उत्तम सत्य धर्म | झूठ बोलने वालों को क्या सज़ा मिलती है । रूह कांप जाएगी सुनकर | 23 सितम्बर 2023
उत्तम सत्य धर्म | झूठ बोलने वालों को क्या सज़ा मिलती है । रूह कांप जाएगी सुनकर | 23 सितम्बर 2023
झूठों ने झूठों से कहा सच बोलो सरकारी ऐलान हुआ है सच बोलो भीतर ट की एक बहुत बड़ी मंडी है दरवाजे पर लिखा है सच बोललो विचार कर सच बोलो सच बोलो सच बोलो जो देखो वही कहता है सच बोलो और एक बार सच बोला तो बुरा मान गए इतना आसान नहीं है सच कठिन है सच पछता नहीं है सच की पूजा तो होती है लेकिन सच को कोई जीता नहीं है हम सच का सम्मान तो करते हैं लेकिन जीते झूठ को है रात दिन झूठ की जिंदगी में हम जी रहे हैं सच की प्रशंसा है दीवारों पर लिखा जाता है सत्यमेव जयते लेकिन जो लिखता है वह खुद सच में जीता कौन जीता है सच में सतवादी जग में सुखी सत्य धर्म भगवान महावीर कहते हैं कि सच बोलना जरूरी नहीं है सच को जानना जरूरी है जब तक आदमी सत्य को नहीं जानता है तब तक सत्य को बोल नहीं सकता और तब तक सत्य को जी नहीं सकता है किसी भी चीज की पहले सच्चाई को जानना चाहिए और सत्य को जानना इतना आसान नहीं हुआ करता है सत्य को जानना थोड़ा कठिन काम होता है सत्य को जानने के लिए बहुत बड़ी तपस्या करना पड़ती है सच बोलना कोई बहुत बड़ी बात नहीं है यदि सच का संबंध केवल बोलने से होता या मौन हो जाओ तो आप सत्यवादी हो जाएंगे ऐसा नहीं है यदि मौन से सत्यवादी हो जाए तो पेड़ पौधे तो सबसे पहले उत्तम धर्म सत्य धर्म को प्राप्त हो जाएंगे उनके भाग्य में उत्तम वो तो बोलते ही नहीं है उनकी तो जुबान ही नहीं है पेड़ पौधों को भी मोक्ष हो जाएगा ध्यान रखना महावीर कहते हैं कि सच बोलने की बात बहुत हल्की बात है महावीर कहते हैं सत जानने की बात बहुत बड़ी बात हुआ करती है महावीर को सत्य को जानने में एक पल नहीं हजारों वर्ष लगे ऋषभ देव को सत्य को जानने में हजार वर्ष लगते हैं हजार वर्ष की तपस्या करते हैं तब जाकर सत्य की पहचान हुआ करती है महावीर को 12 वर्ष लग जाते हैं सत्य को जानने के लिए बाहुबली को 12 महीने लग जाया करते हैं सत्य को जानने के लिए जब इन महापुरुषों को इतना समय लग सकता है तो आप और हम तो किस खेत की मूली भी नहीं मामूली है मेरे भाई मूली भी तो नहीं है अपन मामूली आदमी है ध्यान रखना सत्य इतना आसान नहीं है कि जो देखा सो बोल दिया वह सत्य है नहीं जो सुना वह बोल दिया व सत्य है नहीं किसी की अच्छी प्रशंसा करो तो आद को विश्वास नहीं होता है और किसी की बुराई करो तो कान खड़े करके सुनता है और इस ऐसा बोलता है हां हां बिल्कुल सही वो ऐसे ही होगा बिल्कुल ऐसे ही जबकि देखा नहीं है जाना नहीं है पहचाना नहीं है लेकिन गलत की अनुमोदना हम बहुत जल्दी किया करते हैं मेरे भाई जबजब इस धरती पर सत्य आया है उसे प्रताड़ित किया जाता है जबजब इस धरती पर किसी ने सच बोला है उसे अपमानित किया जाता है जबजब किसी ने सत्य जाना उसे सूली पर चढ़ाया जाता है जब जब कोई सत्य में जीता है जब जब कोई आदमी सत्य की आराधना करके जो सत्य को उपलब्ध होता है तब तक पारसनाथ के साथ कोई कमठ आकर के खड़ा हो जाया करता है ध्यान रखना सत्यवा दियों को परेशान किया गया महावीर सत में जिए स्थानु रुद्र ने उन पर उपसर्ग किया ऋषभदेव सत्य में गए उनका ही पोता मारीच उनके विरोध में खड़ा हो जाया करता है जब जब दुनिया अपने विरोध में खड़ी होती है तो समझना किसी सत्य का जन्म हो चुका है मान्यवर जब मीरा सच में जी तो जहर पिला दिया गया राम सच में जिए तो सत्य 14 वर्ष का वनवास दे दिया गया विचार करिए जो जो सच में जिएगा वह प्रताड़ित किया जाएगा और जब कोई सीता सत्य में जीती है उस पर उसकी ही प्रजा उसकी अयोध्या उसके चरित्र पर प्रश् चिन्ह खड़े कर दिया करती है सत्य परेशान करता है ध्यान रखना सत्य इतना आसान नहीं है सत्य की राह पर चलना बहुत कठिन है बड़ी कठिन है डगर पन घट की ध्यान रखना सत्य बहुत कठिन है एक आदमी ने पूछा कि महाराज धर्मात्मा पर कष्ट क्यों आते हैं सत्यवादी पर कष्ट क्यों आते हैं जो सच बोलता है उस पर कष्ट क्यों आते हैं लोग धर्मात्मा हों की परीक्षा क्यों करते हैं साधुओं की परीक्षा करते हैं थोड़ा सा धर्म करने लगूंगा पूरे देश की समाज की निगाह तुम पर हो जाएगी तुम्हारी कमियां देखने लगेंगे तुम्हारी कमजोरियों को पकड़ने लगेंगे हर व्यक्ति धर्मात्मा की परीक्षा क्यों करता है मेनका इसलिए करता है कि इस देश की परंपरा है देश क्या पूरे विश्व की परंपरा है परीक्षा उसी की होती है जो स्कूल जाता है मेरे भाई जो स्कूल नहीं जाता उसकी परीक्षा कौन लेगा परीक्षा उसी की होती है जो पढ़ता है परीक्षा उसी की होती है जो अध्ययन करता है जो अध्ययन नहीं करता उसकी परीक्षा कौन लेगा जो बच्चा स्कूल ही नहीं गया कौन सा स्कूल उसकी परीक्षा लेगा एक बात ध्यान रखना जीवन में यदि कष्ट पड़ते हैं और तुमने यदि जिनेंद्र भगवान का मार्ग पकड़ा है कष्ट चुनौतियां तुम्हारे सामने आएंगी अरे जरूर आएंगी पीड़ा एं आएंगी तुम्हें परखा जाएगा एक बात ध्यान रखना लाख सोना बना लो अपने आप को लाख सोना बना लो अपने आप को मगर यह याद रखना हर शख्स परखता जरूर है ध्यान रखना सोना कितना भी सौ टंच खरा हो लेकिन लेने वाला उसे कसौटी पर जरूर कसा करता है जरूर उसकी परीक्षा लिया करता है बिना परीक्षा के कोई पास होता है क्या परीक्षाएं जानते हो क्या होता है जो स्कूल जाएगा परीक्षा देगा और जब कोई परीक्षा ली जाती है उस की तो एक बात याद रखना परीक्षा परेशान करने को लिए नहीं ली जाती है जब भी परीक्षा होती है ना तो अगली क्लास में बिठाने के लिए परीक्षा ली जाती है सफलता के लिए परीक्षा ली जाती है जीवन में कष्ट आएंगे परीक्षाएं ली जाएंगी कमठ पारसनाथ पढ़ रहे थे नाभी कचनेर वाले बाबा की जय कचनेर वाले बाबा की जयकार लगाना बहुत कठिन है कचनेर वाले बाबा बन जयकार तो आसान है पूजा आसान है लेकिन पारसनाथ बनना बहुत कठिन काम हुआ करता है हम अपने घर को नहीं जोड़ पाते और मेरा बाबा तो टूटी हुई गर्दन जोड़ लिया करता है ध्यान रखिए कचनेर वाले बाबा विचार करना हमसे अपना घर नहीं जुड़ता है हमसे अपना परिवार नहीं जुड़ता है हम दिल से दिल नहीं जोड़ पाते हैं और पारसनाथ पत्थर से पत्थर जोड़ दिया करता है ध्यान रखना पाषाण से पाषाण जुड़ जाया करता है विचार करना है आपको बहुत कठिन है पारसनाथ बनना एक बात याद रखना अपने परिवार घर की दुश्मनी बहुत कठिन हुआ करती है उसका अंत नहीं हुआ करता है कमठ कौन था पारसनाथ का भाई ही तो था 10 जन्म पहले सात जन्म पहले भाई था उनका पारसनाथ की पत्नी पर वह बुरी दृष्टि रखता है विरोध होता है राज्य से निकाल दिया जाता है हर बार पारसनाथ ने क्षमा किया हर बार कमठ ने उपद्रव किया ध्यान रखना पारसनाथ परेशान हुए हर जन्म में परेशान हुए हर जन्म में उन्हें कसौट हों पर कसा गया हर जन्म में उनकी परीक्षाएं ली गई लोगों ने कहा फिर पारसनाथ बनने से क्या मतलब है हर जन्म में कमठ उनका दुश्मन बन कर के खड़ा हुआ एक बात याद रखना मेरे भाई कमठ परीक्षा ले रहा था पारसनाथ परीक्षा दे रहे थे लेकिन एक बात याद रखना हर जन्म में पारसनाथ ऊंचाइयों को प्राप्त होते हैं और हर जन्म में कमठ नीचा इयों को प्राप्त हुआ करता है कमठ पतन को प्राप्त होता है पारसनाथ ऊंचाइयां चढ़ रहे थे परीक्षा तो होती है कभी पीतल को परखा जाता है क्या पीतल लेने जाते हो कसौटी पर कसते हो क्या उसको तपा के देखते हो क्या सोना ही परखा जाएगा डायमंड ही परखा जाएगा जरकिन को कौन परखे कांच को पहले ही कह दे भाई ये माला कांच की है सारा टेंशन ही खत्म हो गया ना लेकिन कोई कह दे ये हीरे की है अब परक शुरू हो जाया करती है अब कसौट यां शुरू हो जाया करती है अब देखना पड़ता है मानवर सोना बनना है तो तपना भी पड़ता है मेरे भाई सोना बनना है खरे बनना है तो जीवन में परीक्षाएं देना पड़ती है सत्यवादी की परीक्षा रावण की कोई परीक्षा लेगा क्या उस दुष्ट की कौन लेगा परीक्षा राम की परीक्षाएं परीक्षाएं तो राम को दीज देते हैं एक बात याद रखना जब तुम्हारी जिंदगी में संकट आए तो एक ही चीज स्मरण में रखना अपने जीवन में कि भगवान हमारी परीक्षा ले रहा है ध्यान रखना और जब जब परीक्षा लेगा हमें इतना ही करना है हर परीक्षा में पास होना है पास हो गए तो यही भगवान जो पास परीक्षा ले रहा था वही हमें अगली क्लास में बिठाने का प्रयास किया करता है ऊंचाइयां है परीक्षा सत्य कसौटी पर कसा जाएगा घबराओ मत परीक्षाओं से परीक्षाएं तो देना ही पड़ती है मैं जब दीक्षा ले रहा था मेरे गुरु ने मुझसे पूछा आचार्य पुष्प दन सागर जी महाराज ने ग्वालियर में मेरी दीक्षा हुई लक दीक्षा पहली दीक्षा उन्होंने मुझसे पूछा कल तुम्हारी दीक्षा है आपकी कृपा है उन्होंने कहा कैसे जियोगे एक प्रश्न किया उने कहा महाराज जैसे सब जीते बोले नहीं वैसे नहीं जीना है तुम क्या जियोगे कैसे जियोगे जानते हो दीक्षा क्या होती है नहीं मालूम उन्होंने कहा बेटा देता है वो भगवान महावीर का सन्यासी और तपस हुआ करता है ध्यान रखना उन्होंने कहा मैंने कहा महाराजय पिच्छी दे रहे या बैठ दे रहे हो बोले इससे कर्म कोई नहीं झाड़ना दुश्मनों को भी झाड़ना और जीवन सार्थक करना सत्य का जीवन यह मत सोचो जो अपने पास रात दिन है जो सगा है वही दगा है ध्यान रखना दगा तो सग से मिलता है ना एक परंपरा है ना अपने आप कि मृत्यु हो जाए तो बड़ा बेटा ही आग लगाता है पड़ोसी नहीं लगाते वो तो घर में लगाते हैं अपने को तो अपना बेटा लगाएगा ध्यान रखना अपना बेटा ही आग लगाएगा जो सगा है वही दगा देगा और बड़े बेटे की ही परंपरा है क्योंकि बड़े बेटे से ज्यादा प्यार होता है आदमी को क्योंकि पहली बार खुशियां आती है घर में मेरा बेटा मेरा पप्पू मेरा लल्ला मेरा ये छाती से लेके घूमते मेरा मेरा मेरा यही सर फोड़े तेरा ध्यान रखना यही याद फूक फाक के चला आएगा ध्यान रखना मान्यवर सत्य को जानो हर कोई अपने विरोध में खड़ा है कोई अपना नहीं है किसको अपना समझता है जो इस सत्य को जान लेता है वही सत्य धर्म का उपासक हुआ करता है उन्होंने मैं इतना ही कहता हूं संसार के बीच रहो तो ऐसे रहो मैंने अपने गुरु से इतना ही सीखा है जैसे 32 दांतों के बीच में एक जुबान रहा करती है ना वैसे ही हम इस दुनिया में जिया करते हैं मेरे भाई ध्यान रखना आंधियों के बीच भी जलता हुआ दिया है एक आदमी ने पूछा कि आपकी पहचान क्या आपका एड्रेस क्या है आप कौन है मैंने कहा आपका पता बताइए मैंने कहा बे पते का आदमी मैं क्या पता दे दूं अपना बे पते का आदमी हू लेकिन औरंगाबाद वालो इतना हल्का मत समझना बे पते का आदमी हूं बात पते की करता हूं न मेरा कोई पता ठिकाना नहीं है मेरी कोई ड्रेस नहीं है लेकिन एड्रेस सही देता हूं ध्यान रखना उस अजन ने पूछा पत्रकार ने आप कहां रहते आपका पता क्या है मैंने क आंधियों में जलता हुआ जब कोई दिया मिल जाएगा उस दिए से पूछना मेरा पता मिल जाएगा विचार करना आंधियों में जला करते य मोक्ष मार्ग है ध्यान रखना मोम के हैं पैर और आग में जल रहे चल रहे हैं हम मोम के हैं पैर और आग में चल रहे हैं हम ना जाने अपनी जिंदगी में कैसे संभल रहे हैं हम ध्यान रखना जिंदगी उसका नाम सत्य तो प्रताड़ित करेगा सत्य तो परेशान करेगा लेकिन एक ही जीवन में याद रख सत्य परेशान कर सकता है लेकिन परास्त नहीं कर सकता है अंत में विजय सत्य की हुआ करती है पिक्चर देखी है नहीं देखी नहीं यहां बोल नहीं रहे हो देखी तो है जब मैंने देखी तो तुम किस खेत की मूली हो घर में कोई मैं पैदायशी माला लेकर थोड़ी पैदा हुआ था धन रखना ये तो बाद में आया ये सब चीज पिक्चर देखी है आपने तीन घंटे की पिक्चर होती है ढाई घंटे ढाई घंटे विलन विलन विलन विलन की चलती है सारे ऐशो आराम उसके पास होते हैं सारे संसाधन उसके पास होते हैं सारी ताकत उसके पास होती है सारी शक्तियां उसके पास होती है एक रिमोट दबाता है दुनिया दुनिया भस्म कर सकता है एक बात याद रखना ढाई घंटे हीरो पटता है हमेशा किसी भी पिक्चर में देखना मेरे समय की आज की तो मालूम नहीं है आज तो पिक्चर इचर कहां धूम धड़ाका है और कुछ नहीं है ध्यान रखना ना कोई स्टोरी है ना कोई गाना शोर है और कुछ नहीं है ध्यान रखना विचार करिए ढाई घंटे विलन पिटता है हीरो पिटता है आधे घंटे में पिक्चर पलट जाती है विलन धरा साही होता है हीरो छाती पर खड़ा होता है इसका मतलब कि ढाई घंटे सत्य परेशान होता है लेकिन अंतिम रील में सत्य में वो जयते हो जाया करता है यह जिंदगी का इसलिए कठिनाई तो होगी सत्य को जीने में कारण है इस दुनिया ने सत्य का सम्मान किया है इस दुनिया ने झूठ को जिया है सम्मान अलग चीज है जीना अलग चीज
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