ता खरीदना है कि पति-पत्नी का रिश्ता खरीदना है है मगर भगवान का रिश्ता खरीदना है कि इंसानियत का रिश्ता हां बोलो कौन सा रिश्ता खरीदोगे जो हमने कहा क्या यह सभी रिश्ते दिखते हैं हां बोलिए हिंदुस्तान है कि 21वीं सदी है यहां हर कुछ भी का करता है ने कांपते होठों से जब पूछा कि डर के है कि ना मुझे भाई-बहन के रिश्ते चाहिए ना मुझे माता-पिता के रिश्ते चाहिए ना मुझे पड़ोस के रिश्ते चाहिए एक बात बता दो भाई साहब आप रिश्ते का एक भाव बताओ बताओ दोस्ती के रिश्ते की क्या कीमत है आप यहां दोस्ती के क्या भाव चल रहे हैं आजकल मालूम है एक दुकानदार ने हाथ जोड़कर कहा कि भाई साहब माफ करना है कि हमारी इस बाजार में कि हर रिश्ता दिखता है दोस्ती का रिश्ता नहीं बिका करता है ये दोस्ती का रिश्ता बिकाऊ नहीं हुआ करता है इतना सस्ता नहीं होता है कि हर कोई इस दोस्ती के रिश्ते को खरीद ले पर एक बात याद रखना सूरत बालों जिस दिन दोस्ती का रिश्ता भी टूट गया उस दिन यह दुनिया जीने लायक नहीं बचेगी इस दुनिया में रहने लायक कोई दोस्ती बड़ी अनमोल हुआ करती है का ज्ञान रखना है से कुछ रिश्ते के लिए रब बनाता है से कुछ रिश्ते लोग बनाते हैं और कुछ रिश्ते हम बनाते हैं से कुछ रिश्ते ऐसे होते हैं जो बिना रिश्ते के निभाए जाते हैं और हकीकत में कहुं जो बिना रिश्ते के निभाए जाते हैं वही सच्ची दोस्ती के रिश्ते कहलाए जाते हैं दोस्तों से कौन सा रिलेशन होता है हमारा जो ब्लड ग्रुप भी नहीं होता है खून का रिश्ता भी नहीं होता है लेकिन एक बात ध्यान रखना ये दोस्ती से बड़ा रिश्ता दुनिया में कोई दूसरा नहीं हुआ करता है दोस्ती एक बात याद रखना मैं तीन चीजों से जिंदगी चलती है
इस व्रत का जीवन तीन चीजों से चलता है है और यह चीनी अच्छी हो जाए तो दुनिया में स्वर्ग ही स्वर्ग है कि वो तीन चीजें मालूम है कौन सी बहुत महत्वपूर्ण है आपके लिए मेरे लिए नहीं है तो प्लीज बहुत महत्वपूर्ण है मैं पहले ठीक जीवन को सुखी एक अच्छी पत्नी घर पत्नी यदि अच्छी नहीं है तो घर नरक हो जाएगा तुम करो एक अच्छी पत्नी होना चाहिए है बहुत अच्छे होना चाहिए
तो बहुत समझदार होना चाहिए में बहुत सहनशील होना चाहिए को विवेकहीन होना चाहिए और दूसरी चीज महत्वपूर्ण है इस जीवन में अच्छी संतान ध्यान रखना री संतान कपूत निकल गई थी ज़िंदगी नरक हो जाया करती है संतान बहुत अच्छी होना चाहिए संतान आज्ञाकारी होना चाहिए संतान चरित्रवान होना चाहिए संतान जो होती है ऐसी होना चाहिए इसे देखकर के लोग तुम को धन्यवाद देने को तैयार हो जाए संतान बहुत अच्छी होना चाहिए और तीसरी चीज होती है सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण की जिंदगी में कुछ अच्छा हो या ना हो दोस्त बहुत अच्छे होना चाहिए हमारे जीवन में दोस्त से हैं तो जिंदगी खुशहाल है मित्र आते हैं तो जिंदगी खुशहाल है मित्रों से जीवन चला करता है एक बात याद रखना आज की दुनिया में पहली संयुक्त परिवार से बहुत सारे लोग होते थे कि हम उम्र के भी लोग होते थे अब छोटा परिवार है हमारी उम्र का कोई होता नहीं है और जब हमारी उम्र का कोई नहीं होता तो फिर परिवारों में दोस्ती का अभाव नहीं रहा करता है जब हम उम्र के होते थे चाचा का लड़का बड़े पापा कलर का जब एक से उम्र के होते थे जीने का आनंद ही कुछ हुआ करता था हम उम्र की हुआ करती थी वह अमेरिकी हुआ करती थी चाचा उम्र के हुआ करते थे इस परिवार में प्रेम रहा करता था आनंद रहा करता था
बेटा पाप से ढंग से बात नहीं कर सकता बाप-बेटे के सामने खुलकर के बात नहीं कर सकता है संयुक्त परिवार में दो बराबर के उम्र के होने से वह परिवार ऐसा लगता था ऐसा लगता था कि लोगों को मंदिरों में सामूहिक भजन की जरूरत नहीं थी इस समय हिस्सा हुई हजार हो जाया करता था कितना बढ़िया माहौल था अब तो कुछ नहीं है हम दो जो आज हमारा त्यौहार जन्मदिन एक ही को भी थोड़ा जोर लगा हो तो 23 का तो मीठी मत रखें ध्यान रखना विचार करिए आप कि हम मित्रता कार्यस्थान कि इस बात का ध्यान रखना परिवार में पत्नी को लाने में माता-पिता सा हाथ जनरल नहीं आजकल तो जमाना बदल गया और फिर भी 90% घरों में अभी इतना नहीं बदला है दस परसेंट में ले लो जो लव मैरिज हो जाती है मां-बाप कोई पता नहीं चलता बस आशीर्वाद दे दो देना हो तो दीजिए नहीं देना तो जय राम जी की समझ में आना चाहिए आपको घर परिवार है मां के रिश्तेदारों का होता है परिवार वालों का होता है इस दो परसेंट की बात छोड़ दीजिए अधिकतर आज भी 80% घरों में मां-बाप रिश्ते तय किया करते थे और अपने मां-बाप के अनुसार पत्नी आती है आप कुछ नहीं कर सकते मां-बाप को पसंद है आज्ञाकारी बेटा हुआ तो शरीर है ना ठीक है करो क्या करता के प्रतिशत में कहूं सुखी रहना है ना तो लड़कों से देते अपनी पसंद की बीवी मत लाओ मां की पसंद की लाइव रहना उसको तुमको कितनी देर रहना है दिनभर तो अमाउंट बहुत सारे बड़े साहब कहते हुए दूसरी उन दोनों की बन गई हो गई जीवन में आनंद की यात्रा इससे बढ़िया आनंद की यात्रा तो यह बात नहीं होती ना पत्नी लाने में संतान इसमें हम कुछ नहीं कर सकते आप कुछ नहीं कर सकते प्रकृति की देन है ध्यान रखना ईश्वर की देन है जो ईश्वर को मानते हैं वह कहते हैं ईश्वर किधर हैं जैन दर्शन ईश्वर की देन नहीं मानता हूं प्रकृति की देन मना करता है कुछ ऐसे हैं जो अल्लाह की देन माना करते हैं समझ में आ रहा इसमें भी अपनी कुछ नहीं कर सकते हैं परिवार की पसंद से आती है कि बच्चे एक बात याद रखना पत्नी का चैनल परिवार करता है बच्चों का चैन प्रगति करती है लेकिन दुनिया में माता-पिता ऐसे होते दुनिया में दोस्त ऐसे हुआ करते हैं जिनका चैन ना परिवार करता है ना ईश्वर करता है उनका चैन हम खुद किया करते हैं कि कोई दोस्त मां-बाप से पूछकर बनाते हो क्या पत्नी से पूछ के बनाते हो क्या एक दोस्त है जिसका निर्णय हम स्वयं लिया करते हैं कि हमें जीवन में किसके साथ दोस्ती करना है बहुत सोच समझकर दोस्ती करना कहीं भी दोस्ती का हाथ कि एक बात याद श्रेया घोषाल आ सकता है दोस्तों जिंदगी को बर्बाद भी करता है बहुत बड़ा सोच समझकर पत्नी में ज्यादा दिमाग मत लगाओ बच्चों में मत लगाओ ज्यादा दिमाग लगाना है दोस्तों में लगाओ एक बात याद रखिए पत्नी अधिक गड़बड़ा गई तो 7 सब जिंदगी बर्बाद होती है वह दोस्त यदि गड़बड़ मिल गया सोहंग बैक पुस्तक जिंदगी बर्बाद है हो जाया करती है कि अपने पूरे जीवन को की पत्नी तो यह पीढ़ी बर्बाद करेगी गलत दोस्त आ जाए तो साथ चीनी हम सलवार को जाया कर दोस्ती में सावधान युवाओं से कहूंगा बालिकाओं से कहूंगा बहू व से कहूंगा पंडाल में ऐसा कोई यहां तो उठाव जिसका एक भी दोस्त ना हो हुआ है कोई ही नहीं उसके दर्शन कर लो हुआ है कोई दो जिसका एक भी दोस्त जीवन में नहीं हो एक भी स्माइली ना हो तो हम अच्छी तरह क्या है क्या वर्क न कोई सहेली नहीं बचपन से भी नहीं कुछ तो कर लेती जिंदगी में आप सोचिए कि चार दोस्त तरीका यह है ऐसा कोई नहीं है जो उनके दोस्त को टर्न रखना दोस्त का मतलब ही नहीं होता कि बाहर कई दोस्त यह सास-बहू में बनी हुई है तो वह भी सहेलियों की तरह जिंदगी गुजार सकती है राजधानी में बन रही है वह इस तरह ली एक विचार संयुक्त विकास आयुक्त है आज घरों में लड़ाई झगड़े किस बात के होते हैं आज रिश्ते हैं लेकिन रिश्तो में दोस्ती का व्यवहार है नहीं है मैं तो कहता हूं माता-पिता को भी दोस्ती का व्यवहार जरूर रखना चाहिए भाई बहन तेरी दोस्ती का व्यवहार जरूर होना चाहिए मेरे दोस्त चाहिए ये दोस्ती की मिठास डाल दो गुस्सा इतना मीठा हो जाएगा इतना मीठा है कि मिठाई मिठाई नियमों का वर्णन दोस्ती का जन्म एबीसीडी महाराज संत हूं लिखने युवा छोड़े जाते हैं तो ऐसे ही बात कर लेता हूं जैसे किसी यार दोस्त से बात ने 24 घंटे महाराज बना रहूंगा कोई नहीं आएगा मेरे पास जान रखना कोई मेरे पास बैठेगा नहीं कोई मेरे से बात नहीं करेगा कि कंपनी गंभीरता अतिरिक्त सीमा होना चाहिए ज्यादा गंभीर ज्यादा रूखे ज्यादा सीरियस हो गए कुछ जिंदगी में कुछ बचता ही रेगिस्तान की जिंदगी मत बनाओ मैं तू कैसा और फूलों के गुलिस्तान की जिंदगी बना हजारों लोग तुम्हारे पास है तो दोस्ती का क्या दिक्कत से दोस्ती बड़ी पवित्र होती है कि मान्यवर एक बात याद रखना 163 और यह सोचना जीवन में एक चिंतन लेकर आया हूं ये दोस्ती बड़ी होती है या रिश्तेदारी बढ़िया और इमानदारी से दो हुआ है में रिश्तेदारी हजार झमेले हैं रिश्तेदारी में कि जब दोस्ती में आनंद है वह रिश्तेदारी में आनंद नहीं हुआ करता है कि ऋषि लुट लुट लुट कसम कि थोड़ा सा भी अपमान होगा कि महाभारत शुरू हो जाएगा एक बात याद रखना यह महाभारत की रचना दोस्तों के बीच नहीं थी यह रिश्तेदारों के बीच थी ध्यान रखिए मान्य वध मीरा खोज दोस्त नहीं देते उन्हें अपनी रिश्तेदार हीरा कुचल दिया करते हैं और रावण के विनाश का कारण कोई दुश्मनियां दोस्त नहीं होता उनका ही रिश्तेदार के विनाश का कारण है होता है फ्री में चंद्र पिछले गाने को मजबूर कर देते हैं हम नहीं लोग महात्मा गांधी को किसने मारा अंग्रेजों ने अपने हिंदुस्तानी ध्यान रखना अपने ही लोग देते हैं राम वनवास किसी दोस्त एरियाज हिखोज डिशनरी अपने घर के लोगों ने बनवास किया था रिश्तेदारी बड़ी खतरनाक है यार हेलो दोस्तों मैं यह लकड़ी नहीं हुआ करते हैं यह विचार कर रहा है हो सुनी ल अजय को से जुड़ा दूसरा बाइक जंगल में भेज दिया कोई नहीं दोस्त नहीं थी रिश्तेदार उसकी सांसो थी जिसमें से बारिश वर्ष के लिए वनवास में पर मैना सुंदरी को कोणी पति की शादी दोस्तों ने नहीं कराइए किसने कराई थी कि उनके ही पिता ने कराई थी ध्यान रखना इतिहास को उल्टा करके देखो वृषभ है कि उनका ही पोता मारीच खड़ा हुआ करता है कोई दूसरे नहीं हुआ करते हैं एक बात याद रखना जब-जब जिंदगी में धोखे मिले हैं वह रिश्तेदारों से धोकर मिला करते हैं उन लोगों से धोखा मिलते हैं एक बार याद रखना दिल के छाले झुलसते हैं सीने के दादा साहेब घर को आदि लगती है घर के कि आज पदार्थों में रिश्तेदारों के साथ दोस्त के नहीं है हनुमान ने राम से पिता की सुधीर विभागीय दिशा-निर्देश को अपने दोस्तों से रही तकलीफ तो घरवालों से हुआ करती है एक बात याद रखना तो आप बताओ अपने और पराए में जीते होना यह मेरा अपना वह मेरा पर आया मैं आपसे प्रश्न करता हूं संजू एक खड़े हो कि पूरी दुनिया में कि अरब की जनसंख्या इस देश की मैं इसमें तुम्हारे अपने लोग कितने है पढ़ाई कितने हैं एक माइक दे दूंगा मैं इसको पहली बार उत्तर दे रहा है छोड़ा पूरे सूरत में कि पश्चिम बंगाल की जनसंख्या में नहीं बहना के माइक मैं नहीं माफ मूवी अच्छे लग रहे हो बहुत स्मार्ट नमोस्तु महाराज जी कितने 15 से 20 अपने पराए पराए तो सारी दुनिया पराई है
यह देख लो
हां सही बोल रहा है भाई
हुआ है
इससे ज्यादा तो अपने नहीं होते ना एक बात बता दो संजू जो अपने होते हैं दस-पंद्रह-बीस कि पढ़ाई होते हजारों लोग तकलीफ कौन देते हैं 1015 लोग देते हैं ना यह लोग तो हजारों लोग तो नहीं देते ना हैं मानवाध जो कह रही थी ना रिश्तेदारी बहुत अच्छी होती है तकलीफ 1015 लोगों से मिलती है और हम अपनी सारी जिंदगी 1015 लोगों में बर्बाद कर दिया करते हैं ध्यान रखिए हजारों लोग हमें चाहिए रहें हैं उस पर हम ध्यान नहीं देते हैं दो-चार लोगों में पूरा जीवन नर्क में बदल दिया करते हैं मेरा आपसे निवेदन करना चाहता हो क्या फोन नंबर वॉइस मेल कि मैं कोई ऋषभदेव का बेटा थोड़ी हो कि बुराई नहीं हो पूरा आई तो ऋषभदेव के बेटे की भी हुई थी हम कहां लाइन में लगा करते हैं बुराई कलाम की भी होती है बुराई तो महावीर की भी होती है लेकिन मैं कि जीता हूं कि इस पर ध्यान नहीं देता हजार लोग प्रशंसा करते हुए उन्हें गले लगाने का प्रयास कि उन चार लोगों में हजार को मत ठुकराओ ध्यान रखना हजार लोग तो पलक पावड़े बिछाए बैठे हैं ना हजार वह तो बड़ी का टाइम लेते हैं पिकअप 8:30 उस चंद्रप्रभु मंदिर के पास कि तुम हजारों को देखूं या उन चार को देखो जो दीमक की तरह जिंदगी में साथ लगते हैं एक बात याद रखना 4 में जीवन बर्बाद मत करो और एक बात याद रखना हजार लोगों पर दृष्टि रखो सारी दुनिया का प्यार का महावीर के पक्ष में तो सारे थोड़ी थे ऋषभदेव के पक्ष में सभी चौड़ी थे पारसनाथ के पक्ष में सभी चोरी देते 9th मठ उनका दुश्मन बन जाता है राम अच्छा है प्रीसरवेटिव का दुश्मन मारीच बन जाता है इस बात याद रखना चार दुश्मनों में जिंदगी मत गमों हजार लोगों को दोस्त बनाओ और जिंदगी का आनंद छोड़कर दुनिया से विदा टांग रखना चाहते हैं मैं उज्जैन एवं अपना कहते हैं जिन्हें हम खास समझते हैं यह कहते हैं मेरे अपने हैं सारी दुनिया पराई है मैं तो कहता हूं कि जो अपने को परेशान करते हैं बहुत ही खत में पराए होते हैं जो अपने को सम्मान देते हैं वह दुनिया में सबसे ज्यादा आ अपने हुआ करते हैं कितना बड़ा संसार चार अपने उनको अपना क्यों कहते हो जो तुम्हें तकलीफ देते हैं कोर्ट तक और भतीजे के ले जाता है वहीं कुछ लोग कि हमारा व्यापार को नजर कि हमारी डैमेज दीवार खड़ी करता है और मैं दो-चार लोगों को चढ़ा कुछ नहीं रखा उनमें ध्यान रखना की जिंदगी को आनंद से बटोरना है के साथ क्या कहती ससुर क्या कहते हैं देवर कह रही थी क्या में हल्का इसके अलावा इन कहने के अलावा उनके पास कोई काम है क्या ध्यान रखना नहीं मेरे भाई एक बात याद रखना है के हजारों भ्रम से बहुत सी उम्मीदें लगा कर बैठते हैं लेकिन इंसान मैं अपनी जिंदगी लॉन्च को निकाल देता है मकड़ी का जाला खुद बनाता है बनाता है बनाता है और एक दिन उसी जाल में फांसकर के प्राणों को तीर्थंकरों ने महापुरुषों ने हजार लोगों को नहीं छोड़ा मैं दीक्षा ली तो कितनों को छोड़ा 452 को मैंने दीक्षा ली किस को छोड़ा एक हजार लोग छोड़े क्या चार लोग तो छोड़े जो हमारी जिंदगी में दीमक बने हुए थे ध्यान रखना सारे इलावा को महापुरुषों को प्र में हजारों लोगों ने भगवान बना करके रख दिया क्यों 4 में जिंदगी बर्बाद करते हो सबसे ज्यादा तकलीफ व रिश्तेदार कि यह हकीकत है जीवन वर्क करते करते मर जाओगे एक माह बाद जिंदगी भर बच्चे के लिए करते हैं पर एक बच्चा जवान हो गए रहता है तुमने हमारे लिए क्या किया है व्यक्ति यही सुनना पड़ता है क्या है में चार बेटियां एक बेटे को कॉल करें का पुष्प है 143 से बहू के आती है मुक्ति मकान छोटा है है वाह जिसने चार-चार बच्चे पर ले जाइए वह दो दिन कि आई कहती है मकान छा विचार तकलीफ अपनों से है में रखना है जो अपनों से सावधान कि पढ़ाई हमारे दोस्त बन सकते ये दोस्ती हो गई है 123 हिमांशु यह दोस्ती में रुचि नहीं देखा जाता था आप कभी किसी दोस्त ने कहा कि अरे तूने मेरा सम्मान नहीं किया कमीनी क्या रिश्तेदार का नहीं करो तो छाती पर खड़ा हो जाएगा जानवर के नाम हमारी इज्जत नहीं हम ससुराल गए चतुर यह पूछेगा यूं हमको बात ये रही कि पानी को मेरे दोस्त कहता है कि ऐसा भी पानी को ने पूछा जान रखना बाहर के रिश्ते औपचारिक रिश्ते होते हैं दोस्ती की स्थितियों के चलते हुआ करते हैं ध्यान रखें और दूसरी बहुत बड़ी होती है तो अब फिकर पर राजस्थान से यहां आए हैं
मेरे दोस्त की जरूरत पड़ेगी ना के रिश्तेदारों तो नहीं बताया ना रिश्तेदार और कहते यह वाला गए यहां पर मैं तो इसे छोड़ कर आया था ध्यान रखना दोस्त कि घर परिवार से दूर जाता है एक युवा बाहर जॉब करता है बिजनेस करता है व्यापार करता है नौकरी करता है प्रदेश में बताओ रिश्तेदार काम आते हैं दोस्त कम आते हैं बताइए कौन काम आता है दोस्तों आज तुम को कुछ हो जाए तो रिश्तेदार तो बाद में आएंगे इज्जत या होने लगेगा साथ में तो यह दोस्ती आएंगे ना अस्पताल जाना है दोस्तों कॉल करो फौरन दो का हमारा टॉपिक तक दोस्त ऐसा कभी नहीं करेंगे ध्यान रखना दोस्तों करेंगे नाइन आधी रात को भी कई को दुर्घटना हो जाए को तैयार रहता है खड़ा होने के लिए जाने के लिए दोस्ती बहुत बड़ा मुझे तो दुनिया में कोई रिश्ता ही पसंद नहीं आते हैं सबसे अच्छा रिश्ता मुझे दोस्ती का रिश्ता लगा करता है अरेस्ट हर इस तरह काम करता है कि के रिश्तेदारों में पाबंदियां है दोस्ती में कोई पाबंदी नहीं होती है रिश्तेदारों में गोत्र देखा जाता है जात देखी जाती है ऊंच-नीच देखा जाता है दोस्ती में सभी बराबर हुआ करते हैं ध्यान रखना प्याज कोई जाति-पाति नहीं देखी जाती है हिंदुओं का दोस्त मुसलमान कि मुसलमान का ये दोस्ती समझ सकती है ना मेरे भाई सोचिए आज जितने लोग इस पंडाल में बैठे हैं इनमें रिश्तेदार है क्या मेरे खानदानी है क्या नहीं है ना क्या है इस मित्रता का रिश्ता है जो हजारों लोग यहां पर आकर के बैठे हुए दोस्ती रखोगे व्यंग के रिश्तेदार अब हमेशा शिकायत से भरे रहेंगे हमें हराया मैं सॉरी बोल रहा हूं मैं उल्टा बनाउंगी बोल दोस्त ऐसे होते हैं कि भाड़ के रिश्तेदार तो उजागर करते हैं थोड़े तुम एक बार थोड़ा कुछ करें और गड़बड़ जितना प्रचार रिश्तेदार करेंगे उतना प्रचार दुनिया में कोई और नहीं कर सकता क्या को सबसे ज्यादा मोहल्ले में बताने वाले रिश्तेदार ही होंगे मुझे मालूम है वो kal-muhi नहीं देखा निभा सकती है पहले जानती थी वह बढ़िया से बाहर नहीं अरे मेरे हां जान रखिए यह सब बातें कौन बोलेगा रिश्तेदार के रिश्तेदारों से बच्चों दोस्तियों का प्रचार करो ये दोस्ती में आनंद है औपचारिकता नहीं हुआ करती है कि मान्यवर इन दो देशों को सीमा में बांधा जाता 100 ऑन कर दो मैं बोला है तुम दूर होकर भी बहुत पास होते मैंने कहा था रूस भारत से बहुत दूर है लेकिन मैं पुलक सागर कैसा रूस भारत के बहुत पास हुआ करता है को दूध व कि दोस्ती का पैगाम ध्यान रखना दूर होकर भी दोस्त पास होता है और पास होकर भी दुश्मन हमसे बहुत ही दूर हुआ करता है मान्यवर सूचना है को विचार करना है हेलो व्युअर्स चाहिए श्री राम अपने दो 101 हनुमान जैसा दोस्त मालूम जब हनुमान मिले राम को कि अयोध्या लौट करके हनुमान आए हनुमान ने पूछा प्रभु मेरा काम हो गया मैं जाऊं मुझे क्या उपहार है बादाम ने कहा है कि तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई हनुमान तुम मेरे भारत के समान प्रिय हो हनुमान ने कहा मैंने ऐसा कुछ नहीं किया भगवान बोले तुमने बहुत कुछ किया है आंधियों में दीप जलाना सबके बस की बात नहीं है आंधियों में दीप जलाना सबके बस की बात नहीं है बुरे समय में साथ निभाना सबके बस कि तुमने तो बुरे समय में मेरा साथ निभाया है तुमने तो जंगलों में मेरा साथ निभाया है आपके स्वास्थ्य ताकि व्यक्ति नहीं होती रिश्तेदारों यह तो घर से निकाला था ना हनुमान ने अपना यात्रा सोचिए मित्रता बहुत बड़ी चीज होती है को विचार करना है अतिरिक्त और है अब इस्तेमाल नहीं आते हो स्कूल कि जब भी जब बचपन चार लोग बैठ जाओ बचपन की याद करो तो दोस्त का नाम शुरू होता है वह मेरा दोस्त हों मेरा मित्र था वह ऐसा मोटू पतलू कि खामियां चाय कोई जरूरी नहीं है जब आएंगे तो वह विकराल रूप में याद आएंगे थ कि जब दोस्त की याद भी आ जाए ना तो मन आनंद से भर जाता हुई शैतानी याद आने लगती है वहीं बचपना याद आने लगता है वही बचपन की चंचलताएं याद आने लगती है वह स्कूल से भागना याद आने लगता है वही मोहम्मद नहीं करना याद आने लगता है स्कूल से भागकर के घंटा दोस्तों के साथ उतार दिया करते थे दिन पता नहीं चलता था विचार करिए कैसे दोस्त हुआ करते थे शनिवार यह सोचना है आपको मैं तो का या दशरथ को तरह मिला है एक दोस्ती को हजार की जरूरत नहीं एक दोस्त मिल जाए जिंदगी निहाल हो जाए कि कि यह चांद काफी है क्या जरूरत है सितारों की रेखी दोस्त बढ़िया है क्या जरूरत हजारों की ठगी कि एक मित्र मिले जाए इस दोस्ती को तलाक दे
ऐसा कुछ भी नहीं होता दुनिया में यारों और कुछ भी नहीं रहता दुनिया में यारों रह जाती है दोस्ती जिंदगी का नाम दोस्ती दोस्ती का नाम जिंदगी है के पंजे मैं एक सच्चा दोस्त कि लोक कला संस्कृति सच्चा दोस्त कि मैं पुलक सागर कहता हूं जिंदगी भर ढूंढने जाओगे सच्चा दोस्त लिए फोन कहां मिलेगा कि इस दुनिया में कई मामलों की दुनिया में कुछ सच्चा दोस्त मिलेगा दोस्त अच्छे भी होते हैं वह भी होते हैं सच्चे दी होते झूठ के भी होते हैं वफादार भी होते हैं बेवफा भी हुआ करते हैं कि कैसे ढूंढोगे सच्चा दोस्त कैसे पहचानोगे चेहरों को के चेहरे बहुत भोले हैं के चेहरे बाहर वाले हैं मानों बारूद के बोले हैं कि चेहरे बहुत होते हैं कैसे पहचानोगे सुबह का चेहरा आपको 6 दोपहर का चेहरा कुछ ऐसा उनका चेहरा कुछ हैं आदमी गिरगिट तो पांच सात रंग बदलता है शिवलिंग सुबह से शाम यहां लुट बदल दिया करता है कौन है बच्चों कल शाम कि जिंदगी बीत जाएगी सच्चा दोस्त नहीं भूल पाओगे मैं पुलक सागर आपसे निवेदन करता हूं कि सच्चा दोस्त ढूंढने में समय मत गमों सच्चे दोस्त बन जाओ सच्चा दोस्त अपने आप पीस हो जाए श्री हम शुक्र है हमारे अंदर हुं में स्थित सच्चा दोस्त अपने आप मिल जाएगा दूसरों में मजबूर हो दोस्ती भीतर छोड़ने का प्रयास करो गढवी के दिन न कि अरे यार प्रयुक्त नहीं कितने अजय को कि एक वक्त की रोटी भी नसीब नहीं कि सुशीला पत्नी ने कहा है दिन भर के द्वारा और सुनाओ आ जा द्वारिकाधीश के पास जा करके अपनी गरीबी बताना उसने कहा तू पागल हो गई यह मेरे बचपन का बाल सखा के पश्चात करके गरीबी के दिन अधिक भूखा मर जाऊं का या लेकिन दोस्त को जाकर कि हाल नहीं दिखाऊंगा मैं कुछ यौगिक तथा उस पर कि मेरी दोस्ती विश्वास बुनते हैं विन्यास कपलेट्स दोस्तों कुछ मांगा नहीं मैं कुछ भी नहीं मांगूंगा पत्नी ने कि तुम करीब और सम्राट रे चली तो जाओ कि बार मिल तो लो एक बार देख तो लो पत्नी सही होगी यही सलाह देगी पत्नी गलत होगी तो इस जीवन को संवारती है पत्नी ध्यान रखना एक सही सलाह देने वाली पत्नी मिल जाए तुम्हें कहता हूं पत्नी से बड़ा दुनिया में कोई दूसरी नहीं हुआ करता है श्री साईं भक्त कि है बहुत अच्छी दोस्त होती जीवन की हमसफर होती है अपनी केवल भोग की वस्तु नहीं हुआ करती है पत्नी के झाली नौकरानी नहीं हुआ करती है पत्नी जीवन की प्रतिकूल भी हुआ करती है और परम मित्र ऐसी होती है के पिता दशरथ के युद्ध में यदि पर या गिर जाए रखवा तो पत्नी उंगली लगा करके रख युद्ध क्षेत्र से बाहर कैसे ले करके आ जाती है पत्नी भी मित्रों होती है ध्यान रखना और मित्रवत व्यवहार करो मित्रता मिलेगी आ जाओ अतिशीघ्र पास उसने कहा तू देख ज्यादा जिद्दी मत का कि पुलिस काम करो मुझे क्या है से मत मांगना फोन मिलाओ कि अब जाने की तो जल्दी अच्छी मिल लो यह अब आप समझ में आया उसके आ गया पत्नी से बोला गया है सम्राट के दरवाजे पर जा रहा हूं इस अधिकारी से जाऊंगा क्या देख कुछ कपड़े पड़े हैं की पत्नी भीतर दे एक मटके में एक अंगरखा रख था फट गया पुराना है है लेकिन मद में तो था कि कुछ तो पहन कर जाऊं भी पहनते गया है की कहानी मालूम है आप ऐसा नहीं है कि नहीं मालूम कि अ पापा धारा 319 मैं मानूंगा नहीं मन में सलमान गोलियां मांगना तो मरने के समान हुआ करता मैं मांगूंगा नहीं लेकिन बहुत दिनों से द्वारिकाधीश को देखा नहीं वह क्या जा रहे द्वारकाधीश गया है उसकी नजरों में तो आपके पारिवारिक दृष्टि से के जंगलों में गाय चलाया करता था वह सोच कर जरा गरीब है तन पर कपड़े नहीं हो एक पर दो कि बचपन में इस तरह चुरा कर खाते थे मासूम चेहरा कि जैसे ही द्वारिका में पहुंचा मैं क्या देखता है सोने की द्वारिका इतनी सुंदर है रोज प्रात है जिसकी बेटियों पर गुलाब अब आधे लगता है लहराती हैं द्वार तोरण द्वार की रंगोली अच्छा बनकर के दरवाजे पर खड़ी है हजारों लोग मारे अपने पति की फटी रह गई उसकी यह द्वारिका स्वर्ग जैसी द्वारिका देख ऐसा लगता है देखकर पिन लगी अमरावती धरती पर और पढ़ें अच्छा-अच्छा रोहित परिहर स्थिति देखकर की फटी रह गई उसने कहा पगली कहां भी दिया तूने मुझे इतनी सुंदर द्वारिका नगरी कि सोने की द्वारिका थी ध्यान रखना जिस नाम के पीछे का लग जाए ना वह सोने सोना होता है कुछ नहीं मालूम द्वारिका कई की थी सोने की लंका का ही की थी अमेरिका 119 आना व्याख्या झा लग गया वहां कंचन कंचन है के मध्य वाह बहुत खूब और सुनाओ कि राज्यों कि वे शब्द बोल नहीं इतना बता दो द्वारिकाधीश करा देते हैं अरे इन लोगों ने का पागल गांव का द्वारिका द्वारिका के सम्राटों के मेनली जानवर दोनों महल में मेरा कर रही है जो गाय चराता था लकड़ी लेकर आ कि पियो कि वह महल में बोली हां मुझे बता दो सुबह से शाम हो गई द्वारिका थी उसका घर बता दो मुझे किसी ने कहा वह जिस सोने का महल दिख रहा है ना ही द्वारिकाधीश कम है आंखें चौंधिया गई उसके कि तारिका धीश इसमें रहते हैं गया हारा-सा कि जब मित्र बहुत ज्यादा धनवान होता है ना को हीन भावनाएं मन में आती हैं िकया पहचानेंगे मुझे एक क्या जाने के मुझे रमेश से बात करेंगे या नहीं करेंगे धारी एक बार हां भैया द्वारिकाधीश सिर मिलाओ लगनी चाहिए कहां द्वारकाधीश पा रहा है क्या शकल देख अपने औलाद थे प्रोग मैं तो अकेला द्वारिकाधीश से मिला दो मेरा बालसखा है वह पागल हो गया पागल खाने में डाल रहे हैं एक टेंपर्ड ग्लास अधिकारी बदल गया है कृष्णा महल में स्थित द्वारिकाधीश भोजन को बैठ रहे थे में रुक्मणी ने भोजन परोसा सत्यभामा पंखा झल रही है से पहले कलश लेकर हाथों का आंच मीडियम कर रहे हैं भोजन के लिए पैटर्न है पीतांबर से यहां पहुंच रहे हैं खबर लुट अब तक रहा है द्वारिकाधीश की कारों यह पुरस्कार कौन है फिर से भक्तों जय महाराष्ट्र को यह अधिकारी आपके दर पर आया है भी कार्य इतना जिद क्यों कर रहा है पता नहीं महाराज दिमाग रहस्य का क्या नाम है कि मुझे नाम तो कुछ बताता नहीं आप मुझे क्यों के मुखिया व कॉर्ड मेरे चेहरे का अधिग्रहण नहीं है कपड़े फटे हुए हैं कि मानसिक को अपनाना और सुदामा बताता है सूरदास मेरा मित्रों हाथों में कलश लिए टैकल थे कष्ट में हुआ था में भागे ये बातें अपनी समझ से यह कौन हैं में कितने नारायण कृष्ण झा ने दौड़े-भागे पिता में जाकर देखा सुदामा खड़ा है पगले देखा सुदामा ने पीतांबर वस्त्र धारण किए कौर मुकुट धारण किए नारायण श्रीकृष्ण राजनीति के साथ हुए द्वारिकाधीश मंदिर सुदामा कि यह कैसे करती क्या हाल बना रखा है तूने लिया कष्ट ने और आलिंगन-बद्ध कर लिया अपने मित्र का मान्य भी शायद तुम्हारे रिश्तेदार भी वह प्यार नहीं दिखाएंगे जो प्यार एक दोस्त और मित्र से तात दुआ करता है न कि तुम कुछ अब क्या करें इतने इस समय कहां का तंगहाल अधिकारी के हाथों का सहारा देकर कृष्ण लेकर आए रुकमणी ने देखा ए कौन है इतनी सम्मान से लेकर आ रहे हैं देगा करके दिखाएं कि कंपनी से कहां इसके पैर खाओ देखो मैं बीमार पड़ रही है कांग्रेस क्विक का अधिग्रहण भी नहीं पहन लेता है कल स्थित पैर धोए संकुचित है सुदामा रे है ऐसे भी कोई दोस्त होते हैं दुनिया में और इसे भी कोई मित्र हैं दुनिया में अपने पैरों को अपने दुपट्टे से पहुंच रहे नारायण कृष्ण आंखों से आंसू गिरा रहे पले िकया हाल तेरा है िकया परिस्थिति बना ली तूने में चल स्नान का स्नान कराया गुलाब की पंखुड़ियों के जल से स्नान कराया तुरंत निर्णय लगाएं एक ऐसा और मेरा भी मैं कुछ नहीं बोला अभी तक सुदामा एक शब्द भी नहीं बोला प्रेम जहां मुखर होता है ना कुछ शब्द मौन हो जाएगा मैं कुछ नहीं बोल रहा तू इतना लजाया सा क्यों है तू इतना प्रमुख चिपके हुए पागल देखने अपने मित्र पेड़ मैं कुछ नहीं बोला मौन है भोजन परोसा इस प्रश्न ने कहा शादी कर ली में सिर हिला दिया हां है अरे मेरे दोस्त बीमार लिए मुझे याद कि एक बार तो मुझे खबर देता मन ही मन गहरा तुम कहां सम्राट और मैं कहां कंगाल कि तुम मेरे महल में मेरे झोपड़ी में शादी में विवाह में आते अच्छा एक बात बता भाभी कैसी है मैं तेरे जैसी बुद्धू है यह थोड़ी समझदार है महिमा गहराई वह समझदार नहीं होती तो आज मैं तुम्हारे महल में आया नहीं सकता बोला कुछ नहीं चल भोजन कर बोल सुदामा हु पहली बार आया है भाभी ने क्या दिया है मेरे लिए के सम्राटों को एक भिखारिन क्या तिथि है एक हाथ से पकड़ लिया कमर में बंधा हुआ था दुपट्टा अ तो किसने कहा कि वृद्ध कि हम से चोरी करता है हम चोरों के सरताज तुम हमसे चोरी करता है भूल गया है कैसे मार्किंग चलाया करते थे कैसे मटकी फोड़ आया करते थे ऐसे ही टो कन्वे जीवन गुजारा करते थे तुम्हें कि आखिर से का नया भाषण सुनाओ हम जैसे चोरों से चोरी कर रहा है पागल कहीं का हम्म चोरों के बता क्या दिया भाभी ने यादें छप्पन भोग के सामने रखे हैं उस कहां छह बड़े खिलाड़ी काया भरल लिया जोर से ऐसा कर दो हां भैया ए प्रिजन कि तुम मुझसे खोल कर रहा है बता क्या है क्या मेरा सारी हार नहीं भेजेगी यह कि कर गए तारीख चिड़ी जहीर व किसने का पति हुआ था ओबामा ने कहा नई कन्हैया ऐसा मत करो पहली बार कब निकले हैं वृंदा मत करो आओ किसने कहा है कि देख मोहन होकर पिछड़ापन उक्त जमीन पर गिरे हुए छैने नारायण कृष्ण उठाए तेज मुट्ठी का भी आनंद लिया गया प्रेम बरस गया दूसरी मुट्ठी गई और विफल साबित हो गए कृष्ण तीसरी मिट्टी खाने लगे रुखमणी ने हाथ कर लिया फिर और सब कुछ आप ही मिलों के तो हमारा क्या होता इतना प्रेम देखा सुदामा ने इतना प्रेम इतना प्रेम इतना वात्सल्य स्नेह मैं आपसे पूछता हूं कि आपके रिश्तेदारों में भी इतना प्रेम नहीं मिलेगा जो एक मित्र को एक मित्र से प्यार मिला करता है ये कैसी रिश्तेदारी निभाई नारंग स्नेह कैसे निर्धारित समय समय रुक ऑन करो ए सॉल्यूशन तो हमारा क्या होगा सुदामा ने कहा कि मुझे देख रहा है यह तो जो तीन मुट्ठी चुड़ैल आए वह भी था रुखमणी ने कहा नहीं प्रभु हमारा भी ध्यान रखो आज के दिन हुए दो दिन हुए 10 दिन हुए और सुदामा सोच रहा है कृष्ण कहेंगे कुछ लू कि गरीबी मिटा लो कन्हैया भी कार्य को बोलने वाले बहुत ही टेक कपड़े पहनाए तांबूल चल दिए कि भोजन की महिमा अपार है अब मन तो हो रहा है कि पगली क्या कर रही हो कि लेकिन किस्मत से विदा कैसे लूं यदि मैं बताऊंगा तो यह कुछ दैनिक वाले और मांग रहा मेरे सुख में मांगूंगा
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