पूरा देश अमृत महोत्सव माना रहा है

लेकिन दुर्भाग्य भी है की कुछ लोग भारत और इंडिया के नाम से देश को बांटने का दुष्प्रयास कर रहे हैं मेरा भारत है मेरा भारत प्रतिभा भारत है मेरा भारत महाभारत है मेरा भारत आर्यावर्त है जब जब इस देश को भारत कहकर के बलाई ए जाता है तो हमें अंग्रेजन की गुलामी के दिन याद नहीं आते हैं हमें याद आते हैं चक्रवर्ती हमें याद आते हैं इच्छापूर्ण कल पुत्र भारत हमें याद आते हैं 10 पुत्र भारत लेकिन जब जब इस देश को इंडिया कहा गया हम एक गुलामी के दिन याद आई है ये गुलाबी की भाषा है ये दास्तान की भाषा है 75 साल की आजादी के बाद भी हम भाषा को गुलामी से मुक्त नहीं हो पे आज भी हमारा देश गुलाम बन करके जी रहा है मैं ये कहना चाहता हूं की भारत को भारत खाने में क्या तकलीफ है भारत को भारत का सम्मान देने में क्या तकलीफ है मैं इतना ही कहना चाहता हूं धर्म समाज के और से की भारत को भारत रहने दिया जाए इसे इंडिया का करके ना पुकार जाए इंडिया सब देख गली है हमारे देश के लिए मैं नहीं कहना छह रहा हूं मेरे हृदय में दर्द है पीड़ा है भारत तो भारत नाम से पुकार जाना चाहिए भारत को विभाजित नहीं किया जाना चाहिए इंडिया ये कहां की भाषा हो गई हमारे देश के शाहिद जो फैंसी के बंदे बदले जिन्होंने एन खून बहाई बलिदान किया अपनी सांसों को कुर्बान कर दिया जिन्होंने जवानी दावा पर लगा दी वो इंडिया को आजाद करने के लिए करने के लिए नहीं यही उन्होंने अपना बलिदान दिया है तो भारत को आजाद करने के लिए उन्होंने बलिदान दिया है उन अमल शहीदों का अपमान यदि इंडिया के अंदर की हम बुलेट हैं मान्यवर या दुर्भाग्य है हमारा की हमारे देश में भारत खाने पर लोगों को तकलीफ हुआ करती है हमारे देश में भारत माता की जय बोलने में लोगों को तकलीफ हुआ करती है इससे बड़ा दुर्भाग्य इस देश का दूसरा नहीं होता है मैं इतना चाहेगा की संपर्क महोत्सव में भारत भारत के रूप में प्रतिष्ठित को भारत के रूप में पूजा जाए और हमारे इस देश को भारत कहकर ही स्वाभिमान के साथ पुकार जाए जब भारत कहा जाता है रोम रोम गर्ल से रोमांचित हो जय करता है राष्ट्रपति जागृत होती है देश के प्रति कुछ करने का जज्बा प्रारंभ हुआ करता है मैं धन्यवाद देना चाहूंगा यदि मोदी सरकार को जिन्होंने इस भारत को भारत के रूप में प्रतिष्ठित करने का वीणा उन्होंने उठाया है फिर कोई बहुत बड़ी बात नहीं हो गई है क्या हो गया इस देश को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और धर्मनिरपेक्षता के नाम पर देश में बिखराव पैदा किया जाता है देश को बता बंता जाता है मैं इतना कहता हूं अरे भगवतियों भाग तू भारत खाने में कौन सी तकलीफ होती है भारत को भारत का नाम लेने में कौन सी तुम्हें दर्द हुआ करता है नहीं भारत भारत है और रहेगा पूरा देश जैसा माहौल बनाएं आई भारत को इंडिया का कर के नाम पुकार जाए मेरे देश को भारत की रहने दिया जाए भारतीय संस्कृति है भारत के सभ्यता है भारत के चरित्र है भारत के स्वाभिमान है भारत एक पहचान है हमारे देश की इसलिए मैं यही कहूंगा भारत को भारत रहने दिया जाए




टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

युधिष्ठिर की विशेषता: धर्मराज का अद्वितीय चरित्र

उत्तम तप धर्म | इच्छाओं को रोकना या जीतना ही तप हैं | जिनशरणम तीर्थधाम, 25 सितम्बर 2023

उत्तम अकिंचन्य धर्म | त्याग और तपस्या करोगे तभी महान बनोगे | जिनशरणम तीर्थधाम, 27 सितम्बर 2023